राजनीतिक संस्कृति के महत्व ,उपयोगिता ( Political Culture Importance , Utility in Hindi )

Political Culture : राजनीतिक संस्कृति के महत्व ,उपयोगिता

राजनीति विज्ञान राजनीतिक संस्कृति

Political Culture Importance, Utility in Hindi – प्रत्येक देश की राजनीतिक व्यवस्था, राजनीतिक संस्कृति के दायरे में कार्य करती है। राजनीतिक संस्कृति लोगों के मूल्य ,विश्वासों ,झुकाव पर अधारित होती है । राजनीतिक संस्कृति देश की सामान्य संस्कृति से प्रभावित होती हैं । इतिहास हमें किसी भी देश की राजनीतिक संस्कृति या राजनीतिक व्यवस्था के बारे में जानकारी देती हैं ।

राजनीतिक घटनायें सदैव राजनीतिक संस्कृति को प्रभावित करती हैं । भारत की राजनीतिक संस्कृति पर भारत छोड़ो आंदोलन , सविनय अवज्ञा आंदोलन व अन्य राजनीतिक घटनाओं का प्रभाव पड़ा । सामाजिक – आर्थिक संरचना राजनीतिक संस्कृति को प्रभावित करती हैं । इसी तरह जातीय तत्व भी राजनीतिक संस्कृति को प्रभावित करने वाला महत्वपूर्ण तत्व हैं ।

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राजनीतिक संस्कृति के महत्व ,उपयोगिता ( Political Culture Importance , Utility in Hindi )

राजनीतिक संस्कृति की उपयोगिता और महत्व पर विभिन्न विचारकों ने भिन्न-भिन्न विचार व्यक्त किए हैं। राजनीति संस्कृति के उपयोगिता पर चर्चा करने वाले मुख्य लेखक सिडनी बर्बा ,पीटर मरकल ,ल्युसियन पाई व एस.पी वर्मा है। इन लेखकों के विचारों के आधार पर राजनीतिक संस्कृति की उपयोगिता का वर्णन अग्रलिखित है-

राजनीतिक व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित ( Focuses attention on Political System )

राजनीतिक संस्कृति की सर्वप्रथम उपयोगिता यह है कि इसने विद्वानों का ध्यान राजनीतिक व्यवस्था पर केंद्रित किया है। इससे व्यक्ति के स्थान पर राजनीतिक व्यवस्था अध्ययन का केंद्र बनी है। एस. पी वर्मा का विचार हैं कि व्यवहारवादी क्रांति के पश्चात राजनीति शास्त्र के विद्वानों के अध्ययन का केंद्र व्यक्ति व व्यक्ति का व्यवहार बन गया था ।

उस समय अध्ययन की इकाई निर्णय कर्ता , नेता , मतदाता या मत धारक के रूप में राजनीतिक विश्लेषण का केंद्र बन गयी थी । कालांतर में राजनीतिक संस्कृति की अवधारणा से इस स्थिति में परिवर्तन आया । अतः अब राजनीतिक व्यवस्था, राजनीति शास्त्र के अध्ययन का केन्द्र बन गयी हैं ।

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राजनीति शास्त्र का विषय क्षेत्र विस्तृत करने में सहायक ( Helpful in broadening the scope of Political Science )

राजनीतिक संस्कृति में साधारणत: राजनीतिक समाजीकरण का अध्ययन किया जाता है। राजनीतिक समाजीकरण की प्रक्रिया में राजनीतिक तत्वों के साथ साथ सामाजिक व आर्थिक तत्वों का अध्ययन किया जाता है । इसी कारण राजनीति शास्त्र के विद्वानों को राजनीतिक संस्कृति ने गैर राजनीतिक तत्वों का अध्ययन करने के लिए प्रेरित किया है। अतः इससे राजनीति शास्त्र के क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई है ।

व्यष्टि व समष्टि उपागमों को संयुक्त करना ( To Combine Micro and Macro Approaches )

व्यष्टि व समष्टि उपागम ( Meaning of Micro n Macro Approaches in Hindi ) -राजनीतिक संस्कृति का एक अन्य उपयोगिता यह है कि इसने व्यष्टि और समष्टि उपागम को आपस में मिलाया है। व्यष्टि उपागम का अर्थ है -व्यक्तिगत स्तर या व्यक्तिगत पक्ष के राजनीति शास्त्र का अध्ययन । समष्टि उपागम का अर्थ है – संपूर्ण राजनीतिक व्यवस्था का अध्ययन ।

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व्यवहार के नियामकों ( निर्धारकों ) के अध्ययन में सहायक ( Helpful in the Study of determinants of Behavior )

राजनीति संस्कृति की अवधारणा ने व्यक्ति के विवेकी व अविवेकी व्यवहार की नियामकों के अध्ययन में सहायता की है । राजनीतिक संस्कृति ,राजनीतिक व्यवहार को समझने में सहायता करती है। राजनीतिक संस्कृति हमें राजनीति में तर्कपूर्ण तत्वों के साथ-साथ तर्कपूर्ण तत्वों के अध्ययन के भी योग्य बनाती है।

राजनीतिक विकास के विभिन्न आयामों व दिशाओं को समझने में सहायक ( Helpful in the Understanding the Dimensions and Directions of Political Culture )

राजनीतिक संस्कृति की अवधारणा ने राजनीतिक विकास की अवधारणा को समझने में सहायता प्रदान की है। इससे यह समझने में सहायता मिली है कि राजनीतिक समाज, राजनीति विकास की विभिन्न दशाओं में कैसे जाता है। यह राजनीतिक व्यवस्था का राजनीतिक पतन ,कैसे और क्यों होता हैं , समझने में सहायता करती हैं ।

निष्कर्ष ( Conclusion )

राजनीतिक संस्कृति के उपरोक्त विवेचन से यह स्पष्ट हो जाता है कि यह राजनीति व्यवस्था के विकास को समझने में सहायता करती है । यह धारणा यह भी स्पष्ट करती है कि किस समाज में किस प्रकार की राजनीतिक प्रणाली अपनाई जाती है। राजनीतिक संस्कृति ने राजनीति के तुलनात्मक अध्ययन को और अधिक उपयोगी बनाया है। इसे राजनीतिक समाजीकरण की कमियों को समाप्त करने वाला उपागम माना जा सकता है ।

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FAQ Checklist

राजनीतिक संस्कृति के तीन महत्व बताओं।

1 .राजनीतिक व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित
2 . व्यष्टि व समष्टि उपागमों को संयुक्त करना
3 . व्यवहार के नियामकों ( निर्धारकों ) के अध्ययन में सहायक

राजनीतिक संस्कृति की उपयोगिता क्या हैं ?

राजनीतिक संस्कृति की उपयोगिता यह है कि इसने विद्वानों का ध्यान राजनीतिक व्यवस्था पर केंद्रित किया है। इससे व्यक्ति के स्थान पर राजनीतिक व्यवस्था अध्ययन का केंद्र बनी है।

राजनीतिक संस्कृति राजनीति शास्त्र के लिए आवश्यक क्यों हैं ?

राजनीतिक संस्कृति में साधारणत: राजनीतिक समाजीकरण का अध्ययन किया जाता है। राजनीतिक समाजीकरण की प्रक्रिया में राजनीतिक तत्वों के साथ साथ सामाजिक व आर्थिक तत्वों का अध्ययन किया जाता है । इसी कारण राजनीति शास्त्र के विद्वानों को राजनीतिक संस्कृति ने गैर राजनीतिक तत्वों का अध्ययन करने के लिए प्रेरित किया है। अतः इससे राजनीति शास्त्र के क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई है ।

राजनीतिक संस्कृति के व्यष्टि व समष्टि उपागम से क्या तात्पर्य हैं ?

व्यष्टि व समष्टि उपागम-राजनीतिक संस्कृति का एक अन्य उपयोगिता यह है कि इसने व्यष्टि और समष्टि उपागम को आपस में मिलाया है। व्यष्टि उपागम का अर्थ है -व्यक्तिगत स्तर या व्यक्तिगत पक्ष के राजनीति शास्त्र का अध्ययन । समष्टि उपागम का अर्थ है – संपूर्ण राजनीतिक व्यवस्था का अध्ययन ।

राजनीति संस्कृति की अवधारणा का अध्ययन क्यों जरुरी हैं ?

राजनीति संस्कृति की अवधारणा ने व्यक्ति के विवेकी व अविवेकी व्यवहार की नियामकों के अध्ययन में सहायता की है । राजनीतिक संस्कृति ,राजनीतिक व्यवहार को समझने में सहायता करती है। राजनीतिक संस्कृति हमें राजनीति में तर्कपूर्ण तत्वों के साथ-साथ तर्कपूर्ण तत्वों के अध्ययन के भी योग्य बनाती है।

राजनीतिक संस्कृति के महत्व का निष्कर्ष क्या हैं ?

राजनीतिक संस्कृति के उपरोक्त विवेचन से यह स्पष्ट हो जाता है कि यह राजनीति व्यवस्था के विकास को समझने में सहायता करती है । यह धारणा यह भी स्पष्ट करती है कि किस समाज में किस प्रकार की राजनीतिक प्रणाली अपनाई जाती है। राजनीतिक संस्कृति ने राजनीति के तुलनात्मक अध्ययन को और अधिक उपयोगी बनाया है। इसे राजनीतिक समाजीकरण की कमियों को समाप्त करने वाला उपागम माना जा सकता है ।

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