India-Bangladesh Relationship History in Hindi – बांग्लादेश जो अब एक प्रभुता संपन्न राज्य है ,भारत की स्वतंत्रता से पूर्व भारत का ही एक अंग था । भारत के विभाजन के बाद वह पाकिस्तान का पूर्वी पाकिस्तान के रूप में अंग बन गया । इस प्रकार ,भारत का बांग्लादेश से सांस्कृतिक संबंध होना स्वाभाविक हैं ।
1969 -70 के मध्य बांग्लादेश की जनता ने मुजीबुर्रहमान के नेतृत्व में स्वायत्तता के लिए संघर्ष किया था । पाकिस्तान की सरकार ने राष्ट्रीय सभा के चुनावों की घोषणा कर दी । चुनाव में मुजीबुर्रहमान के दल को पूर्ण बहुमत मिला परन्तु राष्ट्रपति याहिया खां ने सत्ता नहीं सौपी ।
इस पर मुजीबुर्रहमान ने पूर्वी पाकिस्तान को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया । पाकिस्तान सरकार की दमन चक्र के होते हुए भी भारत की सहायता से पूर्वी पाकिस्तान -बांग्लादेश के रूप में एक स्वतंत्र राष्ट्र बन गया ।
Table of Contents विषय सूची
भारत-बांग्लादेश संबंध इतिहास से वर्तमान तक ( India-Bangladesh Relations From History to Present in Hindi )
12 जनवरी ,1972 को शेख मुजीबुर्रहमान स्वतंत्र बांग्लादेश के प्रधानमंत्री बने । फरवरी ,1972 में जब वे भारत आये तो इस अवसर पर उन्होंने कहा- “भारत और बांग्लादेश की मैत्री चिरस्थाई हैं , उसे दुनिया की कोई भी ताकत नहीं तोड़ सकती ।” दोनों देशों के संबंध अच्छे बनते गए और इसी के परिणामस्वरूप मार्च 1972 में एक 25 वर्षीय संधि की गई ।
भारत-बांग्लादेश की मैत्री संधि ( India-Banglades Cardial Treaty )
19 मार्च ,1972 को भारत की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी और बंग्लादेश के प्रधानमंत्री श्री मुजीबुर्रहमान के मध्य 25 वर्षीय शांति की सन्धि पर हस्ताक्षर हुए । इसकी मुख्य शर्ते इस प्रकार हैं –
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- दोनों देश एक दूसरे की अखंडता और सीमाओं का सम्मान करेंगे
- दोनों देश एक -दूसरे के आन्तरिक मामले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे ।
- दोनों में से कोई भी देश अन्य किसी देश को ऐसी कोई सहायता नहीं देगा जो दोनों में से किसी राज्य के विरुद्ध हो ।
- दोनों देश उपनिवेशवाद का विरोध करेंगे ।
- आर्थिक,तकनीकी, वैज्ञानिक आदि क्षेत्रों में एक -दूसरे का सहयोग करेंगे ।
व्यापार संधि ( Trade Pact 1972 )
1972 में आपसी व्यापार के लिए व्यापार सन्धि की गई तथा 1975 में गंगाजल के बंटवारे से संबंधित विवाद को समाप्त करने का प्रयत्न किया गया परन्तु 1975 में मुजीबुर्रहमान की मृत्यु के बाद से मार्च , 1977 तक दोनों देशों में मनमुटाव की स्थिति पैदा हो गयी थी ।
जनता पार्टी का शासन ( Rule of Janta Party 1977 )
मार्च ,1977 में केंद्र में जनता पार्टी की सरकार ने सत्ता प्राप्त करते ही बांग्लादेश से संबंध सुधारने का प्रयास किया जिसमें उन्हें सफलता मिली। गंगाजल के विषय में भी समझौता हो गया। भारत के प्रधानमंत्री श्री मोरारजी देसाई 16 अप्रैल 1979 को बांग्लादेश की यात्रा पर गए जिससे संबंध और मधुर हो गए ।
भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के कार्यकाल जनवरी ,1980 से लेकर अब तक दोनों देशों में संबंध अधिक ठीक नहीं रहे हैं। दोनों देशों के बीच जल विभाजन संबंधी विवादों के अतिरिक्त सीमाओं पर काले धंधे की कार्यवाइयाँ भी तनाव उत्पन्न करती रहती हैं ।
इसी प्रकार से बांग्लादेश निवासियों की भारत में घुसपैठ को रोकने के लिए भारत-बांग्लादेश सीमाओं पर तीक्ष्ण लोहे की तार लगाने से भी दोनों देशों में कटुता आई । सन 1991 समुद्री तूफ़ान के कारण जब बांग्लादेश में अचानक तबाही हुई थी तो भारत ने बांग्लादेश की हर संभव सहायता की थी ।
भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री चंद्रशेखर ने व्यक्तिगत रूप से बांग्लादेश की यात्रा की ताकि समुद्री तूफान से हुई क्षति का अनुमान लगाया जा सके। इससे दोनों देशों के आपसी संबंधों में सुधार हुआ । हाल ही में दोनों देशों के बीच संबंधों को और सुधारने के लिए भारत ने बांग्लादेश को 3 बीघा क्षेत्र 99 वर्ष के लिए पट्टे पर दिया है ।
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भारत-बांग्लादेश समझौता 1992 ( India-Bangladesh Pact )
26 मार्च ,1992 को भारत तथा बांग्लादेश के बीच एक समझौता हुआ जिसके अनुसार भारत ने तीन बीघा गलियारा ( Corridor ) ,बांग्लादेश को दिया । यह क्षेत्र भारत के पश्चिम बंगाल प्रान्त में हैं ,जिसे भारत-बांग्लादेश सीमा समझौता ,1974 के अनुसार भारत को दिया जाना था । यह समझौता 26 जून 1992 को लागू हुआ ।
समझौते के अनुसार इस क्षेत्र पर भारत की ही प्रभुसत्ता बनी रहेगी परंतु बांग्लादेश का संबंध अपने डाहग्राम तथा अगारपोटा क्षेत्र से बना रहेगा । भारत-बांग्लादेश के बीच जल के बंटवारे के विषय में जो भी विवाद पहले से चला आ रहा था ,उसके संबंध में अगस्त 1992 में नई दिल्ली में दोनों देशों के मंत्रियों के बीच बात-चीत हुई , परन्तु उसका कोई परिणाम नहीं निकला ।
उसके बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया भारत की यात्रा पर आई । सन 1992 में हुए अयोध्या काण्ड के कारण बांग्लादेश द्वारा जो भारत विरोधी रवैया अपनाया गया,उसके कारण दोनों देशों के बीच तनाव आना स्वाभाविक था लेकिन सार्क देशों का सातवां शिखर सम्मेलन ,जो ढाका में हुआ , उसके पश्चात दोनों देशों के संबंधों में कुछ सुधार हुआ ।
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गंगाजल के बंटवारे के बाद में सन्धि ,1996 ( Treaty after Distribution of Ganga Water ,1996 )
भारत और बांग्लादेश के बीच गंगाजल के बंटवारे के बारे में 12 दिसंबर 1996 को 30 वर्षीय संधि हुई जिसके द्वारा दोनों देशों के बीच चल रहा एक बड़ा विवाद समाप्त हो गया। इस संधि पर भारत के प्रधानमंत्री एच.डी देवेगौड़ा तथा बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजिद ने हस्ताक्षर किए । इस संधि के अनुसार यह व्यवस्था की गई –
- गंगा में 70 हजार अथवा उससे कम क्यूसेक पानी होने पर दोनों देशों को आधा-आधा पानी मिलेगा।
- गंगा में 75 हजार क्यूसेक पानी होने पर बांग्लादेश का भाग 35 क्यूसेक ही रहेगा तथा इससे अधिक होने पर भारत का भाग 40 हजार क्यूसेक होगा ।
- दोनों देशों की एक संयुक्त समिति बनाई जाएगी जो जल के बंटवारे के बारे में अपनी अपनी सरकारों को रिपोर्ट देगी ।
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भारत के प्रधानमंत्री की बांग्लादेश यात्रा 1997 ( Indian Prime Minister’s Visit to Bangladesh ,1997 )
7 जनवरी 1997 को भारत के प्रधानमंत्री एच.डी देवेगौड़ा बांग्लादेश की यात्रा पर गए जिसमें दोनों देशों के आपसी संबंध और अधिक मजबूत हो गए हैं। इस यात्रा के परिणामस्वरूप भारत-बांग्लादेश संयुक्त कार्यकारी दल की 28 जनवरी से 31 जनवरी 1997 तक बैठक हुई।
इस दल ने भारत में होने वाली उग्रवादी गतिविधियों के बारे में भारत सरकार से बातचीत की और उन्हें रोकने के लिए व्यवस्था तय की है। तत्पश्चात संयुक्त मोर्चा सरकार के ‘गुजराल सिद्धांत ‘के अनुसरण द्वारा दोनों देशों में मैत्रीपूर्ण संबंध उभरकर आएं ।
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चकमा शरणार्थियों की वापसी ,1997 ( Returning of Chakma Refugees)
मार्च-अप्रैल 1997 में भारत-बांग्लादेश समझौते के अनुसार भारत से चकमा शरणार्थी बांग्लादेश वापस जाने लगी। फरवरी 1998 तक सभी शरणार्थी वापस बांग्लादेश भेज दिए गए।
बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या ( Problem of Infiltration by Bangla People )
भारत-बांग्लादेश के संबंधों में एक बड़ी समस्या भारत में निरंतर बांग्लादेशियों की घुसपैठ करने की बनी हुई हैं । लगभग एक करोड़ बांग्लादेशी घुसपैठिए भारत में रह रहे हैं जिनका भारत की सामाजिक एवं आर्थिक व्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा हैं ।
भारत सरकार चाहने पर भी राजनीतिक दलों एवं मुस्लिम संगठनों के विरोध के कारण इन्हें वापस अपने क्षेत्र भेजने में असमर्थ हैं और दूसरी ओर बांग्लादेश की सरकार भी इस संबंध में कोई सकारात्मक सहयोग नहीं दे पा रही हैं । अतः यह समस्या भी दोनों देशों के बीच सामान्य सम्बन्धो की प्रक्रिया में एक बाधा बनी हुई हैं ।
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बांग्लादेश के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा ,1998 ( Bangladesh Prime Minister’s Visit to India ,1998 )
12वें लोकसभा चुनाव के पश्चात श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी के प्रधानमंत्री बनने पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत के साथ मैत्रीपूर्ण सम्बन्धो की आशा व्यक्त की और जून 1998 में भारत यात्रा की । इस यात्रा के दौरान उन्होंने भारत द्वारा किये गए परमाणु परीक्षणों का समर्थन किया और साथ ही दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय मामलों को बातचीत द्वारा हल करने की सहमति जाहिर की ।
जनवरी 1999, में पुनः बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत की यात्रा की और उन्होंने पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी -ISI द्वारा आतंकवादी गतिविधियों को चलाने में बांग्लादेश का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया ।
इसके अतिरिक्त दोनों देशों के मध्य बस सेवा प्रारंभ करने की भी सहमति हुई । दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण सम्बन्धो की प्रक्रिया में कोलकाता एवं ढाका के बीच 19 जून 1999 को बस सेवा शुरू की गई जिसे दोनों देशों में ‘ सौहार्द ‘ के नाम पुकारा गया ।
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कश्मीर पर बांग्लादेशी प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण ( Bangladesh Prime Minister’s View as Regard Kashmir )
नवम्बर ,2000 को दुबई में Organization of Islamic Countries का सम्मेलन हुआ जिसमें बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कश्मीर विषय पर अपना दृष्टिकोण जाहिर करते हुए कहा कि ‘कश्मीर विवाद ‘ को भारत और पाकिस्तान आपसी बातचीत के द्वारा हल करें ।
शेख हसीना सरकार ने भारत के साथ मैत्री संबंध और मधुर बनाने के प्रयास किये परन्तु असम तथा मेघालय से लगने वाली बांग्लादेश की सीमा पर अप्रैल 2001 में अचानक तनाव उत्पन्न हो गया । एक गांव पर बांग्ला सैनिकों ने कब्जा कर लिया ।
भारत के सीमा सुरक्षा बल के 18 सैनिकों को पकड़ लिया गया । इनमें से 16 की नृशंस हत्या करके उनके क्षत-विक्षत शव वापस किये । इस घटना ने भारत सरकार तथा भारतीय जनता को हिलाकर रख दिया परन्तु प्रधानमंत्री वाजपेयी का धैर्य टूट जाने पर शेख हसीना ने उनको आश्वासन दिया कि ऐसी घटना फिर नहीं होगी तथा जाँच करके बांग्लादेशियों को दंड दिया जाएगा ।
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भारत-बांग्लादेश के मध्य यात्री गाड़ी हेतु समझौता ( Agreement between India-Bangladesh for running of Passenger Train )
भारत-बांग्लादेश के ‘मैत्री ‘ बस सेवा की बाद 8 जुलाई 2001 को नई दिल्ली में दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों के मध्य एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए जिसके तहत पूर्णत: आरक्षित सीटों वाली सुलभ एक्सप्रेस रेलगाड़ी सियालदह ( कोलकाता ) तथा बंगबंधु सेतु ईस्ट स्टेशनों के मध्य चलाई जाएगी। इस सुलभ एक्सप्रेस को बाद में विस्तार करके कोलकाता तथा ढाका तक किया जाएगा। इस प्रकार दोनों देशों के मध्य पुनः प्रगाढ़ता बढ़ाने के लिए प्रयास किए गए हैं।
बांग्लादेश में संसद के चुनाव ,2001 ( Parliamentary Election in Bangladesh ,2001 )
1 अक्टूबर 2001 को बांग्लादेश की संसद के चुनाव हुए । इस चुनाव में बेगम खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने दो तिहाई सीटों पर विजय प्राप्त की लेकिन इस पार्टी के साथ चुनावी गठजोड़ में शामिल जमात-ए-इस्लामी ने चुनाव अभियान के दौरान भारत विरोधी तान मुखर रखी।
यद्यपि बेगम खालिदा जिया ने भारत के प्रति अपने रवैए में नरमी के संकेत दिए और नेशनल पार्टी के महासचिव अब्दुल मन्नान ने भी स्पष्ट किया कि हम सरकार के चलाने में गठबंधन का हिस्सा होने के बाद भी जमात-ए-इस्लामी की नीतियों से प्रभावित नहीं होंगे। इस प्रकार, बांग्लादेश के राजनेताओं का दृष्टिकोण भारत के साथ उसके संबंधों में सकारात्मक संकेत कहे जा सकते हैं।
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ढाका -अगरतला बस सेवा ,2003 ( Opening of Dhaka-Agartala Bus Service )
दोनों देशों की संयुक्त आर्थिक आयोग की ढाका में 15-16 जुलाई,2003 को हुई बैठक में लिए निर्णय के अनुसार ढाका व अगरतला ( त्रिपुरा ) के मध्य दूसरी बस सेवा का शुभारंभ 19 सितंबर ,2003 को हुआ ।
अगरतला-ढाका के बीच ऐसी बस सेवा प्रारंभ हो जाने के बाद दोनों देशों के बीच लोगो व वस्तुओं का आवागमन और सुलभ हो जाएगा तथा दोनों देशों के बीच मित्रता का दृष्टिकोण भी विकसित होगा ।
भारत-बांग्लादेश के प्रधानमंत्रियों की 2004 ( India-Bangladesh Prime Ministers’ Talks,2004 )
इस्लामाबाद में आयोजित 12वें सार्क शिखर सम्मेलन के दौरान बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया से भारतीय प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी के साथ मुलाकात हुई ।
द्विपक्षीय वार्ता में बेगम खालिदा जिया ने भारत को जहां दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत बनाने का आश्वासन दिया वहाँ सार्क सम्मेलन में लिए गए निर्णयों को भारत के संबंध में लागू करने की भी वचनबद्धता दोहराई ।
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ढाका के 13वें सार्क सम्मेलन में भारत की भाग लेने की असमर्थता ,2005 ( India’s inability to participate in the 13th SAARC Summit in Dhaka, 2005 )
बांग्लादेश में प्रस्तावित 13वें शिखर सम्मेलन ( फरवरी 2005 ) में भारतीय प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश में सुरक्षा संबंधी कारणों को लेकर एवं नेपाल नरेश के द्वारा लोकतांत्रिक व्यवस्था को भंग कर आपातकाल लागू करने की घोषणा के कारण उत्पन्न राजनीतिक संकट के कारण सार्क सम्मेलन में भाग लेने में असमर्थता जाहिर कर दी । परिणामस्वरूप भारत के दृष्टिकोण से बांग्लादेश की सरकार के नाराजगी जाहिर किब।
परंतु बांग्लादेश की आंतरिक व्यवस्था में सुधार तथा नेपाल नरेश की लोकतांत्रिक व्यवस्था की बहाली के संकेत से उत्पन्न नए परिवेश में भारत के दृष्टिकोण में परिवर्तन हुआ और 12 से 13 नवंबर ,2005 को ढाका में हुए 13वें सार्क सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री ने भाग लिया । इस तरह दोनों देशों के मध्य आपसी सहयोग बढ़ाने की दिशा में सहमति प्रकट की ।
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भारत-बांग्लादेश आर्थिक संबंध ( India-Bangladesh Economic Relations )
बांग्लादेश के साथ भारत की भौगोलिक निकटता ने इसे उस के सबसे बड़े व्यापारिक भागीदारों में से एक के रूप में उभरने का अवसर दिया है। दूसरी ओर बांग्लादेश भारत का छठा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
- भारत और बांग्लादेश सरकारों द्वारा 6 सीमा हाटों- ‘मेघालय में चार और त्रिपुरा में दो ‘की मंजूरी दी गई है।
- भारत में दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र के तहत वर्ष 2011 से ही बांग्लादेश को तंबाकू और शराब को छोड़कर शेष सभी टैरिफ लाइनों पर ड्यूटी की फ्री कोटा फ्री पहुंच प्रदान कर रखी है।
- दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2020-21 में 10.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर वर्ष 2021-22 में 18.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है।
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विद्युत और ऊर्जा क्षेत्र सहयोग ( Power and Energy Sector Cooperation )
दोनों देशों ने हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में सहयोग पर समझौते की रूपरेखा पर भी हस्ताक्षर किए हैं। वर्ष 2018 में हस्ताक्षरित भारत बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन परियोजना भारत में पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी और बांग्लादेश के दिनाजपुर जिले के पार्वतीपुर को जोड़ेगी ।
पर्यटन क्षेत्र ( Tourism Sector )
पर्यटन मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2020 में भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों में सबसे बड़ी हिस्सेदारी बांग्लादेश की रही जिनमें से हजारों लोग चिकित्सा उपचार के लिए भारत आए थे।
अंतर्राष्ट्रीय मंच जहां भारत और बांग्लादेश दोनों सदस्य हैं ( International forum where both India and Bangladesh are members )
- क्षेत्रीय सहयोग के लिए हिंद महासागर रिम एसोसिएशन ( Indian Ocean Rim Association For Regional Cooperation -IORA )
- बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल ( Bay of Bengal Initiative for Multi -Sectoral Technical and Economic Cooperation – BIMSTEC )
- दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन ( SAARC )
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भारत-बांग्लादेश के बीच वर्तमान प्रमुख मुद्दे ( Current Major Issues Between India-Bangladesh )
भारत -बांग्लादेश में चल रहे वर्तमान मुद्दे इस प्रकार हैं –
बांग्लादेश में बढ़ता चीनी प्रभाव ( Growing Chinese influence in Bangladesh )
बांग्लादेश ,चीन के ‘बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव ‘का एक सक्रिय भागीदार है जबकि भारत इसका अंग नहीं है। इसके अलावा बांग्लादेश में रक्षा क्षेत्र में पनडुब्बियों सहित अन्य चीनी सैन्य उपकरणों का आयात किया है जो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रमुख चिंता का विषय है।
आतंकवाद ( Terrorism )
- सीमा क्षेत्र आतंकवादी घुसपैठ के लिए अति संवेदनशील है। जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश जैसे कई आतंकी संगठन भारत भर में अपना जाल फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
- हाल ही में राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी ने भोपाल की एक विशेष न्यायालय में जेएमबी ( JMB ) के 6 सदस्यों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की है।
- जेएमबी को बांग्लादेश भारत मलेशिया और यूनाइटेड किंगडम द्वारा एक आतंकवादी समूह के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
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मादक द्रव्यों की तस्करी ( Drug trafficking )
सीमा पार से मादक द्रव्यों की तस्करी की गई घटनाएं सामने आई है। इसके अलावा मानव तस्करी विशेषकर बच्चों और महिलाओं की तस्करी और सीमा क्षेत्र में विभिन्न वन्यजीवों एवं पक्षियों के अवैध शिकार की घटनाएं भी होती रहती है।
अवैध प्रवासन ( Illegal Immigration )
- बांग्लादेश से भारत में अवैध आप्रवासन जिसमें शरणार्थी और आर्थिक प्रवासी दोनों शामिल है बेरोकटोक जारी है।
- सीमा पार से ऐसे प्रवासियों की बड़ी संख्या के आगमन ने बांग्लादेश की सीमा से लगे भारतीय राज्यों के लोगों के लिए गंभीर समस्याएं खड़ी कर दी है ,जो इसके संसाधनों और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर निहितार्थ रखते हैं ।
- यह समस्या तब और जटिल हो गई जब मूल रूप से म्यांमार के रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश के रास्ते भारत में घुसपैठ करने लगे।
तीस्ता नदी जल विवाद ( Teesta River Water Dispute )
- तीस्ता नदी भारत से बांग्लादेश में प्रवेश करते हुए बंगाल की खाड़ी की ओर प्रवाहित होती है। पश्चिम बंगाल के लगभग आधा दर्जन जिले इस नदी पर निर्भरता रखते हैं। यह बांग्लादेश के वृहत रंगपुर क्षेत्र में धान की खेती के लिए सिंचाई की एक प्रमुख स्रोत भी है।
- तीस्ता जल बंटवारे विवाद को सुलझाने के लिए अभी तक दोनों देशों के बीच किसी संधि पर हस्ताक्षर नहीं किया गया है।
- बांग्लादेश की शिकायत है कि उसे जल का उचित हिस्सा प्राप्त नहीं होता। क्योंकि भारत में जल राज्य सूची का विषय है इसे बंगाल की राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच असहमति से बाधा की स्थिति बनती है।
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FAQ Checklist
भारत-बांग्लादेश में सांस्कृतिक समानताएं क्यों हैं ?
बांग्लादेश जो अब एक प्रभुता संपन्न राज्य है ,भारत की स्वतंत्रता से पूर्व भारत का ही एक अंग था । भारत के विभाजन के बाद वह पाकिस्तान का पूर्वी पाकिस्तान के रूप में अंग बन गया । इस प्रकार ,भारत का बांग्लादेश से सांस्कृतिक संबंध होना स्वाभाविक हैं ।
बांग्लादेश के जनक किसे कहा जाता हैं ?
1969 -70 के मध्य बांग्लादेश की जनता ने मुजीबुर्रहमान के नेतृत्व में स्वायत्तता के लिए संघर्ष किया था । पाकिस्तान की सरकार ने राष्ट्रीय सभा के चुनावों की घोषणा कर दी । चुनाव में मुजीबुर्रहमान के दल को पूर्ण बहुमत मिला परन्तु राष्ट्रपति याहिया खां ने सत्ता नहीं सौपी । मुजीबुर्रहमान ने पूर्वी पाकिस्तान को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया ।
बांग्लादेश के प्रथम प्रधानमंत्री कौन थे ?
12 जनवरी ,1972 को शेख मुजीबुर्रहमान स्वतंत्र बांग्लादेश के प्रधानमंत्री बने ।
बांग्लादेश के प्रधानमंत्री की पहली भारत यात्रा कब हुई ?
फरवरी ,1972 में बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पहली बार भारत आये तो इस अवसर पर उन्होंने कहा- “भारत और बांग्लादेश की मैत्री चिरस्थाई हैं , उसे दुनिया की कोई भी ताकत नहीं तोड़ सकती ।” दोनों देशों के संबंध अच्छे बनते गए और इसी के परिणामस्वरूप मार्च 1972 में एक 25 वर्षीय संधि की गई ।
भारत-बांग्लादेश के बीच 1972 मे हुई 25 वर्षीय मैत्री संधि के उद्देश्य क्या थे ?
1.दोनों देश एक दूसरे की अखंडता और सीमाओं का सम्मान करेंगे
2.दोनों देश एक -दूसरे के आन्तरिक मामले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे ।
3.दोनों में से कोई भी देश अन्य किसी देश को ऐसी कोई सहायता नहीं देगा जो दोनों में से किसी राज्य के विरुद्ध हो ।
भारत-बांग्लादेश तीस्ता नदी जल विवाद क्या हैं ?
1 .तीस्ता नदी भारत से बांग्लादेश में प्रवेश करते हुए बंगाल की खाड़ी की ओर प्रवाहित होती है। पश्चिम बंगाल के लगभग आधा दर्जन जिले इस नदी पर निर्भरता रखते हैं। यह बांग्लादेश के वृहत रंगपुर क्षेत्र में धान की खेती के लिए सिंचाई की एक प्रमुख स्रोत भी है।
2 .तीस्ता जल बंटवारे विवाद को सुलझाने के लिए अभी तक दोनों देशों के बीच किसी संधि पर हस्ताक्षर नहीं किया गया है।
भारत-बांग्लादेश अवैध प्रवासन विवाद क्या हैं ?
1 .बांग्लादेश से भारत में अवैध आप्रवासन जिसमें शरणार्थी और आर्थिक प्रवासी दोनों शामिल है बेरोकटोक जारी है।
2 .सीमा पार से ऐसे प्रवासियों की बड़ी संख्या के आगमन ने बांग्लादेश की सीमा से लगे भारतीय राज्यों के लोगों के लिए गंभीर समस्याएं खड़ी कर दी है ,जो इसके संसाधनों और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर निहितार्थ रखते हैं ।
भारत-बांग्लादेश के बीच मादक द्रव्यों की तस्करी विवाद क्या हैं ?
सीमा पार से मादक द्रव्यों की तस्करी की गई घटनाएं सामने आई है। इसके अलावा मानव तस्करी विशेषकर बच्चों और महिलाओं की तस्करी और सीमा क्षेत्र में विभिन्न वन्यजीवों एवं पक्षियों के अवैध शिकार की घटनाएं भी होती रहती है।
भारत-बांग्लादेश के मध्य आतंकवादी समस्या क्यों हैं ?
सीमा क्षेत्र आतंकवादी घुसपैठ के लिए अति संवेदनशील है। जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश जैसे कई आतंकी संगठन भारत भर में अपना जाल फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
हाल ही में राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी ने भोपाल की एक विशेष न्यायालय में जेएमबी ( JMB ) के 6 सदस्यों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की है।
भारत-बांग्लादेश के बीच वर्तमान प्रमुख मुद्दे क्या हैं ?
बांग्लादेश ,चीन के ‘बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव ‘का एक सक्रिय भागीदार है जबकि भारत इसका अंग नहीं है। इसके अलावा बांग्लादेश में रक्षा क्षेत्र में पनडुब्बियों सहित अन्य चीनी सैन्य उपकरणों का आयात किया है जो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रमुख चिंता का विषय है।
अंतर्राष्ट्रीय मंच जहां भारत और बांग्लादेश दोनों सदस्य हैं।
1 .क्षेत्रीय सहयोग के लिए हिंद महासागर रिम एसोसिएशन ( Indian Ocean Rim Association For Regional Cooperation -IORA )
2 .बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल ( Bay of Bengal Initiative for Multi -Sectoral Technical and Economic Cooperation – BIMSTEC )
भारत-बांग्लादेश आर्थिक संबंध कैसे हैं ?
बांग्लादेश के साथ भारत की भौगोलिक निकटता ने इसे उस के सबसे बड़े व्यापारिक भागीदारों में से एक के रूप में उभरने का अवसर दिया है। दूसरी ओर बांग्लादेश भारत का छठा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
ढाका-अगरतला बस सेवा 2003 क्या हैं ?
दोनों देशों की संयुक्त आर्थिक आयोग की ढाका में 15-16 जुलाई,2003 को हुई बैठक में लिए निर्णय के अनुसार ढाका व अगरतला ( त्रिपुरा ) के मध्य दूसरी बस सेवा का शुभारंभ 19 सितंबर ,2003 को हुआ ।
भारत-बांग्लादेश के मध्य यात्री गाड़ी हेतु समझौता क्यों हुआ ?
भारत-बांग्लादेश के ‘मैत्री ‘ बस सेवा की बाद 8 जुलाई 2001 को नई दिल्ली में दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों के मध्य एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए जिसके तहत पूर्णत: आरक्षित सीटों वाली सुलभ एक्सप्रेस रेलगाड़ी सियालदह ( कोलकाता ) तथा बंगबंधु सेतु ईस्ट स्टेशनों के मध्य चलाई जाएगी। इस सुलभ एक्सप्रेस को बाद में विस्तार करके कोलकाता तथा ढाका तक किया जाएगा। इस प्रकार दोनों देशों के मध्य पुनः प्रगाढ़ता बढ़ाने के लिए प्रयास किए गए हैं।
भारत में बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या क्यों हैं ?
बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या-भारत-बांग्लादेश के संबंधों में एक बड़ी समस्या भारत में निरंतर बांग्लादेशियों की घुसपैठ करने की बनी हुई हैं । लगभग एक करोड़ बांग्लादेशी घुसपैठिए भारत में रह रहे हैं जिनका भारत की सामाजिक एवं आर्थिक व्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा हैं ।