Political Culture Kinds, Types,Classification in Hindi, राजनीतिक संस्कृति विभिन्न रूप, प्रकार ,वर्गीकरण,किस्में

Political Culture : राजनीतिक संस्कृति प्रकार | वर्गीकरण | विभिन्न रूप

राजनीति विज्ञान राजनीतिक संस्कृति

Political Culture- यह एक साधारण धारणा है कि एक राजनीतिक व्यवस्था के अंतर्गत समस्त जनसंख्या की एक ही राजनीतिक संस्कृति होती है। परंतु वास्तविकता में ऐसा नहीं होता, एक राजनीतिक व्यवस्था के सदस्यों में राजनीतिक उद्देश्यों को लेकर सहमति हो सकती है ।

लेकिन उनमें शिक्षा के स्तर रक्त वंशीय सदस्यता ,भौगोलिक अधिवास ,सामाजिक व आर्थिक स्थितियों और धार्मिक विश्वासों को लेकर मतभेद हो सकता है। इन्हीं मतभेदों के आधार पर समाज में राजनीतिक उप संस्कृतियां स्थापित हो जाती हैं।

विभिन्न देशों की राजनीतिक संस्कृति में विभिन्नताएं पाई जाती है और इन्हीं विभिन्नताओं के आधार पर राजनीतिक संस्कृति के प्रकारों या रूपों का प्रतिपादन किया जा सकता है। साधारणता: राजनीतिक संस्कृतियों के रूपों का वर्गीकरण लोगों की इस मनोवृति के आधार पर किया जाता है कि वे राजनीतिक प्रक्रिया में किस प्रकार की भूमिका निभाते हैं।

क्या लोग सरकार के कार्यों में प्रत्यक्ष रूप से भाग लेते हैं या फिर वह सरकार द्वारा किए गए कार्यों पर निर्भर करते हैं। इसे इस प्रकार से भी कहा जा सकता है कि राजनीतिक समाज के सदस्य राजनीति में सक्रिय भाग लेते हैं या राजनीति से उदासीन रहते हैं।

Table of Contents विषय सूची

राजनीतिक संस्कृति के प्रकार ,वर्गीकरण ( Political Culture Kinds, Types, Classifications in Hindi )

राजनीतिक संस्कृति के विभिन्न रूपों के बारे में ऐलन.आर. बाल ( Allen R Ball ) का कहना है राजनीतिक संस्कृति का वर्गीकरण इस आधार पर किया जाता है कि क्या समाज के सदस्य राजनीतिक क्रिया-कलापों में सक्रिय भूमिका निभाते हैं और सरकार की गतिविधियों से लाभ की उम्मीद रखते हैं अथवा क्या सरकार और व्यक्तियों में निष्क्रिय संबंध है जिससे व्यक्तियों को सरकार की गतिविधियों का बहुत कम ज्ञान रहता है और वे निर्णय करने की प्रक्रिया में भागीदार बनने की कोई इच्छा नहीं रखते ।

राजनीतिक संस्कृति के वर्गीकरण का आधार व्यक्तियों द्वारा राजनीतिक व्यवस्था में किस रूप और किस सीमा तक भाग लेने से संबंधित दो तत्व है। राजनीतिक संस्कृति के विभिन्न रूप इस प्रकार हैं-

प्रजा की भूमिका ( Role of the Subjects )

आलमंड के मतानुसार प्रजा से तात्पर्य समाज में रहने वाले उन व्यक्तियों से है जिन पर राजनीतिक व्यवस्था के कार्यों और निर्णयों का प्रभाव तो पड़ता है लेकिन वह सरकार के सामने निवेश ( Inputs ) के रूप में मांगें (Demand ) रखने और निर्गत ( Outputs ) के रूप में निर्णय लेने में कोई भूमिका अदा नहीं करते अर्थात भागीदारी पेश करने व निर्णय लेने में उनका कोई भाग नहीं होता।

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भगीदारों की भूमिका ( Role of the Participants )

आलमंड का भागीदारों से तात्पर्य उन व्यक्तियों से है जो राजनीतिक व्यवस्था की निवेश और निर्गत प्रक्रियाओं में भाग लेते हैं। दूसरे शब्दों में भागीदार वे व्यक्ति होते हैं जो राजनीतिक व्यवस्था के सम्मुख मांगे पेश करने और निर्णय लेने में सक्रिय भूमिका अदा करते हैं।

संकीर्ण राजनीतिक संस्कृति ( Parochial Political Culture )

संकीर्ण राजनीतिक संस्कृति ( Meaning of Parochial Political Culture in Hindi ) – इस प्रकार की राजनीतिक संस्कृति आमतौर पर कम विकसित और परंपरागत राजनीतिक समाजों में पाई जाती है। इसका अर्थ बताते हुए अलमंड और बर्बा ने लिखा है- संकीर्ण अनुकूलन राजनीतिक व्यवस्था के द्वारा शुरू किए गए परिवर्तनों के प्रति अपेक्षाकृत रूप में व्यक्तियों की उदासीनता को दर्शाता है। संकीर्ण राजनीतिक संस्कृति राजनीतिक व्यवस्था से किसी तरह की कोई अपेक्षा नहीं रखती।

इस प्रकार की राजनीतिक संस्कृति पुराने कबीला समाजों में पाई जाती है जिसमें उनके कबीले का एक मुखिया होता है। वह ही सर्वोपरि होता है। उसके द्वारा ही सभी प्रकार की (धार्मिक, राजनीतिक, आर्थिक ) भूमिकाएं निभाई जाती है। लोग राजनीति से अलग थलग होते हैं। उनका राजनीति से कोई सरोकार नहीं होता ।

संकीर्ण राजनीतिक संस्कृति में राजनीतिक समाजीकरण का अभाव होता है अर्थात वे केवल औपचारिक रूप से राजनीतिक समाज के सदस्य होते हैं। उन्हें अपने समाज का ज्ञान हो सकता है लेकिन उन्हें राजनीतिक प्रणाली के बारे में कोई ज्ञान नहीं होता। लोग एक साथ सामाजिक ,आर्थिक व धार्मिक कार्य करते हैं और राजनीति से लगभग और अछूते ही रहते हैं।

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पराधीन राजनीतिक संस्कृति ( Subjects Political Culture )

पराधीन राजनीतिक संस्कृति (Meaning of Subjects Political Culture in Hindi) – पराधीन राजनीतिक संस्कृति से तात्पर्य उस समाज की राजनीतिक संस्कृति से है, जहां पर आम आदमी या तो अकर्मण्य है या फिर वह राजनीतिक व्यवस्था को तनिक भी प्रभावित नहीं करता और शासकों के आदेशों का पालन स्वभाववश या विवशता के कारण चुपचाप करता चला जाता है।

पराधीन राजनीतिक संस्कृति प्रायः उन समाजों में होता है जो राजनीतिक रूप से किसी दूसरे समाज के अधीन होते हैं अर्थात पराधीन राजनीतिक संस्कृति अधीनस्थ उपनिवेशों के लोगों में मिलती है । ऐसे समाज के लोगों में राजनीति के प्रति जागरूकता नहीं होती और वह विदेशियों की परतंत्रता के शिकार होते हैं।

लेकिन यह उल्लेखनीय है कि पराधीन राजनीतिक संस्कृति में लोग राजनीति के प्रति उदासीन नहीं होते। उनकी राजनीति में रुचि होती है। उनका राजनीतिक व्यवस्था के निवेशों से कोई संबंध नहीं होता। वे केवल निकासों से ही संबंधित होते हैं। यहां के लोगों को राष्ट्रीय राजनीतिक व्यवस्था का ज्ञान तो होता है लेकिन उनकी राजनीतिक सहभागिता नहीं होती।

भागीदार राजनीतिक संस्कृति ( Participants Political Culture )

भागीदार राजनीतिक संस्कृति ( Meaning of Participants Political Culture in Hindi ) – ऐसी राजनीतिक संस्कृति उन समाजों में पाई जाती है जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के अंदर राजनीतिक जागरूकता रखते हुए राजनीतिक व्यवस्था के अंतर्गत चलने वाले निवेश और निर्गत कार्यों में सक्रिय भागीदारी निभाते हैं।

वे अपनी मांगों को शासकों के सामने रखते हैं , अपने हितों का स्पष्टीकरण करते हैं और राजनीतिक निर्णयों में हिस्सा लेने का प्रयास करते हैं। इसमें व्यक्ति अपने आप को राजनीतिक व्यवस्था से जोड़ लेते हैं।

वे राजनीतिक व्यवस्था से इतना लगाव रखते हैं कि उसे अपना समझने लगते हैं और उसे अपने विकास का प्रभावी साधन बनाए रखने के लिए सब कुछ करने को तैयार रहते हैं। भागीदार राजनीतिक संस्कृति प्रजातांत्रिक देशों में पाई जाती है, जहां पर नागरिक राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। नागरिक अपने अधिकारों व कर्तव्यों के प्रति सजग होते हैं।

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पंथ या धर्म निरपेक्ष राजनीतिक संस्कृति ( Secular Political Culture )

या धर्म निरपेक्ष राजनीतिक संस्कृति ( Meaning of Secular Political Culture in Hindi ) – पंथ निरपेक्ष राजनीतिक संस्कृति का अर्थ बताते हुए अलमंड तथा पावेल ने लिखा है कि इसमें परंपरागत अनुकूलनों तथा वृत्तियों का स्थान अधिक गतिशील निर्णय प्रक्रियाएं ले लेती हैं और वहां तथ्यों को इकट्ठा करके उनका मूल्यांकन किया जाता है ।

साधारण शब्दों में यह कहा जा सकता है कि धर्म-निरपेक्ष राजनीतिक संस्कृति में लोगों के विश्वास ,मूल्य और दृष्टिकोण धर्म ,साम्प्रदायिकता,प्रांतवाद और वंश पर आधारित ना होकर तर्क व विवेक पर आधारित होते हैं। इस प्रकार की राजनीतिक संस्कृति में धर्म,नस्ल,रंग या जातिवाद का कोई स्थान नहीं होता ।

इसको इस प्रकार से व्यक्त किया जा सकता है कि जब लोग तर्क और विवेक के आधार पर राजनीतिक व्यवस्था का विश्लेषण करते हैं तो वे धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक संस्कृति को व्यक्त कर रहे होते हैं।

नागरिक राजनीतिक संस्कृति ( Civil Political Culture )

नागरिक राजनीतिक संस्कृति ( Meaning of Civil Political Culture in Hindi ) – इस तरह की राजनीतिक संस्कृति में भागीदारी और सहनशीलता के तत्व विद्यमान होते हैं। यह हमें सच्ची लोकतांत्रिक व्यवस्था में ही प्राप्त हो सकती है और उसकी सफलता के लिए आवश्यक भी मानी जाती है।

इसमें नागरिक राजनीतिक गतिविधियों और अपने अधिकारों तथा कर्तव्यों के बारे में सचेत एवं जागरूक रहते हैं। इसमें विशिष्ट वर्ग को राजनीतिक निर्णय लेने का अधिकार भी होता है लेकिन साथ-साथ उस वर्ग को उत्तरदाई भी बनाया जाता है जिससे वह वर्ग ना तो अपनी मनमानी कर सकता है और नहीं जनता उसे ऐसे करने दे सकती है। अमेरिका, ब्रिटेन आदि देश ऐसी राजनीतिक संस्कृति के उदाहरण हैं ।

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सैद्धांतिक राजनीतिक संस्कृति ( Ideological Political Culture )

सैद्धांतिक राजनीतिक संस्कृति ( Meaning of Ideological Political Culture in Hindi ) – इस प्रकार की संस्कृति एक विशेष प्रकार की विचारधारा पर आधारित होती है तथा समाज के व्यक्तियों के जीवन को इसी विचारधारा के अनुसार ढालने का प्रयत्न किया जाता है।

इस प्रकार की राजनीतिक संस्कृति में राज्य के द्वारा एक विशेष राजनीतिक विचारधारा को प्रोत्साहन दिया जाता है। उसी राजनीतिक विचारधारा को सामाजिक व राष्ट्रीय जीवन में पूरी तरह लागू किया जाता है। स्वतंत्र विचार या चिंतन का इसमें कोई स्थान नहीं होता।

राजनीतिक विचारधारा के विरोध को बिल्कुल भी सहन नहीं किया जाता और इस से मतभेद रखने वालों का पूरी तरह दमन कर दिया जाता है। शासन या सत्ता पर एक विशेष विचारधारा को मानने वाले नेताओं का पूरा नियंत्रण होता है।

दूसरे महायुद्ध के दौरान और उससे पहले के समय में मुसोलिनी-कालीन इटली और हिटलर कालीन जर्मनी तथा उसके बाद की कम्युनिस्ट शासन व्यवस्थाएं इसके उदाहरण हैं। सैनिक तानाशाही वाले देश भी इसी के अंतर्गत आते हैं।

समरूप राजनीतिक संस्कृति ( Homogeneous Political Culture )

समरूप राजनीतिक संस्कृति ( Meaning of Homogeneous Political Culture in Hindi ) – जिस देश के निवासियों के राजनीतिक विचारों में बहुत अधिक विषमता नहीं होती वहां समरूप राजनीतिक संस्कृति पाई जाती है। ऐसे देश में लोगों के राजनीतिक उद्देश्यों और उनकी प्राप्ति के साधनों के विषय में एक जैसे विचार होते हैं और विभिन्न नेताओं तथा दलों में आधारभूत बातों पर गहरे मतभेद नहीं होते।

अमेरिका ,ब्रिटेन आदि इसके ज्वलंत उदाहरण है। वहां के लोगों में प्रजातंत्र व्यक्तिगत स्वतंत्रता एवं जनकल्याण जैसे राजनीतिक विचारों पर एकमत है। यही नहीं इस विचार को कार्यन्वित करने वाले साधनों पर भी सर्वसम्मति है।

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खंडित राजनीतिक संस्कृति ( Fragmented Political Culture )

खंडित राजनीतिक संस्कृति (Meaning of Fragmented Political Culture in Hindi ) यह संस्कृति प्राय: ऐसे देशों में मिलती है जहां विभिन्न वर्गों या राजनीतिक दलों के राजनीतिक प्रतिमान अलग-अलग तरह के होते हैं और उनमें सहमति कायम होना सरल नहीं होता। बहुदलीय प्रणाली वाले देश में खंडित राजनीतिक संस्कृति प्राय देखने को मिलती है।

फ्रांस और इटली इसके उदाहरण कहे जा सकते हैं। इसी तरह जहां पर लोगों में उपासना, पंथ या मजहब के आधार पर बहुत अधिक भिन्नता हो और वहां पर विभिन्न दलों, हितो , वर्गों या जातियों के लोग आपस में एकजुट ना रहकर अलग अलग रहने की कोशिश करते हो वहां पर भी खंडित राजनीतिक संस्कृति देखने को मिलती है।

निष्कर्ष ( Conclusion )

इस विवरण से यह स्पष्ट है कि राजनीतिक संस्कृतियों के अनेक रूप हैं। आधुनिक काल में किसी भी राजनीतिक व्यवस्था में राजनीतिक संस्कृति का कोई एक विशुद्ध रूप देखने को नहीं मिलता। प्रायःउनके मिले-जुले रूप ही अधिकतर देशों में हमें देखने को मिलते हैं।

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FAQ Checklist

ऐलन.आर.बाल के अनुसार राजनीतिक संस्कृति के विभिन्न रूप कौनसे हैं ?

राजनीतिक संस्कृति के विभिन्न रूपों के बारे में ऐलन.आर. बाल ( Allen R Ball ) का कहना है राजनीतिक संस्कृति का वर्गीकरण इस आधार पर किया जाता है कि क्या समाज के सदस्य राजनीतिक क्रिया-कलापों में सक्रिय भूमिका निभाते हैं और सरकार की गतिविधियों से लाभ की उम्मीद रखते हैं

आलमंड के मतानुसार प्रजा से क्या तात्पर्य हैं ?

आलमंड के मतानुसार प्रजा से तात्पर्य समाज में रहने वाले उन व्यक्तियों से है जिन पर राजनीतिक व्यवस्था के कार्यों और निर्णयों का प्रभाव तो पड़ता है लेकिन वह सरकार के सामने निवेश ( Inputs ) के रूप में मांगें (Demand ) रखने और निर्गत ( Outputs ) के रूप में निर्णय लेने में कोई भूमिका अदा नहीं करते अर्थात भागीदारी पेश करने व निर्णय लेने में उनका कोई भाग नहीं होता।

आलमंड का भागीदारों से क्या तात्पर्य हैं ?

आलमंड का भागीदारों से तात्पर्य उन व्यक्तियों से है जो राजनीतिक व्यवस्था की निवेश और निर्गत प्रक्रियाओं में भाग लेते हैं। दूसरे शब्दों में भागीदार वे व्यक्ति होते हैं जो राजनीतिक व्यवस्था के सम्मुख मांगे पेश करने और निर्णय लेने में सक्रिय भूमिका अदा करते हैं।

संकीर्ण राजनीतिक संस्कृति का मतलब क्या हैं ?

संकीर्ण अनुकूलन राजनीतिक व्यवस्था के द्वारा शुरू किए गए परिवर्तनों के प्रति अपेक्षाकृत रूप में व्यक्तियों की उदासीनता को दर्शाता है। संकीर्ण राजनीतिक संस्कृति राजनीतिक व्यवस्था से किसी तरह की कोई अपेक्षा नहीं रखती।

संकीर्ण राजनीतिक संस्कृति का उदाहरण बताएं ।

इस प्रकार की राजनीतिक संस्कृति पुराने कबीला समाजों में पाई जाती है जिसमें उनके कबीले का एक मुखिया होता है। वह ही सर्वोपरि होता है। उसके द्वारा ही सभी प्रकार की (धार्मिक, राजनीतिक, आर्थिक ) भूमिकाएं निभाई जाती है। लोग राजनीति से अलग थलग होते हैं। उनका राजनीति से कोई सरोकार नहीं होता ।

संकीर्ण राजनीतिक संस्कृति के दोष अथवा नुकसान बताएं ।

संकीर्ण राजनीतिक संस्कृति में राजनीतिक समाजीकरण का अभाव होता है अर्थात वे केवल औपचारिक रूप से राजनीतिक समाज के सदस्य होते हैं। उन्हें अपने समाज का ज्ञान हो सकता है लेकिन उन्हें राजनीतिक प्रणाली के बारे में कोई ज्ञान नहीं होता। लोग एक साथ सामाजिक ,आर्थिक व धार्मिक कार्य करते हैं और राजनीति से लगभग और अछूते ही रहते हैं।

पराधीन राजनीतिक संस्कृति से तात्पर्य ?

पराधीन राजनीतिक संस्कृति से तात्पर्य उस समाज की राजनीतिक संस्कृति से है, जहां पर आम आदमी या तो अकर्मण्य है या फिर वह राजनीतिक व्यवस्था को तनिक भी प्रभावित नहीं करता और शासकों के आदेशों का पालन स्वभाववश या विवशता के कारण चुपचाप करता चला जाता है।

पराधीन राजनीतिक संस्कृति के उदाहरण बताएं ।

पराधीन राजनीतिक संस्कृति प्रायः उन समाजों में होता है जो राजनीतिक रूप से किसी दूसरे समाज के अधीन होते हैं अर्थात पराधीन राजनीतिक संस्कृति अधीनस्थ उपनिवेशों के लोगों में मिलती है । ऐसे समाज के लोगों में राजनीति के प्रति जागरूकता नहीं होती और वह विदेशियों की परतंत्रता के शिकार होते हैं।

संकीर्ण और पराधीन राजनीतिक संस्कृति में अंतर क्या हैं ?

संकीर्ण राजनीतिक संस्कृति में लोग राजनीति से अलग थलग होते हैं। उनका राजनीति से कोई सरोकार नहीं होता । जबकि पराधीन राजनीतिक संस्कृति में लोग राजनीति के प्रति उदासीन नहीं होते। उनकी राजनीति में रुचि होती है।

भागीदार राजनीतिक संस्कृति कौन से देशों में पाई जाती हैं ?

भागीदार राजनीतिक संस्कृति प्रजातांत्रिक देशों में पाई जाती है, जहां पर नागरिक राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। नागरिक अपने अधिकारों व कर्तव्यों के प्रति सजग होते हैं।

भागीदार राजनीतिक संस्कृति का मतलब क्या हैं ?

भागीदार राजनीतिक संस्कृति- ऐसी राजनीतिक संस्कृति उन समाजों में पाई जाती है जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के अंदर राजनीतिक जागरूकता रखते हुए राजनीतिक व्यवस्था के अंतर्गत चलने वाले निवेश और निर्गत कार्यों में सक्रिय भागीदारी निभाते हैं।

धर्म निरपेक्ष राजनीतिक संस्कृति का अर्थ क्या है ?

धर्म-निरपेक्ष राजनीतिक संस्कृति में लोगों के विश्वास ,मूल्य और दृष्टिकोण धर्म ,साम्प्रदायिकता,प्रांतवाद और वंश पर आधारित ना होकर तर्क व विवेक पर आधारित होते हैं। इस प्रकार की राजनीतिक संस्कृति में धर्म,नस्ल,रंग या जातिवाद का कोई स्थान नहीं होता ।

नागरिक राजनीतिक संस्कृति से क्या तात्पर्य हैं ?

नागरिक राजनीतिक संस्कृति – इस तरह की राजनीतिक संस्कृति में भागीदारी और सहनशीलता के तत्व विद्यमान होते हैं। यह हमें सच्ची लोकतांत्रिक व्यवस्था में ही प्राप्त हो सकती है और उसकी सफलता के लिए आवश्यक भी मानी जाती है।

नागरिक राजनीतिक संस्कृति के उदाहरण बताएं ।

नागरिक राजनीतिक संस्कृति सच्ची लोकतांत्रिक व्यवस्था में ही प्राप्त हो सकती है और उसकी सफलता के लिए आवश्यक भी मानी जाती है। अमेरिका, ब्रिटेन आदि देश ऐसी राजनीतिक संस्कृति के उदाहरण हैं ।

सैद्धांतिक राजनीतिक संस्कृति का मतलब क्या है ?

सैद्धांतिक राजनीतिक संस्कृति -इस प्रकार की संस्कृति एक विशेष प्रकार की विचारधारा पर आधारित होती है तथा समाज के व्यक्तियों के जीवन को इसी विचारधारा के अनुसार ढालने का प्रयत्न किया जाता है।

सैद्धांतिक राजनीतिक संस्कृति का उदाहरण देश बताएं ।

दूसरे महायुद्ध के दौरान और उससे पहले के समय में मुसोलिनी-कालीन इटली और हिटलर कालीन जर्मनी तथा उसके बाद की कम्युनिस्ट शासन व्यवस्थाएं इसके उदाहरण हैं। सैनिक तानाशाही वाले देश भी इसी के अंतर्गत आते हैं।

सैद्धांतिक राजनीतिक संस्कृति के नुकसान क्या हैं ?

राजनीतिक विचारधारा के विरोध को बिल्कुल भी सहन नहीं किया जाता और इस से मतभेद रखने वालों का पूरी तरह दमन कर दिया जाता है। शासन या सत्ता पर एक विशेष विचारधारा को मानने वाले नेताओं का पूरा नियंत्रण होता है।

समरूप राजनीतिक संस्कृति का क्या अर्थ है ?

समरूप राजनीतिक संस्कृति – जिस देश के निवासियों के राजनीतिक विचारों में बहुत अधिक विषमता नहीं होती वहां समरूप राजनीतिक संस्कृति पाई जाती है। ऐसे देश में लोगों के राजनीतिक उद्देश्यों और उनकी प्राप्ति के साधनों के विषय में एक जैसे विचार होते हैं और विभिन्न नेताओं तथा दलों में आधारभूत बातों पर गहरे मतभेद नहीं होते।

समरूप राजनीतिक संस्कृति किन देशों में पाई जाती हैं ?

अमेरिका ,ब्रिटेन आदि इसके ज्वलंत उदाहरण है। वहां के लोगों में प्रजातंत्र व्यक्तिगत स्वतंत्रता एवं जनकल्याण जैसे राजनीतिक विचारों पर एकमत है। यही नहीं इस विचार को कार्यन्वित करने वाले साधनों पर भी सर्वसम्मति है।

खंडित राजनीतिक संस्कृति से क्या तात्पर्य हैं ?

खंडित राजनीतिक संस्कृति – यह संस्कृति प्राय: ऐसे देशों में मिलती है जहां विभिन्न वर्गों या राजनीतिक दलों के राजनीतिक प्रतिमान अलग-अलग तरह के होते हैं और उनमें सहमति कायम होना सरल नहीं होता। बहुदलीय प्रणाली वाले देश में खंडित राजनीतिक संस्कृति प्राय देखने को मिलती है।

खंडित राजनीतिक संस्कृति किन देशों में पाई जाती हैं ?

फ्रांस और इटली इसके उदाहरण कहे जा सकते हैं। इसी तरह जहां पर लोगों में उपासना, पंथ या मजहब के आधार पर बहुत अधिक भिन्नता हो और वहां पर विभिन्न दलों, हितो , वर्गों या जातियों के लोग आपस में एकजुट ना रहकर अलग अलग रहने की कोशिश करते हो वहां पर भी खंडित राजनीतिक संस्कृति देखने को मिलती है।

राजनीतिक संस्कृति के कोई तीन प्रकार कौन से है ?

राजनीतिक संस्कृति के तीन प्रकार – पराधीन राजनीतिक संस्कृति , भागीदार राजनीतिक संस्कृति , नागरिक राजनीतिक संस्कृति ।

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