14 Important Scope of Comparative Politics Hindi Medium

14 Important Scope of Comparative Politics Hindi

राजनीति विज्ञान तुलनात्मक राजनीति

14 Important Scope of Comparative Politics Hindi -तुलनात्मक राजनीति का विषय क्षेत्र बहुत विशाल है। तुलनात्मक राजनीति विभिन्न देशो की सरकार -विधानमंडलों , कार्यपालिका और न्यापालिका का तुलनात्मक अध्ययन करता है। तुलनात्मक राजनीति का विषय क्षेत्र इन संस्थाओं की रचना और उनके कार्यों पर बल देता हैं। तुलनात्मक राजनीति के विषय क्षेत्र को विस्तार से समझना अत्यंत आवश्यक है। क्योंकि तुलनात्मक राजनीति का क्षेत्र बहुत विशाल है। आइये जानते है तुलनात्मक राजनीति को विस्तार से –

Table of Contents विषय सूची

तुलनात्मक राजनीति का परिचय – Introduction

Comparative Politics in Hindi -तुलनात्मक राजनीति में राजनीतिक संरचनाओं और संस्थानों का केवल कानूनी पक्ष से अध्ययन नहीं किया जाता बल्कि उनके द्वारा किये जाने वाले सभी कार्यों वातावरण में उनकी भूमिका का विश्लेषण भी किया जाता है। तुलनात्मक राजनीति का विषय क्षेत्र -हित स्पष्टीकरण , हित -समूहीकरण , राजनीतिक संचार , नियम-निर्माण , नियम लागू करना , न्याय करना और नीति निर्माण आदि प्रक्रियाओं का भी अध्ययन किया जाता है।

तुलनात्मक राजनीति का विषय क्षेत्र राजनीतिक प्रक्रियाओं में लोगों के वास्तविक व्यवहार का भी अध्ययन किया जाता है। ( 14 Important Scope of Comparative Politics Hindi Medium ) – तुलनात्मक राजनीति का विषय क्षेत्र का अध्ययन क्षेत्र बहुत व्यापक हैं। राजनीति विज्ञानं के स्टूडेंट्स के लिए तुलनात्मक राजनीति का विषय क्षेत्र को अच्छे से समझना जरुरी है तभी वे राजनीति विज्ञान को अच्छे से समझ सकते है।

तुलनात्मक राजनीति का विषय क्षेत्र ( Scope of Comparative Politics in Hindi )

तुलनात्मक राजनीति का विषय क्षेत्र इस प्रकार है –

विधायी , कार्यकारी तथा न्यायिक संगठनों तुलनात्मक अध्ययन ( Comparative Study of Legislative, Executive and Judicial Organizations )

विधायी , कार्यकारी तथा न्यायिक संगठनों तुलनात्मक अध्ययन Comparative Study of Legislative, Executive and Judicial Organizations-तुलनात्मक ऱाजनीति विभिन्न देशों की सरकार – विधानमंडलों , कार्यपालिका और न्यायपालिका का तुलनात्मक अध्ययन करता हैं। वह इन संस्थाओं की रचना और उनके कार्यों पर बल देता हैं। और यह खोजने का प्रयास करता हैं की उनके बीच कौन सी समानताएं व विभिन्नताएं है।

जैसे कि अमेरिका के सर्वोच्च न्यायलय की भारत सर्वोच्च न्यायलय से तुलना करके यह जानने की कोशिश की जाती है कि इनमे से कौन सा न्यायलय ज्यादा शक्तिशाली है।

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सिविल सेवाओं का तुलनात्मक अध्ययन ( Comparative study of civil services )

सिविल सेवाओं का तुलनात्मक अध्ययन Comparative study of civil services-सिविल सेवाओं से तात्पर्य सरकारी कर्मचारियों से है। जैसे विभिन्न मंत्रालयों सचिव , प्रशासनिक अधिकारी और अन्य कर्मचारी। देश के वास्तविक शासन – संचालन में प्रशासनिक अधिकारियों का बड़ा महत्वपूर्ण स्थान है। सरकारी नीतियों का निर्धारण आमतौर पर मंत्रीगण करते हैं। सिविल कर्मचारियों का कार्य कानूनों तथा नीतियों को लागू करना है।

इसमें नौकरशाही का भी बारीकी से अध्ययन किया जाता है। इससे यह पता लगाने प्रयास किया जाता है की अलग देशों में प्रशासनिक अधिकारियों की भर्ती का क्या ढंग है। और उन्हें कौन कौन से कार्य संपन्न करने पड़ते है।

कार्यात्मक अध्ययन ( Functional studies )

कार्यात्मक अध्ययन Functional studies-तुलनात्मक राजनीति में राजनीतिक संरचनाओं और संस्थानों का केवल कानूनी पक्ष से अध्ययन नहीं किया जाता बल्कि उनके द्वारा किये जाने वाले सभी कार्यों और वातावरण में उनकी भूमिका विश्लेषण भी किया जाता है। इसमें हित स्पष्टीकरण , हित -समूहीकरण , राजनीतिक संचार , नियम-निर्माण , नियम लागू करना , न्याय करना और नीति निर्माण आदि प्रक्रियाओं का भी अध्ययन किया जाता है।

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राजनीतिक व्यवहार अध्ययन ( Political behavior studies )

राजनीतिक व्यवहार अध्ययन Political behavior studies-इसमें राजनीतिक प्रक्रियाओं में लोगों के वास्तविक व्यवहार का भी अध्ययन किया जाता है। मतदान व्यवहार , राजनीतिक सहभागिता , विशिष्ट वर्ग व्यवहार , जन राजनीति लुभावनी राजनीति आदि तुलनात्मक राजनीति के विषय क्षेत्र के अभिन्न अंग है।

सामाजिक – आर्थिक तत्व ( Socio-economic elements )

सामाजिक – आर्थिक तत्व Socio-economic elements-किसी भी देश की राजनीतिक व्यवस्था का निर्माण सामाजिक और आर्थिक तत्वों से होता हैं। रंग भेद , मजहबी मतभेद , आंतरिक कलह , भाषायी और जातीय विवाद तथा आर्थिक संपन्नता या गरीबी ऐसी चीजें है जो एक एक देश की राजनीतिक संस्कृति को प्रभावित करेंगी।

ब्रिटेन , फ्रांस , अमेरिका , रूस , एशिया और अफ्रीका देशों की राजनीति का तुलनात्मक अध्ययन करते समय हमें सभी बातों के बारे में अवश्य विचार करना पड़ेगा। उदाहरण के लिए – आयरलैंड का जो हिस्सा ब्रिटेन में शामिल है , वहां मजहबी फूट कारण अलग तरह की संभावनाएं पैदा हो चुकी हैं।

राजनीतिक दलों अध्ययन ( study of Political parties )

राजनीतिक दलों अध्ययन study of Political parties-राजनीतिक दल लोकतंत्र का आधार हैं। राजनीतिक दलों की प्रकृति को समझे बिना राजनीति का अध्ययन अधूरा माना जायेगा। अमेरिका और फ़्रांस के राजनीतिक दलों की तुलना में ब्रिटेन के राजनीतिक दल अधिक सुसंगठित है। राजनीतिक दलों के नीतियों और कार्यक्रमों में पर्याप्त अंतर पाया जाता हैं। समझने वाली बात है की किस दल का झुकाव समाज के किस वर्ग की समस्याओं की ओर अधिक है।

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समानताओं और भिन्नताओं का अध्ययन ( Study of similarities and differences )

समानताओं और भिन्नताओं का अध्ययन Study of similarities and differences-तुलनात्मक राजनीति में अलग अलग राजनीतिक संरचनाओं , प्रक्रियाओं और कार्यों में पाई जाने वाली समानताओं और भिन्नताओं का अध्ययन किया जाता है। वास्तविक कार्यप्रणाली के अध्ययन के आधार पर समानताओं और भिन्नताओं का अध्ययन किया जाता है।

प्रत्येक राजनीतिक व्यवस्था के वातावरण का अध्ययन ( Study the atmosphere of each political system )

प्रत्येक राजनीतिक व्यवस्था के वातावरण का अध्ययन Study the atmosphere of each political system-राजनीतिक अध्ययन के लिए यह आवश्यक होता है की उस सामाजिक वातावरण अर्थात मनोवैज्ञानिक , सामाजिक , आर्थिक , सांस्कृतिक और मानवीय वातावरण का अध्ययन किया जाये जिसमें की राजनीतिक व्यवस्था कार्य कर रही होती है।

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राजनीतिक संस्कृति का अध्ययन ( Study of political culture )

राजनीतिक संस्कृति का अध्ययन Study of political culture-राजनीतिक संस्कृति से अर्थ है रुचियों , विश्वासों , भावनाओं और मूल्यों , पसंदों का समूह जो की समाज में राजनीति के प्रति मानवीय व्यवहार को निर्धारित करता है। प्रत्येक राजनीतिक व्यवस्था में राजनीतिक व्यवहार राजनीतिक संस्कृति व्दारा निर्धारित होता है।

राजनीतिक समाजीकरण का अध्ययन ( Study of political socialization )

राजनीतिक समाजीकरण का अध्ययन Study of political socialization-राजनीतिक समाजीकरण वह प्रक्रिया होती है जिससे प्रत्येक व्यक्ति अपनी राजनीतिक संस्कृति को प्राप्त करता है। इसी प्रक्रिया के व्दारा व्यक्ति अपनी राजनीतिक व्यवस्था के बारे में प्रारंभिक ज्ञान समाज में प्राप्त करता हैं।

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राजनीतिक भागीदारिता का अध्ययन ( Study of political participation )

राजनीतिक भागीदारिता का अध्ययन Study of political participation-राजनीतिक भागीदारिता एक सर्वभौमिक तत्व है। और यह सभी राजनीतिक व्यवस्थाओं में पाई जाती है। अंतर केवल इतना होता है कि कुछ राजनीतिक व्यवस्थाओं में यह सीमित होती है , अन्यों में बहुत विशाल होती है। राजनीतिक भागीदारिता के व्दारा ही राजनीतिक व्यवस्था विश्वसनीय , उचित और अस्थाई बनती है। राजनीतिक भागीदारिता का अर्थ समाज में लोगो की राजनीति में भागीदारी होती है जो मतदान के अधिकार से अपनी सरकार का चुनाव करती है। लोकतंत्र में राजनीतिक भागीदारिता का स्तर काफी विशाल होता है।

दवाब समूह और हित समूह का अध्ययन ( Pressure group and interest group )

दवाब समूह और हित समूह का अध्ययन Pressure group and interest group-प्रत्येक राजनीतिक व्यवस्था में कई एक समूह विधमान होते है। ऐसे कई समूह लोगों के व्दारा अपनी इच्छानुसार बनाये जाते हैं ताकि वे इनके व्दारा अपने साझें हितो की प्राप्ति क्र सके। ऐसे समूहों को हित समूह या दबाव समूह कहा जाता है। यह समूह राजनीतिक प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लेकिन यह भूमिका प्रत्यक्ष रूप में राजनीतिक स्वरुप की नहीं होती है। ये सदैव अपने हितों की रक्षा के लिए सरकार के सभी अंगो को प्रभावित करते है।

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राजनीतिक हिंसा और भ्रष्टाचार का अध्ययन ( Study of political violence and corruption )

राजनीतिक हिंसा और भ्रष्टाचार का अध्ययन Study of political violence and corruption-इस बात पर सभी सहमत है की हर देश में शासन कि शक्ति कुछ विशिष्ट लोगों या एक विशिष्ट वर्ग के हाथ में होती है। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि राजनीतिक नेताओं की भर्ती का ढंग तथा अमीर और गरीब के बीच की खाई ये दोनों ऐसी कारक है जिनका राजनीतिक हिंसा और आंतरिक कलह से गहरा सम्बन्ध है। राजनीतिक या चुनावी भ्रष्टाचार बहुत सी भ्रान्तियों को बढ़ावा दे सकता है।

शक्ति , प्रभाव और सत्ता का अध्ययन ( Study of influence and power )

शक्ति , प्रभाव और सत्ता का अध्ययन Study of influence and power-आधुनिक राजनीतिक वैज्ञानिक शक्ति , प्रभाव , सत्ता और उचितता के अध्ययन के लिए बहुत बल देते है क्योंकि ये सभी धारणाएं राजनीतिक प्रक्रिया के अध्ययन के लिए बहुत आवश्यक समझी जाती हैं।

दोस्तों इस पोस्ट में तुलनात्मक राजनीति की की जानकारी दी गयी है। तुलनात्मक राजनीति का विषय क्षेत्र को समझाने का पूरा प्रयत्न किया गया है। उम्मीद है इस पोस्ट से तुलनात्मक राजनीति का विषय क्षेत्र स्टूडेंट्स को समझ आएगी। तुलनात्मक राजनीति का विषय क्षेत्र आपके एग्जाम के हिसाब से महत्वपूर्ण रखती है। इसलिए तुलनात्मक राजनीति का विषय क्षेत्र को अच्छे से पढ़ ले। इससे एग्जाम में आसानी रहेगी। ऐसे ही रोचक जानकारियां प्राप्त करने के लिए ज्ञान फॉरएवर पर बने रहे।

FAQ Checklist

आधुनिक राजनीतिक वैज्ञानिक तुलनात्मक अध्ययन को जरुरी क्यों कहते हैं ?

आधुनिक राजनीतिक वैज्ञानिक शक्ति , प्रभाव , सत्ता और उचितता के अध्ययन के लिए बहुत बल देते है क्योंकि ये सभी धारणाएं राजनीतिक प्रक्रिया के अध्ययन के लिए बहुत आवश्यक समझी जाती हैं।

राजनीतिक हिंसा और भ्रष्टाचार का तुलनात्मक अध्ययन कैसे होता हैं ?

इस बात पर सभी सहमत है की हर देश में शासन कि शक्ति कुछ विशिष्ट लोगों या एक विशिष्ट वर्ग के हाथ में होती है। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि राजनीतिक नेताओं की भर्ती का ढंग तथा अमीर और गरीब के बीच की खाई ये दोनों ऐसी कारक है जिनका राजनीतिक हिंसा और आंतरिक कलह से गहरा सम्बन्ध है। राजनीतिक या चुनावी भ्रष्टाचार बहुत सी भ्रान्तियों को बढ़ावा दे सकता है।

दवाब समूह-हित समूह का तुलनात्मक अध्ययन कैसे होता हैं ?

प्रत्येक राजनीतिक व्यवस्था में कई एक समूह विधमान होते है। ऐसे कई समूह लोगों के व्दारा अपनी इच्छानुसार बनाये जाते हैं ताकि वे इनके व्दारा अपने साझें हितो की प्राप्ति क्र सके। ऐसे समूहों को हित समूह या दबाव समूह कहा जाता है। यह समूह राजनीतिक प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लेकिन यह भूमिका प्रत्यक्ष रूप में राजनीतिक स्वरुप की नहीं होती है। ये सदैव अपने हितों की रक्षा के लिए सरकार के सभी अंगो को प्रभावित करते है।

राजनीतिक भागीदारिता से तात्पर्य क्या हैं ?

राजनीतिक भागीदारिता एक सर्वभौमिक तत्व है। और यह सभी राजनीतिक व्यवस्थाओं में पाई जाती है। अंतर केवल इतना होता है कि कुछ राजनीतिक व्यवस्थाओं में यह सीमित होती है , अन्यों में बहुत विशाल होती है। राजनीतिक भागीदारिता के व्दारा ही राजनीतिक व्यवस्था विश्वसनीय , उचित और अस्थाई बनती है।

राजनीतिक भागीदारिता से क्या समझते हैं ?

राजनीतिक भागीदारिता का अर्थ समाज में लोगो की राजनीति में भागीदारी होती है जो मतदान के अधिकार से अपनी सरकार का चुनाव करती है। लोकतंत्र में राजनीतिक भागीदारिता का स्तर काफी विशाल होता है।

तुलनात्मक राजनीति का विषय क्षेत्र क्या हैं ?

समानताओं और भिन्नताओं का अध्ययन ,सामाजिक – आर्थिक तत्व ,राजनीतिक भागीदारिता , दवाब समूह-हित समूह का तुलनात्मक अध्ययन आदि तुलनात्मक राजनीति का विषय क्षेत्र हैं।

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