Liberalism : Difference between Traditional Liberalism and Contemporary Liberalism परम्परागत उदारवाद तथा समकालीन उदारवाद में मुख्य अंतर – राजनीति शास्त्रियों ने राज्य के स्वरूप और कार्य क्षेत्र से संबंधित अनेक राजनीतिक विचारधारा का प्रतिपादन किया है।
इसका कारण यह है कि राजनीतिक विचारधाराएं व्यक्ति और समाज के सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक जीवन पर अपनी छाप अंकित करती है और राज्य के उद्देश्य, कार्य और व्यक्ति एवं राज्य के आपसी संबंधों आदि को सुनिश्चित करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
आधुनिक युग में जिन अनेक विचारधाराओं का विकास हुआ है उनमें से उदारवादी विचारधारा भी अपना स्थान महत्त्व रखती है । उदारवाद का इतिहास आधुनिक पश्चिमी दर्शन का इतिहास बन गया है क्योंकि प्राय: सभी पश्चिमी देश इसके दर्शन से प्रभावित हो रहे हैं।
Table of Contents विषय सूची
परंपरागत उदारवाद तथा समकालीन उदारवाद में अंतर ( Difference between Traditional Liberalism and Contemporary Liberalism )
परंपरागत उदारवाद तथा समकालीन उदारवाद में निम्नलिखित अंतर है –
खुली प्रतियोगिता तथा स्वतंत्र व्यापार संबंधी अंतर ( Difference regarding Open Competition and Free Trade )
आरंभिक अथवा परंपरागत उदारवादी व्यक्ति को आर्थिक क्षेत्र में पूर्ण रुप से स्वतंत्र छोड़ दिए जाने के पक्ष में थे। उनका कहना था कि सरकार आर्थिक क्षेत्र में किसी प्रकार का हस्तक्षेप ना करें और खुली प्रतियोगिता तथा स्वतंत्र व्यापार का सिद्धांत अपनाएं।
परंतु नवीन अथवा समकालीन उदारवादी सामाजिक हित की प्राप्ति के लिए आर्थिक क्षेत्र में सरकार के हस्तक्षेप का समर्थन करते हैं क्योंकि खुली प्रतियोगिता में गरीबों की दशा अधिक दयनीय होती है और वे अपने स्वतंत्रता का प्रयोग नहीं कर सकते।
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राज्य के स्वरूप संबंधी अंतर ( Difference regarding the Nature of State )
आरंभिक अथवा परंपरावादी उदारवादी राज्य को केवल पुलिसमैन के कार्य सौंपने के पक्ष में थे परंतु नवीन अथवा समकालीन उदारवादी इससे आगे बढ़कर राज्य द्वारा ऐसे कार्य किए जाने के पक्ष में है जिनसे लोगों का जीवन स्तर ऊंचा उठ सके और सार्वजनिक स्वास्थ्य में वृद्धि हो तथा उन्हें बीमारी और बेरोजगारी से छुटकारा मिल सके। राज्य शिक्षा का प्रसार करें तथा सबको अपने जीवन विकास के समान अवसर प्राप्त हो।
राज्य की भूमिका संबंधी अंतर ( Difference regarding the Role of State )
आधुनिक व परंपरावादी उदारवाद में राज्य की भूमिका को लेकर अंतर किया जाता है। परंपरावादी उदारवादी राज्य की सीमित भूमिका के पक्ष में है अर्थात वे राज्य के नकारात्मक रोल के पक्ष में है। इसके अतिरिक्त आधुनिक उदारवादी वर्तमान राज्य को एक कल्याणकारी राज्य की भूमिका निभाने के पक्ष में है। अर्थात वे राज्य के सकारात्मक रोल के पक्ष में है।
स्वतंत्रता संबंधी विचारों में अंतर ( Difference regarding the views of Liberty )
परंपरवादी उदारवाद व्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्षधर है और वे राज्य को व्यक्ति की स्वतंत्रता में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं देती। राज्य की शक्ति व्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन करती है। इसके विपरीत आधुनिक उदारवादी राज्य की शक्ति को व्यक्ति की स्वतंत्रता के मार्ग में बाधा ना मानकर उसे सहायक मानती है।
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प्राकृतिक अधिकारों संबंधी विचारों में अंतर ( Difference regarding the views about Natural Rights )
परंपरावादी उदारवादी प्राकृतिक अधिकारों के पक्ष में थे। अतः वे जीवन स्वतंत्रता तथा संपत्ति के अधिकारों को पूर्ण रुप से लागू करने के पक्ष में थे। इसके विपरीत आधुनिक उदारवादी प्राकृतिक अधिकारों के सिद्धांत की आलोचना करते हैं तथा राज्य द्वारा अधिकारो को दिए जाने के सिद्धांत का समर्थन करते हैं। व्यक्ति राज्य की इच्छा के विरुद्ध किसी भी प्रकार के अधिकारों का उपयोग नहीं कर सकता।
व्यक्तिवादी सिद्धांतों की आलोचना ( Criticism of Individualistic Principles )
राज्य से संबंधित व्यक्तिवादी विचारधारा एक महत्वपूर्ण अवधारणा है और यह विचारधारा अपने समय में काफी प्रचलित थी । परम्परावादी उदारवाद एवं समकालीन उदारवाद की व्यक्तिवादी विचारधारा के प्रति अलग-अलग दृष्टिकोण है। परम्परावादी उदारवाद व्यक्तिवाद विचारधारा का पक्षधर है जबकि समकालीन उदारवाद ने इस विचारधारा का खंडन किया है।
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FAQ Checklist
उदारवादी विचारधारा का मुख्य लक्षण क्या है?
उदारवाद सत्ता-विरोधी और व्यक्ति-विरोधी है। प्रतिनिधि लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, कानून का शासन, मानव अधिकार, राजनीतिक शक्ति के लिए खुला संघर्ष आदि इस विचारधारा की मुख्य विशेषताएँ हैं। उदारवाद एक विचारधारा है जिसके जन्म और विकास का श्रेय एक अकेले दार्शनिक या विद्वान को नहीं दिया जा सकता।
परम्परागत उदारवाद तथा समकालीन उदारवाद में मुख्य अंतर।
परंपरवादी उदारवाद व्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्षधर है और वे राज्य को व्यक्ति की स्वतंत्रता में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं देती। राज्य की शक्ति व्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन करती है। इसके विपरीत आधुनिक उदारवादी राज्य की शक्ति को व्यक्ति की स्वतंत्रता के मार्ग में बाधा ना मानकर उसे सहायक मानती है।
रूढ़िवादी और उदारवादी में क्या अंतर है?
संयुक्त राज्य में राजनीतिक विचारधारा को आमतौर पर बाएं-दाएं स्पेक्ट्रम के साथ वर्णित किया जाता है। उदारवाद प्रमुख वामपंथी विचारधारा है और रूढ़िवाद प्रमुख दक्षिणपंथी विचारधारा है। जो लोग उदारवाद और रूढ़िवाद के बीच विश्वास रखते हैं या इस पैमाने पर विश्वासों का मिश्रण करते हैं, उन्हें नरमपंथी कहा जाता है।
रूढ़िवाद का क्या अर्थ है?
रूढ़िवाद एक सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक दर्शन है जो पारंपरिक संस्थानों, प्रथाओं और मूल्यों को बढ़ावा देने और संरक्षित करने का प्रयास करता है। रूढ़िवाद के केंद्रीय सिद्धांत उस संस्कृति और सभ्यता के संबंध में भिन्न हो सकते हैं जिसमें यह प्रकट होता है।
परंपरावादी उदारवादियों के राज्य के बारे में क्या विचार है ?
आधुनिक व परंपरावादी उदारवाद में राज्य की भूमिका को लेकर अंतर किया जाता है। परंपरावादी उदारवादी राज्य की सीमित भूमिका के पक्ष में है अर्थात वे राज्य के नकारात्मक रोल के पक्ष में है।
उदारवाद का मूल तत्व कौन सा है?
उदारवाद शब्द का मूल आज़ादी या स्वतंत्रता है।