Chief Executive Meaning,Types,Kinds in Hindi मुख्य कार्यपालिका का अर्थ ,किस्में, वर्गीकरण अथवा रूप – सरकार राज्य का एक महत्वपूर्ण अंग होता है। राज्य अपने सभी कार्य सरकार के तीन भिन्न-भिन्न अंगों विधानमंडल ,कार्यपालिका और न्यायपालिका द्वारा करता है।
इस अध्याय में हम मुख्य कार्यपालिका का अर्थ ,इसके विभिन्न रूप और इसके कार्यों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
Table of Contents विषय सूची
मुख्य कार्यपालिका का अर्थ ( Meaning of Chief Executive in Hindi )
कार्यपालिका सरकार का एक महत्वपूर्ण अंग है। उसका मुख्य कार्य विधानपालिका द्वारा बनाए कानूनों को लागू करना है। लोक प्रशासन में कार्यपालिका के मुखिया को कार्यपालिका कहा जाता है। उसका लोक प्रशासन में बड़ा महत्वपूर्ण स्थान होता है। यह देश के प्रशासकीय ढांचे में सबसे उच्च पद पर आसीन होता है।
भारत के प्रधानमंत्री भारत सरकार के प्रमुख हैं। प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी। प्रधानमंत्री को ही कार्यपालिका का मुखिया कहा जाता है और कार्यपालिका का नेतृत्व प्रधानमंत्री के द्वारा ही किया जाता है। प्रधानमंत्री को वास्तविक कार्यपालिका कहा जाता है ।
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मुख्य कार्यपालिका की परिभाषाएं ( Chief Executive Definitions in Hindi )
मुख्य कार्यपालिका की परिभाषा इस प्रकार है –
- गार्नर के अनुसार – व्यापक और सामूहिक अर्थों में कार्यपालिका में वह सभी राज्य ,कर्मचारी और संस्थाएं आ जाती है जिनका कार्य कानून के अधीन राज्य की प्रकट की गई इच्छा को लागू करना है।
- गिलक्राइस्ट के शब्दों में – कार्यपालिका सरकार की वह शाखा है जो कानून द्वारा प्रकट की गई लोगों की इच्छा को लागू करती है।
- गैटल के अनुसार – व्यापक रूप में कार्यपालिका में वैधानिक और न्यायिक अधिकारियों को छोड़कर सभी सरकारी कर्मचारी आ जाते हैं। इसमें सरकार की वह समस्त संस्थाएं शामिल है जो कानून द्वारा प्रकट की गई राज्य की इच्छा को लागू करने से संबंधित है।
कार्यपालिका की किस्में अथवा रूप ( Chief Executive Kinds,Types in Hindi )
मुख्य कार्यपालिका एक व्यक्ति अथवा व्यक्तियों का समूह होता है जिसे भिन्न-भिन्न देशों में भिन्न भिन्न नामों से पुकारा जाता है जैसे कि भारत में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में मंत्रिमंडल ,अमेरिका में राष्ट्रपति और स्विट्जरलैंड में बहु कार्यपालिका है। कार्यपालिका की किस्में अथवा रूप इस प्रकार हैं –
वास्तविक और नाम मात्र कार्यपालिका ( Real and Nominal Executive )
कार्यपालिका का यह यह रूप दो सिद्धांतों पर आधारित है। वास्तविक कार्यपालिका से अभिप्राय ऐसी कार्यपालिका से है जिसे संविधान द्वारा समस्त कार्यकारी शक्तियां प्राप्त होती है और संविधान के अनुसार वह व्यक्ति अथवा व्यक्तियों का समूह उन शक्तियों का प्रयोग स्वयं ही करता है।
उदाहरण स्वरूप संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान के अनुसार समस्त कार्यकारी शक्तियां अमेरिका के राष्ट्रपति में निहित है और वह उन शक्तियों का प्रयोग करता है। इस तरह संयुक्त राज्य अमेरिका में वहां का राष्ट्रपति वास्तविक कार्यपालिका है।
संसदीय शासन प्रणाली में वास्तविक कार्यपालिका उसे माना जाता है जो व्यवहार में शक्तियों का प्रयोग करता है चाहे वह शक्तियां संविधान द्वारा किसी अन्य अधिकारी को सौंपी गई हो। उदाहरण स्वरूप भारत का संविधान समस्त कार्यपालिका शक्तियां राष्ट्रपति को सौंपता है। परंतु राष्ट्रपति व्यवहारिक रूप में इन शक्तियों का प्रयोग नहीं करता अपितु इन शक्तियों का वास्तविक प्रयोग मंत्रिमंडल द्वारा किया जाता है। इसलिए भारत में मंत्रिमंडल वास्तविक कार्यपालिका है।
इसके विपरीत से नाम मात्र कार्यपालिका वह होती है जिसे संविधान ने शक्तियां तो सौंपी हो परंतु वह उनका प्रयोग करने में स्वतंत्र ना हो। उदाहरण स्वरूप भारत के राष्ट्रपति को अपनी शक्तियों का प्रयोग मंत्रिमंडल के परामर्श के अनुसार ही करना पड़ता है। इसलिए भारत का राष्ट्रपति नाम मात्रा का कार्यपालिका है। इस तरह इंग्लैंड की महारानी जापान का सम्राट और अपने अपने देश के नाम मात्र कार्यपालिका के मुख्य उदाहरण है।
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संसदीय और अध्यक्षात्मक कार्यपालिका ( Parliamentary and Presidential Executive )
कार्यपालिका का दो वर्गों में वर्गीकरण -कार्यपालिका और विधानपालिका का आपस में गहरा संबंध होता है और विधानपालिका अविश्वास के प्रस्ताव द्वारा कार्यपालिका को अपने पद से निश्चित समय से पूर्व हटा सकती हो तो यह कार्यपालिका का संसदीय रूप कहलाता है।
उदाहरण स्वरूप यह समस्त बातें इंग्लैंड ,भारत में विद्यमान है। इसलिए इन 2 देशों में संसदीय कार्यपालिका है। इन दो देशों के अतिरिक्त कनाडा, इटली ,स्वीडन, होलेंड ,नार्वे और बेल्जियम आदि देशों में कार्यपालिका का संसदीय रुप है।
इसके विपरीत यदि कार्यपालिका और विधानपालिका का आपस में काफी घनिष्ठ संबंध नहीं हो अपितु दोनों अपने-अपने क्षेत्र में स्वतंत्र हो तो यह कार्यपालिका का अध्यक्षात्मक रूप होता है। अध्यक्षात्मक प्रणाली में कार्यपालिका विधानपालिका के प्रति उत्तरदाई नहीं होती और ना ही निश्चित समय से पूर्व से पद से हटाया जा सकता है।
इस तरह की कार्यपालिका संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रचलित है। अमेरिका के अतिरिक्त रूस, फ्रांस, श्रीलंका ,मेक्सिको आदि देशों में भी अध्यक्षात्मक कार्यपालिका है। वहां का राष्ट्रपति देश का वास्तविक कार्यपालिका होता है। वह वहां की विधानपालिका का सदस्य नहीं होता है। और विधानपालिका उसके विरुद्ध अविश्वास का प्रस्ताव पास नहीं कर सकती।
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एकल और बहुल कार्यपालिका ( Single and Plural Executive )
यह विभाजन इस सिद्धांत पर आधारित है कि कार्यकारी शक्तियां कितने व्यक्तियों को सौंपी गई है। यदि कार्यकारी शक्तियां किसी एक व्यक्ति को सौंपी जाए तो वह एकल कार्यपालिका होती है। उदाहरण स्वरूप भारत में समस्त कार्यपालिका शक्तियां राष्ट्रपति को सौंपी गई है इसलिए भारत में एकल कार्यपालिका है। इसी तरह से अमेरिका में राष्ट्रपति को ,इंग्लैंड में महारानी को और कनाडा में गवर्नर जनरल को समस्त कार्यकारी शक्तियां दी गई है। इसलिए इन देशों में एकल कार्यपालिका का अस्तित्व स्वीकार किया जाता है।
इसके विपरीत यदि कार्यकारी शक्तियां किसी एक व्यक्ति की अपेक्षा कुछ व्यक्तियों को समूह के रूप में अथवा समिति को सौंपी जाए और उसका प्रयोग उस समूह अथवा समिति के नाम पर किया जाता हो तो वह कार्यपालिका का बहुपक्षीय रूप होगा। उदाहरणस्वरूप स्विजरलैंड में कार्यकारी शक्तियां 7 सदस्य संघीय परिषद को सौंपी गई है और शक्तियों का प्रयोग भी संघीय परिषद के नाम पर किया जाता है। इसलिए स्विजरलैंड में बहुल कार्यपालिका है।
बहुल कार्यपालिका ऐसे देशों में सफल नहीं हो सकती जहां लोगों की राजनीतिक विचारों में काफी अंतर पाया जाता है और जहां शासन का संचालन दलीय राजनीति के आधार पर किया जाता है। इसलिए स्विजरलैंड के अतिरिक्त अन्य देशों में कार्यपालिका के इस रूप को अपनाया नहीं गया है। स्विजरलैंड में भी यह प्रणाली इसलिए सफल है क्योंकि वहां राजनीतिक दलों का इतना अधिकतम प्रभाव नहीं है और संघीय परिषद में भिन्न-भिन्न दलों के व्यक्ति शामिल किए जाते हैं।
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पैतृक और निर्वाचित कार्यपालिका ( Hereditary and Elected Executive )
यह विभाजन इस बात पर आधारित है कि किसी व्यक्ति को कार्यकारी शक्तियां किस आधार पर दी गई है। यदि किसी व्यक्ति को कार्यपालिका शक्तियां इसलिए मिलती है कि वह शक्तियां उसके पिता को प्राप्त थी तो कार्यपालिका का यह रूप पैतृक होगा । राजतंत्र शासन प्रणाली में कार्यपालिका पैतृक ही होती है। राजा की मृत्यु के पश्चात उसका बड़ा पुत्र गद्दी पर आसीन होता है और इस तरह समस्त कार्यकारी शक्तियां उसे प्राप्त हो जाती है।
साधारण शब्दों में हम कह सकते हैं कि जहां किसी व्यक्ति को कार्यपालिका के मुखिया की स्थिति पैतृक सिद्धांत के आधार पर विरासत में प्राप्त होती है वहां पैतृक कार्यपालिका होती है। वर्तमान समय में ब्रिटेन ,हॉलैंड, जापान ,नॉर्वे ,स्वीडन, डेनमार्क ,नेपाल ,बेल्जियम आदि देशों में पैतृक कार्यपालिका प्रचलित है।
इसके विपरीत यदि कार्यकारी शक्तियां प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप में निर्वाचित हुए व्यक्ति को सौंपी जाए तो वह निर्वाचित कार्यपालिका होती है। उदाहरणस्वरूप भारत ,अमेरिका, मेक्सिको पीरु ,चिल्ली, ब्राजील आदि देशों में निर्वाचित कार्यपालिका है। निर्वाचित कार्यपालिका संबंधी यह वर्णन योग्य है कि यह आवश्यक नहीं है कि कार्यपालिका का चुनाव जनता द्वारा ही हो अपितु यह चुनाव विधानपालिका द्वारा भी हो सकता है।
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राजनीतिक और स्थाई कार्यपालिका ( Political and Permanent Executive )
राजनीतिक कार्यपालिका से अभिप्राय ऐसी कार्यपालिका से है जिसे राजनीतिक आधार पर कुछ समय के लिए निर्वाचन द्वारा अथवा किसी और साधन द्वारा नियुक्त किया जाता है और जिसे देश में राजनीतिक परिवर्तन आने के कारण किसी समय भी पद से हटाया जा सकता है।
उदाहरणस्वरूप भारत के केंद्र और राज्यों के मंत्री मंडल राजनीतिक कार्यपालिका के रूप है। इन मंत्रियों के लिए कोई शैक्षणिक अथवा तकनीकी योग्यताएं निश्चित नहीं है इनकी नियुक्ति विधानपालिका में बहुमत के आधार पर होती है और किसी भी समय में पद से हटाया जा सकता है।
चुनाव द्वारा जनता देश में राजनीतिक परिवर्तन लाया जा सकता है और इस परिवर्तन से मंत्रियों को भी अपने पद छोड़ना पड़ सकता है। राजनीतिक कार्यपालिका शासन संबंधी नीतियों का निर्माण करती है और प्रशासकीय विभागों का राजनीतिक नेतृत्व करती है। विधान मंडल द्वारा बनाए कानूनों को व्यवहारिक रूप देने संबंधी आवश्यक कार्यवाही करती है।
इसके विपरीत कार्यपालिका पर देश में हुए राजनीतिक परिवर्तन का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। स्थाई कार्यपालिका का चुनाव नहीं होता अपितु शैक्षणिक अथवा तकनीकी योग्यताओं के आधार पर नियुक्ति की जाती है। असैनिक सेवाओं अथवा प्रशासकीय सेवा स्थाई कार्यपालिका के रूप है।
कोई भी राजनीतिक दल सरकार का निर्माण करें सरकारी कर्मचारी अपने पद पर आसीन रहते हैं। राजनीतिक दलों से इनका कोई संबंध नहीं होता। चाहे कोई भी राजनीतिक दल सत्तारूढ़ हो स्थाई कार्यपालिका निष्पक्षता सहित सरकार की नीतियों को लागू करती है।
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तानाशाही और संवैधानिक कार्यपालिका ( Dictatorial and Constitutional Executive )
यदि कार्यकारी शक्तियां किसी व्यक्ति को संविधान द्वारा सौंपी जाए और उसकी शक्तियों पर कुछ संवैधानिक प्रतिबंध हो तो वह संवैधानिक कार्यपालिका होती है। भारत के राष्ट्रपति को समस्त कार्यकारी शक्तियां संविधान द्वारा प्राप्त हुई है और उसकी शक्तियों पर कुछ संविधानिक प्रतिबंध नहीं है तो वह तानाशाही कार्यपालिका होती है।
जिन कार्यकारी शक्तियों पर संवैधानिक प्रतिबंध नहीं होते हैं वे तानाशाही कार्यपालिका कहलाते हैं और जिन कार्यकारी शक्तियों पर संवैधानिक प्रतिबंध होते हैं उनको संवैधानिक कार्यपालिका कहा जाता है।
उदाहरणस्वरूप दूसरे विश्व युद्ध के समय जर्मनी में हिटलर ने और इटली में मुसोलिनी ने समस्त कार्यकारी शक्तियां अपने हाथों में ले ली थी और उनकी शक्तियों पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं था इसलिए उस समय इन दोनों देशों में तानाशाही कार्यपालिका स्थापित हो गई थी।
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मनोनीत कार्यपालिका ( Nominated Executive )
मनोनीत कार्यपालिका से अभिप्राय ऐसी प्रणाली से है जिसमें देश के मुखिया को किसी व्यक्ति द्वारा नियुक्त अथवा मनोनीत किया जाए। इस तरह की कार्यपालिका साम्राज्यवादी देशों के उपनिवेशों में विद्यमान होती है।
जब भारत अंग्रेजों का गुलाम था तो भारत में गवर्नर जनरल मुख्य कार्यपालिका था। गवर्नर जनरल की नियुक्ति ब्रिटिश सम्राट द्वारा की जाती थी। वर्तमान समय में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के गवर्नर जनरल की नियुक्ति ब्रिटिश सम्राट अथवा रानी द्वारा की जाती है।
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FAQ checklist
मुख्य कार्यपालिका की परिभाषाएं ।
गार्नर के अनुसार – व्यापक और सामूहिक अर्थों में कार्यपालिका में वह सभी राज्य ,कर्मचारी और संस्थाएं आ जाती है जिनका कार्य कानून के अधीन राज्य की प्रकट की गई इच्छा को लागू करना है।
वास्तविक कार्यपालिका से क्या अभिप्राय हैं ?
वास्तविक कार्यपालिका से अभिप्राय ऐसी कार्यपालिका से है जिसे संविधान द्वारा समस्त कार्यकारी शक्तियां प्राप्त होती है और संविधान के अनुसार वह व्यक्ति अथवा व्यक्तियों का समूह उन शक्तियों का प्रयोग स्वयं ही करता है।
मुख्य कार्यपालिका का क्या अर्थ है ?
कार्यपालिका सरकार का एक महत्वपूर्ण अंग है। उसका मुख्य कार्य विधानपालिका द्वारा बनाए कानूनों को लागू करना है। मंत्रिमंडल के मुखिया को मुख्य कार्यपालिका कहा जाता है।
कार्यपालिका का मुखिया कौन होता है ?
प्रधानमंत्री को ही कार्यपालिका का मुखिया कहा जाता है और कार्यपालिका का नेतृत्व प्रधानमंत्री के द्वारा ही किया जाता है। प्रधानमंत्री को वास्तविक कार्यपालिका कहा जाता है ।
अमेरिका में वास्तविक कार्यपालिका का मुखिया कौन होता हैं ?
संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान के अनुसार समस्त कार्यकारी शक्तियां अमेरिका के राष्ट्रपति में निहित है और वह उन शक्तियों का प्रयोग करता है। इस तरह संयुक्त राज्य अमेरिका में वहां का राष्ट्रपति वास्तविक कार्यपालिका है।
नाम-मात्र कार्यपालिका से क्या अभिप्राय हैं ?
नाम मात्र कार्यपालिका वह होती है जिसे संविधान ने शक्तियां तो सौंपी हो परंतु वह उनका प्रयोग करने में स्वतंत्र ना हो। उदाहरण स्वरूप भारत के राष्ट्रपति को अपनी शक्तियों का प्रयोग मंत्रिमंडल के परामर्श के अनुसार ही करना पड़ता है। इसलिए भारत का राष्ट्रपति नाम मात्रा का कार्यपालिका है।
कार्यपालिका के संसदीय रूप से क्या अभिप्राय है
कार्यपालिका और विधानपालिका का आपस में गहरा संबंध होता है और विधानपालिका अविश्वास के प्रस्ताव द्वारा कार्यपालिका को अपने पद से निश्चित समय से पूर्व हटा सकती हो तो यह कार्यपालिका का संसदीय रूप कहलाता है।
अध्यक्षात्मक कार्यपालिका का क्या अर्थ है ?
कार्यपालिका और विधानपालिका का आपस में काफी घनिष्ठ संबंध नहीं हो अपितु दोनों अपने-अपने क्षेत्र में स्वतंत्र हो तो यह कार्यपालिका का अध्यक्षात्मक रूप होता है। अध्यक्षात्मक प्रणाली में कार्यपालिका विधानपालिका के प्रति उत्तरदाई नहीं होती और ना ही निश्चित समय से पूर्व से पद से हटाया जा सकता है।
अध्यक्षात्मक कार्यपालिका का उदाहरण बताएं ।
इस तरह की कार्यपालिका संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रचलित है। अमेरिका के अतिरिक्त रूस, फ्रांस, श्रीलंका ,मेक्सिको आदि देशों में भी अध्यक्षात्मक कार्यपालिका है। वहां का राष्ट्रपति देश का वास्तविक कार्यपालिका होता है। वह वहां की विधानपालिका का सदस्य नहीं होता है। और विधानपालिका उसके विरुद्ध अविश्वास का प्रस्ताव पास नहीं कर सकती।
संसदीय कार्यपालिका का उदाहरण बताएं ।
उदाहरण स्वरूप यह समस्त बातें इंग्लैंड ,भारत में विद्यमान है। इसलिए इन 2 देशों में संसदीय कार्यपालिका है। इन दो देशों के अतिरिक्त कनाडा, इटली ,स्वीडन, होलेंड ,नार्वे और बेल्जियम आदि देशों में कार्यपालिका का संसदीय रुप है।
एकल कार्यपालिका किन देशों में पाई जाती हैं ?
उदाहरण स्वरूप भारत में समस्त कार्यपालिका शक्तियां राष्ट्रपति को सौंपी गई है इसलिए भारत में एकल कार्यपालिका है। इसी तरह से अमेरिका में राष्ट्रपति को ,इंग्लैंड में महारानी को और कनाडा में गवर्नर जनरल को समस्त कार्यकारी शक्तियां दी गई है। इसलिए इन देशों में एकल कार्यपालिका का अस्तित्व स्वीकार किया जाता है।
एकल कार्यपालिका से क्या अभिप्राय हैं ?
यह विभाजन इस सिद्धांत पर आधारित है कि कार्यकारी शक्तियां कितने व्यक्तियों को सौंपी गई है। यदि कार्यकारी शक्तियां किसी एक व्यक्ति को सौंपी जाए तो वह एकल कार्यपालिका होती है।
बहुल कार्यपालिका से क्या अभिप्राय है ?
यदि कार्यकारी शक्तियां किसी एक व्यक्ति की अपेक्षा कुछ व्यक्तियों को समूह के रूप में अथवा समिति को सौंपी जाए और उसका प्रयोग उस समूह अथवा समिति के नाम पर किया जाता हो तो वह कार्यपालिका का बहुपक्षीय रूप होगा। स्विजरलैंड में बहुल कार्यपालिका है।
बहुल कार्यपालिका किस देश मे विधमान हैं ?
उदाहरणस्वरूप स्विजरलैंड में कार्यकारी शक्तियां 7 सदस्य संघीय परिषद को सौंपी गई है और शक्तियों का प्रयोग भी संघीय परिषद के नाम पर किया जाता है। इसलिए स्विजरलैंड में बहुल कार्यपालिका है।
कार्यपालिका कितने प्रकार की होती है ?
कार्यपालिका सात प्रकार की होती है।
पैतृक कार्यपालिका से क्या अभिप्राय हैं ?
यह विभाजन इस बात पर आधारित है कि किसी व्यक्ति को कार्यकारी शक्तियां किस आधार पर दी गई है। यदि किसी व्यक्ति को कार्यपालिका शक्तियां इसलिए मिलती है कि वह शक्तियां उसके पिता को प्राप्त थी तो कार्यपालिका का यह रूप पैतृक होगा । राजतंत्र शासन प्रणाली में कार्यपालिका पैतृक ही होती है।
निर्वाचित कार्यपालिका का क्या अर्थ है ?
यदि कार्यकारी शक्तियां प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप में निर्वाचित हुए व्यक्ति को सौंपी जाए तो वह निर्वाचित कार्यपालिका होती है।
राजनीतिक कार्यपालिका से क्या अभिप्राय हैं ?
राजनीतिक कार्यपालिका से अभिप्राय ऐसी कार्यपालिका से है जिसे राजनीतिक आधार पर कुछ समय के लिए निर्वाचन द्वारा अथवा किसी और साधन द्वारा नियुक्त किया जाता है और जिसे देश में राजनीतिक परिवर्तन आने के कारण किसी समय भी पद से हटाया जा सकता है।
राजनीतिक कार्यपालिका किस प्रकार के कार्य करते हैं ?
राजनीतिक कार्यपालिका शासन संबंधी नीतियों का निर्माण करती है और प्रशासकीय विभागों का राजनीतिक नेतृत्व करती है। विधानमंडल द्वारा बनाए कानूनों को व्यवहारिक रूप देने संबंधी आवश्यक कार्यवाही करती है।
स्थाई कार्यपालिका से क्या अभिप्राय है ?
कार्यपालिका पर देश में हुए राजनीतिक परिवर्तन का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। स्थाई कार्यपालिका का चुनाव नहीं होता अपितु शैक्षणिक अथवा तकनीकी योग्यताओं के आधार पर नियुक्ति की जाती है। असैनिक सेवाओं अथवा प्रशासकीय सेवा स्थाई कार्यपालिका के रूप है।
तानाशाही कार्यपालिका के उदाहरण बताइए ।
दूसरे विश्व युद्ध के समय जर्मनी में हिटलर ने और इटली में मुसोलिनी ने समस्त कार्यकारी शक्तियां अपने हाथों में ले ली थी और उनकी शक्तियों पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं था इसलिए उस समय इन दोनों देशों में तानाशाही कार्यपालिका स्थापित हो गई थी।
तानाशाही और संवैधानिक कार्यपालिका में क्या अंतर है ?
जिन कार्यकारी शक्तियों पर संवैधानिक प्रतिबंध नहीं होते हैं वे तानाशाही कार्यपालिका कहलाते हैं और जिन कार्यकारी शक्तियों पर संवैधानिक प्रतिबंध होते हैं उनको संवैधानिक कार्यपालिका कहा जाता है।
संवैधानिक कार्यपालिका से क्या अभिप्राय हैं ?
यदि कार्यकारी शक्तियां किसी व्यक्ति को संविधान द्वारा सौंपी जाए और उसकी शक्तियों पर कुछ संवैधानिक प्रतिबंध हो तो वह संवैधानिक कार्यपालिका होती है। भारत के राष्ट्रपति को समस्त कार्यकारी शक्तियां संविधान द्वारा प्राप्त हुई है
मनोनीत कार्यपालिका से क्या अभिप्राय हैं ?
मनोनीत कार्यपालिका से अभिप्राय ऐसी प्रणाली से है जिसमें देश के मुखिया को किसी व्यक्ति द्वारा नियुक्त अथवा मनोनीत किया जाए। इस तरह की कार्यपालिका साम्राज्यवादी देशों के उपनिवेशों में विद्यमान होती है।