राजनीतिक संस्कृति के अवधारणा की आलोचना Political Culture Concept Criticism in Hindi

Political Culture : राजनीतिक संस्कृति की आलोचना

राजनीति विज्ञान राजनीतिक संस्कृति

Political Culture Criticism in Hindi – राजनीतिक व्यवस्था के विकास को समझने में राजनीतिक संस्कृति सहायता करती है। यह धारणा ,यह भी स्पष्ट करती है कि किस समाज में किस प्रकार की राजनीतिक प्रणाली अपनाई जाती है। राजनीतिक संस्कृति ने राजनीति के तुलनात्मक अध्ययन को और अधिक उपयोगी बनाया है।

राजनीतिक संस्कृति से राजनीतिक समाजीकरण का अध्ययन किया जाता है। राजनीतिक समाजीकरण की प्रक्रिया में राजनीतिक तत्वों के साथ-साथ गैर राजनीतिक तत्व जैसे कि सामाजिक व आर्थिक तत्वों का भी अध्ययन किया जाता है। इसी कारण राजनीति शास्त्र के विद्वानों को राजनीतिक संस्कृति ने गैर राजनीतिक तत्वों का भी अध्ययन करने के लिए प्रेरित किया है।

राजनीतिक संस्कृति हमें राजनीति में तर्कपूर्ण तत्वों के साथ-साथ तर्कहीन तत्वों के अध्ययन के भी योग्य बनाती है। राजनीतिक संस्कृति राजनीतिक व्यवहार को समझने में सहायता करती है। राजनीतिक संस्कृति ,राजनीतिक व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करती है ।

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राजनीतिक संस्कृति के अवधारणा की आलोचना ( Political Culture Concept Criticism in Hindi )

राजनीतिक संस्कृति की अवधारणा का राजनीतिक सिद्धांत के क्षेत्र में मिश्रित स्वागत हुआ है । इसी अवधारणा के अध्ययन के कारण अलवर और बलवा को बहुत प्रशंसा मिली यह कहा गया कि इस अवधारणा द्वारा व्यक्ति के व्यवहार को समझने में सहायता मिलेगी ।

इस धारणा को नए पक्ष की संज्ञा दी गई है लेकिन इस अवधारणा के अध्ययन में कई प्रकार की कठिनाइयां और कमियां सामने आई । उन्ही आधारों पर इसकी आलोचना की गई है । राजनीतिक संस्कृति के जिन दोषों व कमियों का उल्लेख किया गया है उनका वर्णन निम्नलिखित है-

अस्पष्ट अवधारणा ( A Vague Concept )

राजनीतिक संस्कृति की अवधारणा अस्पष्ट है। विचारकों द्वारा ना तो इसकी परिभाषाएं दी गई है और ना ही कोई सुनिश्चित व्याख्या की गई है। विचारकों द्वारा यह भी नहीं बताया गया कि राजनीतिक संस्कृति को किस प्रकार ठीक प्रकार से निर्धारित किया जा सकता है।

पुराना विचार ,नया नाम ( Old Idea ,New Name )

राजनीतिक संस्कृति का यह कहकर आलोचना की गई कि यह पुराने विचारों के रूप में नया नाम है। जिन मान्यताओं का अध्ययन पहले किया जाता था उन्हें ही नया नाम दिया गया है। जैसे राष्ट्रीय चरित्र ,राजनीतिक मूल्य आदि । जिनका राजनीतिक संस्कृति में उल्लेख किया गया है , उनका अध्ययन राजनीति शास्त्र में पहले भी किया जाता था।

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सामान्य संस्कृति एवं राजनीतिक संस्कृति के निर्धारक तत्व में अंतर स्पष्ट नहीं ( Difference between Determinants of General Culture and Political Culture is Not Clear )

यह ठीक है कि सामान्य संस्कृति, राजनीति संस्कृति का आधार है और इन दोनों में गहरा संबंध है। लेकिन राजनीतिक संस्कृति के विचारकों ने इस संबंध को ठीक से परिभाषित नहीं किया। क्या दोनों के निर्धारक तत्व एक ही है या अलग अलग है।

अगर निर्धारक तत्व अलग-अलग है तो कौन से हैं। क्या जब राजनीतिक संस्कृति में परिवर्तन होता है तब वह सामान्य संस्कृति को प्रभावित करती है। आदि कुछ ऐसे प्रश्न हैं जिनका उत्तर आलमंड और बर्बा ने नहीं दिया है।

राजनीतिक संस्कृति व राजनीतिक संरचना में संबंध अस्पष्ट ( Relation of Political Culture and Political Structure is Vague )

यह ठीक है कि राजनीतिक संस्कृति किसी समाज में रहने वाले लोगों के राजनीतिक व्यवहार ,मूल्यों ,विश्वासों,अभिवृत्तियों का अध्ययन करती है , परंतु विचारकों ने राजनीतिक संस्कृति का विवेचन करते हुए यह स्पष्ट नहीं किया कि राजनीतिक संस्कृति का उस देश की राजनीतिक संरचनाओं से क्या संबंध है ।

क्या केवल राजनीतिक संस्कृति ही राजनीतिक संरचनाओं को प्रभावित करती है या फिर राजनीतिक संरचना भी राजनीतिक संस्कृति को प्रभावित करती है। जैसे भारत में सरकार का संसदीय ढांचा अपनाया गया है।

क्या संसदीय ढांचा, राजनीति संस्कृति को प्रभावित करेगा या फिर राजनीतिक संस्कृति ,भारतीय संसदीय ढांचे को प्रभावित करेगी । इन प्रश्नों का राजनीतिक संस्कृति के प्रतिपादकों ने कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया है।

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राजनीतिक संस्कृति का तुलनात्मक अध्ययन असंभव ( Comparative Study of Political Culture is not Possible )

राजनीतिक संस्कृति की सबसे बड़ी विशेषता यह हैं कि इसमें दो या दो से अधिक राजनीतिक संस्कृतियों का तुलनात्मक अध्ययन किया जा सकता है ,परन्तु यह तुलनात्मक अध्ययन केवल लोकतंत्रीय राष्ट्रों या समाजो में ही किया जा सकता है ।

राजनीतिक संस्कृति के प्रतिपादकों ने यह नही बताया कि अधिनायकवादी समाजों में तुलनात्मक अध्ययन कैसे किया जा सकता है ,जहां लोगों से कोई साक्षात्कार नहीं किया जा सकता और न ही सर्वेक्षण किया जा सकता हैं ।

निष्कर्ष ( Conclusion )

अंत में यह कहा जा सकता हैं कि उपरोक्त त्रुटियों के बावजूद भी राजनीतिक संस्कृति का अपना महत्व हैं । राजनीतिक संस्कृति की अवधारणा के विकास से ही राजनीतिक व्यवस्थाओं की वास्तविक प्रकृति , उनके विकास और विकास की संभावित दशाओं को समझने में सहायता मिलती हैं ,किंतु राजनीतिक संस्कृति की अवधारणा का प्रयोग सावधानी से करना होगा अन्यथा यह भी राजनीति की वास्तविकताओं को समझने में विशेष सहायक नहीं होगी ।

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FAQ Checklist

राजनीतिक संस्कृति की आलोचना बताएं।

राजनीतिक संस्कृति के जिन दोषों व कमियों का उल्लेख किया गया है उनका वर्णन निम्नलिखित है- राजनीतिक संस्कृति की अवधारणा अस्पष्ट है। राजनीतिक संस्कृति का यह कहकर आलोचना की गई कि यह पुराने विचारों के रूप में नया नाम है।

राजनीतिक संस्कृति की अवधारणा स्पष्ट है या अस्पष्ट ?

राजनीतिक संस्कृति की अवधारणा अस्पष्ट है। विचारकों द्वारा ना तो इसकी परिभाषाएं दी गई है और ना ही कोई सुनिश्चित व्याख्या की गई है। विचारकों द्वारा यह भी नहीं बताया गया कि राजनीतिक संस्कृति को किस प्रकार ठीक प्रकार से निर्धारित किया जा सकता है।

राजनीतिक संस्कृति की आलोचना क्यों की जाती हैं ?

राजनीतिक संस्कृति का यह कहकर आलोचना की गई कि यह पुराने विचारों के रूप में नया नाम है। जिन मान्यताओं का अध्ययन पहले किया जाता था उन्हें ही नया नाम दिया गया है। जैसे राष्ट्रीय चरित्र ,राजनीतिक मूल्य आदि । जिनका राजनीतिक संस्कृति में उल्लेख किया गया है , उनका अध्ययन राजनीति शास्त्र में पहले भी किया जाता था।

सामान्य संस्कृति एवं राजनीतिक संस्कृति के सन्दर्भ में विद्वानों के क्या विचार हैं ?

विचारकों ने राजनीतिक संस्कृति का विवेचन करते हुए यह स्पष्ट नहीं किया कि राजनीतिक संस्कृति का उस देश की राजनीतिक संरचनाओं से क्या संबंध है । अगर निर्धारक तत्व अलग-अलग है तो कौन से हैं।

राजनीतिक संस्कृति का तुलनात्मक अध्ययन असंभव क्यों हैं ?

राजनीतिक संस्कृति की सबसे बड़ी विशेषता यह हैं कि इसमें दो या दो से अधिक राजनीतिक संस्कृतियों का तुलनात्मक अध्ययन किया जा सकता है ,परन्तु यह तुलनात्मक अध्ययन केवल लोकतंत्रीय राष्ट्रों या समाजो में ही किया जा सकता है ।

राजनीतिक संस्कृति का आलोचनात्मक निष्कर्ष बताएं।

राजनीतिक संस्कृति की अवधारणा के विकास से ही राजनीतिक व्यवस्थाओं की वास्तविक प्रकृति , उनके विकास और विकास की संभावित दशाओं को समझने में सहायता मिलती हैं ,किंतु राजनीतिक संस्कृति की अवधारणा का प्रयोग सावधानी से करना होगा अन्यथा यह भी राजनीति की वास्तविकताओं को समझने में विशेष सहायक नहीं होगी ।

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