Public Administration -Lok Prashasan ka Mahatav – लोक प्रशासन सार्वजनिक कानून को विस्तार पूर्वक और क्रमबद्ध रूप से लागू करने का नाम है । इसका अर्थ है सेवा करना अथवा देखभाल करना । इस प्रकार लोक प्रशासन का अर्थ लोगों की सेवा करना अथवा लोगों की देखभाल करना है । लोक प्रशासन का प्रयोग व्यापक और सीमित दोनों रूप में किया जाता हैं ।
प्रशासन को अंग्रेजी में ‘एडमिनिस्ट्रेशन‘ कहते हैं और यह शब्द लैटिन भाषा के दो शब्दों ऐड ( Ad ) और मिनिस्टेयर ( Ministiare ) के मेल से बना है। इसका अर्थ है ‘सेवा करना अथवा देखभाल करना’। इस तरह लोक प्रशासन का अर्थ लोगों की सेवा करना अथवा लोगों की देखभाल करना है।
Table of Contents विषय सूची
लोक प्रशासन का महत्व ( Significance / Importance of Public Administration in Hindi )
प्रत्येक समाज में मानव की अनेक आवश्यकताएं होती है और प्रत्येक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए लोक प्रशासन बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । मानव के जन्म से लेकर मृत्यु तक लोक प्रशासन लोगों की किसी न किसी रूप में सेवा करता है। जब बच्चा जन्म लेता है , प्रशासन उसकी सेवा उस समय ही आरंभ कर देता है।
वास्तव में सुबह से लेकर शाम तक हम लोक प्रशासन की सेवाओं का पूरा पूरा लाभ उठाते हैं। यहां तक कि जब रात के समय हम सो रहे होते हैं तो लोग प्रशासन ही हमारी सुरक्षा के लिए योग्य प्रबंध करता है। जब सवेरे हम उठते हैं तो लोग प्रशासन सरकारी नलों द्वारा पानी उपलब्ध करवाते हैं। बसों, गाड़ियों, सड़कों आदि को बनाने और उनकी देखभाल करना भी लोक प्रशासन का ही कर्तव्य है।
लोक प्रशासन मानव की अनेकों आवश्यकताओं जैसे कि स्वास्थ्य ,शिक्षा ,मनोरंजन ,सफाई ,सामाजिक सुरक्षा, कानून और व्यवस्था ,जन्म और मृत्यु आदि का पंजीकरण करता है। इस तरह हम कह सकते हैं कि लोक प्रशासन सभ्य समाज का एक अभिन्न अंग बन गया है और इसलिए आधुनिक राज्य को प्रशासकीय राज्य कहना कोई गलत बात नहीं है।
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लोक प्रशासन के महत्व का अध्ययन हम निम्नलिखित शीर्षकों के अधीन करेंग –
लोकतंत्रीय देशों में लोक प्रशासन एक स्थाई शक्ति के रूप में ( Public Administration in Democratic Countries as a Stabilising Force )
लोक प्रशासन समाज में एक स्थाई शक्ति होता है । पाल पिजन ( Paul Pigeon ) के कथनानुसार ,- लोक प्रशासन प्रबन्धकीय समाज को स्थाई रखने वाले और परंपरा के रक्षक होते हैं ।
राजनीतिक कार्यपालिका कब बनती है और कभी बदल जाती है और इस तरह सरकारें भी बदलती रहती है, परंतु प्रशासन में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं होता है। देश का प्रशासन सदैव चलता रहता है। कोई भी क्रांति इसे बदल नहीं सकती और उतार-चढ़ाव इसे जड़ से उखाड़ नहीं सकता।
सामाजिक परिवर्तन का साधन ( Instrument of Social Change )
लोक प्रशासन सामाजिक परिवर्तन और उसमें सुधार लाने के लिए बहुत बड़ा साधन है। भिन्न-भिन्न सरकार जनकल्याण के कार्यों को विकसित करना चाहती है, परंतु इस संबंध में सरकार की योजनाएं और नीतियां बिल्कुल व्यर्थ सिद्ध होगी यदि प्रशासन द्वारा उन्हें ठीक ढंग से लागू नहीं किया जाता।
इस तरह लोक प्रशासन हमारी सामाजिक और आर्थिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए आवश्यक सामाजिक परिवर्तन लाने में काफी सहायक सिद्ध होता है।
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लोक प्रशासन सभ्यता की संभाल के लिए आवश्यक है ( Public Administration is essential for preserving the civilization )
लोक प्रशासन की महत्ता इस बात से भी स्पष्ट हो जाती है कि यह हमारी संस्कृति को संभाल कर रखने के लिए आवश्यक है। देश की सभ्यता और प्रगति का प्रत्येक स्थिति में विकास होना आवश्यक है। यदि सभ्यता को कोई असफलता मिलती है तो इसका दायित्व सीधे रूप से प्रशासन का होता है।
लोक प्रशासन की कल्याणकारी राज्य में महत्व ( Significance of Public Administration in a Welfare State in Hindi )
पुलिस राज्य में सरकार अथवा प्रशासन के कम से कम कार्य होते हैं कोमा अर्थात कि देश को बाहरी आक्रमण से बचाना और देश में शांति व्यवस्था की स्थिति को कायम रखना। लोगों के कल्याण के बारे में सोचना राज्य का कर्तव्य नहीं होता। परंतु कल्याणकारी राज्य का उद्देश्य अपने लोगों की सुरक्षा के साथ-साथ उनके जीवन के प्रत्येक पक्ष से समृद्ध बनाना होता है।
एल.डी. व्हाइट ( L.D.White ) के अनुसार – कोई समय था जब लोक सार्वजनिक अधिकारियों से अत्याचार के अतिरिक्त कोई अन्य आशा नहीं रखते थे। बाद में लोग यह आशा करने लगे कि उन्हें अकेले छोड़ दिया जाए। परंतु अब वह प्रशासन से अधिक आशा नहीं रखते। वास्तव में व्यक्ति के जीवन को सही दिशा की जानकारी देने का दायित्व प्रशासन का है।
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लोक प्रशासन की कल्याणकारी राज्य में महत्व की व्याख्या निम्नलिखित प्रकार के हैं –
सामाजिक सद्भावना के लिए आवश्यक ( Essential for Social Harmony )
लोक प्रशासन की महत्ता इस बात से भी सिद्ध होती है कि यह समाज में सामाजिक सद्भावना बनाए रखने के लिए काफी योगदान देता है। प्रत्येक समाज में प्राय भिन्न-भिन्न वर्ग पाए जाते हैं। इन में कई शक्तिशाली होते हैं और कई कमजोर तो कई पिछड़े भी होते हैं।
शक्तिशाली वर्ग के लोग प्राय गरीब, पिछड़े हुए और कमजोर लोगों पर अत्याचार करते हैं। कार्ल मार्क्स ने भी समाज को दो ही वर्गों में बांटा है -गरीब -अमीर, पूंजीपति- श्रमिक ,जमीदार और कृषक इन दोनों वर्गों में प्राय संघर्ष चलता रहता है।
यदि समाज को बिना किसी प्रतिबंध के चलने की आज्ञा दी जाए तो समाज में अशांति फैल जाएगी। सत्य तो यह है कि कुशल ,ईमानदार और निष्पक्ष लोक प्रशासन के बिना समाज में सामाजिक सद्भावना अत्यंत कठिन कार्य है।
वस्तुओं की कमी के समय भूमिका ( Role in times of Scarities )
विकास कर रहे देशों को प्रत्येक क्षेत्र में वस्तुओं की बहुत बड़ी कमी होती है। खाने की वस्तु है जैसे कि गेहूं ,चीनी ,चावल ,घी आदि और कई अन्य वस्तुओं जैसे कि कोयला ,पेट्रोल ,डीजल मिट्टी का तेल ,गैस आदि बहुत कम मात्रा में उपलब्ध होती है।
ऐसी स्थितियों का सफलता सहित मुकाबला केवल कुशल, ईमानदार और निष्पक्ष लोक प्रशासन द्वारा ही किया जा सकता है।
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युद्ध के समय इसकी भूमिका ( Public Administration’s Role During War )
युद्ध के समय लोक प्रशासन के महत्व बहुत अधिक बढ़ जाती है क्योंकि इस समय यह काफी महान बन जाता है। सच तो यह है कि कुशल और निष्पक्ष लोक प्रशासन के बिना देश की आर्थिकता ही तबाह हो सकता है। इसके अतिरिक्त उपज, वितरण और खपत से संबंधित समस्त समस्याओं का योग्य हल लोक प्रशासन द्वारा ही खोजा जा सकता है।
सफल नियोजन के लिए आवश्यक ( Necessary for Successful Planning )
देश का विकास नियोजन पर निर्भर करता है और सफल नियोजन लोक प्रशासन का ही देन है। ए.डी गोरवाला ( A.D.Gorewala ) का कहना है कि लोकतंत्र में स्पष्ट, कुशल और निष्पक्ष प्रशासन के बिना सफल आयोजन नहीं हो सकता।
लोकतंत्र में उपयोगी ( Utility in Democracy )
लोकतंत्रीय देश में शक्ति का प्रयोग लोगों के निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा की जाती है। निर्वाचकों और चुने हुए प्रतिनिधियों दोनों को ही प्रशासन चलाने का ना तो अनुभव होता है और ना ही कौशल होता है। इसलिए उन्हें प्रत्येक क्षेत्र में नौकरशाही का नीति निर्माण कार्य में केंद्रीय स्थान होता है।
यह आमतौर पर कहा जाता है कि लोकतंत्र में नौकरशाही का शासन होता है। लोकतंत्र में प्रदत्त कानून निर्माण का बहुत अधिक विकास हुआ है जिससे प्रशासन की महत्ता बढ़ी है। इसी तरह प्रशासकीय न्यायालय के विकास ने भी लोक प्रशासन के महत्व में काफी वृद्धि की है।
निष्कर्ष ( Conclusion )
उपरोक्त विवरण से यह बिल्कुल स्पष्ट हो जाता है कि लोक प्रशासन का देश के प्रत्येक क्षेत्र में बड़ा ही महत्वपूर्ण स्थान है। किसी भी देश की सफलता अथवा असफलता वास्तव में लोक प्रशासन पर निर्भर करती है। सत्य तो यह है कि आधुनिक सभ्यता की संभाल और उसकी प्रगति के लिए लोक प्रशासन का अधिक सुदृढ़ होना आवश्यक है।
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FAQ Checklist
लोक प्रशासन में नौकरशाही की भूमिका क्या हैं ?
यह आमतौर पर कहा जाता है कि लोकतंत्र में नौकरशाही का शासन होता है। लोकतंत्र में प्रदत्त कानून निर्माण का बहुत अधिक विकास हुआ है जिससे प्रशासन की महत्ता बढ़ी है। इसलिए उन्हें प्रत्येक क्षेत्र में नौकरशाही का नीति निर्माण कार्य में केंद्रीय स्थान होता है।
लोक प्रशासन लोकतंत्र में उपयोगी कैसे हैं ?
लोकतंत्रीय देश में शक्ति का प्रयोग लोगों के निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा की जाती है। निर्वाचकों और चुने हुए प्रतिनिधियों दोनों को ही प्रशासन चलाने का ना तो अनुभव होता है और ना ही कौशल होता है। इसलिए उन्हें प्रत्येक क्षेत्र में नौकरशाही का नीति निर्माण कार्य में केंद्रीय स्थान होता है। लोकतंत्र में नौकरशाही का शासन होता है।
सफल नियोजन के लिए लोक प्रशासन जरुरी क्यों हैं ?
देश का विकास नियोजन पर निर्भर करता है और सफल नियोजन लोक प्रशासन का ही देन है। ए.डी गोरवाला ( A.D.Gorewala ) का कहना है कि लोकतंत्र में स्पष्ट, कुशल और निष्पक्ष प्रशासन के बिना सफल आयोजन नहीं हो सकता।
युद्ध के समय लोक प्रशासन का भूमिका।
युद्ध के समय लोक प्रशासन के महत्व बहुत अधिक बढ़ जाती है क्योंकि इस समय यह काफी महान बन जाता है। सच तो यह है कि कुशल और निष्पक्ष लोक प्रशासन के बिना देश की आर्थिकता ही तबाह हो सकता है। इसके अतिरिक्त उपज, वितरण और खपत से संबंधित समस्त समस्याओं का योग्य हल लोक प्रशासन द्वारा ही खोजा जा सकता है।
वस्तुओं की कमी के समय लोक प्रशासन की भूमिका।
विकास कर रहे देशों को प्रत्येक क्षेत्र में वस्तुओं की बहुत बड़ी कमी होती है। खाने की वस्तु है जैसे कि गेहूं ,चीनी ,चावल ,घी आदि और कई अन्य वस्तुओं जैसे कि कोयला ,पेट्रोल ,डीजल मिट्टी का तेल ,गैस आदि बहुत कम मात्रा में उपलब्ध होती है। ऐसी स्थितियों का सफलता सहित मुकाबला केवल कुशल, ईमानदार और निष्पक्ष लोक प्रशासन द्वारा ही किया जा सकता है।
सामाजिक सद्भावना बनाए रखने के लिए लोक प्रशासन जरुरी क्यों हैं ?
लोक प्रशासन की महत्ता इस बात से भी सिद्ध होती है कि यह समाज में सामाजिक सद्भावना बनाए रखने के लिए काफी योगदान देता है। प्रत्येक समाज में प्राय भिन्न-भिन्न वर्ग पाए जाते हैं। इन में कई शक्तिशाली होते हैं और कई कमजोर तो कई पिछड़े भी होते हैं।
लोक प्रशासन सभ्यता की संभाल के लिए आवश्यक क्यों है ?
लोक प्रशासन की महत्ता इस बात से भी स्पष्ट हो जाती है कि यह हमारी संस्कृति को संभाल कर रखने के लिए आवश्यक है। देश की सभ्यता और प्रगति का प्रत्येक स्थिति में विकास होना आवश्यक है। यदि सभ्यता को कोई असफलता मिलती है तो इसका दायित्व सीधे रूप से प्रशासन का होता है।
सामाजिक परिवर्तन के लिए लोक प्रशासन आवश्यक क्यों हैं ?
लोक प्रशासन सामाजिक परिवर्तन और उसमें सुधार लाने के लिए बहुत बड़ा साधन है। भिन्न-भिन्न सरकार जनकल्याण के कार्यों को विकसित करना चाहती है, परंतु इस संबंध में सरकार की योजनाएं और नीतियां बिल्कुल व्यर्थ सिद्ध होगी यदि प्रशासन द्वारा उन्हें ठीक ढंग से लागू नहीं किया जाता।
लोक प्रशासन को स्थाई शक्ति क्यों कहा जाता हैं ?
लोक प्रशासन समाज में एक स्थाई शक्ति होता है । पाल पिजन ( Paul Pigeon ) के कथनानुसार ,- लोक प्रशासन प्रबन्धकीय समाज को स्थाई रखने वाले और परंपरा के रक्षक होते हैं ।
लोक प्रशासन का महत्व बताएं।
1 .सामाजिक परिवर्तन का साधन 2 . लोकतंत्रीय देशों में लोक प्रशासन एक स्थाई शक्ति के रूप में 3 . लोक प्रशासन सभ्यता की संभाल के लिए आवश्यक है
लोक प्रशासन की कल्याणकारी राज्य में महत्व बताएं।
लोक प्रशासन की कल्याणकारी राज्य में महत्व इस प्रकार हैं – 1.सामाजिक सद्भावना के लिए आवश्यक 2. लोकतंत्र में उपयोगी 3.सफल नियोजन के लिए आवश्यक
एल.डी. व्हाइट के अनुसार लोक प्रशासन का महत्व बताएं।
एल.डी. व्हाइट ( L.D.White ) के अनुसार – कोई समय था जब लोक सार्वजनिक अधिकारियों से अत्याचार के अतिरिक्त कोई अन्य आशा नहीं रखते थे। बाद में लोग यह आशा करने लगे कि उन्हें अकेले छोड़ दिया जाए। परंतु अब वह प्रशासन से अधिक आशा नहीं रखते। वास्तव में व्यक्ति के जीवन को सही दिशा की जानकारी देने का दायित्व प्रशासन का है।
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