National Integration Meaning , Various Aspects, Dimensions in Hindi राष्ट्रीय एकीकरण के अर्थ और विभिन्न पक्ष

National Integration : राष्ट्रीय एकीकरण के अर्थ और विभिन्न पक्ष

राजनीति विज्ञान राष्ट्रीय एकीकरण

National Integration Meaning , Various Aspects, Dimensions in Hindi राष्ट्रीय एकीकरण के अर्थ और विभिन्न पक्ष – भारत एक विशाल देश है जिसमें अनेक प्रकार की भिन्नताएं पाई जाती है। यह एक बहुधर्मी, बहुजातियां तथा बहुभाषी देश है।

इसके अतिरिक्त देश के कुछ अलग भाग ऐसे हैं जो आर्थिक दृष्टि से बहुत अधिक विस्तृत हैं, जबकि कुछ क्षेत्र बहुत ही पिछड़े हुए हैं। इसके कारण उनमें अनावश्यक प्रतिस्पर्धा तथा ईर्ष्या की भावना पनपती रहती है।

YouTube Channel download
Telegram Group images

भारत के अनेक भागों में दिन-प्रतिदिन जातियां तथा सांप्रदायिक दंगे होते रहते हैं। जिससे अनेक निर्दोष व्यक्तियों की जाने जाती है और करोड़ों रुपए की संपत्ति की हानि होती है। जातियाता की भावना भी नागरिकों में बड़ी प्रबल है जिसके आधार पर उन में भेदभाव बना रहता है। इन कारणों से राष्ट्रीय एकीकरण भारत की एक गंभीर समस्या है।

Table of Contents विषय सूची

राष्ट्रीय एकीकरण का अर्थ ( Meaning of National Integration in Hindi )

राष्ट्रीय एकीकरण एक ऐसी भावना है जो विभिन्न संस्कृतियों ,जातियों तथा भाषाओं को बोलने वाले लोगों में एकता पैदा करती है। देश में विघटनकारी शक्तियों तथा प्रवृत्तियों का विरोध करती है तथा उन्हें पनपने से रोकती है। राष्ट्रीय एकीकरण का संबंध अनेकता में एकता पैदा करना होता हैं ।

अतः राष्ट्रीय एकीकरण का अर्थ है कि भारत की सदियों से चली आ रही सांस्कृतिक एकता की परंपराओं के आधार पर उस राष्ट्र में एक ऐसे संगठित सामूहिक जीवन का निर्माण करना जिसमें जातिवाद ,संप्रदायवाद ,भाषावाद और क्षेत्रवाद जैसे संकीर्ण और संकुचित भावनाएं पूरी तरह नष्ट हो जाए।

यह भी पढ़े –

राष्ट्रीय एकीकरण की परिभाषाएं ( Definitions of National Integration in Hindi )

मायरन विनर ( Myron Weinor ) के अनुसार- राष्ट्रीय एकीकरण का अर्थ है क्षेत्रीय एकता की एक ऐसी भावना विकसित करना जो अन्य वर्गीय निष्ठाओं को समाप्त करती है और ऐसी भावना जो छोटी निष्ठाओं से श्रेष्ठ होती है।

एच ए गनि ( H.A.Gani ) के अनुसार राष्ट्रीय एकीकरण एक ऐसी सामाजिक ,मनोवैज्ञानिक और शैक्षणिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा लोगों के दिलों में एकता और संबंधता की भावना विकसित होती है और उनमें सामान्य नागरिकता की भावना अथवा राष्ट्र के प्रति भावना का विकास होता है।

डॉ राधाकृष्णन के अनुसार राष्ट्रीय एकीकरण कोई भवन नहीं जिसे ईटों व चुने आदि से बनाया जा सकता हो। यह एक औद्योगिक योजना भी नहीं है जिस पर विशेषज्ञों द्वारा विचार किया जा सकता है और रचनात्मक रूप दिया जा सकता है। इसके विपरीत राष्ट्रीय एकीकरण एक ऐसा विचार है जिसका विकास लोगों के दिलों में होता है। यह एक चेतना है जिससे सामूहिक रूप में लोगों को जगाना है।

यह भी पढ़े –

भारत में राष्ट्रीय एकीकरण के विभिन्न पक्ष ( Various Aspects of National Integration in India )

राष्ट्रीय एकीकरण के अनेक पहलू हैं जिनका उचित ढंग से समाधान करने से यह राष्ट्रीय एकीकरण के कार्य को पूरा किया जा सकता है। राष्ट्रीय एकीकरण के विभिन्न पहलू अथवा पक्ष इस प्रकार हैं –

सामाजिक पक्ष ( Social Aspects )

सामाजिक पहलू यह मांग करता है कि समाज के विभिन्न वर्गों में समानता की स्थापना की जाए और किसी भी वर्ग जाति धर्म वंश और संस्कृति के आधार पर कोई भेदभाव ना किया जाए। समाज के किसी वर्ग को विशेष अधिकार या विशेष सुविधाएं प्रदान ना की जाए जिनसे अन्य वर्गों को वंचित रखा गया हो।

भारतीय संविधान द्वारा छुआछूत ,धर्म ,जाति ,वंश तथा रंग आदि के आधार पर किए जाने वाले भेदभाव को समाप्त कर दिया गया है परंतु देश के कई भागों में पिछड़ी जातियों के लोगों के साथ अब भी बड़ा अपमानजनक तथा घृणात्मक व्यवहार किया जाता है जो उस वर्ग के लोगों में असंतुष्टता की भावना पैदा करता है। सामाजिक पहलू से पैदा हुई समस्याओं का उचित समाधान करने से ही राष्ट्रीय एकीकरण के उद्देश्य को प्राप्त किया जा सकता है।

यह भी पढ़े –

राजनीतिक पक्ष ( Political Aspects )

राजनीतिक दृष्टि से राष्ट्रीय एकीकरण का अर्थ राष्ट्र का क्षेत्रीय एकीकरण करना और उसमें एक ऐसी सार्वजनिक सत्ता की स्थापना करना जिसे राष्ट्र के सभी वर्गों की वफादारी प्राप्त हो। भारत में एक कार्य काफी सीमा तक कर दिए गए हैं।

भारत की विभिन्न भौगोलिक इकाइयों का राष्ट्रीय एकीकरण करने के लिए भाषा के आधार पर उन्हें 29 राज्यों में संगठित किया गया है। भारत में लोकतंत्र प्रणाली होने के कारण केंद्र तथा राज्यों में लोगों के द्वारा निर्वाचित सरकारें स्थापित है और लोगों की उनके प्रति पूर्ण निष्ठा है।

आर्थिक पक्ष ( Economic Aspects )

राष्ट्रीय एकीकरण का आर्थिक पक्ष इस बात की मांग करता है कि राष्ट्र के सदस्यों में बहुत अधिक आर्थिक असमानताएं ना हो और राष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों का संतुलित आर्थिक विकास हो। राष्ट्रीय एकीकरण के लिए लोगों में गरीबी ,बेरोजगारी तथा अनपढ़ता को दूर करना और उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाना बहुत आवश्यक है। इस प्रकार राष्ट्र के आर्थिक दृष्टि से पिछड़े क्षेत्रों के लोगों के प्रति ईर्ष्या तथा घृणा की भावना उत्पन्न होती है।

यह भी पढ़े –

सांस्कृतिक पक्ष ( Cultural Aspects )

लोगों की संस्कृति में उनके रीति रिवाज ,रहने सहने का ढंग, भाषा आदि शामिल होते हैं। भारत में सांस्कृतिक भिन्नता बहुत बड़े पैमाने पर पाई जाती है जो राष्ट्रीय एकीकरण के लिए एक बड़ी समस्या बनी हुई है। लोग अपनी संस्कृति के साथ इतने अधिक जुड़े हुए हैं कि वे राष्ट्रीय हितों की अपेक्षा अपने सांस्कृतिक हितों के प्रति अधिक निष्ठा रखते हैं।

राष्ट्रीय एकीकरण के लिए विभिन्न संस्कृतियों से संबंध रखने वाले लोगों में आपसी मेल मिलाप बढ़ाना और विभिन्नता में एकता स्थापित करना आवश्यक है। इसके लिए राष्ट्रीय ध्वज ,राष्ट्रगान तथा राष्ट्रीय भाषा के लिए लोगों में निष्ठा और सम्मान पैदा करना आवश्यक है।

मनोवैज्ञानिक पक्ष ( Psychological Aspects )

राष्ट्रीय एकीकरण का मनोवैज्ञानिक पक्ष इसका सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। राष्ट्रीय एकीकरण एक भावात्मक विचार है जो लोगों के मन में उत्पन्न होता है। जब तक लोगों में भावनात्मक एकीकरण की भावना को पैदा नहीं किया जाता तब तक राष्ट्रीय एकीकरण के उद्देश्य की प्राप्ति नहीं हो सकती । लोगो के मन में एकीकरण के विचार को पैदा किया जाना चाहिए।

यह भी पढ़े –

FAQ Checklist

राष्ट्रीय एकीकरण की कोई एक परिभाषा बताएं ।

एच ए गनि ( H.A.Gani ) के अनुसार राष्ट्रीय एकीकरण एक ऐसी सामाजिक ,मनोवैज्ञानिक और शैक्षणिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा लोगों के दिलों में एकता और संबंधता की भावना विकसित होती है और उनमें सामान्य नागरिकता की भावना अथवा राष्ट्र के प्रति भावना का विकास होता है।

राष्ट्रीय एकीकरण का क्या अर्थ है ?

राष्ट्रीय एकीकरण का अर्थ है कि भारत की सदियों से चली आ रही सांस्कृतिक एकता की परंपराओं के आधार पर उस राष्ट्र में एक ऐसे संगठित सामूहिक जीवन का निर्माण करना जिसमें जातिवाद ,संप्रदायवाद ,भाषावाद और क्षेत्रवाद जैसे संकीर्ण और संकुचित भावनाएं पूरी तरह नष्ट हो जाए।

भारत में राष्ट्रीय एकीकरण के विभिन्न पक्ष कौन से है ?

भारत में राष्ट्रीय एकीकरण के पांच मुख्य पहलू हैं -सामाजिक पक्ष ,राजनीतिक पक्ष, आर्थिक पक्ष, सांस्कृतिक पक्ष, मनोवैज्ञानिक पक्ष ।

राष्ट्रीय एकीकरण का सामाजिक पक्ष क्या हैं ?

सामाजिक पहलू यह मांग करता है कि समाज के विभिन्न वर्गों में समानता की स्थापना की जाए और किसी भी वर्ग जाति धर्म वंश और संस्कृति के आधार पर कोई भेदभाव ना किया जाए। समाज के किसी वर्ग को विशेष अधिकार या विशेष सुविधाएं प्रदान ना की जाए जिनसे अन्य वर्गों को वंचित रखा गया हो।

राष्ट्रीय एकीकरण की राजनीतिक पक्ष का क्या अर्थ है

राजनीतिक दृष्टि से राष्ट्रीय एकीकरण का अर्थ राष्ट्र का क्षेत्रीय एकीकरण करना और उसमें एक ऐसी सार्वजनिक सत्ता की स्थापना करना जिसे राष्ट्र के सभी वर्गों की वफादारी प्राप्त हो।

राष्ट्रीय एकीकरण के आर्थिक पक्ष का क्या अर्थ है ?

राष्ट्रीय एकीकरण का आर्थिक पक्ष इस बात की मांग करता है कि राष्ट्र के सदस्यों में बहुत अधिक आर्थिक असमानताएं ना हो और राष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों का संतुलित आर्थिक विकास हो।

राष्ट्रीय एकीकरण के सांस्कृतिक पक्ष का क्या अर्थ है ?

लोगों की संस्कृति में उनके रीति रिवाज ,रहने सहने का ढंग, भाषा आदि शामिल होते हैं। राष्ट्रीय एकीकरण के लिए विभिन्न संस्कृतियों से संबंध रखने वाले लोगों में आपसी मेल मिलाप बढ़ाना और विभिन्नता में एकता स्थापित करना आवश्यक है। इसके लिए राष्ट्रीय ध्वज ,राष्ट्रगान तथा राष्ट्रीय भाषा के लिए लोगों में निष्ठा और सम्मान पैदा करना आवश्यक है।

राष्ट्रीय एकीकरण का मनोवैज्ञानिक पक्ष महत्वपूर्ण क्यों हैं ?

राष्ट्रीय एकीकरण का मनोवैज्ञानिक पक्ष इसका सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। राष्ट्रीय एकीकरण एक भावात्मक विचार है जो लोगों के मन में उत्पन्न होता है। जब तक लोगों में भावनात्मक एकीकरण की भावना को पैदा नहीं किया जाता तब तक राष्ट्रीय एकीकरण के उद्देश्य की प्राप्ति नहीं हो सकती । लोगो के मन में एकीकरण के विचार को पैदा किया जाना चाहिए।

और पढ़े –