Public Administration लोक प्रशासन – कोई समय था जब राज्य को कम-से-कम कार्य अर्थात देश के बाहरी हमले से बचाना और देश के भीतर शांति व्यवस्था की स्थिति कायम रखने तक ही सीमित होते थे। इस उद्देश्य के लिए राज्य सेना और पुलिस का प्रबंध करता था। ऐसे राज्य को पुलिस राज्य कहा जाता था।
परंतु आधुनिक युग में राज्य का स्वरूप कल्याणकारी हो गया है जिसका उद्देश्य समाज के सभी वर्गों विशेष तौर पर समाज के कमजोर वर्गों का सर्वांगीण विकास करना है। इस तरह आधुनिक राज्य के कार्यों में केवल वृद्धि ही नहीं हुई अपितु यह कार्य पेचीदा भी हो गया हैं। इन पेचीदा कार्यों का हल केवल लोक प्रशासन ही कर सकता है।
Table of Contents विषय सूची
लोक प्रशासन का अर्थ ( Public Administration Meaning in Hindi )
प्रशासन को अंग्रेजी में ‘एडमिनिस्ट्रेशन‘ कहते हैं और यह शब्द लैटिन भाषा के दो शब्दों ऐड ( Ad ) और मिनिस्टेयर ( Ministiare ) के मेल से बना है। इसका अर्थ है ‘सेवा करना अथवा देखभाल करना’। इस तरह लोक प्रशासन का अर्थ लोगों की सेवा करना अथवा लोगों की देखभाल करना है।
लोक प्रशासन की परिभाषाएं ( Definitions of Public Administration in Hindi )
विभिन्न लेखकों ने लोक प्रशासन संबंधी भिन्न-भिन्न परिभाषाएं दी है जो कि निम्नलिखित हैं –
एल.डी. व्हाइट ( L.D.White ) के अनुसार – लोक प्रशासन में वह समस्त क्रियाएं शामिल हैं जिनका उद्देश्य सार्वजनिक नीति की पूर्ति करना अथवा उन्हें लागू करना हो।
वुडरो विल्सन ( Woodrow Wilson ) के शब्दों में – लोक प्रशासन सार्वजनिक कानून को विस्तार पूर्वक और क्रमबद्ध रूप से लागू करने का नाम है।
पिफनर ( Pfiffner ) के अनुसार -लोक प्रशासन सार्वजनिक नीति को लागू करने के लिए सामूहिक यत्नों के तालमेल का नाम है।
प्रो.विलोबी ( Willoughby ) के कथनानुसार – प्रशासकीय कार्य वास्तव में ऐसे कानून को लागू करने का नाम है जिसे विधानमंडल ने घोषित किया हो और जिस की सरकार के न्यायिक अंग ने व्याख्या की हो।
एम.ई.डिमॉक ( M.E.Dimock ) लिखते हैं कि ,प्रशासन सरकार के क्या और कैसे से संबंधित है ।
लूथर गुलिक के अनुसार – लोक प्रशासन, प्रशासन के विज्ञान का वह भाग है जिसका संबंध सरकार से होता है। यह विधानमंडल और न्यायिक शाखाओं से भी संबंधित होता है जहां सरकार के सभी कार्य किए जाते हैं।
यह भी पढ़ें –
- Pressure Groups in India -12 विभिन्न दबाव -समूहों के नाम
- Pressure Groups: दबाव समूहों के कार्य , महत्व एवं उपयोगिता
- Pressure Groups: दबाव समूहों के दोष या आलोचना
लोक प्रशासन की प्रकृति / स्वरूप ( Nature of Public Administration in Hindi )
जैसे कि लोक प्रशासन के अर्थों के बारे में विद्वानों का एकमत नहीं है ,उसी तरह लोक प्रशासन की प्रकृति के बारे में दो विचारधाराएं प्रचलित है। एक विचारधारा को प्रबंधकीय ( Managemerial ) और दूसरी विचारधारा को एकीकृत विचारधारा ( Integral ) का नाम दिया गया है। प्रबंधकीय और एकीकृत विचारधाराएं इस प्रकार हैं –
प्रबन्धकीय दृष्टिकोण ( Managemerial View )
प्रबन्धकीय दृष्टिकोण ( What is Managemerial View in Hindi ) – इस विचारधारा के अनुसार केवल ऐसे व्यक्तियों के कार्य प्रशासन में शामिल किए जा सकते हैं जो किसी संगठन के केवल प्रशासकीय कार्यों से जुड़े हुए होते हैं। प्रबन्धकीय दृष्टिकोण का उद्देश्य संगठन से संबंधित समस्त क्रियाओं का एकीकरण, नियंत्रण और उनमें आपसी समन्वय कायम करना होता है ताकि समस्त कार्यवाही एक यूनिट के रूप में दिखाई दे।
इस दृष्टिकोण के मुख्य समर्थक साइमन ,स्मिथवर्ग और थॉमसन आदि हैं । इस संबंध में उनका विचार है कि, प्रशासन शब्द का प्रयोग सीमित अर्थों में आचरण के उन आदर्शों को बताने के लिए किया जाता है जो कई तरह के सहयोगी समूहों में समान रुप में पाए जाते हैं और जो ना तो निश्चित उद्देश्य और ना ही इन उद्देश्यों तक पहुंचने के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले विशेष तकनीकी विधि पर निर्भर करते हैं।
यह भी पढ़ें –
- Democratic System: लोकतंत्र को मजबूत करने वाले तत्व
- Indian Democracy: भारतीय लोकतंत्र की समस्यांए- चुनौतियां
- Future of Democracy in India भारतीय लोकतंत्र का भविष्य
एकीकृत विचारधारा ( Integral View )
एकीकृत विचारधारा ( What is Integral View in Hindi ) – व्यापक अथवा एकीकृत विचारधारा के मुख्य समर्थकों का मत है कि लोक प्रशासन में सार्वजनिक नीति को लागू करने और इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए की गई समस्त क्रियाएं शामिल है।
इस तरह लोक प्रशासन का संबंध केवल प्रबन्धकीय गतिविधियों से नहीं अपितु सभी तरह की गतिविधियों जैसे कि प्रबन्धकीय, तकनीकी ,उत्पादकीय मकैनिकल, ददफ्तरी आदि से है।
इस विचारधारा के मुख्य समर्थक वुड्रो विल्सन ,एल.डी.व्हाइट,मार्शल आदि है। एल.डी.व्हाइट के कथा -अनुसार लोक प्रशासन में वह समस्त क्रियाएं शामिल है जिनका उद्देश्य सार्वजनिक नीति की पूर्ति अथवा उसे लागू करना है। वुडरो विल्सन ( Woodrow Wilson ) के शब्दों में – लोक प्रशासन सार्वजनिक कानून को विस्तार पूर्वक और क्रमबद्ध रूप से लागू करने का नाम है।
उपरोक्त दोनों विचारधारा एक दूसरे से भिन्न हैं । प्रबन्धकीय दृष्टिकोण के अनुसार प्रशासन को थोड़े से उच्च पद के अधिकारियों के कार्यों ही सीमित रखा गया है, जबकि एकीकृत विचारधारा के अनुसार प्रशासन में बड़े और छोटे स्तर के सभी कर्मचारियों को शामिल किया गया है।
स्पष्ट तौर पर इन दोनों दृष्टिकोण में से किसी एक को संपूर्ण दृष्टिकोण नहीं माना जा सकता क्योंकि ‘अवस्थी माहेश्वरी’ के अनुसार लोक प्रशासन का उचित अर्थ उस स्थिति पर निर्भर करता है जिसमें उस शब्द का प्रयोग किया गया है।
यह भी पढ़े –
- Comparative Politics: तुलनात्मक राजनीति की 9 उपयोगिता
- Comparative Politics: तुलनात्मक शासन तथा तुलनात्मक राजनीति में अंतर
FAQ Checklist
एकीकृत विचारधारा का मतलब क्या है ?
एकीकृत विचारधारा ( What is Integral View in Hindi ) – व्यापक अथवा एकीकृत विचारधारा के मुख्य समर्थकों का मत है कि लोक प्रशासन में सार्वजनिक नीति को लागू करने और इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए की गई समस्त क्रियाएं शामिल है।
प्रबन्धकीय दृष्टिकोण क्या है ?
प्रबन्धकीय दृष्टिकोण ( What is Managemerial View in Hindi ) – इस विचारधारा के अनुसार केवल ऐसे व्यक्तियों के कार्य प्रशासन में शामिल किए जा सकते हैं जो किसी संगठन के केवल प्रशासकीय कार्यों से जुड़े हुए होते हैं।
लोक प्रशासन का अर्थ समझाएं ।
प्रशासन को अंग्रेजी में ‘एडमिनिस्ट्रेशन’ कहते हैं और यह शब्द लैटिन भाषा के दो शब्दों ऐड ( Ad ) और मिनिस्टेयर ( Ministiare ) के मेल से बना है। इसका अर्थ है ‘सेवा करना अथवा देखभाल करना’। इस तरह लोक प्रशासन का अर्थ लोगों की सेवा करना अथवा लोगों की देखभाल करना है।
लोक प्रशासन की प्रकृति क्या है ?
लोक प्रशासन की प्रकृति के बारे में दो विचारधाराएं प्रचलित है। एक विचारधारा को प्रबंधकीय ( Managemerial ) और दूसरी विचारधारा को एकीकृत विचारधारा ( Integral ) का नाम दिया गया है।
लोक प्रशासन की दो परिभाषाएं बताएं ।
1.एल.डी. व्हाइट ( L.D.White ) के अनुसार – लोक प्रशासन में वह समस्त क्रियाएं शामिल हैं जिनका उद्देश्य सार्वजनिक नीति की पूर्ति करना अथवा उन्हें लागू करना हो।
2. पिफनर ( Pfiffner ) के अनुसार -लोक प्रशासन सार्वजनिक नीति को लागू करने के लिए सामूहिक यत्नों के तालमेल का नाम है।
प्रबन्धकीय दृष्टिकोण का उद्देश्य क्या हैं ?
प्रबन्धकीय दृष्टिकोण का उद्देश्य संगठन से संबंधित समस्त क्रियाओं का एकीकरण, नियंत्रण और उनमें आपसी समन्वय कायम करना होता है ताकि समस्त कार्यवाही एक यूनिट के रूप में दिखाई दे।
एल.डी. व्हाइट के अनुसार लोक प्रशासन क्या हैं ?
एल.डी. व्हाइट ( L.D.White ) के अनुसार – लोक प्रशासन में वह समस्त क्रियाएं शामिल हैं जिनका उद्देश्य सार्वजनिक नीति की पूर्ति करना अथवा उन्हें लागू करना हो।
पिफनर के अनुसार लोक प्रशासन क्या है )
पिफनर ( Pfiffner ) के अनुसार -लोक प्रशासन सार्वजनिक नीति को लागू करने के लिए सामूहिक यत्नों के तालमेल का नाम है।
प्रबन्धकीय दृष्टिकोण और एकीकृत विचारधारा में अंतर समझाए ।
उपरोक्त दोनों विचारधारा एक दूसरे से भिन्न हैं । प्रबन्धकीय दृष्टिकोण के अनुसार प्रशासन को थोड़े से उच्च पद के अधिकारियों के कार्यों ही सीमित रखा गया है, जबकि एकीकृत विचारधारा के अनुसार प्रशासन में बड़े और छोटे स्तर के सभी कर्मचारियों को शामिल किया गया है।
लूथर गुलिक ने लोक प्रशासन की कैसा बताया हैं ?
लूथर गुलिक के अनुसार – लोक प्रशासन, प्रशासन के विज्ञान का वह भाग है जिसका संबंध सरकार से होता है। यह विधानमंडल और न्यायिक शाखाओं से भी संबंधित होता है जहां सरकार के सभी कार्य किए जाते हैं।
और पढ़ें –
- India-China: भारत-चीन संबंध इतिहास से वर्तमान तक
- India-SriLanka Relationship : भारत-श्रीलंका सम्बन्ध
- India-Nepal Relationship :नेपाल तथा भारत में सम्बन्ध