Personnel Administration कार्मिक प्रशासन, प्रशासनिक प्रणाली का एक महत्वपूर्ण भाग बन गया है। चाहे व्यापार हो या लोक प्रशासन कार्मिक प्रशासन के महत्व को अनदेखा नहीं किया जा सकता। किसी भी प्रशासनिक प्रणाली की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वह अपने कार्मिक कार्यों को कितनी प्रभावशीलता से निभाता है। विभिन्न प्रकार के कार्मिक तन्त्र को विस्तार से जाने –
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कार्मिक प्रशासन का अर्थ ( Meaning of Personnel Administration In Hindi )
कार्मिक प्रशासन का अर्थ -कार्मिक संगठन का एक अभिन्न भाग होते हैं। प्रशासन सभी मानवीय मामलों के केंद्र में होता है। इसके प्रमुख तत्व है- नीति का निर्माण करना तथा उसे लागू करना ताकि निर्धारित उद्देश्यों की पूर्ति अधिकतम स्तर तक हो सके। कार्मिक शब्द का अर्थ कर्मचारियों अधिकारियों या सेवकों का वह समूह है जो संगठन में विभिन्न पदों पर कार्यरत होते हैं ।
एक अच्छा प्रशासन बनाने में बहुत से तत्व सम्मिलित होते हैं जैसे नेतृत्व, संगठन ,वित्त, मनोबल,प्रद्धति व प्रक्रियाएं ,लेकिन इन सबसे बढ़कर है जन शक्ति। जैसे जैसे संगठनों की, चाहे वे लोक हो या निजी कार्य गतिविधियां व उत्तरदायित्व बढ़ते हैं वैसे वैसे ही अपने उत्तरदायित्व बेहतर रूप से निभाने के लिए कर्मचारियों से अपेक्षाएं बढ़ती जाती है।
इस प्रकार कार्मिक प्रशासन का कार्य ऐसे व्यक्तियों का एक निरंतर स्रोत बनाए रखना है, जो संगठन की सफलता में योगदान दे सके और विकास की बढ़ती हुई आवश्यकता ओं की पूर्ति कर सके। कार्मिक प्रशासन एक ऐसी तकनीक है, जिससे कर्मचारियों द्वारा उत्कृष्ट कार्य प्रणाली की प्राप्ति करने में संगठन को सहायता मिलती है।
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विभिन्न प्रकार के कार्मिक तन्त्र ( Different Types of Personnel System in Hindi )
सारे विश्व में, अलग-अलग देशों ने अपने कार्मिकों के लिए कोई एक प्रणाली नहीं अपनाई है बल्कि अलग-अलग समय पर प्रणालियां अपनाई है। ऐसा इसलिए हैं क्योंकि भिन्न देशों में स्थितियां भी भिन्न है और यहां तक कि एक ही देश में समय के साथ-साथ स्थितियां भी बदलती रहती है।
कार्मिक प्रणाली को मुख्य रूप से तीन श्रेणियों में विभाजित किया जाता है- नौकरशाही ,कुलीन तंत्र और लोकतांत्रिक ।
नौकरशाही ( Bureaucracy System )
नौकरशाही ( Bureaucracy System in Hindi ) – नौकरशाही प्रणाली की वास्तविकता के बारे में कई भ्रांतियां है। इसका अर्थ है, ऐसी कार्मिक प्रणाली जहां कर्मचारियों को प्रशासन की प्रणाली में वर्गीकृत किया जाता है, जिससे वर्गों, विभागों व संभागों आदि के पदसोपान का निर्माण किया गया होता है।
सीमित अर्थ में इस शब्द का अर्थ है ,लोक सेवकों की एक संस्था जो पदसोपानिक प्रणाली में संगठित होती है और जो कि प्रभावशाली लोक नियंत्रण के क्षेत्र से बाहर होती हैं। इस दृष्टिकोण से प्रशियन लोक सेवा प्रणाली को नौकरशाही तंत्र कहा जाता है।
प्रशासन के नौकरशाही के प्रकार को ‘नौकरशाही कार्मिक प्रणाली ‘से अलग माना जाना चाहिए। जहां एक ओर नौकरशाही एक बड़े स्तर के संगठन के लिए आवश्यक तत्व है ,वहीं दूसरी ओर नौकरशाही कार्मिक प्रणाली भूतकाल की औपनिवेशिक सरकारों द्वारा अपनाई गई भर्ती प्रणाली है। इसलिए इसे तानाशाही कार्मिक प्रणाली के पर्यायवाची के रूप में माना जाता है।
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कुलीन तन्त्र प्रणाली Aristocratic System
कुलीन तन्त्र प्रणाली ( Aristocratic System in Hindi ) – कुलीन तंत्र का अर्थ है-उच्च वर्ग द्वारा सरकार । इस तंत्र का आरंभ और विकास इंग्लैंड में हुआ और बाद में अन्य पश्चिमी देशों ने भी इसे अपना लिया। इस प्रणाली के अंतर्गत, कर्मचारियों को विभिन्न वर्गों में विभाजित रखा जाता है और निम्न से ऊंचे स्तरों की ओर पदोन्नति बहुत सीमित होती है।
उच्च स्तर पर नियुक्ति किसी प्रतियोगिता परीक्षा द्वारा नहीं होती बल्कि मुख्य कार्यपालक की इच्छा पर निर्भर होती है। अधिकारियों की नियुक्ति उनकी क्षमता के बारे में नियुक्त करने वाले अधिकारियों के व्यक्तिगत निर्णय और राय पर आधारित होती है। यह चयन उन व्यक्तियों में से भी हो सकता है जो कभी किसी पद पर रहे ही ना हो।
सिद्धांत यह है कि इस वर्ग के लिए योग्यता व्यक्तिगत चरित्र की होती है। इन अधिकारियों ने मंत्री के साथ सहयोग करना होता है इसलिए इनसे प्रशासनिक अनुभव की नहीं बल्कि सामान्य प्रशासनिक क्षमता की अपेक्षा की जाती है।
सर्वोच्च वर्ग के नीचे वह प्रशासनिक वर्ग आता है, जिससे लोक प्रशासन के सभी महत्वपूर्ण पद आते हैं, जैसे संभागों या जिलों के प्रमुख। इस वर्ग का चयन प्रतियोगिता परीक्षा द्वारा किया जाता है। प्रशासनिक वर्ग के नीचे तकनीकी व निरीक्षण के वर्ग आते हैं। इनकी नियुक्ति भी प्रतियोगी परीक्षाओं के द्वारा ही की जाती है।
इस कार्मिक प्रणाली की विशेषता यह है कि इससे लोक सेवा एक स्थाई जीविका बन जाती हैं । इससे लोक सेवाओं में व्यावसायिकता आ जाती है।
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लोकतांत्रिक प्रणाली Democratic System
लोकतांत्रिक प्रणाली ( Democratic System in Hindi ) – संयुक्त राज्य अमेरिका ने लोकतांत्रिक प्रणाली के रूप में एक नई प्रणाली अपनाई है। यह लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर आधारित है। इसकी प्रमुख विशेषता यह है कि यह प्रणाली वर्ग विभेद से मुक्त है यानी कि कोई कर्मचारी प्रशासनिक सोपान के निम्नतम स्तर से सेवा आरंभ कर सकता है और सर्वोच्च स्तर तक पहुंच सकता है।
पदोन्नति परीक्षा पर आधारित होती है। यह प्रणाली योग्यता पर आधारित होती है। आयु की योग्यता 18 से 45 वर्ष होने के कारण, व्यक्ति कभी भी सेवा में आ सकता है। लोकसेवा आजीवन जीविका नहीं होती है।
व्यक्ति कभी भी सरकारी सेवा में आ सकता है और जब चाहे छोड़ सकता है। राज्य कर्मचारी के प्रशिक्षण का खर्च नहीं उठाता परंतु व्यक्ति को विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करना पड़ता है। इस पर कार्य प्रणाली राज्य के लिए कम खर्च वाली है।
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FAQ Checklist
कार्मिक प्रणाली के विभिन्न प्रकार कौन से है ?
कार्मिक प्रणाली को मुख्य रूप से तीन श्रेणियों में विभाजित किया जाता है- नौकरशाही ,कुलीन तंत्र और लोकतांत्रिक ।
कार्मिक प्रशासन में लोकतांत्रिक प्रणाली क्यों जरूरी हैं ?
लोकतांत्रिक प्रणाली ( Democratic System in Hindi ) – संयुक्त राज्य अमेरिका ने लोकतांत्रिक प्रणाली के रूप में एक नई प्रणाली अपनाई है। यह लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर आधारित है। इसकी प्रमुख विशेषता यह है कि यह प्रणाली वर्ग विभेद से मुक्त है यानी कि कोई कर्मचारी प्रशासनिक सोपान के निम्नतम स्तर से सेवा आरंभ कर सकता है और सर्वोच्च स्तर तक पहुंच सकता है।
कुलीन तन्त्र प्रणाली का क्या अर्थ है ?
कुलीन तन्त्र प्रणाली ( Aristocratic System in Hindi ) – कुलीन तंत्र का अर्थ है-उच्च वर्ग द्वारा सरकार । इस तंत्र का आरंभ और विकास इंग्लैंड में हुआ और बाद में अन्य पश्चिमी देशों ने भी इसे अपना लिया। इस प्रणाली के अंतर्गत, कर्मचारियों को विभिन्न वर्गों में विभाजित रखा जाता है और निम्न से ऊंचे स्तरों की ओर पदोन्नति बहुत सीमित होती है।
नौकरशाही प्रणाली का अर्थ बताएं ।
नौकरशाही ( Bureaucracy System in Hindi ) – नौकरशाही प्रणाली की वास्तविकता के बारे में कई भ्रांतियां है। इसका अर्थ है, ऐसी कार्मिक प्रणाली जहां कर्मचारियों को प्रशासन की प्रणाली में वर्गीकृत किया जाता है, जिससे वर्गों, विभागों व संभागों आदि के पदसोपान का निर्माण किया गया होता है।
कार्मिक प्रशासन का POSDCORB फॉर्मूला क्या है ?
प्रशासनिक या प्रबंधकीय कार्य POSDCORB के माध्यम से किये जाते हैं ,यानि कि नियोजन ( Planning ) ,संगठित करना ( Organising ) , भर्ती करना ( Staffing ) , निर्देश देना ( Directing ) , समन्वय करना ( Co-ordinating ) , तथा बजट बनाना ( Budgeting ) ।