Personnel Administration Functions,Recruitment and Training in Hindi कार्मिक प्रशासन के कार्य

Personnel Administration : कार्मिक प्रशासन के कार्य

कार्मिक प्रशासन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन

Personnel Administration Functions in Hindi -कार्मिक प्रशासन को कई अन्य नामों से भी जाना जाता हैं जैसे कि ,कार्मिक प्रबंध , श्रमिक प्रबन्ध , जन शक्ति प्रबन्ध , लोक प्रशासन , औधोगिक प्रबन्ध इत्यादि । कार्मिक प्रशासन का अर्थ है – संगठन में मानव संबंधों की देख रेख का कार्य करना ।

प्रशासन सभी मानवीय मामलों के केंद्र में होता है। इसके प्रमुख तत्व है नीति का निर्माण करना तथा उसे लागू करना ताकि निर्धारित उद्देश्यों की पूर्ति अधिकतम स्तर तक हो सके। कार्मिक शब्द का अर्थ ,कर्मचारियों ,अधिकारियों या सेवकों के समूह हैं ,जो संगठन में विभिन्न पदों पर कार्यरत होते हैं।

Table of Contents विषय सूची

कार्मिक प्रशासन के कार्य ( Personnel Administration Functions in Hindi )

प्रशासनिक या प्रबंधकीय कार्य POSDCORB के माध्यम से किया जाता है ,यानी कि नियोजन ( Planning ) ,संगठित करना ( Organising ) , भर्ती करना ( Staffing ) ,निर्देश देना ( Directing ) , समन्वय करना ( Co-Ordinating ) तथा बजट बनाना ( Budgeting ) ।

इसलिए कार्मिक प्रशासन को प्रभावशाली बनने के लिए कार्मिक कार्यों के लिए किए जा रही है प्रशासन के प्रयासों का नियोजन संगठन भर्ती उत्प्रेषण व नियंत्रण करना पड़ता है। जहां तक विशिष्ट गतिविधियों का प्रश्न है कार्मिक प्रशासन को छह मौलिक कार्य करने के रूप में देखा जा सकता हैं –

कार्मिक प्रशासन के छह मौलिक कार्य ( Six Fundamental Functions of Personnel Administration in Hindi )

  • संगठन में नए कर्मचारी लाना ( भर्ती )
  • मौजूदा लोक कर्मचारियों से संबंधित दैनिक गतिविधियों का प्रशासन करना ( सेवाकालीन कार्य )
  • मौजूदा कर्मचारियों की क्षमताओं का मूल्यांकन करना और भविष्य की आवश्यकताओं की योजना बनाना नजर रखना विश्लेषण व नियोजन
  • लोक कार्यक्रमों पर नियंत्रण रखने के लिए कार्मिकों और बजटीय प्रणाली में संबंध बनाना( कार्यक्रम और बजट नियंत्रण )
  • मजदूर प्रबंध संबंधों और समझौतों के लिए आवश्यक जानकारी उपलब्ध करवाना ( मजदूर प्रबंध संबंध )
  • अन्य संबंधित कार्यों जैसे वेतन और कर्मचारी लाभों को सहयोग देना ( अन्य प्रणालियों को सहयोग )

यह भी पढ़े –

शिक्षा के दृष्टिकोण से कार्मिक प्रबंध के 3 पहलू

भारतीय कार्मिक प्रबंध संस्थान ( Indian Institute of Personnel Managment ) के अनुसार शिक्षा के दृष्टिकोण से कार्मिक प्रबंध के 3 पहलू है जो कि इस प्रकार है-

कल्याणकारी पहलू

कल्याणकारी पहलू जो कि कार्य स्थितियों तथा अन्य सुविधाओं जैसे कैंटीन, शिशु गृह ,आवास ,कार्मिकों की व्यक्तिगत समस्याओं ,स्कूल व मनोरंजक गतिविधियों से संबंधित है ।

मजदूर या कार्मिक पहलू

मजदूर या कार्मिक पहलू जो की भर्ती, कर्मचारियों के स्थापन वेतन, पदोन्नति, भत्तों व उत्पादन आदि से संबंधित है, इत्यादि ।

औद्योगिक संबंधों का पहलू

औद्योगिक संबंधों का पहलू जो मजदूर संघों से बातचीत औद्योगिक झगड़ों के निपटारे, सामूहिक परामर्श तथा सामूहिक सौदेबाजी से संबंधित है।

यह भी पढ़े –

कार्मिक प्रशासन के कुछ महत्वपूर्ण कार्य

कार्मिक प्रशासन को प्रभावशाली बनने के लिए कार्मिक कार्यों के लिए किए जा रही है प्रशासन के प्रयासों का नियोजन संगठन भर्ती उत्प्रेषण व नियंत्रण करना पड़ता है। कार्मिक प्रशासन के कुछ महत्वपूर्ण कार्य निम्नलिखित हैं-

जनशक्ति नियोजन Manpower Planning

जनशक्ति नियोजन उन कार्मिकों की संख्या का पूर्व अनुमान लगाता है जो एक निश्चित अवधि में किसी संगठन को रखने होंगे, उन्हें प्रशिक्षित करना होगा और उनकी पदोन्नति करनी होगी। जनशक्ति नियोजन ,संगठन की विभिन्न गतिविधियों के लिए आवश्यक सामान्य व विशिष्ट जन शक्ति का दुरगामी अनुमान लगाता है।

कर्मचारियों के स्तरों और विभिन्न प्रकार की निपुणता की आवश्यकता का पूर्वानुमान, पहले से ही लगाकर जनशक्ति नियोजन इन कर्मचारियों की भर्ती,चयन और प्रशिक्षण के लिए समुचित समय देती है। इससे कार्य में देरी पर नियंत्रण बना रहता हैं और यह उन स्रोतों का विकास करने के लिए एक प्रभावशाली उपकरण सिद्ध होता हैं जहां से आवश्यक कर्मचारियों को उपलब्ध कराया जा सकता हैं ।

इस उद्देश्य के लिए जिन विधियों का प्रयोग किया जा सकता है वह हैं – कार्य विश्लेषण , कार्य-विवरण ,कार्य विष्टिकरण ,कार्य भार विश्लेषण तथा जन शक्ति विश्लेषण । बिना प्रभावशाली जनशक्ति नियोजन के ,कार्मिक प्रशासन के अन्य कार्य जैसे भर्ती ,प्रशिक्षण, पदौन्नति इत्यादि ठीक ढंग से नही किये जा सकते ।

यह भी पढ़े –

भर्ती ,प्रशिक्षण, पदोउन्नति Recruitment, Traning and Promotion

भर्ती ,प्रशिक्षण, पदोउन्नति Recruitment, Traning and Promotion in Hindi – भर्ती व चयन, कार्मिक प्रशासन का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। भर्ती वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा भविष्य के कर्मचारियों को ढूंढा जाता है और संगठन के पदों के लिए आवेदन करने के लिए उन्हें प्रेरित किया जाता है। यह एक ‘ सकारात्मक ‘कार्य है जिसका उद्देश्य चयन अनुपात यानी कि प्रत्येक पद के लिए आवेदकों की संख्या को बढ़ाना है।

दूसरी ओर चयन एक ‘नकारात्मक ‘ क्रिया है क्योंकि यहां संगठन में रखे जाने वाले आवेदकों के अलावा अन्य को हटाने का प्रयास करता है। सेवाएं चाहे सरकारी हो या निजी भर्ती इन सेवाओं की कुशलता का निर्धारण करती है। अनुचित भर्ती नीति के प्रशासन में स्थाई कमियां आ जाती है।

एक नियोजित भर्ती कार्यक्रम ,संगठन को पदों के लिए आवेदक प्रदान करता है ,जिनमें से आवश्यक संख्या में चयन किया जाता है। इसमें कई कार्य आ जाते है जैसे विज्ञापन, उपयुक्त प्रचार के आवेदक से आवेदन मंगवाना,आवेदकों का प्राथमिक प्रशिक्षण, परीक्षाएं आयोजित करना और उचित पाए गए आवेदकों को प्रमाणित करना।

प्रशिक्षण एक ऐसा सुनियोजित प्रयास है जिससे व्यावसायिक ज्ञान, विस्तृत सोच व व्यवहार, आदतों और दृष्टिकोणों के सही आयाम विकसित करके ,सेवाओं की योग्यता को बढ़ाया जा सकता है। प्रशिक्षण द्वारा संगठन के उद्देश्यों और तकनीकों में होने वाले निरंतर परिवर्तनों के प्रति कर्मचारी अपने आप को डाल सकती हैं।

कार्मिक प्रशासन का एक अन्य महत्वपूर्ण कार्य पदोन्नति है। पदोन्नति का अर्थ है कर्मचारी के वर्तमान पद से वृद्धि जिससे उसके उत्तरदायित्व प्रतिष्ठा निपुणता और वेतन में वृद्धि हो। संगठन पदोन्नति के माध्यम से कर्मियों की सेवाएं बनाए रखता है।

यह भी पढ़े –

वेतन तन्त्र का विकास Salary Structure

वेतन तन्त्र का विकास Salary Structure – एक सशक्त वेतन तंत्र का विकास कार्मिक प्रशासन का एक महत्वपूर्ण कार्य है। वेतन तंत्र का निर्धारण इस प्रकार से किया जाना चाहिए कि संगठन के कर्मचारियों को यह पुरस्कार पर्याप्त लगे और संगठन के संसाधनों का प्रयोग समुचित रूप से किया जा सके। सारगर्भिता और पर्याप्तता वेतन तंत्र की मौलिक गतिविधियां है।

प्रत्येक संगठन को अपने कर्मचारियों के वेतन और अतिरिक्त भक्तों का निर्धारण इस तरह से करना चाहिए कि किसी भी कर्मचारी को यह अपर्याप्त ना लगे। इसके अलावा मूल्य वृद्धि को और संगठन के लाभ को ध्यान में रखते हुए वेतन मानों के समय-समय पर वृद्धि होती रहनी चाहिए।

कर्मचारी कल्याण Employee’s Welfare

कर्मचारी कल्याण Employee’s Welfare in Hindi – कर्मचारियों का कल्याण कार्मिक प्रशासन का महत्वपूर्ण कार्य है। एक अच्छा कार्मिक तंत्र हमेशा ही कर्मचारियों की सकुशलता को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। संगठन के सभी कल्याणकारी कार्यक्रम, संगठन में कार्य करने वाले कर्मचारियों का मनोबल व प्रेरणा बढ़ाती है।

कर्मचारी लाभ कार्यक्रम,मनोबल बनाते और बढ़ाते हैं ,जिससे कि कार्य व कार्य वातावरण के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण बनता है वह बनाए रखा जा सकता है। ऐसे कार्यक्रम है जैसे अवकाश ,विभिन्न प्रकार की छुट्टियों का प्रावधान ,शिक्षा सुविधाएं ,शिशु गृह व कैंटीन की सुविधा, मनोरंजन सुविधाएं, छुट्टियों में घूमने फिरने के लिए किराए में छूट आदि।

सुरक्षा व स्वास्थ्य कार्यक्रम -सामूहिक स्वास्थ्य, बीमा योजना ,समय-समय पर स्वास्थ्य की जांच, उचित कार्य स्थितियां जैसे सही प्रकाश व्यवस्था, रोशनदान ,खुली जगह और उपकरण इत्यादि। यह सभी कर्मचारियों के कल्याण के लिए कदम है और कार्मिक प्रशासन अच्छी कार्य स्थितियां सुनिश्चित करता है।

यह भी पढ़े –

कर्मचारी शिकायतों का निवारण Redressal of Employee’s Grievances

कर्मचारी शिकायतों का निवारण Redressal of Employee’s Grievances in Hindi – कार्मिक प्रशासन और कर्मचारी कल्याण कार्यक्रमों का यह एक महत्वपूर्ण पहलू है। कर्मचारियों और नियोक्ता के हितों में विरोधाभास नहीं होना चाहिए। कार्मिक प्रशासन को मजदूर प्रबंध संबंधों और वार्तालाप के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान करनी चाहिए। मजदूर संघ व कर्मचारी संघ अपने अधिकार अधिक मांगने लग गए हैं।

संगठन के शिकायत निवारण केंद्रों को कर्मचारियों की शिकायतें प्रणाली बद्धता और शीघ्रता से दूर करने चाहिए। संगठन को कर्मचारियों को प्रभावशाली नेतृत्व प्रदान करना चाहिए। मनोबल की स्थापना तथा ऐसी मानसिक अवस्था का जो की वफादारी,उत्साह, सहयोग ,सेवा पर गर्व और सेवा के प्रति समर्पण के रूप में प्रदर्शित होती है यही संपूर्ण कार्मिक प्रणाली का निचोड़ है।

कार्मिक नियोजन व मूल्याकंन Personnel Planning and Evaluation

कार्मिक नियोजन व मूल्याकंन Personnel Planning and Evaluation – कार्मिक प्रशासन का एक अन्य महत्वपूर्ण कार्य है, संगठन की कार्मिक नीतियों का मूल्यांकन करना तथा उनकी कमियों को दूर करना। यह कर्मचारियों के मनोबल व प्रेरणा के स्तरों को जानने के लिए सर्वेक्षण भी करता है। इसके लिए कई शोध परियोजनाएं भी की जाती है। इन अध्ययनों व शोध कार्यों के निष्कर्षों का प्रयोग संगठन के मानव संसाधनों को सशक्त करने के लिए किया जाता है। मूल्यांकन व कार्मिक प्रशासन की तकनीकों में सुधार जैसे उपाय प्रत्येक कदम पर किए जाते हैं।

यह भी पढ़े –

FAQ Checklist

कार्मिक प्रशासन के कार्य कौन से है ?

Personnel Administration कार्मिक प्रशासन के कार्य – प्रशासनिक या प्रबंधकीय कार्य POSDCORB के माध्यम से किया जाता है ,यानी कि नियोजन ( Planning ) ,संगठित करना ( Organising ) , भर्ती करना ( Staffing ) ,निर्देश देना ( Directing ) , समन्वय करना ( Co-Ordinating ) तथा बजट बनाना ( Budgeting ) ।

कार्मिक प्रशासन के मौलिक कार्य कौनसे हैं ?

1) संगठन में नए कर्मचारी लाना ( भर्ती )
2 ) मौजूदा लोक कर्मचारियों से संबंधित दैनिक गतिविधियों का प्रशासन करना ( सेवाकालीन कार्य )
3 ) लोक कार्यक्रमों पर नियंत्रण रखने के लिए कार्मिकों और बजटीय प्रणाली में संबंध बनाना( कार्यक्रम और बजट नियंत्रण )

शिक्षा के दृष्टिकोण से कार्मिक प्रबंध के 3 पहलू कौन से है ?

भारतीय कार्मिक प्रबंध संस्थान ( Indian Institute of Personnel Managment ) के अनुसार शिक्षा के दृष्टिकोण से कार्मिक प्रबंध के 3 पहलू है जो कि इस प्रकार है-
1 ) कल्याणकारी पहलू 2) मजदूर या कार्मिक पहलू 3) औधोगिक सम्बन्धो का पहलू

कार्मिक प्रशासन के कुछ महत्वपूर्ण कार्य कौन से है ?

कार्मिक प्रशासन के कुछ महत्वपूर्ण कार्य निम्नलिखित हैं – जनशक्ति नियोजन , भर्ती, प्रशिक्षण, पदोउन्नति, वेतन तन्त्र का विकास, कर्मचारी कल्याण कार्यक्रम , कर्मचारी शिकायतों का निवारण ,कार्मिक नियोजन व मूल्यांकन ।

जनशक्ति नियोजन क्या है ?

जनशक्ति नियोजन उन कार्मिकों की संख्या का पूर्व अनुमान लगाता है जो एक निश्चित अवधि में किसी संगठन को रखने होंगे, उन्हें प्रशिक्षित करना होगा और उनकी पदोन्नति करनी होगी। जनशक्ति नियोजन ,संगठन की विभिन्न गतिविधियों के लिए आवश्यक सामान्य व विशिष्ट जन शक्ति का दुरगामी अनुमान लगाता है।

भर्ती प्रक्रिया क्या हैं ?

भर्ती प्रक्रिया – भर्ती व चयन, कार्मिक प्रशासन का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। भर्ती वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा भविष्य के कर्मचारियों को ढूंढा जाता है और संगठन के पदों के लिए आवेदन करने के लिए उन्हें प्रेरित किया जाता है। यह एक ‘ सकारात्मक ‘कार्य है जिसका उद्देश्य चयन अनुपात यानी कि प्रत्येक पद के लिए आवेदकों की संख्या को बढ़ाना है।

कार्मिक प्रशासन का प्रशिक्षण प्रक्रिया क्या है ?

प्रशिक्षण एक ऐसा सुनियोजित प्रयास है जिससे व्यावसायिक ज्ञान, विस्तृत सोच व व्यवहार, आदतों और दृष्टिकोणों के सही आयाम विकसित करके ,सेवाओं की योग्यता को बढ़ाया जा सकता है। प्रशिक्षण द्वारा संगठन के उद्देश्यों और तकनीकों में होने वाले निरंतर परिवर्तनों के प्रति कर्मचारी अपने आप को डाल सकती हैं।

पदोन्नति क्या होता हैं ?

कार्मिक प्रशासन का एक अन्य महत्वपूर्ण कार्य पदोन्नति है। पदोन्नति का अर्थ है कर्मचारी के वर्तमान पद से वृद्धि जिससे उसके उत्तरदायित्व प्रतिष्ठा निपुणता और वेतन में वृद्धि हो। संगठन पदोन्नति के माध्यम से कर्मियों की सेवाएं बनाए रखता है।

वेतन तन्त्र का विकास से क्या तात्पर्य हैं ?

वेतन तन्त्र का विकास Salary Structure – एक सशक्त वेतन तंत्र का विकास कार्मिक प्रशासन का एक महत्वपूर्ण कार्य है। वेतन तंत्र का निर्धारण इस प्रकार से किया जाना चाहिए कि संगठन के कर्मचारियों को यह पुरस्कार पर्याप्त लगे और संगठन के संसाधनों का प्रयोग समुचित रूप से किया जा सके। सारगर्भिता और पर्याप्तता वेतन तंत्र की मौलिक गतिविधियां है।

कर्मचारी कल्याण कार्यक्रम क्या है ?

कर्मचारी कल्याण Employee’s Welfare in Hindi – कर्मचारियों का कल्याण कार्मिक प्रशासन का महत्वपूर्ण कार्य है। एक अच्छा कार्मिक तंत्र हमेशा ही कर्मचारियों की सकुशलता को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। संगठन के सभी कल्याणकारी कार्यक्रम, संगठन में कार्य करने वाले कर्मचारियों का मनोबल व प्रेरणा बढ़ाती है।

कर्मचारी शिकायतों का निवारण कैसे किया जाता हैं ?

कर्मचारी शिकायतों का निवारण Redressal of Employee’s Grievances in Hindi – कार्मिक प्रशासन और कर्मचारी कल्याण कार्यक्रमों का यह एक महत्वपूर्ण पहलू है। कर्मचारियों और नियोक्ता के हितों में विरोधाभास नहीं होना चाहिए। कार्मिक प्रशासन को मजदूर प्रबंध संबंधों और वार्तालाप के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान करनी चाहिए। मजदूर संघ व कर्मचारी संघ अपने अधिकार अधिक मांगने लग गए हैं।

कार्मिक नियोजन व मूल्याकंन क्या हैं ?

कार्मिक नियोजन व मूल्याकंन Personnel Planning and Evaluation – कार्मिक प्रशासन का एक अन्य महत्वपूर्ण कार्य है, संगठन की कार्मिक नीतियों का मूल्यांकन करना तथा उनकी कमियों को दूर करना। यह कर्मचारियों के मनोबल व प्रेरणा के स्तरों को जानने के लिए सर्वेक्षण भी करता है। इसके लिए कई शोध परियोजनाएं भी की जाती है। इन अध्ययनों व शोध कार्यों के निष्कर्षों का प्रयोग संगठन के मानव संसाधनों को सशक्त करने के लिए किया जाता है। मूल्यांकन व कार्मिक प्रशासन की तकनीकों में सुधार जैसे उपाय प्रत्येक कदम पर किए जाते हैं।

और पढ़ें –