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G-20 शिखर सम्मेलन क्या है | G-20 का नाम G-21 क्यों हो गया ?

G-20 शिखर सम्मेलन इंफोर्मेशनल

G-20 Summits in Hindi , G-20 summits aims ,member countries , Theme , G 20 क्या हैं? | G-20 शिखर सम्मेलन क्या है और क्यों होता है ? G20 क्या है in Hindi , g20 की स्थापना कब हुई है? , भारत G20 का सदस्य कब बना।

G 20 शिखर सम्मेलन 2023 इस बार चर्चा का विषय हैं क्योंकि भारत ने इस बार इसकी अध्यक्षता की हैं। G-20 ग्रुप की भारत में समिट चली है जिसका आयोजन दिल्ली में किया गया है। इसके तहत G 20 मीटिंग्स देश में दिसंबर तक चली । जिसमें अलग अलग तरह के इवेंट्स हुए। अब से G-20 को G-21 कहा जायेगा। क्योंकि अफ्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्यता मिल गयी हैं।

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भारत इस समय इस G-20 संगठन का अध्यक्ष है। जी20 का शिखर सम्मेलन 9-10 सितंबर 2023 दिल्ली (भारत) में हुआ। तब औपचारिक तौर पर घोषणा की होगी कि अगले साल कौन सा देश इस संगठन की अध्यक्षता करेगा।

Table of Contents विषय सूची

G-20 क्या है ? ( What is G-20 in Hindi )

G-20 क्या है- जी-20, या ग्रुप ऑफ ट्वेंटी, विश्व की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर-सरकारी मंच है। इस समूह में 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं। जी-20 का उद्देश्य वैश्विक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देना है।

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G-20 की स्थापना कब हुई ? ( When was G-20 established? )

जी-20 की स्थापना 1999 में एशियाई वित्तीय संकट के बाद हुई थी। तब, वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के एक समूह ने मिलकर वैश्विक वित्तीय प्रणाली को अधिक मजबूत बनाने के लिए एक मंच बनाने का फैसला किया। 2008 में, विश्व आर्थिक संकट के बाद, जी-20 ने राष्ट्राध्यक्षों और सरकार प्रमुखों के एक शिखर सम्मेलन में अपनी बैठकों का विस्तार किया।

G-20 के सदस्य देश ( G-20 member countries )

अब तक G-20 समूह के 20 सदस्य हैं- अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका, स्पेन स्थायी अतिथि है, जो हर साल आमंत्रित होता है।

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G-20 शिखर सम्मेलन क्या है ( What is G-20 summit in Hindi )

G-20 की बैठकें प्रतिवर्ष एक क्रमिक अध्यक्षता में आयोजित की जाती हैं। 2023 में, भारत जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है। भारत ने इस वर्ष की अध्यक्षता के लिए “वैश्विक सामंजस्य: एक अधिक न्यायपूर्ण, टिकाऊ और समावेशी विश्व के लिए” थीम चुनी है।

G-20 शिखर सम्मेलन दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक और राजनीतिक नेताओं को एक साथ लाने के लिए आयोजित किया जाता है। यह सम्मेलन वैश्विक अर्थव्यवस्था, वित्त, व्यापार, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, भ्रष्टाचार-विरोध और पर्यावरण जैसे मुद्दों पर चर्चा और सहयोग करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।

G-20 में भारत सदस्य कब बना ( When did India become a member of G-20 in Hindi )

साल 2009 और 2010 में G-20 की दो बैठकें हुईं ,अब तक G-20 की कुल 17 बैठकें हो चुकी हैं और इस साल 18वीं बैठक की मेजबानी भारत कर रहा है ,भारत 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक G-20 की अध्यक्षता करेगा , 16 नवंबर 2022 को G-20 बाली शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी को G-20 की अध्यक्षता सौंपी गई थी।

G-20 शिखर सम्मेलन भारत की अध्यक्षता में सितम्बर 2023 में दिल्ली में आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन में 19 देश और यूरोपीय संघ के प्रमुखों ने भाग लिया था।

G-20 शिखर सम्मेलन का भारत के लिए महत्वपूर्ण है। यह सम्मेलन भारत को वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति मजबूत करने और दुनिया की अर्थव्यवस्था में अपनी भूमिका को बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है।

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G-20 का उद्देश्य ( Purpose of G-20 )

जी-20 समूह में 20 बड़े और महत्वपूर्ण अर्थशास्त्रीय देश शामिल हैं, जो विश्व की अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली के प्रमुख खिलाड़ी हैं। G-20 का मुख्य उद्देश्य विश्व अर्थव्यवस्था के सुधारने और विकास के माध्यम से गरीबी की निपटारा का समर्थन करना है।

G-20 का महत्व ( Importance of G-20 )

जी-20 के सदस्य देशों में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85%, वैश्विक व्यापार का 75% और विश्व की लगभग दो-तिहाई आबादी है। इस प्रकार, जी-20 के निर्णयों का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।

जी-20 का महत्व इसलिए है क्योंकि यह दुनिया की मुख्य अर्थशास्त्रीय देशों को एक स्थान पर लाकर उनके बीच अर्थशास्त्रीय सहयोग और नीति समझौते की समर्थना करता है, जिससे विश्व अर्थव्यवस्था में सुधार हो सकता है। इसके अलावा, गरीबी की निराकरण और विकास के माध्यम से समृद्धि की साधना भी इसका महत्वपूर्ण हिस्सा है।

जी-20 शिखर सम्मेलन का महत्व निम्नलिखित है:

  • यह वैश्विक आर्थिक स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने में मदद करता है।
  • यह व्यापार और निवेश को बढ़ावा देता है।
  • यह जलवायु परिवर्तन और अन्य वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग को बढ़ावा देता है।
  • यह दुनिया के विभिन्न हिस्सों के बीच समझ और सहयोग को बढ़ावा देता है।

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G-20 में शामिल मुद्दे ( Issues covered in G-20 )

जी-20 की बैठकों में आमतौर पर निम्नलिखित मुद्दे शामिल होते हैं:

  • वैश्विक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता
  • व्यापार और निवेश
  • जलवायु परिवर्तन
  • सतत विकास
  • स्वास्थ्य
  • कृषि
  • ऊर्जा
  • पर्यावरण
  • जलवायु परिवर्तन
  • भ्रष्टाचार-विरोध

G-20 की चुनौतियां ( Challenges of G-20 )

जी-20 एक महत्वपूर्ण मंच है, लेकिन इसमें कुछ चुनौतियां भी हैं। एक चुनौती यह है कि जी-20 के सदस्य देशों के बीच कई मतभेद हैं। उदाहरण के लिए, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण जी-20 के सदस्य देशों के बीच मतभेद बढ़ गए हैं।

एक अन्य चुनौती यह है कि जी-20 के सदस्य देशों के बीच असमानता बढ़ रही है। विकसित देश आमतौर पर विकासशील देशों की तुलना में अधिक शक्तिशाली हैं। यह असमानता जी-20 के निर्णयों को प्रभावित कर सकती है।

जी-20 इन चुनौतियों को दूर करने के लिए काम कर रहा है। उदाहरण के लिए, जी-20 ने वैश्विक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए एक कार्य योजना अपनाई है। इस कार्य योजना में सदस्य देशों से मतभेदों को कम करने और असमानता को कम करने के लिए प्रयास करने का आग्रह किया गया है।

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G-20 द्वारा चुनौतियों का समाधान ( Challenges addressed by G-20 )

जी-20 ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। इनमें शामिल हैं:

  • अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में सुधार
  • वित्तीय बाजारों में अधिक पारदर्शिता
  • जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई
  • सतत विकास का समर्थन
  • स्वास्थ्य और कृषि के लिए वैश्विक सहयोग

जी-20 एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मंच है जो वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रयास कर रहा है। भारत इस वर्ष की जी-20 अध्यक्षता का उपयोग वैश्विक सहयोग और सामंजस्य को बढ़ावा देने के लिए कर रहा है।

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G-20 का भविष्य ( Future of G-20 )

जी-20 विश्व अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। जी-20 की बैठकें प्रतिवर्ष आयोजित की जाती हैं, और सदस्य देश लगातार नए मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं।

जी-20 के भविष्य की संभावनाएं उज्ज्वल हैं। जैसे-जैसे जी-20 के सदस्य देश मिलकर काम करते हैं, वे वैश्विक अर्थव्यवस्था को अधिक मजबूत और अधिक स्थिर बना सकते हैं।

इस प्रकार, जी-20 एक महत्वपूर्ण अर्थशास्त्रीय संगठन है जो विश्व की अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली को सुधारने के लिए साझा प्रयास करता है, और गरीबी की निराकरण के माध्यम से ग्लोबल समृद्धि की कड़ी दिशा में काम करता है।

G-20 अब से G-21

अब से G-20 को G-21 कहा जायेगा। क्योंकि अफ्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्यता मिल गयी हैं। भारत ने खुद को ग्लोबल सॉउथ के लीडर के रूप में स्थापित किया। अफ्रीकन यूनियन में 55 देश शामिल हैं। PM मोदी ने कहा हमने प्रस्ताव रखा था कि अफ्रीकन यूनियन को जी -20 की स्थायी सदस्यता दी जाएँ।

G-20 का स्थायी सदस्य बनने पर कोमोरोस संघ के अध्यक्ष और अफ़्रीकी संघ के अध्यक्ष अजाली असौमानी ने अपना स्थान ग्रहण किया। अफ्रीकन यूनियन का G-20 में शामिल होने के बाद अब G-20 का नाम G-21 हो गया।

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FAQs G-20

भारत जी 20 में कब शामिल हुआ?

2009 और 2010 में जी 20 की दो बैठकें हुईं , अब तक जी20 की कुल 17 बैठकें हो चुकी हैं और इस साल 18वीं बैठक की मेजबानी भारत कर रहा है, भारत 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक जी20 की अध्यक्षता करेगा ,16 नवंबर 2022 को जी20 बाली शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी को जी20 की अध्यक्षता सौंपी गई थी।

जी-20 क्या है ?

जी-20, या ग्रुप ऑफ ट्वेंटी, विश्व की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर-सरकारी मंच है। इस समूह में 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं।

जी-20 का उद्देश्य क्या है ?

जी-20 का उद्देश्य वैश्विक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देना है।

जी-20 की स्थापना कब हुई ?

जी-20 की स्थापना 1999 में एशियाई वित्तीय संकट के बाद हुई थी। तब, वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के एक समूह ने मिलकर वैश्विक वित्तीय प्रणाली को अधिक मजबूत बनाने के लिए एक मंच बनाने का फैसला किया।

जी-20 सदस्य देशों के नाम क्या हैं ?

अब तक इस समूह के 20 सदस्य हैं- अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका, स्पेन स्थायी अतिथि है, जो हर साल आमंत्रित होता है।

जी-20 शिखर सम्मेलन क्या है

G-20 की बैठकें प्रतिवर्ष एक क्रमिक अध्यक्षता में आयोजित की जाती हैं।

जी-20 शिखर सम्मेलन क्यों होता हैं ?

G-20 शिखर सम्मेलन दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक और राजनीतिक नेताओं को एक साथ लाने के लिए आयोजित किया जाता है। यह सम्मेलन वैश्विक अर्थव्यवस्था, वित्त, व्यापार, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, भ्रष्टाचार-विरोध और पर्यावरण जैसे मुद्दों पर चर्चा और सहयोग करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।

जी-20 में भारत सदस्य कब बना ?

इस साल 18वीं बैठक की मेजबानी भारत कर रहा है ,भारत 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक G-20 की अध्यक्षता करेगा , 16 नवंबर 2022 को G-20 बाली शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी को G-20 की अध्यक्षता सौंपी गई थी।

जी-20 शिखर सम्मेलन का महत्व क्या हैं ?

जी-20 शिखर सम्मेलन का महत्व निम्नलिखित है:
1.यह वैश्विक आर्थिक स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने में मदद करता है।
2.यह व्यापार और निवेश को बढ़ावा देता है।
3.यह जलवायु परिवर्तन और अन्य वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग को बढ़ावा देता है।

जी-20 की बैठकों में मुद्दे शामिल।

जी-20 की बैठकों में आमतौर पर निम्नलिखित मुद्दे शामिल होते हैं:
वैश्विक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता
व्यापार और निवेश
जलवायु परिवर्तन
सतत विकास
स्वास्थ्य
कृषि
ऊर्जा
पर्यावरण
जलवायु परिवर्तन

जी-20 की चुनौतियां क्या हैं ?

जी-20 एक महत्वपूर्ण मंच है, लेकिन इसमें कुछ चुनौतियां भी हैं। एक चुनौती यह है कि जी-20 के सदस्य देशों के बीच कई मतभेद हैं। उदाहरण के लिए, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण जी-20 के सदस्य देशों के बीच मतभेद बढ़ गए हैं।

जी-20 ने चुनौतियों का समाधान के लिए क्या किया ?

जी-20 ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। इनमें शामिल हैं:
1.अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में सुधार
2.वित्तीय बाजारों में अधिक पारदर्शिता
3.जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई

जी-20 के भविष्य की संभावनाएं क्या हैं ?

जी-20 विश्व अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। जी-20 की बैठकें प्रतिवर्ष आयोजित की जाती हैं, और सदस्य देश लगातार नए मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं। जी-20 के भविष्य की संभावनाएं उज्ज्वल हैं। 

जी-20 शिखर सम्मेलन के 2023 की थीम क्या हैं ?

 भारत का G-20 अध्यक्षता का विषय यानी थीम “वसुधैव कुटुम्बकम” या “एक पृथ्वी · एक कुटुंब · एक भविष्य” है. इसकी प्रेरणा महा उपनिषद के प्राचीन संस्कृत पाठ से ली गई है।

जी-20 में कितने देश हैं?

जी-20 में 20 देश हैं। 19 व्यक्तिगत देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं।

जी-20 में कौन से देश भाग नहीं ले रहे ?

रूस और चीन के भाग नहीं लेने के बावजूद आगामी जी20 शिखर सम्मेलन महत्वपूर्ण बना हुआ है।

जी-20 2023 के अध्यक्ष कौन है?

जी -20 नई दिल्ली शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने की है।


जी-20 सम्मेलन 2023 कब और कहां हुआ ?

जी-20 2023 शिखर सम्मेलन 9-10 सितम्बर को दिल्ली ( भारत ) में हुआ।


जी-20 का अध्यक्ष पद कैसे तय किया जाता है?

जी -20 समूह की अध्यक्षता सदस्य देशों के पांच समूहों के बीच घूमती रहती है। समूह की बारी आने पर समूह का प्रत्येक देश राष्ट्रपति पद के लिए पात्र हो जाता है। पात्र देश बातचीत करते हैं और समूह की अध्यक्षता का निर्धारण करते हैं ।

जी-20 की शुरुआत कैसे हुई ?

जी-20 की स्थापना 1999 में एशियाई वित्तीय संकट के बाद हुई थी।

जी -20 का 21वां सदस्य देश कौन बना ?

अब से जी -20 को जी -21 कहा जायेगा। क्योंकि अफ्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्यता मिल गयी हैं।

जी -20 का नाम जी -21 क्यों हुआ ?

अफ्रीकन यूनियन का जी -20 में शामिल होने के बाद अब जी -20 का नाम G-21 हो गया।

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