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Civil Services : सिविल सेवाएं परिभाषाएं | वर्गीकरण | लाभ | प्रकार

पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन सिविल सर्विस

Civil Services सिविल सेवाएं – आधुनिक राज्य में लोक सेवाओं के प्रबंध में पदाधिकारी वर्गीकरण होना आवश्यक है। नौकरी के कार्य के लिए क्रम अनुसार वर्गीकरण और स्टाफ के लिए मानक स्थापित करना दो मुख्य विशेषताएं हैं पदाधिकारी व्यवस्था में। सामान्य अर्थों में वर्गीकरण की प्रक्रिया कार्यों के विभाजन और विशेषताओं के मुख्य आधारों पर की जाती है। पदाधिकारी प्रशासन में वर्गीकरण का अर्थ है कर्तव्यों और दायित्वों के आधार पर समूहीकरण ।

सेवाओं का वर्गीकरण महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सेवाओं में अधिकार क्षेत्र और उत्तरदायित्वों की प्रकृति को निर्धारित करते हैं। यह दिए हुए समय में पदसोपान और कार्यों को सेवाओं में पहचान के रूप में प्रयोग करते हैं। वर्गीकरण महत्वपूर्ण प्रशासकीय कार्यों में एक संगठनात्मक औजार है।

सिविल सेवाओं में वर्गीकरण के लाभ , आधार , प्रकार , पद वर्गीकरण आदि को विस्तार से जानते हैं –

Table of Contents विषय सूची

वर्गीकरण के लाभ ( Civil Services -Advantages of Classification in Hindi )

वर्गीकरण का स्तर पदाधिकारी प्रशासन में तर्कसंगत विकासशील ढांचे को परिभाषित नहीं कर पाता है। सेवाओं के वर्गीकरण में संगठनात्मक आवश्यकता का ज्यादा आदर नहीं होता परंतु कार्यात्मक आवश्यकता महत्वपूर्ण होती है। इसको मुख्य तौर पर समझना सेवाओं में व्यवस्थित रूप नहीं लाता है परंतु प्रबंध के क्षेत्र में इसकी व्यापक भूमिका है। वर्गीकरण के लाभ निम्नलिखित हैं –

कार्य के विभाजन को सुविधाजनक बनाना ( Facilitates Proper Division of Work )

कार्य के विभाजन को सुविधाजनक बनाना ( Facilitates Proper Division of Work in Civil Services) – वर्गीकरण प्रणाली प्रबंध में एक औजार है। प्रशासकीय पदसोपान कार्य के सही विभाजन को बनाता है। विभिन्न स्तरों में प्रबंध कार्यों को संगठित करते हैं और विभाजन करते हैं। यह कार्य की प्रक्रिया में आने वाली समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। वर्गीकरण प्रणाली पदसोपान में विभिन्न स्तरों की आवश्यकता को व्यवस्थित करती है।

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व्यक्तिगत दबाव के प्रभाव को कम करना ( Minimises the influence of individual pressure )

व्यक्तिगत दबाव के प्रभाव को कम करना ( Minimises the influence of individual pressure in Civil Services ) – वर्गीकरण प्रणाली संस्थागत वेतन ढांचे और कुछ लक्ष्य जो सेवर पर आधारित होते हैं को निर्धारित करती है। यह व्यक्तिगत दबाव के प्रभाव को कम करती है एक ही वर्ग में। यह लोक सेवाओं के प्रबंध में आने वाली समस्याओं के मामले को समाप्त करती है और कर्मचारियों की सहायता करता है। यह प्रणाली कर्मचारियों को सुरक्षा और न्याय प्रदान करती है।

भर्ती और प्रशिक्षण को सुविधाजनक बनाना ( Facilitates recruitment and training )

भर्ती और प्रशिक्षण को सुविधाजनक बनाना ( Facilitates recruitment and training in Civil Services ) – वर्गीकरण प्रक्रिया प्रशिक्षण, पदोन्नति, भर्ती को सुविधाजनक बनाती है। किसी भी संगठन में ससेवावर्गीय वर्गीकरण आवश्यक है और इसमें योग्यता को विभिन्न स्तरों पर निर्धारित किया जाता है।

एक अच्छी वर्गीकरण प्रक्रिया के अंतर्गत भर्ती प्रक्रिया में जल्दी से प्रशिक्षण क्रियाओं की आवश्यकता को पूरा किया जाता है। इस तरह जब कर्मचारी छोटे स्तर से उच्च में पदोन्नत हो जाते हैं तो वह प्रशिक्षण प्रोग्राम की पहचान को आसानी से बताते हैं और उच्च नौकरियों की पूर्ति को साबित कर सकते हैं।

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कर्मचारियों में अभिप्रेरणा उन्नत करना ( Promotes Employee Motivation )

कर्मचारियों में अभिप्रेरणा उन्नत करना ( Promotes Employee Motivation in Civil Services ) – यह लोक सेवाओं में उद्देश्यों के मूल्यांकन की भागीदारी में मदद करते हैं। व्यवस्थित रूप से विकसित वर्गीकरण स्कीम संभव करती है, प्रबंध के कार्य के क्षेत्र की पहचान ,कर्मचारियों में कार्य के अनुसार भेद और उच्च कर्मचारी जो उच्च कार्य को करते हैं, सेवावर्गीय में मान्यता प्राप्त करना। इस तरह विकसित वर्गीकरण प्रबंध कर्मचारियों में अभिप्रेरणा उन्नत करता है।

प्रबंध में कुशलता का अस्त्र ( Effective tool of Management )

प्रबंध में कुशलता का अस्त्र ( Effective tool of Management in Civil Services ) – यह कर्मचारियों में कर्तव्यों और उत्तरदायित्व को समझने में मदद करता है और अच्छे प्रबंध में स्टाफ के संबंधों को अच्छा बनाता है। वर्गीकरण अच्छे पर्यवेक्षण के लिए इन आधारों को प्रदान करता है।

कार्यों के स्तर का एक रूप में प्रयोग ( Common terminology and uniform work standards )

कार्यों के स्तर का एक रूप में प्रयोग ( Common terminology and uniform work standards in Civil Services ) – वर्गीकरण प्रक्रिया अच्छी समझदारी को प्रोत्साहित करती है तब से इसको आम शब्दावली के प्रयोग में लाया जाने लगा है। यह कार्यों को विभाजित करने जो कि उत्पादन के स्तर को बढ़ावा देती है में मदद करती है। यह निपुणता में होने वाले नुकसान को रोकती है।

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बजट संबंधी स्वीकृति को सुविधाजनक बनाना ( Facilitates Budgetary Sanctions )

बजट संबंधी स्वीकृति को सुविधाजनक बनाना ( Facilitates Budgetary Sanctions in Civil Services ) – यह कार्य के लिए बजट संबंधी स्वीकृति को आसान बनाता है और पदाधिकारी पर विधान पालिका के नियंत्रण को लागू करता है।

कार्मिक रिकॉर्ड कायम करने में मदद करना ( Helps in Maintaining Personnel Records )

कार्मिक रिकॉर्ड कायम करने में मदद करना ( Helps in Maintaining Personnel Records in Civil Services ) – पदाधिकारी वर्गीकरण कार्मिकों के रिकॉर्ड को तैयार करता है। यह रिकॉर्ड सेवाओं के आकार ,कार्यों की समूहीकरण को जाने में मदद करते हैं । यह रिकॉर्डों के आंकड़े प्रबंध में सेवाओं में आने वाली समस्याओं को दूर करने और पदाधिकारी नीतियों और प्रोग्राम में योजनाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

वर्गीकरण के आधार ( Bases of Classification in Hindi )

वर्गीकरण समूहीकरण एक इस तरह की प्रक्रिया है जिसमें एक से ज्यादा विशेषताएं वर्गों में कुछ वर्गीकरण होता है। कार्यात्मक पहचान वर्गीकरण का मुख्य आधार है। कार्यों का निर्धारण पद के आधार पर किया जाता है जिसमें कर्तव्यों तथा दायित्व को भी मुख्य रखा जाता है।

पदों की कार्यात्मक कार्यप्रणाली में कुछ योग्यताएं निर्धारित की होती है जो कि पदों में वर्ग से संबंधित होती है। इस तरह वर्गीकरण का दूसरा आधार योग्यताएं ,कर्तव्य तथा दायित्वों का भी हो सकता है। एक प्रशासनिक व्यवस्था में वर्गीकरण के आधार कर्तव्य तथा दायित्व, गतिविधियों का क्षेत्र आदि महत्वपूर्ण होते हैं ।

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वर्गीकरण के प्रकार ( Types of Classification in Hindi )

विश्व में वर्गीकरण के दो विभिन्न प्रकार है। एक तो ब्रिटेन में और दूसरा संयुक्त राज्य अमेरिका में विकसित है । ब्रिटेन और संयुक्त राज्य में मुख्य व्यवस्था ‘पद’ तथा ‘दर्जा ‘की अवधारणा लोक सेवाओं में प्रयोग की जाती है। पूरे विश्व में सरकार सेवाओं में दो सेवाओं के आधार पर नियुक्ति करती है जो कि पद वर्गीकरण और दर्जा वर्गीकरण के नाम से जानी जाती है।

संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, ताइवान ,फिलीपींस ,कनाडा आदि देशों में पद वर्गीकरण की व्यवस्था को अपनाया गया है। फ्रांस, भारत ,मलेशिया ,पाकिस्तान, जर्मनी आदि देशों में दर्जा वर्गीकरण को अपनाया गया है।

पद वर्गीकरण ( Position Classification in Hindi )

वर्गीकरण की यह व्यवस्था कर्तव्यों के वर्गीकरण के नाम से भी जानी जाती है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका में भी प्रचलित है और पदों का समूहीकरण उत्तरदायितत्वों और योग्यताओं के आधार पर किया जाता है। पद कार्य व्यवस्था पद वर्गीकरण की योजना है। दूसरे शब्दों में पद का वर्गीकरण पदकार्य की प्रकृति के आधार पर किया जाता है ना कि व्यक्ति की पद की स्थिति पर।

पद वर्गीकरण व्यवस्था में किसी कर्मचारी का दर्जा, वेतन आदि पद के कार्यों पर निर्भर होता है। किसी कर्मचारी द्वारा निभाए जाने वाले कर्तव्यों तथा उत्तरदायित्वों को पद का समूह कहा जाता है। यह किसी कर्मचारी की पहचान और व्यवसाय के रूप पर निर्भर नहीं होता। लोक सेवकों में पद वेतन और स्तर पर निर्भर करता है।

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    पद वर्गीकरण की परिभाषाएँ ( Definitions of Position Classification in Hindi )

    डिमॉक ( M.E.Dimock ) के अनुसार – वर्गीकरण का अर्थ है तुलनात्मक कठिनाइयों एवं उत्तरदायित्वों के अनुसार पदसोपान के रूप में पदों को छांटना और श्रेणीबद्ध करना ।

    फिफनर ( Pfiffner ) के अनुसार – वर्गीकरण से हमारा अर्थ यह है कि समान कार्य तथा समान उत्तरदायित्व वाले पद एक ही श्रेणी में रखे जाते हैं चाहे वह किसी भी विभाग अथवा सेवा से संबंधित हो।

    साइमन ( Simon ) के अनुसार – पद वर्गीकरण योजना लोक सेवाओं में अधिकार पूर्णता को समझने और सेवावर्गीय प्रक्रिया में व्यापक भूमिका निभाती है। पद वर्गीकरण में मुख्य धारणा यह है कि किसी संगठन में हर एक पद कर्तव्य तथा दायित्व का समूहीकरण भर्ती ,प्रतिफल ( Compensation ) और अन्य मामलों के आधार पर शामिल किया जाता है।

    Milton M.Mandell के अनुसार – वर्गीकरण का अर्थ कर्तव्यों एवं अपेक्षित योग्यताओं की समानता के आधार पर पदों को समूहबद्ध करना है ।

    स्टाहल ( Stahl ) के अनुसार – पद वर्गीकरण एक उपक्रम में पदों को उनके कर्तव्यों, दायित्वों, योग्यता संबंधी आवश्यकताओं के आधार पर समूह या श्रेणियों में व्यवस्थित करता है।

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    पद वर्गीकरण विकास योजना के पग ( Steps in the Development of Classification Plan In Hindi )

    स्टाहल ने पद वर्गीकरण विकास योजना की निम्नलिखित चार पग बताए हैं –

    • पदों का समूहीकरण समानताओं के आधार पर वर्गों में बदलना।
    • कर्तव्यों और अन्य तुलनात्मक विशेषताओं का पदों के वर्गीकरण के लिए रिकॉर्ड और वर्णन करना ( पद विश्लेषण और वर्णन )
    • व्यक्तिक पदों का आबंटन वर्गों में बताना ।
    • वर्ग के पदों के लिए लिखित स्तर और निर्देशन निर्धारित करना और इसके साथ इसकी विशेषताएं इसकी व्यक्तिगत पदों के वर्ग में भर्ती और परीक्षाओं संबंधी आबंटन करना।

    पदों के कर्तव्यों का रिकॉर्ड और वर्णन करना ( Analysing and Recording Duties of Position in Hindi )

    यह पदों तीन स्तर में बांटा जाता है

    स्टेज 1 – संगठन में कार्य के प्रति समझदारी, ज्ञान की आवश्यकता, कुछ विचार जो व्यक्तिगत पदों से दूसरे पदों में संबंध बनाते हैं का होना मुख्य कारक है। कुछ विचार जिनका वर्णन होता है वें हैं – (A) संगठन के द्वारा चार्ट, आंकड़े ,कार्यों का वर्णन आदि प्राप्त करना । ( B ) संगठन के संचालक द्वारा साक्षात्कार लेना ,वित्त और बजट का लोगों को ज्ञान होना ,संगठन में कार्य करने में भूमिका निभाते हैं।

    स्टेज 2 – संगठन के बारे में आम जानकारी के बाद वर्णनकर्ता पद के बारे में आवश्यक सूचना और उसके निरीक्षक के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करता है । यह कार्य प्रश्नावली के द्वारा ,व्यक्तिगत साक्षात्कार और अवलोकन आदि के द्वारा पूरा किया जाता है। इस तरह वर्णनकर्ता पद में पूरे कार्यों की जानकारी जांच द्वारा और अवलोकन के माध्यम से देता है।

    स्टेज 3 – सूचना के एकत्रित करने के बाद वर्णनकर्ता हर एक पद या पद पहचान समूह का पद वर्णन तैयार करता है। यह वर्णन कर्तव्यों और दायित्वों में पद कार्य के बारे में लेखा तैयार करता है। यह ज्ञान और कार्य में आवश्यक सामग्री के बारे में भी सहभागिता निभाता है।

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      FAQ Checklist

      सिविल सेवाओं का वर्गीकरण क्या हैं ?

      आधुनिक राज्य में लोक सेवाओं के प्रबंध में पदाधिकारी वर्गीकरण होना आवश्यक है। नौकरी के कार्य के लिए क्रम अनुसार वर्गीकरण और स्टाफ के लिए मानक स्थापित करना दो मुख्य विशेषताएं हैं पदाधिकारी व्यवस्था में। सामान्य अर्थों में वर्गीकरण की प्रक्रिया कार्यों के विभाजन और विशेषताओं के मुख्य आधारों पर की जाती है।

      सिविल सेवाओं के वर्गीकरण क्या लाभ हैं ?

      वर्गीकरण के लाभ निम्नलिखित हैं –
      1 .कार्य के विभाजन को सुविधाजनक बनाना
      2 .व्यक्तिगत दबाव के प्रभाव को कम करना

      कार्य के विभाजन को सुविधाजनक कैसे बना सकते हैं ?

      वर्गीकरण प्रणाली प्रबंध में एक औजार है। प्रशासकीय पदसोपान कार्य के सही विभाजन को बनाता है। विभिन्न स्तरों में प्रबंध कार्यों को संगठित करते हैं और विभाजन करते हैं। यह कार्य की प्रक्रिया में आने वाली समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। वर्गीकरण प्रणाली पदसोपान में विभिन्न स्तरों की आवश्यकता को व्यवस्थित करती है।

      वर्गीकरण प्रणाली में व्यक्तिगत दबाव के प्रभाव को कम कैसे करें।

      वर्गीकरण प्रणाली संस्थागत वेतन ढांचे और कुछ लक्ष्य जो सेवर पर आधारित होते हैं को निर्धारित करती है। यह व्यक्तिगत दबाव के प्रभाव को कम करती है एक ही वर्ग में। यह लोक सेवाओं के प्रबंध में आने वाली समस्याओं के मामले को समाप्त करती है और कर्मचारियों की सहायता करता है। यह प्रणाली कर्मचारियों को सुरक्षा और न्याय प्रदान करती है।

      भर्ती और प्रशिक्षण को सुविधाजनक कैसे बना सकते हैं ?

      वर्गीकरण प्रक्रिया प्रशिक्षण, पदोन्नति, भर्ती को सुविधाजनक बनाती है। किसी भी संगठन में सेवावर्गीय वर्गीकरण आवश्यक है और इसमें योग्यता को विभिन्न स्तरों पर निर्धारित किया जाता है।

      कर्मचारियों में अभिप्रेरणा उन्नत करना क्यों जरुरी हैं ?

      यह लोक सेवाओं में उद्देश्यों के मूल्यांकन की भागीदारी में मदद करते हैं। व्यवस्थित रूप से विकसित वर्गीकरण स्कीम संभव करती है, प्रबंध के कार्य के क्षेत्र की पहचान ,कर्मचारियों में कार्य के अनुसार भेद और उच्च कर्मचारी जो उच्च कार्य को करते हैं, सेवावर्गीय में मान्यता प्राप्त करना। इस तरह विकसित वर्गीकरण प्रबंध कर्मचारियों में अभिप्रेरणा उन्नत करता है।

      वर्गीकरण का आधार क्या हैं ?

      वर्गीकरण समूहीकरण एक इस तरह की प्रक्रिया है जिसमें एक से ज्यादा विशेषताएं वर्गों में कुछ वर्गीकरण होता है। कार्यात्मक पहचान वर्गीकरण का मुख्य आधार है। कार्यों का निर्धारण पद के आधार पर किया जाता है जिसमें कर्तव्यों तथा दायित्व को भी मुख्य रखा जाता है।

      वर्गीकरण के दो विभिन्न प्रकार कौन से हैं ?

      विश्व में वर्गीकरण के दो विभिन्न प्रकार है। एक तो ब्रिटेन में और दूसरा संयुक्त राज्य अमेरिका में विकसित है । ब्रिटेन और संयुक्त राज्य में मुख्य व्यवस्था ‘पद’ तथा ‘दर्जा ‘की अवधारणा लोक सेवाओं में प्रयोग की जाती है। पूरे विश्व में सरकार सेवाओं में दो सेवाओं के आधार पर नियुक्ति करती है जो कि पद वर्गीकरण और दर्जा वर्गीकरण के नाम से जानी जाती है।

      पद वर्गीकरण व्यवस्था क्या होती हैं ?

      पद वर्गीकरण व्यवस्था में किसी कर्मचारी का दर्जा, वेतन आदि पद के कार्यों पर निर्भर होता है। किसी कर्मचारी द्वारा निभाए जाने वाले कर्तव्यों तथा उत्तरदायित्वों को पद का समूह कहा जाता है। यह किसी कर्मचारी की पहचान और व्यवसाय के रूप पर निर्भर नहीं होता। लोक सेवकों में पद वेतन और स्तर पर निर्भर करता है।

      पद वर्गीकरण की परिभाषाएँ।

      डिमॉक ( M.E.Dimock ) के अनुसार – वर्गीकरण का अर्थ है तुलनात्मक कठिनाइयों एवं उत्तरदायित्वों के अनुसार पदसोपान के रूप में पदों को छांटना और श्रेणीबद्ध करना ।
      फिफनर ( Pfiffner ) के अनुसार – वर्गीकरण से हमारा अर्थ यह है कि समान कार्य तथा समान उत्तरदायित्व वाले पद एक ही श्रेणी में रखे जाते हैं चाहे वह किसी भी विभाग अथवा सेवा से संबंधित हो।

      साइमन के अनुसार पद वर्गीकरण क्या हैं ?

      साइमन ( Simon ) के अनुसार – पद वर्गीकरण योजना लोक सेवाओं में अधिकार पूर्णता को समझने और सेवावर्गीय प्रक्रिया में व्यापक भूमिका निभाती है। पद वर्गीकरण में मुख्य धारणा यह है कि किसी संगठन में हर एक पद कर्तव्य तथा दायित्व का समूहीकरण भर्ती ,प्रतिफल ( Compensation ) और अन्य मामलों के आधार पर शामिल किया जाता है।

      वर्गीकरण प्रणाली क्यों जरुरी हैं ?

      यह कर्मचारियों में कर्तव्यों और उत्तरदायित्व को समझने में मदद करता है और अच्छे प्रबंध में स्टाफ के संबंधों को अच्छा बनाता है। वर्गीकरण अच्छे पर्यवेक्षण के लिए इन आधारों को प्रदान करता है।

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