Pressure Groups-दबाव समूह-विशेषताएं, विधि और कार्य प्रणाली-आज के समय में ऐसा कोई भी देश नहीं है जो हित – समूह और दबाव समूह के बिना हो। आज लगभग हर देश चाहे वो देश विकसित हो या विकासशील देश हो हर जगह इन दोनों समूह को देखा जा सकता है। आइये जानते है हित – समूह और दबाव -समूह को विस्तार से –
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हित समूह का अर्थ ( Interest groups )
हित समूह Interest groups in Hindi– प्रत्येक समाज में कृषक , पूंजीपति , भूमिपति , शिक्षक , सरकारी कर्मचारी तथा मजदूरों व अन्य व्यवसायियों के विभिन्न प्रकार के हित पाए जाते हैं । जब एक ही प्रकार का हित रखने वाले लोग कोई संगठित रूप धारण कर लेते हैं तो उसे हित – समूह कहा जाता हैं ।
दबाव समूह का अर्थ ( Pressure groups )
दबाव समूह pressure groups in Hindi- जब कोई हित – समूह अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए सरकार से सहायता चाहने लगता हैं और विधानमंडल के सदस्यों को इस रूप में प्रभावित करने का प्रयत्न करने लगता हैं कि सामान्य कानूनों का निर्माण अथवा उनमें संशोधन करते समय उनके हितों को ध्यान में रखा जाए ,तो वह दबाव – समूह का रूप धारण कर लेता हैं ।
दबाव समूह Pressure Groups अपने सदस्यों के हितों को विकसित करने तथा उन्हें सुरक्षित रखने के लिए उन्हें आवश्यक सुविधाएं प्रदान कराने तथा सरकार को उनके हितों के विरुद्ध कार्य करने से रोकने के लिए सरकार पर दबाव डालते रहते हैं । दबाव समूह का मतलब दबाव डालना होता हैं जो अपने हितों की रक्षा के लिए समय समय पर सरकार पर दबाव डालते रहते हैं जिससे सरकार उनकी हितों के विरुद्ध कार्य न करे ।
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दबाव समूह की विशेषताएं ( Pressure Groups Characteristics ,Features in Hindi )
हित – समूह और दबाव- समूह दोनों ऐसे समूह है जिनका मकसद केवल अपनी हितों की बेहतरी के लिए काम करना है। जब तक इनके हितों की पूर्ति नहीं होती ये समूह सरकार और प्रशासन पर दबाव डालते रहते है। दबाव -समूह की निन्मलिखित विशेषताएं है –
समान हित ( common Interest )
समान हित ( Meaning of common Interest )-समान हित ही दबाव संगठन का मूलाधार हैं । समान हित रखने वाले लोग आपस में मिलकर अपने वर्ग के हितों की रक्षा के लिए दबाव -समूहों का निर्माण करते हैं । अतः समाज में जितने प्रकार के हितों के लोग होंगे ,उतने ही अधिक दबाव समूह स्थापित होंगे ।
संगठन ( Organization )
संगठन ( Meaning of Organization )-सरकार और शासन से अपने हितों को पूरा कराने के उद्देश्य से दबाव समूह अपना संगठन खड़ा करते हैं । क्योंकि उसके अभाव में वे अपने उद्देश्यों को पूरा नहीं कर सकते ।
सर्वव्यापक स्वरूप ( Universal Character )
सर्वव्यापक स्वरूप ( what Is Universal Character in Hindi ) -दबाव समूह सभी विकासशील और विकसित देशों में कार्यरत हैं । कम्युनिस्ट और तानाशाही व्यवस्था वाले देशों की तुलना में लोकतांत्रिक शासन प्रणाली में इन्हें पनपने के अधिक अवसर मिलते हैं । अतः लोकतांत्रिक देशों में इनकी संख्या अधिक है ।
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सार्वजनिक नीति को प्रभावित करना ( To Influence the Public Policy )
सार्वजनिक नीति को प्रभावित करना ( How To Influence the Public Policy in Hindi ) -दबाव समूह अपने हितों के लिए सरकारी नीतियों और सरकारी ढांचे को प्रभावित करते हैं । वे सरकार पर ऐसी नीतियों को अपनाने के लिए भी दबाव डालते है जो उनके हितों के अनुकूल हो । इसके लिए वे समाचार पत्र , पुस्तकों , रेडियो ,दूरदर्शन आदि के प्रचार माध्यमों का प्रयोग करते हैं । दबाव -समूह अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए जनता एवं राजनीतिक दलों की सहानुभूति अपने पक्ष में करने की कोशिश करते हैं ।
उत्तरदायित्व का अभाव ( Lack of Responsibility )
उत्तरदायित्व का अभाव ( What is Lack of Responsibility in Hindi ) -दबाव समूह राजनीतिक दलों की तरह किसी के प्रति उत्तरदायी नहीं होते । वे तो केवल अपने उद्देश्य की प्राप्ति के लिए कार्यरत रहते हैं ।
निर्दलीय ( Non – Partisan )
निर्दलीय ( Meaning of Non – Partisan in Hindi ) -दबाव समूह राजनीतिक संगठन नहीं होते और न ही वे किसी दल की गतिविधियों में प्रत्यक्ष तौर पर भाग लेते हैं । वे चुनाव में अपने उम्मीदवार खड़े नहीं करते लेकिन कई बार दबाव समूह उन उम्मीदवारों का समर्थन करते हैं जो उन्हें उनके हितों की रक्षा करने का वचन देते हैं ।
संवैधानिक मान्यता रहित संगठन ( Extra Constitutional Agencies )
संवैधानिक मान्यता रहित संगठन ( Meaning of Extra Constitutional Agencies In Hindi )-यधपि दबाव समूह देश की राजनीति को प्रभावित करते हैं लेकिन विश्व के किसी भी देश में दबाव समूहों को संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है ।
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दबाव समूहों के साधन और कार्यप्रणाली ( Pressure Groups Method and Working System in Hindi )
दबाव समूहों की कार्यप्रणाली इस प्रकार है –
प्रचार ( Propaganda )
प्रचार Propaganda -दबाव समूह अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए रेडियो ,टेलीविजन , प्रैस , समाचार -पत्र एवं प्रत्रिकाओं आदि का खुलकर प्रयोग करते हैं ।
बैठकें -आयोजित करना ( To Organise Meeting )
बैठकें -आयोजित करना To Organise Meeting – दबाव -समूह अपने उद्देश्यों की प्राप्ति करने के लिए बैठक , सेमिनार , विचार गोष्ठी , वार्ताएँ आदि का आयोजन करता है ।
विशेषज्ञ की सेवाएं ( Services of the Experts )
विशेषज्ञ की सेवाएं – Services of the Experts-ये अपने हितों के अनुकूल कानून निर्माताओं को अपने पक्ष में करने के लिए विशेषज्ञों की सेवाएं लेते हैं।
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निर्वाचन में रुचि ( Interest in Election )
निर्वाचन में रुचि Interest in Election-सामान्यतः दबाव – समूह संगठित तौर पर चुनाव में अपने उम्मीदवार खड़े नहीं करते हैं , परन्तु ऐसे सांसदों एवं विधायकों को निर्वाचित करवाने में रुचि रखते हैं जो उनके हितों को पूरा करने का आश्वासन देते हैं ।
आंकड़े प्रकाशित करना ( To Publish Figure )
आंकड़े प्रकाशित करना To Publish Figure – दबाव -समूह अपने पक्ष को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने के लिए नीति- निर्माताओं के समक्ष आंकड़े प्रकाशित करते हैं ।
लॉबिंग ( Lobbying )
लॉबिंग का अर्थ है ( Meaning of Lobbying )- विधानमंडल के सदस्यों को प्रभावित कर , अपने हित में कानून का निर्माण करवाना । दबाव -समूह विधायकों से निजी संपर्क स्थापित करके किसी विधेयक को अपने पक्ष में पारित करवाते हैं । इसके लिए प्रदर्शन ,तार , टेलीफोन , पत्र एवं शिष्टमण्डल का भी प्रयोग किया जाता हैं ।
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हिंसा की कार्यवाई ( Use of Violence )
हिंसा की कार्यवाई Use of Violence -दबाव समूह अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए अनेक बार हिंसा तथा तोड़फोड़ का सहारा भी लेते हैं । तानाशाही व्यवस्था में तो हिंसा दबाव समूहों का प्रमुख साधन हैं । वर्तमान में लोकतांत्रिक प्रद्धति में भी दबाव – समूह हिंसात्मक कार्यवाइयों के द्वारा अपने उद्देश्यों की प्राप्ति का प्रयत्न करते हैं ।
रिश्वत और बेईमानी ( Bribe and Dishonesty )
रिश्वत और बेईमानी Bribe and Dishonesty – दबाव समूह अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए विधायकों , मंत्रियों एवं अधिकारियों को यथासंभव रिश्वत का प्रयोग भी करते हैं । बेईमानी का भी रास्ता अपनाया जाता हैं ।
न्यायालय की शरण ( Take shelter if Judiciary )
न्यायालय की शरण Take shelter if Judiciary-यदि व्यवस्थापिका में दबाव समूहों के हितों के विरुद्ध कोई अधिनियम पारित हो जाता है तो दबाव समूह न्यायालय में याचिका प्रस्तुत करके निर्णय अपने पक्ष में कराने का प्रयास करते हैं , जैसे भारत मे 1969 में प्रमुख बैंकों का राष्ट्रीयकरण किये जाने पर बैंकों के संचालकों ने हितों की रक्षा के लिए मौलिक अधिकारों की आड़ लेकर न्यायालय से अपने पक्ष में निर्णय ले लिया था ।
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FAQ Checklist
दबाव समूह अपने हितो की रक्षा के लिए क्या करते हैं ?
यदि व्यवस्थापिका में दबाव समूहों के हितों के विरुद्ध कोई अधिनियम पारित हो जाता है तो दबाव समूह न्यायालय में याचिका प्रस्तुत करके निर्णय अपने पक्ष में कराने का प्रयास करते हैं , जैसे भारत मे 1969 में प्रमुख बैंकों का राष्ट्रीयकरण किये जाने पर बैंकों के संचालकों ने हितों की रक्षा के लिए मौलिक अधिकारों की आड़ लेकर न्यायालय से अपने पक्ष में निर्णय ले लिया था ।
दबाव समूह के कोई एक दोष बताएं।
दबाव समूह अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए विधायकों , मंत्रियों एवं अधिकारियों को यथासंभव रिश्वत का प्रयोग भी करते हैं । बेईमानी का भी रास्ता अपनाया जाता हैं ।
तानाशाही व्यवस्था में हिंसा दबाव समूहों का प्रमुख साधन क्यों हैं ?
दबाव समूह अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए अनेक बार हिंसा तथा तोड़फोड़ का सहारा भी लेते हैं । तानाशाही व्यवस्था में तो हिंसा दबाव समूहों का प्रमुख साधन हैं । वर्तमान में लोकतांत्रिक प्रद्धति में भी दबाव – समूह हिंसात्मक कार्यवाइयों के द्वारा अपने उद्देश्यों की प्राप्ति का प्रयत्न करते हैं ।
लॉबिंग का क्या अर्थ है ?
लॉबिंग का अर्थ है Lobbying – विधानमंडल के सदस्यों को प्रभावित कर , अपने हित में कानून का निर्माण करवाना । दबाव -समूह विधायकों से निजी संपर्क स्थापित करके किसी विधेयक को अपने पक्ष में पारित करवाते हैं । इसके लिए प्रदर्शन ,तार , टेलीफोन , पत्र एवं शिष्टमण्डल का भी प्रयोग किया जाता हैं ।
दबाव-समूह अपने पक्ष को प्रस्तुत करने के लिए क्या करते हैं ?
दबाव -समूह अपने पक्ष को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने के लिए नीति- निर्माताओं के समक्ष आंकड़े प्रकाशित करते हैं ।
दबाव समूह किन संचार माध्यम का प्रयोग करते हैं ?
प्रचार Propaganda -दबाव समूह अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए रेडियो ,टेलीविजन , प्रैस , समाचार -पत्र एवं प्रत्रिकाओं आदि का खुलकर प्रयोग करते हैं ।
दबाव समूह को संवैधानिक मान्यता प्राप्त होती है या नहीं ?
यधपि दबाव समूह देश की राजनीति को प्रभावित करते हैं लेकिन विश्व के किसी भी देश में दबाव समूहों को संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है ।
दबाव समूह निर्दलीय क्यों होते हैं ?
दबाव समूह राजनीतिक संगठन नहीं होते और न ही वे किसी दल की गतिविधियों में प्रत्यक्ष तौर पर भाग लेते हैं । वे चुनाव में अपने उम्मीदवार खड़े नहीं करते लेकिन कई बार दबाव समूह उन उम्मीदवारों का समर्थन करते हैं जो उन्हें उनके हितों की रक्षा करने का वचन देते हैं ।
दबाव समूह सार्वजनिक नीति को कैसे प्रभावित करते हैं ?
दबाव समूह अपने हितों के लिए सरकारी नीतियों और सरकारी ढांचे को प्रभावित करते हैं । वे सरकार पर ऐसी नीतियों को अपनाने के लिए भी दबाव डालते है जो उनके हितों के अनुकूल हो
दबाव समूह का स्वरुप कैसा हैं ?
दबाव समूह सभी विकासशील और विकसित देशों में कार्यरत हैं । कम्युनिस्ट और तानाशाही व्यवस्था वाले देशों की तुलना में लोकतांत्रिक शासन प्रणाली में इन्हें पनपने के अधिक अवसर मिलते हैं । अतः दबाव समूह का स्वरूप सर्वव्यापक है ।
दबाव समूह की चार विशेषताएं बताएं।
सर्वव्यापक स्वरूप ,संगठन , समान हित , सार्वजनिक नीति को प्रभावित करना।
दबाव समूहों के साधन और कार्यप्रणाली बताएं।
प्रचार करना , बैठकें -आयोजित करना , विशेषज्ञ की सेवाएं लेना ,आंकड़े प्रकाशित करना