Political Socialization Kinds , Types in Hindi राजनीतिक समाजीकरण के प्रकार,रूप,किस्में

Political Socialization : राजनीतिक समाजीकरण के प्रकार,रूप,किस्में

राजनीति विज्ञान राजनीतिक समाजीकरण

Political Socialization Kinds , Types in Hindi राजनीतिक सामाजिकरण के प्रकार – राजनीतिक समाजीकरण ऐसी प्रशिक्षण प्रक्रिया है जिसके द्वारा व्यक्तियों में राजनीतिक मानदंडों ,अभिवृत्तियों और अभिमुखीकरण को बैठाने का प्रयास किया जाता है।

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राजनीतिक प्रत्यक्ष व ढंग से होता है। साधारण शब्दों में हम कह सकते हैं कि व्यक्ति को राजनीति का कितना ज्ञान है और राजनीति के प्रति उसके क्या विचार हैं ,क्या विश्वास है इन सब को राजनीतिक समाजीकरण कहा जाता है।

Table of Contents विषय सूची

राजनीतिक समाजीकरण के प्रकार,रूप,किस्में ( Political Socialization Kinds , Types in Hindi )

राजनीति एक विधि है जिसके द्वारा एक ओर व्यक्ति राजनीतिक तथ्यों के प्रति अभिवृत्ति सीखता है और दूसरी ओर इस विधि के द्वारा समाज विश्वासों और स्तरों को एक पीढ़ी से आने वाली पीढ़ी को देता है। राजनीतिक समाजीकरण उस प्रक्रिया के लिए प्रयोग किया जाता है जिसके द्वारा व्यक्ति राजनीति के प्रति आकर्षित होता है और उसे सीखता एवं विकसित करता है । राजनीतिक समाजीकरण के प्रकार इस निम्नलिखित है –

प्रकट राजनीतिक समाजीकरण ( Manifest Political Socialization )

जब राजनीतिक व्यवस्था संबंधी जानकारी अभिमुखीकरण और मूल्यों का स्पष्ट रूप से जानबूझकर संचार होता है तो यह राजनीतिक समाजीकरण का प्रकट रूप होता है । इसमें समाजीय राजनीति के संदर्भ में राजनीतिक संबंधों के बारे में मनोवृतियां बनाई जाती है। इसे ऐसे कहा जा सकता है कि जब मनुष्य प्रत्यक्ष या प्रकट साधनों द्वारा राजनीतिक संस्कृति, मूल्यों व झुकाव आदि को ग्रहण करते हैं तो इसे प्रत्यक्ष राजनीतिक समाजीकरण का नाम दिया जाता है।

रूस, चीन व अन्य समाजवादी राज्य प्रत्यक्ष राजनीतिक समाजीकरण के महत्वपूर्ण उदाहरण है। इन राज्यों में समाजवादी उद्देश्य की पूर्ति के लिए विद्यार्थियों के लिए विशेष प्रकार के पाठ्यक्रम तैयार किए जाते हैं । समाजवादी विचारधारा को फैलाने के लिए सरकार द्वारा संचार के साधनों का प्रयोग किया जाता है। साम्यवादी दल द्वारा समाजवादी व्यवस्था का प्रचार किया जाता है।

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लुप्त या अप्रत्यक्ष राजनीतिक समाजीकरण ( Latent Political Socialization)

जब व्यक्ति अप्रत्यक्ष साधनो द्वारा राजनीतिक संस्कृति को ग्रहण करते हैं तो इसे लुप्त या अप्रत्यक्ष राजनीतिक समाजीकरण कहते हैं। राजनीतिक समाजीकरण का अप्रकट या अप्रत्यक्ष रूप सरकार के प्रभाव क्षेत्र से प्रभावित नहीं होता। यह स्वत: है होने वाली प्रक्रिया है।

इसमें राजनीति संबंधी मान्यताएं जैसे राजनीतिक संस्कृति ,मूल्य और विचार बनाए नहीं जाते बल्कि व्यक्ति के बाहरी सामाजीकरण की बाहरी प्रक्रिया के साथ-साथ स्वत: ही बन जाते हैं। इस रूप में राजनीतिक समाजीकरण जीवन भर चलने वाली प्रक्रिया है। यह धीमी चलने वाली प्रक्रिया है। परिवार सामाजिक समूह तथा संस्थाओं द्वारा राजनीतिक संस्कृति को सिखलाई जाने की प्रक्रिया को लुप्त राजनीतिक समाजीकरण कहा जाता है।

पुरातन राजनीतिक समाजीकरण ( Primitive Political Socialization )

प्राचीन व पुरातन समाजों में व्यक्ति रूढ़ीवादी मूल्यों, विश्वासों व परंपराओं से जुड़े होते हैं। यह राजनीतिक शिक्षा व राजनीतिक चेतना के अभाव के कारण होता है। कोई भी एक व्यक्ति राजनीतिक शक्ति प्राप्त कर लेता है और सत्ता का प्रयोग करके लोगों से अपने आज्ञाओं की पालना करवाता है। साधारण व्यक्ति राजनीतिक गतिविधियों में भाग नहीं लेते । इस प्रकार का राजनीतिक समाजीकरण कबायली समाज में प्रचलित होता है या पाया जाता है।

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आधुनिक राजनीतिक समाजीकरण ( Modern Political Socialization )

आधुनिक विश्व में व्यक्ति को बाल्यकाल से ही कुछ राजनीतिक भूमिका निभाने के लिए तैयार किया जाता है। स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में उन्हें विभिन्न राजनीतिक समस्याओं और राजनीतिक व्यवस्थाओं से संबंधित शिक्षा प्रदान की जाती है। समय आने तक वे अपने विचारों को ठीक प्रकार से चमकाने में सफल हो जाते है। इस प्रक्रिया में समाचार पत्र, रेडियो और दूरदर्शन महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।

समरूप तथा निरंतर राजनीतिक समाजीकरण ( Homogeneous and Continuous Political bSoci Socialization )

इस प्रकार के राजनीतिक समाजीकरण में व्यक्तियों पर एक जैसे प्रभाव होते हैं और लगातार होते हैं। सभी कार्यकर्ता एक निश्चित प्रकार के राजनीतिक झुकाव बनाए रखते हैं। इसमें व्यक्तियों में टकराव की संभावना कम होती है। लोग आपस में तथा एक दूसरे के राजनीतिक संस्थानों और मूल्यों का समर्थन करते हैं।

भिन्न तथा अविरल राजनीतिक समाजीकरण ( Heterogeneous and Discontinuous Political Socialization )

यह सदृश्य तथा निरंतर राजनीतिक समाजीकरण के एकदम विपरीत है। इसमें व्यक्तियों के राजनीतिक विश्वास ,मूल्य और राजनीतिक झुकाव भिन्न होते हैं। इसमें व्यक्तियों तथा समूहों में एक दूसरे पर विश्वास व सहयोग के स्थान पर घृणा और संदेह होता है। व्यक्ति राजनीतिक व्यवस्था से संतुष्ट नहीं होते हैं।

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FAQ Checklist

प्रकट या प्रत्यक्ष राजनीतिक समाजीकरण क्या होता है ?

जब राजनीतिक व्यवस्था संबंधी जानकारी अभिमुखीकरण और मूल्यों का स्पष्ट रूप से जानबूझकर संचार होता है तो यह राजनीतिक समाजीकरण का प्रकट रूप होता है । इसमें समाजीय राजनीति के संदर्भ में राजनीतिक संबंधों के बारे में मनोवृतियां बनाई जाती है। इसे ऐसे कहा जा सकता है कि जब मनुष्य प्रत्यक्ष या प्रकट साधनों द्वारा राजनीतिक संस्कृति, मूल्यों व झुकाव आदि को ग्रहण करते हैं तो इसे प्रत्यक्ष राजनीतिक समाजीकरण का नाम दिया जाता है।

प्रत्यक्ष राजनीतिक समाजीकरण के उदाहरण बताओ।

रूस, चीन व अन्य समाजवादी राज्य प्रत्यक्ष राजनीतिक समाजीकरण के महत्वपूर्ण उदाहरण है।

प्रत्यक्ष राजनीतिक समाजीकरण का उद्देश्य कैसे पूरा होता है ?

समाजवादी उद्देश्य की पूर्ति के लिए विद्यार्थियों के लिए विशेष प्रकार के पाठ्यक्रम तैयार किए जाते हैं । समाजवादी विचारधारा को फैलाने के लिए सरकार द्वारा संचार के साधनों का प्रयोग किया जाता है। साम्यवादी दल द्वारा समाजवादी व्यवस्था का प्रचार किया जाता है। रूस ,चीन व अन्य समाजवादी राज्य प्रत्यक्ष राजनीतिक समाजीकरण के महत्वपूर्ण उदाहरण है ।

लुप्त या अप्रत्यक्ष राजनीतिक समाजीकरण से क्या अभिप्राय हैं ?

इसमें राजनीति संबंधी मान्यताएं जैसे राजनीतिक संस्कृति ,मूल्य और विचार बनाए नहीं जाते बल्कि व्यक्ति के बाहरी सामाजीकरण की बाहरी प्रक्रिया के साथ-साथ स्वत: ही बन जाते हैं। इस रूप में राजनीतिक समाजीकरण जीवन भर चलने वाली प्रक्रिया है। यह धीमी चलने वाली प्रक्रिया है। परिवार सामाजिक समूह तथा संस्थाओं द्वारा राजनीतिक संस्कृति को सिखलाई जाने की प्रक्रिया को लुप्त राजनीतिक समाजीकरण कहा जाता है।

पुरातन राजनीतिक समाजीकरण का क्या अर्थ है ?

प्राचीन व पुरातन समाजों में व्यक्ति रूढ़ीवादी मूल्यों, विश्वासों व परंपराओं से जुड़े होते हैं। यह राजनीतिक शिक्षा व राजनीतिक चेतना के अभाव के कारण होता है। कोई भी एक व्यक्ति राजनीतिक शक्ति प्राप्त कर लेता है और सत्ता का प्रयोग करके लोगों से अपने आज्ञाओं की पालना करवाता है। साधारण व्यक्ति राजनीतिक गतिविधियों में भाग नहीं लेते । इस प्रकार का राजनीतिक समाजीकरण कबायली समाज में प्रचलित होता है या पाया जाता है।

आधुनिक राजनीतिक समाजीकरण कैसे होता है ?

आधुनिक विश्व में व्यक्ति को बाल्यकाल से ही कुछ राजनीतिक भूमिका निभाने के लिए तैयार किया जाता है। स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में उन्हें विभिन्न राजनीतिक समस्याओं और राजनीतिक व्यवस्थाओं से संबंधित शिक्षा प्रदान की जाती है। समय आने तक वे अपने विचारों को ठीक प्रकार से चमकाने में सफल हो जाते है। इस प्रक्रिया में समाचार पत्र, रेडियो और दूरदर्शन महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।

भिन्न या अविरल राजनीतिक समाजीकरण से क्या समझते हैं ?

यह सदृश्य तथा निरंतर राजनीतिक समाजीकरण के एकदम विपरीत है। इसमें व्यक्तियों के राजनीतिक विश्वास ,मूल्य और राजनीतिक झुकाव भिन्न होते हैं। इसमें व्यक्तियों तथा समूहों में एक दूसरे पर विश्वास व सहयोग के स्थान पर घृणा और संदेह होता है। व्यक्ति राजनीतिक व्यवस्था से संतुष्ट नहीं होते हैं।

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