Department System Features, characteristics, Merits, Demerits,Basis in Hindi -विभाग की विशेषताएं,लाभ,गुण-दोष , विभागीय प्रणाली

Department System : विभाग की विशेषताएं | लाभ | गुण | दोष

पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन राजनीति विज्ञान विभाग

Department System Meaning ,Features,merits,Demerits-विभाग की विशेषताएं,आधार,लाभ ,गुण,दोष – आधुनिक युग में राज्यों के कार्यों में बहुत बृद्धि हुई है तथा इन सारे कार्यों को पूर्ण करने के लिए कोई एक प्रकार की प्रशासकीय इकाई सफल नहीं हो सकती । यही कारण है कि सरकार को अनेकों कार्यों को उचित ढंग से करने के लिए भिन्न-भिन्न प्रशासकीय इकाइयां स्थापित करनी पड़ती है।

परंतु किसी भी कार्य की सफलता उसके संगठन पर निर्भर करती है। अच्छे चयन का अर्थ है ,अच्छा मैनेजमेंट जिससे सही कार्य होता है। परंतु यदि संगठन का गलत चुनाव हो जाए तो उससे सेवाओं में अयोग्यता आ जाएगी तथा प्रबंध भी बिगड़ जाएगा। एक देश तथा दूसरे देश में एक उद्योग तथा दूसरे उद्योग में अपनाए गए संगठन के रूप में तथा कानूनी दर्जे में अंतर होता है।

यह अंतर वहां के संविधान, सरकार के नियम, सामाजिक आवश्यकताओं तथा आर्थिक हालातों के कारण होता है। विकासशील राज्यों को विकसित राज्यों के अनुभव से पूरा पूरा लाभ उठाना चाहिए। और उनकी केवल नकल करना काफी हानिकारक सिद्ध हो सकता है।

विभाग की विशेषताएं,लाभ ,गुण,दोष ( Department’s features, advantages, merits, demerits in Hindi )

सरकार अपने अनेकों उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए संगठन के विभिन्न रूप जैसे कि विभाग ,लोक निगम ,सरकारी कंपनी आदि की सेवाएं प्राप्त करती है। संगठन के भिन्न-भिन्न रूपों का विस्तार से वर्णन इस प्रकार हैं-

विभाग ( Meaning of Department in Hindi )

विभाग ( Meaning of Department in Hindi ) – विभाग प्रशासन के कार्य की बुनियादी तथा सबसे पुराना रूप है तथा लगभग सभी देशों में इसका प्रयोग किया जाता है। अवस्थी महेश्वरी के अनुसार -विभाग प्रशासकीय इकाई की बुनियादी इकाई है जिस पर सरकारी क्रिया को पूरा करने का दायित्व होता है।

भारत में विभागीय प्रणाली प्रशासकीय ढांचे की सबसे बड़ी तथा पुरानी इकाई है जैसे डाक तथा तार ( Post and Telegraph ) रेलवे ( Railway ) , रक्षा ( Defence ) तथा कुछ और जनउपयोगी वाली सेवाओं के लिए अपनाया गया है।

विभाग लोक प्रशासन की एक महत्वपूर्ण इकाई है जिसकी स्थापना राज्य के कुछ विशेष कार्यों को पूरा करने के लिए तथा नीतियों को लागू करने के लिए की जाती है। राज्य का प्रत्येक विभाग किसी न किसी मंत्री के अधीन रखा जाता है तथा वह विभाग के सफल संचालन के लिए विधानमंडल के प्रति उत्तरदाई होता है।

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विभाग की विशेषताएं ( Department Features in Hindi )

विभाग की महत्वपूर्ण विशेषताओं का वर्णन निम्नलिखित है

  • प्रत्येक विभाग का राजनीतिक मुखिया मंत्री होता है और जो लोगों का मनपसंद नेता होता है तथा जो अपने विभाग के सभी कार्यों के लिए विधानमंडल के प्रति उत्तरदाई होता है।
  • विभाग लोक प्रशासन की महत्वपूर्ण बुनियादी इकाई है। सरकार लगभग अपने सभी कार्यों की पूर्ति विभागीय प्रणाली द्वारा करती है।
  • विभाग की स्थापना भारत जैसे देश में कार्यपालिका के आदेश के अनुसार की जाती है। इसमें आवश्यकता अनुसार परिवर्तन करने तथा समाप्त करने का अधिकार भी कार्यपालिका के पास होता है।
  • एक क्षेत्र से संबंधित सभी कार्य को एक विभाग के अधीन संगठित किया जाता है जैसे शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग आदि।
  • विभाग आदेश की एकात्मक लड़ी के सिद्धांत पर आधारित होता है।
  • विभागों को सरकार के आवश्यक अंग समझा जाता है तथा इसलिए सरकार की स्वीकृति के बिना इनके विरुद्ध कोई मुकदमा नहीं किया जा सकता।

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विभाग के गुण/लाभ (Merits of Department Organization in Hindi )

विभागीय प्रणाली जिसके अनुसार सरकार अपने अनेकों कार्यों की पूर्ति करती है । विभागीय प्रणाली के निम्नलिखित गुण व लाभ है-

  • विभागीय प्रणाली लोकतंत्र के सिद्धांतों पर आधारित होती है अर्थात मंत्री अपने विभाग के सभी कार्यों के लिए विधानमंडल के प्रति उत्तरदाई होता है।
  • विभागीय प्रणाली का दूसरा बड़ा लाभ यह है कि सरकार के भिन्न-भिन्न विभागों में सहयोग तथा तालमेल पाया जाता है अर्थात जब मंत्रिमंडल की मीटिंग होती है यह सभी मंत्री वहां बैठकर आपसी सहयोग तथा तालमेल पैदा कर लेते हैं।
  • विभागीय प्रणाली का एक बड़ा लाभ यह है कि प्रशासकीय कार्यों में स्पष्टता होती है जिस कारण कानून तथा नियमों को बनाने में कोई मुश्किल पेश नहीं आती।
  • सरकारी विभागों में साधारण तौर पर कानून तथा नियमों को समान रूप से लागू किया जाता है। इसलिए संसद को कानूनों का निर्माण करने में काफी आसानी रहती है।
  • इसका एक अन्य बड़ा लाभ यह है कि भिन्न-भिन्न विभागों में कीमती मशीनों का प्रयोग सभी विभागों में किया जाता है। इससे प्रशासन में केवल बचत ही नहीं होती बल्कि कार्यकुशलता भी बढ़ती है।
  • प्रशासन का प्रभावशाली नियंत्रण विभागीय प्रणाली का एक और महत्वपूर्ण लाभ है क्योंकि प्रत्येक विभाग किस न किसी मंत्री के नियंत्रण के अधीन होता है जिससे उसका विभाग से निरंतर संबंध बना रहता है। विभाग के अच्छे संसाधन के लिए मंत्री जिम्मेदार होता है।
  • विभागीय प्रणाली का एक और लाभ यह है कि इसमें सरकार के कार्यों को गुप्त रखा जाता है। इसलिए विभागीय संगठन को प्रशासकीय ढांचे के लिए काफी लाभदायक माना जाता है।
  • विभागीय प्रणाली का एक और लाभ यह है कि इसके अधीन लाइब्रेरी तथा प्रयोगशाला में तकनीकी तथ्यों के योग्य अनुभव किए जा सकते हैं।
  • विभागीय प्रणाली का लाभ यह भी है कि इससे प्रशासन में दोहरेपन की समस्या समाप्त हो जाती है।

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विभाग के दोष ( Demerits of Department System in Hindi )

विभागीय संगठन के जहां अनेकों गुण है वहां इसमें कई दोष भी पाए जाते हैं जिनका वर्णन निम्नलिखित है-

  • इस प्रकार के संगठन के अधीन केंद्रीय करण पर बहुत ज्यादा जोर दिया जाता है तथा शक्तियों को आगे सौंपने का उचित प्रबंध नहीं किया जाता जिससे प्रशासन को हानि होने की संभावना होती है।
  • यह पहल-कदमी तथा लचीलापन के गुणों को खत्म करता है। यह दोनों ही लोक उधम की सफलता के लिए अति आवश्यक तत्व माने जाते हैं तथा इसी प्रकार आर्थिक ,व्यापारिक तथा औद्योगिक कारण के लिए इन नियमों का पालन किया जाता है।
  • सरकार द्वारा निर्धारित किए गए नियम बड़े कठोर होते हैं तथा जिन्हें आवश्यकतानुसार बदला नहीं जा सकता। यह कठोर नियम लोगो धमो की सफलता के रास्ते में बहुत बड़ी बाधा बन जाते हैं।
  • विकसित हो रहे देशों में साधारण तौर पर योग्य सिविल कर्मचारियों की कमी होती है तथा जो होते भी हैं वह मंत्रालय के दैनिक कार्यों के भार से दबे होते हैं। उनको व्यापारिक सेवाओं के लिए ना तो कोई विशेष शिक्षा होती है और ना समय तथा ना ही अनुभव इसलिए वह लोक उद्योग का प्रबंध करने के लिए उचित सिद्ध नहीं हो सकते।
  • संगठन प्रणाली का एक बड़ा दोष या है कि वित्त तथा बजट के पक्ष पर बड़ा कठोर नियंत्रण होता है। यही कारण है कि व्यापारिक उद्योग अपने पैरों पर खड़े नहीं हो सकते।
  • विभाग किसी ने किसी मंत्री के नियंत्रण के अधीन काम करता है तथा जो आगे संसद के प्रति उत्तरदाई होता है इसलिए प्रबंध की हर मुद्दे को संसद में चुनौती दी जा सकती है उसकी छानबीन तथा आलोचना भी की जाती है जो व्यापारिक उद्योग की सफलता के मार्ग में बहुत बड़ी बाधा बनती है।

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FAQ Checklist

विभाग से क्या तात्पर्य हैं ?

विभाग ( Meaning of Department in Hindi ) – विभाग प्रशासन के कार्य की बुनियादी तथा सबसे पुराना रूप है तथा लगभग सभी देशों में इसका प्रयोग किया जाता है। अवस्थी महेश्वरी के अनुसार -विभाग प्रशासकीय इकाई की बुनियादी इकाई है जिस पर सरकारी क्रिया को पूरा करने का दायित्व होता है।

विभाग को लोक प्रशासन की एक महत्वपूर्ण इकाई क्यों कहा जाता हैं ?

विभाग लोक प्रशासन की एक महत्वपूर्ण इकाई है जिसकी स्थापना राज्य के कुछ विशेष कार्यों को पूरा करने के लिए तथा नीतियों को लागू करने के लिए की जाती है। राज्य का प्रत्येक विभाग किसी न किसी मंत्री के अधीन रखा जाता है तथा वह विभाग के सफल संचालन के लिए विधानमंडल के प्रति उत्तरदाई होता है।

विभाग की महत्वपूर्ण विशेषताएं बताओं।

1 .प्रत्येक विभाग का राजनीतिक मुखिया मंत्री होता है और जो लोगों का मनपसंद नेता होता है तथा जो अपने विभाग के सभी कार्यों के लिए विधानमंडल के प्रति उत्तरदाई होता है।
2 .विभाग लोक प्रशासन की महत्वपूर्ण बुनियादी इकाई है। सरकार लगभग अपने सभी कार्यों की पूर्ति विभागीय प्रणाली द्वारा करती है।

विभाग के दो गुण बताओं।

1 .विभागीय प्रणाली लोकतंत्र के सिद्धांतों पर आधारित होती है अर्थात मंत्री अपने विभाग के सभी कार्यों के लिए विधानमंडल के प्रति उत्तरदाई होता है।
2 .विभागीय प्रणाली का दूसरा बड़ा लाभ यह है कि सरकार के भिन्न-भिन्न विभागों में सहयोग तथा तालमेल पाया जाता है अर्थात जब मंत्रिमंडल की मीटिंग होती है यह सभी मंत्री वहां बैठकर आपसी सहयोग तथा तालमेल पैदा कर लेते हैं।

विभाग के दो दोष बताओं।

1 .इस प्रकार के संगठन के अधीन केंद्रीय करण पर बहुत ज्यादा जोर दिया जाता है तथा शक्तियों को आगे सौंपने का उचित प्रबंध नहीं किया जाता जिससे प्रशासन को हानि होने की संभावना होती है।
2 .यह पहल-कदमी तथा लचीलापन के गुणों को खत्म करता है। यह दोनों ही लोक उधम की सफलता के लिए अति आवश्यक तत्व माने जाते हैं तथा इसी प्रकार आर्थिक ,व्यापारिक तथा औद्योगिक कारण के लिए इन नियमों का पालन किया जाता है।

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