Government Company Advantages and Disadvantages in Hindi सरकारी कम्पनी के गुण-दोष लाभ-हानि

Government Company : सरकारी कम्पनी के गुण-दोष | लाभ-हानि

गवर्नमेंट कंपनी पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन

Government Company Advantages and Disadvantages in Hindi सरकारी कम्पनी के गुण-दोष | लाभ-हानि – सरकारी कंपनी प्रशासकीय संगठन का एक अन्य महत्वपूर्ण रूप है। सार्वजनिक निगम की तरह सरकारी कंपनी की स्थापना भी व्यापारिक तथा औद्योगिक कार्यों की प्रबंध के लिए की जाती है।

वर्तमान समय में सरकारी कंपनी सार्वजनिक क्षेत्रों के लिए काफी लाभदायक सिद्ध हो रही है। भारत में भी सरकारी कंपनियां देश की अर्थव्यवस्था में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। सरकारी कंपनियों का प्रयोग अधिकांशतया उत्पादन कार्यों के लिए किया जाता है।

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साधारण तौर पर सार्वजनिक क्षेत्रों तथा निजी क्षेत्रों में कई पक्षों पर अंतर पाया जाता है परंतु कई बार सरकारी तथा निजी क्षेत्रों के उद्यमो का मिश्रण किया जाता है ताकि दोनों के गुणों का लाभ प्राप्त किया जा सके।

सरकारी कंपनी के लाभ ( Advantages of Government Company in Hindi )

देश के सफल आर्थिक ढांचे में सरकारी कंपनियां बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है क्योंकि इन्हें प्रशासकीय तथा वित्तीय स्वायत्तता प्राप्त होती है। इसके अतिरिक्त सरकारी विभागों की तुलना में इसमें लचीलापन का लक्षण पाया जाता है जो व्यापारिक उद्योगों की सफलता के लिए अति आवश्यक है। सरकारी कंपनी के लाभ इस प्रकार हैं-

  • कंपनी प्रबंध में स्वतंत्रता तथा लचीलापन के महत्वपूर्ण लक्षण पाए जाते हैं ।
  • कंपनी की अपनी अलग व्यापारिक पहचान होने के कारण इसके प्रबंधकों के लिए योग्य व्यापारिक विधि अपनाना तथा उनका पालन करना बहुत आसान होता है।
  • जो व्यक्ति सार्वजनिक क्षेत्रों में व्यापारिक कार्य करते हैं स्वयं को व्यापारिक उद्योग में संगठित करना अधिक बेहतर समझते हैं।
  • कंपनी के प्रबंधकीया कार्यों तथा उत्तरदायित्व का पूरा करने के लिए गैर सरकारी सदस्यों का सहयोग बड़ा लाभदायक सिद्ध होता है।
  • कंपनी के अनुसार कायम रखने के लिए कंपनी कानून एक महत्वपूर्ण है। इसलिए कार्य निपुणता से पूरा हो जाता है ।

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सरकारी कंपनी के दोष ( Disadvantages of Government Company in Hindi )

कंपनी की अलग व्यापारिक पहचान होने के कारण इसके प्रबंधकों के लिए योग्य व्यापारिक विधि अपनाना तथा उनका पालन करना बहुत आसान होता है। सरकारी कंपनी के अनेकों लाभ है वही इसके कई दोष भी हैं जो निम्नलिखित हैं –

1 ) सरकारी कंपनी की विरुद्ध पहले यह दोष लगाया जाता है कि जो बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के सभी अथवा उनमें से बहुसंख्यक सदस्य सरकार के प्रतिनिधि हो वहां वित्तीय तथा प्रशासकीय स्वायत्तता की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।

2 ) लोकतंत्रीय देश में कंपनी के रूप में संगठित क्षेत्र ,सरकार तथा संसद के प्रति जवाबदेही नहीं होता। इस संबंधी एक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में कहा गया था कि कंपनी संवैधानिक दायित्व से बच जाती है जो कि लोकतंत्र समाज में राज्य द्वारा चलाए गए सभी सार्वजनिक क्षेत्रों की राज्य तथा संसद के प्रति होनी चाहिए।

3 ) सरकारी कंपनी की एक और बड़ी कमियां है कि कई बार निजी क्षेत्र के हिस्सेदार नौकरशाही के साथ मिलकर कंपनी के को घाटे में ले जाने का प्रयास करते हैं। यदि वह अपनी चाल में सफल हो जाते हैं तो उस कंपनी का पूरा स्वामित्व अपने अधीन करने की कोशिश करते हैं।

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FAQ Checklist

सरकारी कंपनी के तीन लाभ बताओं ।

1 ) कंपनी प्रबंध में स्वतंत्रता तथा लचीलापन के महत्वपूर्ण लक्षण पाए जाते हैं ।
2 ) कंपनी की अपनी अलग व्यापारिक पहचान होने के कारण इसके प्रबंधकों के लिए योग्य व्यापारिक विधि अपनाना तथा उनका पालन करना बहुत आसान होता है।
3 ) जो व्यक्ति सार्वजनिक क्षेत्रों में व्यापारिक कार्य करते हैं स्वयं को व्यापारिक उद्योग में संगठित करना अधिक बेहतर समझते हैं।

सरकारी कंपनी के दोष क्या है ?

सरकारी कंपनी की विरुद्ध पहले यह दोष लगाया जाता है कि जो बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के सभी अथवा उनमें से बहुसंख्यक सदस्य सरकार के प्रतिनिधि हो वहां वित्तीय तथा प्रशासकीय स्वायत्तता की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।

सरकारी कंपनी तथा विभाग में अंतर क्या है ?

सरकारी कंपनी तथा विभाग में अंतर इस प्रकार है –
1 ) प्रत्येक सरकारी कंपनी की स्थापना कंपनी एक्ट 1956 के अधीन की जाती है जबकि विभाग की स्थापना कार्यपालिका के आदेश के अनुसार की जाती है।
2 ) कंपनी एक वैधानिक व्यक्ति होने के कारण इसकी एक अलग पहचान होती है परंतु इसके विपरीत विभाग अदालत में ना किसी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर सकता है तथा ना ही इसके विरुद्ध कोई मुकदमा चलाया जा सकता है क्यों विभाग वैधानिक व्यक्ति नहीं हैं ।

सरकारी कंपनी तथा सार्वजनिक निगम में अंतर क्या है ?

सरकारी कंपनी तथा सार्वजनिक निगम में अंतर इस प्रकार है-
1) प्रत्येक सार्वजनिक निगम की स्थापना के लिए विधानमंडल को अलग कानून का निर्माण करना पड़ता है परंतु इसके विपरीत प्रत्येक सरकारी कंपनी की स्थापना कंपनी एक्ट 1956 के अधीन की जाती है।
2 ) सार्वजनिक निगम की स्थापना सार्वजनिक हित व सामूहिक लाभ के लिए की जाती है परंतु इसके विपरीत कंपनी की स्थापना का उद्देश्य लाभ तथा सेवा दोनों होता है।

सरकारी कंपनी की सबसे बड़ी कमी क्या है ?

सरकारी कंपनी की एक और बड़ी कमियां है कि कई बार निजी क्षेत्र के हिस्सेदार नौकरशाही के साथ मिलकर कंपनी के को घाटे में ले जाने का प्रयास करते हैं। यदि वह अपनी चाल में सफल हो जाते हैं तो उस कंपनी का पूरा स्वामित्व अपने अधीन करने की कोशिश करते हैं।

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