Gandhism in Hindi ,Various Influences on Gandhian Political Thought in Hindi , Various Sources of Gandhian Philosophy in Hindi,गांधीवादी विचारधारा के विभिन्न स्रोत , गांधी जी के राजनीतिक चिंतन पर प्रभाव ।
महात्मा गांधी का भारतीय राजनीतिक विचारधारा में एक विशिष्ट स्थान है। गांधीवाद ( Gandhian ) को देश व समय की सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता। वे सब के हित में अपने देश के हित की कामना करने वाली प्रतिभा थे । वे एक ऐसे मसीहा थे जिन्होंने सारी मानवता को प्यार करते हुए उसका मार्ग दर्शन किया।
आज भी उनके विचारों में युग युग के दर्शन करने की क्षमता है। उनका दर्शन और चिंतन सर्वकालिक है। वे सत्यम शिवम सुंदरम के साकार रूप थे। उनके राजनीतिक विचारों के समूह को गांधीवाद ( Gandhian ) का नाम दिया गया है।
गांधी जी ( Gandhian ) ने राजनीति और नैतिकता के गहरे संबंधों पर प्रकाश डाला है। गांधी जी के विचारधारा राजनीति के इसी पक्ष पर बल देती है कि मूल्य विहीन राजनीति, राजनीति नहीं होती है वह फांसी का फंदा होता है। अतः भारतीय राजनीतिक विचारधारा के इतिहास में गांधी जी के राजनीतिक चिंतन का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है।
Table of Contents विषय सूची
गांधी जी के राजनीतिक चिंतन पर विभिन्न प्रभाव | गांधीवादी विचारधारा के विभिन्न स्रोत ( Various Sources of Gandhian Philosophy in Hindi )
गांधी जी ( Gandhian ) के विचारधारा तथा राजनीतिक कार्यक्रम पर तत्कालीन परिस्थितियों के अतिरिक्त अनेक धर्म तथा महान व्यक्तियों का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। गांधी जी के विचारों एवं चिंतन के मुख्य स्रोत निम्नलिखित है-
पारिवारिक प्रभाव ( Effect of the Family )
गांधी जी ( Gandhian ) के विचारधारा पर सबसे पहले प्रभाव उनके पारिवारिक वातावरण कथा। गांधी जी की माता एक अत्यंत धार्मिक महिला थी। यद्यपि वे अधिक पढ़ी-लिखी नहीं थी परंतु उनका जीवन बहुत ही धार्मिक था।
उनके पिता कर्मचंद गांधी भी सच्चाई का पालन करने वाले उदार व्यक्ति थे। ऐसे माता-पिता के साथ रहते हुए गांधी जी ने ईश्वर भक्ति, ईमानदारी, विश्वास ,सत्य और अहिंसा आदि के गुण ग्रहण किए ।
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विभिन्न धर्म का प्रभाव ( Influence of various Religions )
गांधी जी ( Gandhian ) एक धार्मिक व्यक्ति थे। उनके चिंतन पर विभिन्न धर्म हिंदू धर्म, इस्लाम धर्म ,ईसाई धर्म ,बौद्ध धर्म, जैन धर्म आदि का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। नीचे इसकी विस्तृत व्याख्या इस प्रकार हैं –
हिंदू धर्म का प्रभाव ( Influence of Hindu Religion )
गांधी जी के चिंतन पर सबसे अधिक प्रभाव हिंदू धर्म का था। हिंदू धर्म की विभिन्न पुस्तकों उपनिषदों,वेदों ,रामायण, महाभारत, गीता इत्यादि का उनके चिंतन पर गहरा प्रभाव पड़ा।
उपनिषदों के प्रभाव के कारण गांधी जी ( Gandhian ) ने लिखा कि हममें ऐसी भावना विकसित होनी चाहिए जिससे कि हमें दूसरों का दुख दिखाई दे तथा हमें उसे दुख से मुक्ति दिलाए बिना संतुष्ट नहीं होना चाहिए। गीता उनके जीवन की मार्गदर्शन तथा प्रेरणा का स्रोत थी।
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ईसाई धर्म का प्रभाव ( Influence of Christianity )
गांधी जी ( Gandhian ) ने ईसाई धर्म की पुस्तक बाइबल पड़ी थी और वह ईसा मसीह के पवित्र, शुद्ध तथा सादे जीवन से बहुत प्रभावित हुए थे। वे बाइबल के इस वाक्य से बहुत प्रभावित हुए थे-‘ पाप से घृणा करो पापी से नहीं।
बौद्ध धर्म तथा जैन धर्म का प्रभाव ( Influence of Buddhism and Jainism )
गांधी जी के अहिंसा के सिद्धांत का मूल आधार बौद्ध तथा जैन धर्म है। गांधी जी का जन्म तथा पालन पोषण गुजरात में हुआ जहां जैन धर्म का बहुत प्रभाव था। उनके पिताजी एक जैन मुनि बेचारजी स्वामी से मित्रता थी।
जब गांधी जी ( Gandhian ) उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए इंग्लैंड जाने लगे तो बेचारजी स्वामी ने उनसे तीन प्रतिज्ञाएं करवाई थी- मदिरा ,मांस और स्त्री को ना छूना अर्थात इनसे दूर रहना।
जैन धर्म से गांधी जी ( Gandhian ) ने सत्य ,अहिंसा, त्याग तथा पवित्रता आदि के गुण ग्रहण किया। गांधी जी ने बौद्ध धर्म को भी पढ़ा था। इस धर्म ने भी जो अहिंसा के व्यावहारिक रूप पर बोल देता है गांधी जी को बहुत प्रभावित किया था।
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इस्लाम धर्म का प्रभाव ( Influence of Islam )
इस्लाम धर्म की पुस्तक कुरान का भी गांधी जी पर बहुत प्रभाव था। गांधी जी ( Gandhian ) इस्लाम धर्म को शांति तथा अहिंसा का प्रतीक मानते थे। इस्लाम का अर्थ शांति सुरक्षा तथा मुक्ति है। इस्लाम धर्म के प्रवर्तक पैगंबर मोहम्मद को गांधी जी दयावान सुशील तथा विनीत मानते थे।
विभिन्न चिंतकों का प्रभाव ( Influence of Various Thinkers )
गांधी जी ( Gandhian ) के चिंतन को विभिन्न विद्वानों तथा चिंतकों के विचारों ने भी बहुत प्रभावित किया। इनमें जॉन रस्किन ,हेनरी डेविड थोरो ,गोपाल कृष्ण गोखले तथा बाल गंगाधर तिलक के नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है।
सन 1904 में गांधी जी ने रस्किन की पुस्तक ‘अन्टू दिस लास्ट ( Unto This last ) पढ़ी । इस पुस्तक ने गांधी जी ( Gandhian ) को इतना अधिक प्रभावित किया कि उन्होंने स्वयं इस पुस्तक का गुजराती में अनुवाद किया और उसका नाम रखा सर्वोदय सबका कल्याण हो।
इस पुस्तक से उन्होंने तीन शिक्षाएं- सबके भले में व्यक्ति का भला ,सभी कार्य समान है तथा श्रम की महत्व ग्रहण की।
सन 1908 में दक्षिणी अफ्रीका में गांधी जी ने जेल में हेनरी डेविड थोरो की पुस्तक ‘ सविनय अवज्ञा पर निबन्ध ( Essay on Civil Dis-obedience ) पढ़ी । इस पुस्तक के आधार पर ही गांधी जी ( Gandhian ) ने राज्य की प्रकृति तथा कार्यों का वर्णन किया।
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टॉलस्टॉय एक रूसी साहित्यकार थे जिनकी पुस्तक ‘ The Kingdom of God is Within you ‘की गांधी जी ने बहुत प्रशंसा की। इस पुस्तक से गांधी जी ने प्रेम ,अहिंसा ,महत्व ,शोषण का विरोध ,श्रम व नैतिकता का महत्व तथा आदर्श साधन जैसी कई बातें ग्रहण की।
इसी के आधार पर गांधी जी ने जीवन भर हिंसक साधनों का विरोध किया और लोगों से कहा कि वह बुरी तथा अत्याचारी सरकार को सहयोग न दे।
गांधी जी ( Gandhian ) गोखले जी को अपना राजनीतिक गुरु मानते थे। गोखले जी के विचारों ने गांधी जी को बहुत प्रभावित किया था। गोखले जी एक उदारवादी नेता थे तथा संवैधानिक साधनों में उनका अटल विश्वास था। वे राजनीति का आत्मीकरण करना चाहते थे तथा राजनीतिक सहनशीलता और हिंसा से घृणा करते थे। इन विचारों ने गांधी जी को बहुत हद तक प्रभावित किया।
गांधी जी ( Gandhian ) ने बाल गंगाधर तिलक जी द्वारा दिए गए साधनों स्वदेशी बहिष्कार और राष्ट्रीय शिक्षा तथा निष्क्रिय प्रतिरोध ने उनके विचारों को काफी हद तक प्रभावित किया और स्टॉप गांधी जी ने जो असहयोग आंदोलन तथा सविनय अवज्ञा आंदोलन चलाए उनकी रुपरेखा काफी समय पहले तिलक जी ने रेखांकित कर दी थी।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि गांधी जी ( Gandhian ) के चिंतन के अनेक स्रोत थे जिनमें धार्मिक पुस्तके, भारतीय तथा विदेशी दार्शनिक एवं विचारक शामिल थे।
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FAQs Various Sources of Gandhian Philosophy in Hindi
गांधी जी के राजनीतिक चिंतन पर किनका प्रभाव पड़ा ?
गांधी जी के विचारधारा पर सबसे पहले प्रभाव उनके पारिवारिक वातावरण कथा। गांधी जी की माता एक अत्यंत धार्मिक महिला थी। यद्यपि वे अधिक पढ़ी-लिखी नहीं थी परंतु उनका जीवन बहुत ही धार्मिक था।
गांधी जी पर विभिन्न धर्मों का क्या प्रभाव पड़ा ?
नीचे इसकी विस्तृत व्याख्या इस प्रकार हैं –
गांधी जी के चिंतन पर सबसे अधिक प्रभाव हिंदू धर्म का था। हिंदू धर्म की विभिन्न पुस्तकों उपनिषदों,वेदों ,रामायण, महाभारत, गीता इत्यादि का उनके चिंतन पर गहरा प्रभाव पड़ा। गांधी जी ने ईसाई धर्म की पुस्तक बाइबल पड़ी थी और वह ईसा मसीह के पवित्र, शुद्ध तथा सादे जीवन से बहुत प्रभावित हुए थे।
गांधी जी पर हिंदू धर्म का क्या प्रभाव पड़ा ?
गांधी जी के चिंतन पर सबसे अधिक प्रभाव हिंदू धर्म का था। हिंदू धर्म की विभिन्न पुस्तकों उपनिषदों,वेदों ,रामायण, महाभारत, गीता इत्यादि का उनके चिंतन पर गहरा प्रभाव पड़ा।
उपनिषदों के प्रभाव के कारण गांधी जी ने लिखा कि हममें ऐसी भावना विकसित होनी चाहिए जिससे कि हमें दूसरों का दुख दिखाई दे तथा हमें उसे दुख से मुक्ति दिलाए बिना संतुष्ट नहीं होना चाहिए। गीता उनके जीवन की मार्गदर्शन तथा प्रेरणा का स्रोत थी।
गांधी जी पर ईसाई धर्म का क्या प्रभाव पड़ा ?
गांधी जी ने ईसाई धर्म की पुस्तक बाइबल पड़ी थी और वह ईसा मसीह के पवित्र, शुद्ध तथा सादे जीवन से बहुत प्रभावित हुए थे। वे बाइबल के इस वाक्य से बहुत प्रभावित हुए थे-‘ पाप से घृणा करो पापी से नहीं।
गांधी जी पर बौद्ध तथा जैन धर्म का क्या प्रभाव पड़ा ?
गांधी जी के अहिंसा के सिद्धांत का मूल आधार बौद्ध तथा जैन धर्म है। गांधी जी का जन्म तथा पालन पोषण गुजरात में हुआ जहां जैन धर्म का बहुत प्रभाव था। उनके पिताजी एक जैन मुनि बेचारजी स्वामी से मित्रता थी।
गांधी जी पर इस्लाम धर्म का क्या प्रभाव पड़ा ?
इस्लाम धर्म की पुस्तक कुरान का भी गांधी जी पर बहुत प्रभाव था। गांधी जी इस्लाम धर्म को शांति तथा अहिंसा का प्रतीक मानते थे। इस्लाम का अर्थ शांति सुरक्षा तथा मुक्ति है। इस्लाम धर्म के प्रवर्तक पैगंबर मोहम्मद को गांधी जी दयावान सुशील तथा विनीत मानते थे।
गांधी जी पर किन चिंतकों का प्रभाव पड़ा ?
गांधी जी के चिंतन को विभिन्न विद्वानों तथा चिंतकों के विचारों ने भी बहुत प्रभावित किया। इनमें जॉन रस्किन ,हेनरी डेविड थोरो ,गोपाल कृष्ण गोखले तथा बाल गंगाधर तिलक के नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है।
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