प्रत्येक देश की राजनीतिक व्यवस्था राजनीतिक संस्कृति के दायरे में कार्य करती है। राजनीतिक संस्कृति लोगों के मूल्यों ,विश्वासों व झुकावों पर आधारित होती है। राजनीतिक संस्कृति देश की सामान्य संस्कृति से प्रभावित होती है। अतः सामान्य संस्कृति को प्रभावित करने वाले सभी तत्व -आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक व भौगोलिक राजनीतिक संस्कृति को प्रभावित करते हैं ।
Table of Contents विषय सूची
राजनीतिक संस्कृति के आधार ,निर्धारक तत्वं ( Political Culture Foundations, Determinants , Factors in Hindi )
इन सभी तत्वों से राजनीतिक संस्कृति की प्रकृति में परिवर्तन आ जाता है , कहीं पर यह समरूपी होती है, तो कहीं पर यह विविध रूप वाली होती है । इससे यह प्रश्न महत्वपूर्ण बन जाता है कि राजनीतिक संस्कृतियों के ऐसे कौन से आधार हैं जिनसे उनकी प्रकृति का निर्धारण होता है । राजनीतिक संस्कृति के प्रमुख आधारों का वर्णन निम्नलिखित है –
ऐतिहासिक आधार ( Historical Foundations or Factors )
ऐतिहासिक आधार ( Political Culture Historical Foundations or Factors in Hindi ) – इतिहास हमें किसी भी देश की राजनीतिक संस्कृति या राजनीतिक व्यवस्था के बारे में जानकारी देता है। इसलिए किसी भी राजनीतिक व्यवस्था के लिए अतीत से पूर्णतया संबंध तोड़ लेना संभव नहीं है।
राजनीतिक व्यवस्था व राजनीतिक संस्कृति के निर्माण में परंपराओं की अपनी भूमिका होती है। इसके लिए हमें इतिहास के तथ्यों का अवलोकन करना चाहिए। उदाहरण के लिए इंग्लैंड के लोग रूढ़िवादी हैं और परंपराओं में विश्वास रखते हैं। परिणाम स्वरूप वे धीमे व क्रमिक परिवर्तन के पक्ष में है।
इसके विपरीत फ्रांस के लोग स्वभाव से परिवर्तन प्रिय है। 1789 की क्रांति से अब तक वे अपने संविधान में अनेक बार परिवर्तन कर चुके हैं। भारतीयों ने भी अपने को स्वतंत्र कराने के लिए संवैधानिक तरीकों का प्रयोग किया।
राजनीतिक घटनाएं सदैव राजनीतिक संस्कृति को प्रभावित करती है। जैसे इंग्लैंड की राजनीतिक संस्कृति को मैग्नाकार्टा ( 1215 ) , पेटिशन ऑफ राइट ( 1628 ) बिल ऑफ राइट ( 1689 ) आदि ने प्रभावित किया । इसी तरह अमेरिका की राजनीतिक संस्कृति को स्वाधीनता संग्राम व गृह युद्ध ( 1865 ) ने प्रभावित किया।
फ्रांस की राजनीतिक संस्कृति पर वहां की क्रांति का प्रभाव पड़ा । भारत की राजनीतिक संस्कृति पर भारत छोड़ो आंदोलन ,सविनय अवज्ञा आंदोलन ,स्वतंत्रता प्राप्ति आंदोलन व अन्य राजनीतिक घटनाओं का प्रभाव पड़ा । अतः राजनीतिक संस्कृति पर ऐतिहासिक घटनाओं का बहुत प्रभाव पड़ता है।
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भौगोलिक आधार ( Geographical Foundations or Factors )
भौगोलिक आधार (Political Culture Geographical Foundations or Factors in Hindi ) – किसी देश की राजनीतिक संस्कृति को प्रभावित करने वाला दूसरा व महत्वपूर्ण तत्व भौगोलिक आधार हैं , जैसे भारत,अमेरिका, व रूस पर अधिक क्षेत्रफल व अधिक जनसंख्या वाले देश होने के कारण ,छोटे-मोटे राजनीतिक तूफानों का कोई असर नहीं होता और वे उन्नति के पथ पर अग्रसर होते रहते हैं ।
इसकी विपरीत छोटे आकार के देश में हिंसा द्वारा शीघ्र परिवर्तन किया जा सकता है। अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण स्वीटजरलैंड ने तटस्थ विदेश नीति को अपना रखा है। नेपाल की राजनीतिक संस्कृति को भारत की राजनीतिक संस्कृति ने प्रभावित किया है इसका कारण उसकी सीमा का भारत की सीमा के साथ लगना है।
भौगोलिक आधार के प्रभाव को पाकिस्तान के उदाहरण द्वारा अच्छी तरह से समझा जा सकता है। 1947 में पाकिस्तान दो भागो पूर्वी व पश्चिमी पाकिस्तान में विभाजित हुआ। अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण पूर्वी पाकिस्तान 1971 में बांग्लादेश बन गया।
आधुनिक भारत की राजनीतिक संस्कृति को भौगोलिक स्थिति ने खूब प्रभावित किया है। भारत का आकार बड़ा होने के कारण यहां विभिन्न प्रकार की राष्ट्रीयताएं विद्यमान है। इसी कारण यहां क्षेत्रवाद की भावना बनती है। क्षेत्रवाद के कारण राज्यों ने स्वायत्तता की मांग करनी प्रारंभ कर दी है।
क्षेत्रवाद के कारण ही क्षेत्रीय दलों का विकास हुआ है। विभिन्न राज्यों में क्षेत्रीय दलों ने सरकारों का निर्माण किया है। इन क्षेत्रीय दलों के कारण आज भारत में केंद्र में मिली जुली सरकार की स्थापना हुई है । मिली जुली सरकार के कारण भारतीय राजनीति के स्थायित्व को धक्का पहुंचा हैं ।
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समाज की सामान्य संस्कृति का आधार ( Foundations of General Culture of Society)
समाज की सामान्य संस्कृति का आधार ( What is Foundations of General Culture of Society in Hindi ) – राजनीतिक संस्कृति समाज की सामान्य संस्कृति पर आधारित होती है। यह इसका एक प्रमुख नियामक तत्व है। राजनीतिक संस्कृति सामान्य संस्कृति से अलग या स्वतंत्र नहीं होती। अंतः सामान्य संस्कृति राजनीतिक संस्कृति का एक मौलिक व स्थाई आधार है ।इसलिए यह आवश्यक है कि सामान्य संस्कृति के अनुकूल राजनीतिक संस्कृति अपनाई जानी चाहिए।
जहां भी सामान्य संस्कृति के विपरीत राजनीतिक व्यवस्था अपनाई गई वहां परिणाम अच्छे नहीं निकले और राजनीतिक अस्थायित्व तथा क्रांतियों का बोल-बाला रहा। रजनी कोठारी ने अपनी पुस्तक ‘ भारत में राजनीति ‘ में भारत की राजनीतिक संस्कृति पर सामान्य संस्कृति के प्रभाव की विस्तृत रूप से विवेचना की है ।
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सामाजिक-आर्थिक संरचना का आधार ( Foundations of Socio-Economic structures )
सामाजिक-आर्थिक संरचना का आधार ( Foundations of Socio-Economic structures in Hindi ) – राजनीतिक संस्कृति को प्रभावित करने वाला एक अन्य साधन सामाजिक-आर्थिक आधार है। सामाजिक -आर्थिक संरचना राजनीतिक संस्कृति को अधिक मात्रा में प्रभावित करती है। यदि समाज जाति, वंश ,लिंग, वर्ण और धर्मगत वेदों के आधार पर बंटा हुआ है तो वहां लोकतंत्रीय राजनीतिक संस्कृति को ना तो अपनाया जा सकता है और ना ही उसे सफल बनाया जा सकता है ।
इसी तरह यदि समाज में आर्थिक असमानताएं विद्यमान है तो भी लोकतंत्रीय राजनीतिक संस्कृति नहीं पनप सकती। इसी तरह यदि एक समाज का सामाजिक व आर्थिक ढांचा देहाती, अविकसित वा जागीरदारी है तो वहां के लोग रूढ़िवादी होते हैं। वे राजनीति के प्रति जागरूक नहीं होते । सरकार की नीतियों के प्रति उदासीन रहते हैं। उनकी राजनीतिक सहभागिता का स्तर नीचे रहता है।
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जातीय तत्व ( Ethnic Foundations )
जातीय तत्व ( What is Ethnic Foundations In Hindi ) – जातीय तत्व राजनीतिक संस्कृति को प्रभावित करने वाले एक अन्य महत्वपूर्ण तत्व है। प्रत्येक समाज में विभिन्न जातीय समूह होते हैं जो जातीय भेदभाव व विरोध को जन्म देती है। भाषाई, सांस्कृतिक ,सामाजिक ,क्षेत्रीय व धार्मिक विभिन्नताएं इन भेदों व विरोधो को और भी गहरा कर देती है। भारत भी ऐसी जातीय तत्व का शिकार है ।
इसी कारण भारत में एक समान राष्ट्रीय राजनीतिक संस्कृति का पूर्ण विकास नहीं हो पाया है। दक्षिण अफ्रीका की राजनीतिक संस्कृति भी जातियां विभिन्नताओं का शिकार रही है। राजनीति संस्कृति सदैव जातियां भेदों से प्रभावित होती है।
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विचारधाराओं का आधार ( The Ideological Foundations )
वर्तमान युग में विचारधारा विशेषत: राजनीतिक विचारधारा, राजनीतिक संस्कृति का एक महत्वपूर्ण कारक बन गई है। विचारधारा सिद्धांतों का संग्रह होती है तथा यह लोगों के मूल्यों, झुकाओं एवं उद्देश्यों को बदलने में सहायता करती है। यह राजनीतिक संस्कृति को प्रभावित करती है।
विचारधारा राजनीतिक प्रणाली ,राजनीतिक गतिविधियों व नीतियों को प्रभावित करती है। राजनीतिक सिद्धांत में नाजीवाद, फासीवाद ,उदारवाद ,मार्क्सवाद ,समाजवाद व गांधीवाद मुख्य विचार धाराएं हैं। नाजीवाद तथा फासीवाद ने भूतकाल में राजनीतिक संस्कृति को प्रभावित किया था।
मार्क्सवाद ने कई राज्यों की राजनीतिक संस्कृति को प्रभावित किया है। उसके बाद राजनीतिक संस्कृति को प्रभावित करने का कार्य समाजवाद ने किया है। अब उदारवाद की विचारधारा समाजवादी राज्यों के लोगों की राजनीतिक संस्कृति को प्रभावित कर रही है।
इसी तरह गुटनिरपेक्षता ने भी कुछ राज्यों की राजनीतिक संस्कृति को प्रभावित किया है। भारतीय राजनीतिक संस्कृति को गुटनिरपेक्षता व लोकतंत्रीय समाजवाद की विचारधारा ने प्रभावित किया है।
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शैक्षिक आधार ( Educational Factors or Foundations )
शैक्षिक आधार ( Educational Factors or Foundations in Hindi ) – शिक्षा भी राजनीतिक संस्कृति का एक महत्वपूर्ण आधार है। शिक्षा राजनीतिक संस्कृति के विकास व प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शिक्षित व्यक्ति में अधिक राजनीतिक जागरूकता होती है। शिक्षित व्यक्ति देश की राजनीतिक समस्याओं को ठीक ढंग से समझ सकते हैं,और उसके बारे में अपनी स्वतंत्र विचारधारा बना सकते हैं। वे किसी भी मत का अंधाधुंध अनुसरण नहीं करते।
मीडिया आधार ( Media Foundations )
मीडिया आधार ( Media Foundations in Hindi ) – मीडिया में रेडियो, टीवी ,समाचार पत्र व मैगजीन आदि सम्मिलित है। मीडिया राजनीतिक संस्कृति के विकास व प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। राजनीतिक संस्कृति के विकास व विस्तार में रेडियो और टीवी के योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ये प्रचार के महत्वपूर्ण साधन है। इन पर प्रसारित कार्यक्रमों को जनता बड़ी रुचि से देखती है।
समाजवादी देशों में इनके माध्यम से ऐसे कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं जिनसे समाजवादी विचार या संस्कृति और अधिक पक्की होती है। यद्यपि उदारवादी देशों में प्रचार के इन माध्यमों पर सरकार का नियंत्रण नहीं होता फिर भी सरकार इन पर अपना नियंत्रण बनाने में और अपनी राजनीतिक संस्कृति का प्रसार करने में सफल हो जाती है।
पूंजीवादी देशों में तो इन साधनों पर सरकार का या पूंजीपति वर्ग का पूर्ण नियंत्रण होता है और वे अपनी राजनीतिक संस्कृति और राजनीति का विकास करने के लिए इनका प्रयोग करते हैं। इसी तरह समाचार-पत्र और पत्रिकाएं भी राजनीतिक संस्कृति के विकास का महत्वपूर्ण साधन है। अतः यह स्पष्ट है कि मीडिया राजनीतिक संस्कृति का महत्वपूर्ण आधार है।
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राजनीतिक निश्चितता या अनिश्चितता ( Political Stability or Instability )
राजनीतिक निश्चतता या अनिश्चितता (what is Political Stability or Instability in Hindi ) – यह राजनीतिक संस्कृति का एक अन्य महत्वपूर्ण आधार या निर्धारक तत्व हैं । यदि समाज में राजनीतिक निश्चितता हैं तो लोगों की राजनीति में रुचि बढ़ेगी और वे राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेंगे तथा सहयोगी राजनीतिक संस्कृति का निर्माण व विकास होगा ।
इसके विपरीत यदि समाज में उथल-पुथल, अव्यवस्था का वातावरण हैं तो व्यक्ति राजनीति के प्रति उदासीन हो जाते हैं और संकीर्ण राजनीतिक संस्कृति को बढ़ावा मिलता हैं ,जैसे इंग्लैंड में राजनीतिक निश्चितता और निरंतरता के कारण सहयोगी राजनीतिक संस्कृति का विकास हुआ है और वहां पर लोग राज्य के कार्यों में बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं ।
निष्कर्ष ( Conclusion )
राजनीतिक संस्कृति के ये मुख्य निर्धारक तत्व हैं । ये राजनीतिक संस्कृति को आधार प्रदान करते हैं । अतः एक राजनीतिक प्रणाली का अध्ययन करने के लिए राजनीतिक संस्कृति के इन कारकों का अध्ययन करना आवश्यक होता हैं । इन कारकों के अध्ययन के बिना राजनीतिक व्यवस्था को समझना कठिन हो जाएगा ।
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FAQ Checklist
राजनीतिक संस्कृति के ऐतिहासिक आधार से क्या तात्पर्य हैं ?
ऐतिहासिक आधार – इतिहास हमें किसी भी देश की राजनीतिक संस्कृति या राजनीतिक व्यवस्था के बारे में जानकारी देता है। इसलिए किसी भी राजनीतिक व्यवस्था के लिए अतीत से पूर्णतया संबंध तोड़ लेना संभव नहीं है।
राजनीतिक संस्कृति के निर्माण में परंपराओं की क्या भूमिका हैं ?
राजनीतिक व्यवस्था व राजनीतिक संस्कृति के निर्माण में परंपराओं की अपनी भूमिका होती है। इसके लिए हमें इतिहास के तथ्यों का अवलोकन करना चाहिए। उदाहरण के लिए इंग्लैंड के लोग रूढ़िवादी हैं और परंपराओं में विश्वास रखते हैं। परिणाम स्वरूप वे धीमे व क्रमिक परिवर्तन के पक्ष में है।
राजनीतिक घटनाएं राजनीतिक संस्कृति को कैसे प्रभावित करती है ?
राजनीतिक घटनाएं सदैव राजनीतिक संस्कृति को प्रभावित करती है। जैसे इंग्लैंड की राजनीतिक संस्कृति को मैग्नाकार्टा ( 1215 ) , पेटिशन ऑफ राइट ( 1628 ) बिल ऑफ राइट ( 1689 ) आदि ने प्रभावित किया । इसी तरह अमेरिका की राजनीतिक संस्कृति को स्वाधीनता संग्राम व गृह युद्ध ( 1865 ) ने प्रभावित किया।
राजनीतिक घटनाओं ने भारतीय राजनीतिक संस्कृति को कैसे प्रभावित किया ?
भारत की राजनीतिक संस्कृति पर भारत छोड़ो आंदोलन ,सविनय अवज्ञा आंदोलन ,स्वतंत्रता प्राप्ति आंदोलन व अन्य राजनीतिक घटनाओं का प्रभाव पड़ा ।
नेपाल की राजनीतिक संस्कृति को भारत की राजनीतिक संस्कृति ने कैसे प्रभावित किया ।
नेपाल की राजनीतिक संस्कृति को भारत की राजनीति संस्कृति ने प्रभावित किया है इसका कारण उसकी सीमा का भारत की सीमा के साथ लगना है।
राजनीतिक संस्कृति के भौगोलिक आधार से क्या तात्पर्य हैं ?
भौगोलिक आधार – किसी देश की राजनीतिक संस्कृति को प्रभावित करने वाला महत्वपूर्ण तत्व भौगोलिक आधार हैं , जैसे भारत,अमेरिका, व रूस पर अधिक क्षेत्रफल व अधिक जनसंख्या वाले देश होने के कारण ,छोटे-मोटे राजनीतिक तूफानों का कोई असर नहीं होता और वे उन्नति के पथ पर अग्रसर होते रहते हैं ।
राजनीतिक संस्कृति के भौगोलिक आधार ने पाकिस्तान को कैसे प्रभावित किया ।
1947 में पाकिस्तान दो भागो पूर्वी व पश्चिमी पाकिस्तान में विभाजित हुआ। अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण पूर्वी पाकिस्तान 1971 में बांग्लादेश बन गया।
आधुनिक राजनीतिक संस्कृति को भौगोलिक स्थिति ने कैसे प्रभावित किया ?
आधुनिक भारत की राजनीतिक संस्कृति को भौगोलिक स्थिति ने खूब प्रभावित किया है। भारत का आकार बड़ा होने के कारण यहां विभिन्न प्रकार की राष्ट्रीयताएं विद्यमान है। इसी कारण यहां क्षेत्रवाद की भावना बनती है। क्षेत्रवाद के कारण राज्यों ने स्वायत्तता की मांग करनी प्रारंभ कर दी है।
राजनीतिक संस्कृति के निर्धारक तत्व कौन कौन से हैं?
राजनीतिक संस्कृति के प्रमुख आधारों अथवा निर्धारक तत्व का वर्णन निम्नलिखित है – ऐतिहासिक तत्व , भौगोलिक तत्व , विचारधाराओं का आधार , शैक्षिक आधार , मीडिया आधार , सामाजिक-आर्थिक संरचना का आधार ।
सामान्य संस्कृति राजनीतिक संस्कृति का एक मौलिक व स्थाई आधार कैसे है ?
समाज की सामान्य संस्कृति का आधार – राजनीतिक संस्कृति समाज की सामान्य संस्कृति पर आधारित होती है। यह इसका एक प्रमुख नियामक तत्व है। राजनीतिक संस्कृति सामान्य संस्कृति से अलग या स्वतंत्र नहीं होती। अंतः सामान्य संस्कृति राजनीतिक संस्कृति का एक मौलिक व स्थाई आधार है ।इसलिए यह आवश्यक है कि सामान्य संस्कृति के अनुकूल राजनीतिक संस्कृति अपनाई जानी चाहिए।
रजनी कोठारी ने अपनी पुस्तक ‘भारत में राजनीति’ में सामान्य संस्कृति के बारे में क्या कहा है ?
जहां भी सामान्य संस्कृति के विपरीत राजनीतिक व्यवस्था अपनाई गई वहां परिणाम अच्छे नहीं निकले और राजनीतिक अस्थायित्व तथा क्रांतियों का बोल-बाला रहा। रजनी कोठारी ने अपनी पुस्तक ‘ भारत में राजनीति ‘ में भारत की राजनीतिक संस्कृति पर सामान्य संस्कृति के प्रभाव की विस्तृत रूप से विवेचना की है ।
सामाजिक-आर्थिक संरचना राजनीतिक संस्कृति को कैसे प्रभावित करती हैं ?
राजनीतिक संस्कृति को प्रभावित करने वाला एक अन्य साधन सामाजिक-आर्थिक आधार है। सामाजिक -आर्थिक संरचना राजनीतिक संस्कृति को अधिक मात्रा में प्रभावित करती है। यदि समाज जाति, वंश ,लिंग, वर्ण और धर्मगत वेदों के आधार पर बंटा हुआ है तो वहां लोकतंत्रीय राजनीतिक संस्कृति को ना तो अपनाया जा सकता है और ना ही उसे सफल बनाया जा सकता है ।
जातीय तत्व ने राजनीतिक संस्कृति को कैसे प्रभावित किया है ?
जातीय तत्व राजनीतिक संस्कृति को प्रभावित करने वाले एक अन्य महत्वपूर्ण तत्व है। प्रत्येक समाज में विभिन्न जातीय समूह होते हैं जो जातीय भेदभाव व विरोध को जन्म देती है। भाषाई, सांस्कृतिक ,सामाजिक ,क्षेत्रीय व धार्मिक विभिन्नताएं इन भेदों व विरोधो को और भी गहरा कर देती है। भारत भी ऐसी जातीय तत्व का शिकार है ।
जातीय तत्व ने राजनीतिक संस्कृति को कितना प्रभावित किया है ?
भारत में एक समान राष्ट्रीय राजनीतिक संस्कृति का पूर्ण विकास नहीं हो पाया है। दक्षिण अफ्रीका की राजनीतिक संस्कृति भी जातियां विभिन्नताओं का शिकार रही है। राजनीति संस्कृति सदैव जातियां भेदों से प्रभावित होती है।
राजनीतिक संस्कृति में विचारधारा का तत्व क्यों जरुरी हैं ?
वर्तमान युग में विचारधारा विशेषत: राजनीतिक विचारधारा, राजनीतिक संस्कृति का एक महत्वपूर्ण कारक बन गई है। विचारधारा सिद्धांतों का संग्रह होती है तथा यह लोगों के मूल्यों, झुकाओं एवं उद्देश्यों को बदलने में सहायता करती है। यह राजनीतिक संस्कृति को प्रभावित करती है।
राजनीतिक सिद्धांत की मुख्य विचारधाराएं कौन सी हैं ?
विचारधारा राजनीतिक प्रणाली ,राजनीतिक गतिविधियों व नीतियों को प्रभावित करती है। राजनीतिक सिद्धांत में नाजीवाद ,फासीवाद ,उदारवाद ,मार्क्सवाद ,समाजवाद व गांधीवाद मुख्य विचार धाराएं हैं। नाजीवाद तथा फासीवाद ने भूतकाल में राजनीतिक संस्कृति को प्रभावित किया था।
शिक्षा राजनीतिक संस्कृति का एक महत्वपूर्ण आधार कैसे हैं ?
शैक्षिक आधार – शिक्षा भी राजनीतिक संस्कृति का एक महत्वपूर्ण आधार है। शिक्षा राजनीतिक संस्कृति के विकास व प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शिक्षित व्यक्ति में अधिक राजनीतिक जागरूकता होती है। शिक्षित व्यक्ति देश की राजनीतिक समस्याओं को ठीक ढंग से समझ सकते हैं,और उसके बारे में अपनी स्वतंत्र विचारधारा बना सकते हैं। वे किसी भी मत का अंधाधुंध अनुसरण नहीं करते।
राजनीतिक संस्कृति के विकास में मीडिया की क्या भूमिका हैं ?
मीडिया आधार – मीडिया में रेडियो, टीवी ,समाचार पत्र व मैगजीन आदि सम्मिलित है। मीडिया राजनीतिक संस्कृति के विकास व प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। राजनीतिक संस्कृति के विकास व विस्तार में रेडियो और टीवी के योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ये प्रचार के महत्वपूर्ण साधन है। इन पर प्रसारित कार्यक्रमों को जनता बड़ी रुचि से देखती है।
समाजवादी देशों में मीडिया की क्या भूमिका हैं ?
समाजवादी देशों में इनके माध्यम से ऐसे कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं जिनसे समाजवादी विचार या संस्कृति और अधिक पक्की होती है।
उदारवादी देशों में मीडिया की क्या भूमिका हैं ?
उदारवादी देशों में प्रचार के इन माध्यमों पर सरकार का नियंत्रण नहीं होता फिर भी सरकार इन पर अपना नियंत्रण बनाने में और अपनी राजनीतिक संस्कृति का प्रसार करने में सफल हो जाती है।
पूंजीवादी देशों में मीडिया की क्या भूमिका हैं ?
पूंजीवादी देशों में तो इन साधनों पर सरकार का या पूंजीपति वर्ग का पूर्ण नियंत्रण होता है और वे अपनी राजनीतिक संस्कृति और राजनीति का विकास करने के लिए इनका प्रयोग करते हैं। इसी तरह समाचार-पत्र और पत्रिकाएं भी राजनीतिक संस्कृति के विकास का महत्वपूर्ण साधन है। अतः यह स्पष्ट है कि मीडिया राजनीतिक संस्कृति का महत्वपूर्ण आधार है
राजनीतिक निश्चितता या अनिश्चितता से क्या तात्पर्य हैं ?
राजनीतिक निश्चितता या अनिश्चितता – यह राजनीतिक संस्कृति का एक अन्य महत्वपूर्ण आधार या निर्धारक तत्व हैं । यदि समाज में राजनीतिक निश्चितता हैं तो लोगों की राजनीति में रुचि बढ़ेगी और वे राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेंगे तथा सहयोगी राजनीतिक संस्कृति का निर्माण व विकास होगा ।