Human Rights Meaning-Universal Declaration-Importance in Hindi -मानव अधिकार अर्थ,महत्व ,सार्वभौमिक विश्वव्यापी घोषणा -Manav Adhikar kya hain

Human Rights :मानव अधिकार अर्थ | महत्व | सार्वभौमिक घोषणा पत्र

अंतरराष्‍ट्रीय मुद्दे मानव अधिकार राजनीति विज्ञान

Human Rights Meaning , Universal Declaration Importance in Hindi मानव अधिकार अर्थ , महत्व ,सार्वभौमिक घोषणा ,विश्वव्यापी घोषणा- मानव सृष्टि की सर्वश्रेष्ठ कृति समझा जाता हैं । उसके समुचित उत्थान और विकास हेतु आवश्यक है कि उसे जन्म के उपरांत ही कुछ मूलभूत अधिकार स्वत: ही प्राप्त हो जाए।

यह समाज तथा सरकार का पुनीत कर्तव्य और दूसरे शब्दों में उत्तरदायित्व होना चाहिए कि वह प्रत्येक व्यक्ति को समाज में सम्मान और सुरक्षा के साथ जीवन व्यतीत करने के लिए सभी साधन और अवसर उपलब्ध कराएं ।

YouTube Channel download
Telegram Group images

इसी परिप्रेक्ष्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘ संयुक्त राष्ट्र संघ ‘ द्वारा बिना देश , धर्म , लिंग और जाति के भेदभाव के संपूर्ण विश्व के प्रत्येक मानव के लिए मूलभूत अधिकार दिलाने के लिए ‘मानवाधिकार घोषणा’ के नाम से एक महत्वपूर्ण प्रयास किया गया।

संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 10 दिसंबर 1948 को जारी मानव अधिकार घोषणा में सभी देशों के प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम 30 अधिकार प्रदान करने की घोषणा की गई है।

Table of Contents विषय सूची

मानव अधिकारों का अर्थ ( Meaning of Human Rights in Hindi )

10 दिसंबर 1948 को संयुक्त राष्ट्र संघ ने मानव अधिकार घोषणा पत्र द्वारा जिन अधिकारों को मानव की गरिमा और विकास के लिए अंगीकृत किया है उन्हें मानव अधिकार कहा जाता है। मानव अधिकार वास्तव में वे अधिकार एवं सुविधाएं हैं जो कि सभी व्यक्तियों को मिलने चाहिए। इसमें वंश ,वर्ण ,लिंग ,भाषा, धर्म ,सामाजिक स्तर या अन्य किसी आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए।

यह भी पढ़े –

मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा ( Universal Declaration of Human Rights in Hindi )

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 10 दिसंबर 1948 को मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा की। संयुक्त राष्ट्र ने घोषणा के साथ-साथ सभी सदस्य देशों से आग्रह किया कि उनके शासन का रूप चाहे कैसा भी क्यों ना हो वह इन अधिकारों को मान्यता प्रदान करें तथा इनका व्यापक रूप से प्रचार करके जनसाधारण को इनके प्रति जागरूक बनाएं।

मानव अधिकारों की घोषणा पत्र में प्रस्तावना सहित 30 धाराएं हैं जिनके अंतर्गत नागरिक और राजनीतिक अधिकारों के साथ-साथ आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक अधिकार भी सम्मिलित है। नीचे इन अधिकारों का विस्तार से अध्ययन किया गया है-

नागरिक अधिकार ( Civil Right in Hindi )

नागरिक अधिकार ( Meaning of Civil Right in Hindi ) – घोषणा पत्र में नागरिक अधिकारों में जीवन स्वतंत्रता और सुरक्षा का अधिकार ,अत्याचार और उत्पीड़न से रक्षा का अधिकार, मनमाने रूप से बंदी बनाए जाने और देश निकाले से रक्षा का अधिकार ,कानून के सामने समानता का अधिकार , अपराधी प्रमाणित ना होने तक निर्दोष समझे जाने का अधिकार ,विचार- विवेक एवं धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार ,परिवार की सुरक्षा का अधिकार आदि है ।

राजनीतिक अधिकार ( Political Rights in Hindi )

राजनीतिक अधिकार ( Meaning of Political Rights in Hindi ) – राजनीतिक अधिकारों में शांतिपूर्ण ढंग से मिलने और संघ बनाने का अधिकार ,सरकारी नौकरी करने का अधिकार ,मताधिकार ,सार्वजनिक और राजनीतिक कार्यों में भाग लेने का अधिकार आदि है।

आर्थिक अधिकार ( Economic Rights in Hindi )

आर्थिक अधिकार ( Meaning of Economic Rights in Hindi ) – घोषणा पत्र के आर्थिक अधिकारों में कार्य करने का अधिकार ,इच्छा अनुसार कार्य चुनने का अधिकार ,समान कार्य के लिए समान वेतन पाने का अधिकार ,संपत्ति का अधिकार ,विश्राम एवं अवकाश का अधिकार ,श्रमिक संघ बनाने का अधिकार आदि है।

यह भी पढ़े –

सामाजिक अधिकार ( Social Rights in Hindi )

सामाजिक अधिकार ( Meaning of Social Rights in Hindi ) – घोषणा पत्र के सामाजिक अधिकारों में आपसी सहमति के आधार पर विवाह करने का अधिकार ,पति-पत्नी की समानता का अधिकार, शिक्षा का अधिकार एवं माताओं तथा शिशुओं के देखरेख की व्यवस्था का अधिकार आदि है।

सांस्कृतिक अधिकार ( Cultural Rights in Hindi )

सांस्कृतिक अधिकार ( Meaning of Cultural Rights in Hindi ) – घोषणापत्र में मानव को अपने समाज के सांस्कृतिक जीवन में भाग लेने तथा कला, विज्ञान व साहित्य के क्षेत्र में प्रगति करने का अधिकार प्रदान किए जाएं।

मानव अधिकारों को संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा ने सभी राष्ट्रों के निवासियों के जीवन-यापन का सामान्य स्तर या मापदंड बता कर इन्हें सभी व्यक्तियों एवं राष्ट्रों के लिए अनिवार्य माना है। मानव अधिकारों की इस घोषणा को एक अंतरराष्ट्रीय मैग्नाकार्टा अथवा मानव अधिकारों का एक अंतरराष्ट्रीय चार्टर कहना उचित है।

मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा का महत्व ( Human Rights Importance of Universal Declaration in Hindi )

मानव अधिकारों की विश्वव्यापी घोषणा के महत्व को हम निम्नलिखित रूप से स्पष्ट कर सकते हैं –

  • यह घोषणा साधारण मनुष्य की सबसे सर्वोत्तम आकांक्षाओं को व्यक्त करती है।
  • यह घोषणा सर्वव्यापी है अर्थात संपूर्ण विश्व के लिए है।
  • इस घोषणा में घोषित अधिकारों तथा स्वतंत्रता ओं का क्षेत्र व्यापक है इसमें सभी आर्थिक सामाजिक तथा राजनीतिक अधिकारों का उल्लेख है।
  • इस घोषणा की रचना किसी एक व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के किसी विशेष समूह द्वारा नहीं की गई परंतु सभी राष्ट्रों के एक संगठित समाज ने इसका निर्माण किया है।
  • घोषणा में उल्लेखित अधिकार बिना किसी भेदभाव के सभी मनुष्यों के लिए है।

यह भी पढ़े –

मानवाधिकार एवं भारत ( Human Rights and India )

अपने पराधीनता काल में भारत ने स्वयं मानवाधिकारों के लिए संघर्ष किया था। स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद भी भारत मानव अधिकारों का प्रमुख समर्थक रहा है ,इसलिए अपने संविधान के द्वारा नागरिकों को मौलिक अधिकार प्रदान किए गए हैं। विश्व स्तर पर भी मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए हमेशा भारत आगे रहता है। इसी के अंतर्गत वह अनेक पराधीन देशों के लोगों के द्वारा चलाए गए स्वतंत्रता आंदोलनों का समर्थन करता है।

अक्टूबर 1985 को नसाऊ में हुए राष्ट्रकुल सम्मेलन तथा 30 नवंबर 1985 को हुई संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में दक्षिण अफ़्रीका के विरुद्ध प्रतिबंध लगाए जाने से संबंधित प्रस्ताव पारित होने में भी भारत के प्रयासों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

फिलिस्तीनी मुक्ति संघर्ष का समर्थन भी भारत मानव अधिकारों के प्रति अपने समर्थन की नीति के अंतर्गत ही कर रहा है। भारत विशेष रूप से निर्गुण आंदोलन ,महासभा और सुरक्षा परिषद की समय-समय पर होने वाली बैठकों तथा सम्मेलनों में मानवाधिकारों के समर्थन में सराहनीय भूमिका निभा रहा हैं ।

भारत सरकार ने मानव अधिकारों के संबंध में अपने उत्तरदायित्व को भलीभांति निभाने के लिए अक्टूबर 1993 में देश में ‘राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ‘ का गठन किया गया और विभिन्न राज्यों में भी ‘ राज्य मानवाधिकार आयोग ‘ का गठन कर इस व्यवस्था को अधिक सुदृढ़ एवं संगठन बनाने का प्रयास किया है। मानवाधिकार आयोग का मुख्य उद्देश्य देश के सभी नागरिकों के मूलभूत अधिकारों की रक्षा करने संबंधी व्यवस्था की निगरानी करना है।

यह भी पढ़े –

FAQ Checklist

मानव अधिकार दिवस कब मनाया जाता हैं ?

10 दिसंबर 1948 को संयुक्त राष्ट्र संघ ने मानवाधिकार घोषणापत्र द्वारा सभी को जरूरी 30 अधिकार प्रदान किया हैं । इसलिए 10 दिसंबर को मानव अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है ।

मानव अधिकारों का अर्थ क्या हैं ?

10 दिसंबर 1948 को संयुक्त राष्ट्र संघ ने मानवाधिकार घोषणापत्र द्वारा जिन अधिकारों को मानव की गरिमा और विकास के लिए अंगीकृत किया है उन्हें मानव अधिकार कहा जाता है।

मानव अधिकार क्या हैं ?

मानव अधिकार वास्तव में वे अधिकार एवं सुविधाएं हैं जो कि सभी व्यक्तियों को मिलने चाहिए। इसमें वंश ,वर्ण ,लिंग ,भाषा, धर्म ,सामाजिक स्तर या अन्य किसी आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए।

नागरिक अधिकार से क्या तात्पर्य हैं ?

नागरिक अधिकार ( Meaning of Civil Right in Hindi ) – घोषणा पत्र में नागरिक अधिकारों में जीवन स्वतंत्रता और सुरक्षा का अधिकार ,अत्याचार और उत्पीड़न से रक्षा का अधिकार, मनमाने रूप से बंदी बनाए जाने और देश निकाले से रक्षा का अधिकार ,कानून के सामने समानता का अधिकार , अपराधी प्रमाणित ना होने तक निर्दोष समझे जाने का अधिकार ,विचार- विवेक एवं धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार ,परिवार की सुरक्षा का अधिकार आदि है ।

मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा का क्या मतलब है ?

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 10 दिसंबर 1948 को मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा की। संयुक्त राष्ट्र ने घोषणा के साथ-साथ सभी सदस्य देशों से आग्रह किया कि उनके शासन का रूप चाहे कैसा भी क्यों ना हो वह इन अधिकारों को मान्यता प्रदान करें तथा इनका व्यापक रूप से प्रचार करके जनसाधारण को इनके प्रति जागरूक बनाएं।

राजनीतिक अधिकार से क्या तात्पर्य हैं ?

राजनीतिक अधिकार ( Meaning of Political Rights in Hindi ) – राजनीतिक अधिकारों में शांतिपूर्ण ढंग से मिलने और संघ बनाने का अधिकार ,सरकारी नौकरी करने का अधिकार ,मताधिकार ,सार्वजनिक और राजनीतिक कार्यों में भाग लेने का अधिकार आदि है।

आर्थिक अधिकार का क्या मतलब है ?

आर्थिक अधिकार ( Meaning of Economic Rights in Hindi ) – घोषणा पत्र के आर्थिक अधिकारों में कार्य करने का अधिकार ,इच्छा अनुसार कार्य चुनने का अधिकार ,समान कार्य के लिए समान वेतन पाने का अधिकार ,संपत्ति का अधिकार ,विश्राम एवं अवकाश का अधिकार ,श्रमिक संघ बनाने का अधिकार आदि है।

सामाजिक अधिकारों का क्या अर्थ है ?

सामाजिक अधिकार ( Meaning of Social Rights in Hindi ) – घोषणा पत्र के सामाजिक अधिकारों में आपसी सहमति के आधार पर विवाह करने का अधिकार ,पति-पत्नी की समानता का अधिकार, शिक्षा का अधिकार एवं माताओं तथा शिशुओं के देखरेख की व्यवस्था का अधिकार आदि है।

सांस्कृतिक अधिकार से क्या समझते हैं ?

सांस्कृतिक अधिकार ( Meaning of Cultural Rights in Hindi ) – घोषणापत्र में मानव को अपने समाज के सांस्कृतिक जीवन में भाग लेने तथा कला, विज्ञान व साहित्य के क्षेत्र में प्रगति करने का अधिकार प्रदान किए जाएं।

मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा का महत्व बताएं ।

इस घोषणा में घोषित अधिकारों तथा स्वतंत्रताओं का क्षेत्र व्यापक है इसमें सभी आर्थिक ,सामाजिक तथा राजनीतिक अधिकारों का उल्लेख है। घोषणा में उल्लेखित अधिकार बिना किसी भेदभाव के सभी मनुष्यों के लिए है।

मानव अधिकार के प्रति भारत का दृष्टिकोण कैसा है ?

अपने पराधीनता काल में भारत ने स्वयं मानवाधिकारों के लिए संघर्ष किया था। स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद भी भारत मानव अधिकारों का प्रमुख समर्थक रहा है ,इसलिए अपने संविधान के द्वारा नागरिकों को मौलिक अधिकार प्रदान किए गए हैं। विश्व स्तर पर भी मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए हमेशा भारत आगे रहता है। इसी के अंतर्गत वह अनेक पराधीन देशों के लोगों के द्वारा चलाए गए स्वतंत्रता आंदोलनों का समर्थन करता है।

मानव अधिकार आयोग का मुख्य उद्देश्य क्या हैं ?

मानवाधिकार आयोग का मुख्य उद्देश्य देश के सभी नागरिकों के मूलभूत अधिकारों की रक्षा करने संबंधी व्यवस्था की निगरानी करना है।

और पढ़ें –