Various Summit of SAARC सार्क के विभिन्न शिखर सम्मेलनों की सूची -2 अगस्त 1983 में सार्क देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक नई दिल्ली में हुई। जिसमें दक्षिणी एशियाई क्षेत्रीय सहयोग की पहली औपचारिक घोषणा हुई।
सन 1984 में मालदीव व सन 1985 में भूटान में भी सार्क देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई। सन 1985 में ही दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन की स्थापना हुई और इसका संवैधानिक स्वरूप 7-8 दिसंबर 1985 को ढाका में 7 देशों के राष्ट्रीय अध्यक्षों के सम्मेलन में निश्चित किया गया। 8 दिसंबर 1985 को सार्क ( SAARC ) की स्थापना हुई ।
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सार्क शिखर सम्मेलनों की सूचि स्थापना से वर्तमान तक ( Various Summit of SAARC in Hindi )
सार्क की स्थापना 8 दिसंबर 1985 को हुई । सार्क के अब तक 19 शिखर सम्मेलन हो चुके हैं जिसकी विस्तृत जानकारी निम्नलिखित प्रकार हैं –
सार्क का प्रथम शिखर सम्मेलन ,1985 ( SAARC First Summit ,1985)
सार्क जिसका पूरा नाम दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संघ हैं ,का प्रथम शिखर सम्मेलन 1985 में ढाका ,बांग्लादेश में हुआ । इस सम्मेलन में सभी सदस्यों ने पारस्परिक सहयोग के लिए अपनी वचनबद्धता पर सहमति प्रकट की ।
सार्क का दूसरा शिखर सम्मेलन ,1986 ( SAARC second Summit ,1986 )
सार्क के सदस्य शासनाध्यक्षों का दूसरा शिखर सम्मेलन बैंगलोर ,भारत में नवंबर 1986 में हुआ । इसमें निर्णय लिया गया कि सार्क का सचिवालय काठमांडू, नेपाल में स्थापित किया जाए। इस सम्मेलन में निम्नलिखित निर्णय भी लिए गए-
- दक्षिणी एशिया क्षेत्र में आतंकवाद को रोकने के लिए पारस्परिक सहयोग से व्यापक कदम उठाए जाएं।
- दक्षिणी एशिया प्रसारण कार्यक्रम शुरू किया जाए जिसमें दूरदर्शन तथा रेडियो के कार्यक्रम सम्मिलित किए जाएं।
- सार्क देशों में विद्वानों, साहित्यकारों तथा वैज्ञानिकों का आदान प्रदान किया जाए।
- सार्क में डॉक्यूमेंटेशन केंद्र स्थापित किया जाए।
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सार्क का तीसरा शिखर सम्मेलन ,1987 ( SAARC Third Summit ,1987 )
सार्क का तीसरा शिखर सम्मेलन नवंबर 1987 में काठमांडू नेपाल में हुआ इस सम्मेलन में निम्नलिखित तीन ऐतिहासिक निर्णय लिए गए-
- आतंकवाद को समाप्त करने का समझौता हुआ । इस समझौते के अंतर्गत सदस्य -देशों ने यह वचन दिया कि वे अन्य किसी भी सदस्य देश में चल रही आतंकवादी गतिविधियों को न उकसाएंगे और न ही सहायता देंगे ।
- दक्षिणी एशियाई खाद्य सुरक्षा भण्डार की स्थापना का निर्णय लिया गया । इसके अंतर्गत कई देशों में अनाज वैज्ञानिक ढंग से सुरक्षित रखा जाएगा और कमी वाले देश को उपलब्ध कराया जाएगा ।
- तीसरा महत्वपूर्ण निर्णय सार्क क्षेत्र के पर्यावरण की रक्षा के उपाय करने के लिए पर्यावरण सम्बन्धी अध्ययन करना है । अध्ययन का उद्देश्य यह पता लगाना है कि पर्यावरण को पहुंच रही क्षति का इस क्षेत्र के विकास पर क्या दुष्प्रभाव पड़ रहा है या पड़ सकता है।
सार्क का चौथा शिखर सम्मेलन ,1998 ( SAARC Fourth Summit , 1988 )
सार्क का चौथा शिखर सम्मेलन दिसंबर 1988 में इस्लामाबाद पाकिस्तान में हुआ। इसमें आपसी सहयोग को बढ़ावा देने की बात कही गई तथा शिक्षा ,आवास, खाद्यानों की प्रकृति की आपसी प्रयत्नों पर जोर दिया गया। इसकी सदस्यता क्षेत्र के दूसरे देशों के लिए खुला रखने की मांग पर भी सहमति हुई। सदस्य देशों के सांसदों, सर्वोच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों को बिना वीजा व प्रतिबंध की एक दूसरे देश में आने-जाने की सुविधा दिए जाने का भी निर्णय लिया गया।
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सार्क का पांचवा शिखर सम्मेलन ,1990 ( SAARC Fifth Summit , 1990 )
सार्क का पांचवा शिखर सम्मेलन कोलंबो ,श्रीलंका में 1989 में होना था किंतु श्रीलंका ने अपनी विशेष परिस्थितियों के कारण इसके लिए अपनी असमर्थता व्यक्त की क्योंकि श्रीलंका में जातीय दंगों के कारण तथा भारतीय सेना की वहां उपस्थिति के कारण जो वातावरण उत्पन्न हुआ उसमें शिखर सम्मेलन होना संभव नहीं था।
मालदीव की राजधानी माले में नवंबर 1990 में सार्क देशों के राज्य व सरकारों के अध्यक्षों का शिखर सम्मेलन हुआ। यह सम्मेलन दो दृष्टि से महत्वपूर्ण था। एक ओर विश्व में तनाव व युद्ध की आशंकाओं के बादलों से घिरे वातावरण में चारों ओर भय,विनाश , भूखमरी तथा विनाशकारी स्वरूप का तांडव विद्यमान था ।
दूसरी ओर भारत व पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के वातावरण में दोनों देशों में नई सरकार का गठन हुआ था और जो तनाव बढ़ाने वाले कारकों को दूर करके संबंधों को घनिष्ठ बनाने के लिए प्रयत्नशील दिखाई दिए। वर्ष 1991 के लिए मालदीव के राष्ट्रपति श्री अब्दुल गय्युम सार्क के अध्यक्ष नियुक्त हुए।
माले शिखर सम्मेलन की विशेषता यह रही कि सदस्य देशों के प्रमुख राजनीतिज्ञों ने ना केवल सामूहिक रूप से दक्षिणी एशिया की समस्याओं तथा विश्व की उन समस्याओं पर विचार किया जो इस क्षेत्र के लोगों को प्रभावित कर रही हैं बल्कि इन्होंने पारस्परिक हित की समस्याओं पर आमने-सामने बैठकर विचार किया।
आर्थिक व सामाजिक क्षेत्र में और अधिक सहयोग के लिए अधिक पग उठाने की आवश्यकता पर बल दिया गया जिससे इस क्षेत्र को समृद्ध बनाया जा सके।
राजनीतिक क्षेत्र में सदस्य देश इस बात पर सहमत थे कि आपसी समस्याओं को शांतिपूर्ण उपायों से पारस्परिक वार्ता के माध्यम से सुलझाया जाए। हिंद महासागर को अशांत बनाने के लिए विश्व की अन्य शक्तियों के प्रयासों की आलोचना की गई।
इस सम्मेलन में महत्वपूर्ण निर्णय संबंधी निम्नलिखित प्रस्ताव पारित किए गए –
- खाली संकट से उत्पन्न हुई आर्थिक हानि की पूर्ति के लिए अंतरराष्ट्रीय सहायता के अतिरिक्त सार्क राज्य आपस में एक दूसरे का सहयोग करें।
- सार्क देशों को अपने क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने के लिए संयुक्त कुटीर उद्योगों के विकास का समर्थन किया।
- सार्क राज्यों के विकास हेतु सार्क निधि की स्थापना का समर्थन।
- अणु शक्ति के परीक्षण पर रोक लगाने का समर्थन।
- संयुक्त राष्ट्र में आस्था और प्रभाव बनाने पर सार्क देशों का बल आदि।
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सार्क का छठा शिखर सम्मेलन, 1991 ( SAARC Sixth Summit ,1991 )
सार्क का छठा सम्मेलन कोलंबो ,श्रीलंका में बुलाया गया। यह 21 दिसंबर 1991 को श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में संपन्न हुआ। श्रीलंका के राष्ट्रपति सार्क के नए अध्यक्ष बनाए गए। इस सम्मेलन में क्षेत्रीय सहयोग के लिए निम्नलिखित बातों पर सहमति हुई-
- सार्क देशों के बीच व्यापार के उदारीकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उसके संस्थागत ढांचे के बारे में समझौते करने की सहमति।
- सार्क देशों में गरीबी उन्मूलन के लिए सार्क समिति की स्थापना करने पर सहमति ।
- निशस्त्रीकरण की सामान्य प्रवृत्ति पर सहमति जताई गई।
- मानव अधिकारों की सुरक्षा-व्यवस्था को आर्थिक व सामाजिक पहलू के संदर्भ में देखने पर सहमति ।
- सार्क क्षेत्र के देशों के बच्चों को सन 2000 तक प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए पारस्परिक सहयोग पर सहमति ।
- आतंकवाद को रोकने के लिए सदस्य देशों में पारस्परिक सहयोग और इस संबंध में सूचनाओं के आदान प्रदान करने पर सहमति।
सार्क का सातवां शिखर सम्मेलन 1993 ( SAARC Seventh Summit ,1993 )
सार्क का 7 वां शिखर सम्मेलन 11 अप्रैल 1993 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में संपन्न हुआ। इससे पूर्व यह सम्मेलन दो बार स्थगित किया गया था। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता दक्षेस के अध्यक्ष श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति रणसिंह प्रेम दास ने की।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया ने सार्क का अध्यक्ष चुने जाने के बाद कार्यवाही का संचालन किया। सार्क के सातों सदस्य देशों के शासन अध्यक्षों ने समारोह को संबोधित किया। सार्क राष्ट्रों के सात नेताओं ने दक्षिणी एशिया में आर्थिक सहयोग के नए युग का आह्वान किया।
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सार्क का आठवां सम्मेलन ,1995 ( SAARC Eighth Summit,1995 )
सार्क देशों का आठवां शिखर सम्मेलन 3-4 अप्रैल 1995 को नई दिल्ली ,भारत में संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में सदस्य राज्यों के बीच निम्नलिखित विषयों के बारे में समझौता हुआ-
- गरीबी व निरक्षरता के उन्मूलन के लिए प्रभावी कार्यक्रम आरंभ किए जाएगे।
- आतंकवाद का मजबूती से मुकाबला किया जाएगा।
- सार्क देश के बीच वरीयता व्यापार व्यवस्था अथवा दक्षिणी एशियाई प्राथमिक की व्यापार व्यवस्था 8 दिसंबर 1995 तक लागू कर दिया जाएगा।
- सम्मेलन के समापन समारोह में जारी ‘दिल्ली घोषणा-पत्र’ में सार्क देशों के लोगों के कल्याण और उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए व्यापारिक ,आर्थिक तथा सामाजिक विकास के क्षेत्र में परस्पर सहयोग की भावना को और अधिक ढृढ़ करने तथा शांति प्रयासों से विश्व व्यापार में सार्क देशों की स्थिति मजबूत करने का आह्वान किया गया।
सार्क का नौवां शिखर सम्मेलन ,1997 ( SAARC Ninth Summit,1997 )
सार्क देशों का नौवां शिखर सम्मेलन 12-14 मई 1997 को मालदीव की राजधानी माले में संपन्न हुआ। यह सम्मेलन दक्षिण एशियाई क्षेत्र को निर्धारित अवधि से 4 वर्ष पूर्व अर्थात 2001 तक सभी व्यापारिक तथा ढांचागत बाधाओं से युक्त व्यापार क्षेत्र के रूप में परिणित करने की घोषणा के साथ संपन्न हुआ।
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सार्क का दसवां शिखर सम्मेलन ,1998 ( SAARC Tenth Summit ,1998 )
सार्क देशों का दसवां शिखर सम्मेलन 29-31 जुलाई 1998 को कोलंबो श्रीलंका में संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में पूरे विश्व को परमाणु अस्त्रों से रहित करने का आह्वान किया गया। इस सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री के इस सुझाव को स्वीकार कर लिया गया कि सभी सदस्य देशों के केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों तथा वित्त सचिव की वार्षिक बैठक बुलाई जाए ताकि वे आने वाली आर्थिक चुनौतियों का मिलकर सामना कर सके।
इसके अतिरिक्त भारतीय प्रधानमंत्री ने यह आश्वासन भी दिया कि उनके देश के द्वारा किए गए परमाणु परीक्षण से सार्क प्रक्रिया को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। इस सम्मेलन के पश्चात जारी किए गए घोषणापत्र में परमाणु हथियारों को समाप्त करने तथा विश्व निशस्त्रीकरण के प्रति सार्क के संकल्प को एक बार फिर दोहराया गया।
सार्क का 11 वां शिखर सम्मेलन 2002 ( SAARC Eleventh Summit,2002 )
सार्क देशों का 11 वां शिखर सम्मेलन 5-6 जनवरी 2002 को काठमांडू ,नेपाल में संपन्न हुआ। सम्मेलन के समापन पर जारी किए गए संयुक्त घोषणा-पत्र में आतंकवाद को समाप्त करने के लिए मिलजुल कर दुगुने प्रयास करने की घोषणा की गई। सभी सदस्य राज्यों ने अपने देशों से आतंकवादियों को शरण और वित्तीय समर्थन ना देने का भी आह्वान किया।
घोषणा पत्र में आतंकवाद को विश्व शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया गया और सदस्य देशों ने इसे संयुक्त राष्ट्र संघ और सार्क के मूल सिद्धांतों के विपरीत करार देते हुए एकजुट होकर प्रत्येक रूप में इसको समाप्त करने का संकल्प लिया गया। इसके अतिरिक्त इस सम्मेलन में भारत की सफलता यह रही कि दक्षेस ने भारत के सुझाव को माना कि आतंकवाद के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय समझौता हो।
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दक्षेस के विदेश मंत्रियों का दो दिवसीय सम्मेलन,2002 ( Two Days Summit of Foreign Minister’s of SAARC )
22 अगस्त 2002 को सार्क के विदेश मंत्रियों का दो दिवसीय सम्मेलन नेपाल की राजधानी काठमांडू में संपन्न हुआ। इस सम्मेलन की मुख्य बातें निम्नलिखित थी –
- प्रत्येक वर्ष के जनवरी माह में दक्षेस सम्मेलन आयोजित होते रहेंगे।
- द्वी-पक्षीय व कठिन मामले दक्षेस के मुद्दे से अलग ही रहे।
- गरीबी उन्मूलन का प्रयास।
- आतंकवाद का नियंत्रण किया जाना ।
- स्वास्थ्य एवं क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग को बढ़ाना आदि विषयों को जो भारत के विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा द्वारा प्रस्तावित किए गए थे सहर्ष स्वीकार कर लिए गए।
सार्क का 12 वां शिखर सम्मेलन, 2004 ( SAARC 12th Summit ,2004 )
यह उल्लेखनीय है कि जनवरी 2003 पाकिस्तान में निश्चित 12 वां शिखर सम्मेलन भारत-पाक के मध्य उत्पन्न तनाव के परिणामस्वरूप स्थगित करना पड़ा था। परंतु स्थिति सामान्य होने के पश्चात सार्क देशों का 12 वां शिखर सम्मेलन 4 से 6 जनवरी 2004 में पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेई ने भारत का प्रतिनिधित्व किया।
शिखर सम्मेलन की समाप्ति पर 7 पृष्ठों का एक संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया गया जिस पर भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ,पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जमाली ,बांग्लादेश की प्रधानमंत्री खालिदा जिया ,श्रीलंका के राष्ट्रपति कुमारतुंगा ,नेपाल के प्रधानमंत्री सूर्य बहादुर थापा ,मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल गय्युम तथा भूटान के प्रधानमंत्री लयोंपो जिम्मी थिनले ने हस्ताक्षर किए।
घोषणा पत्र में कहा गया कि हम आतंकवादी हिंसा की हर रूप में निंदा करते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि आतंकवाद किसी भी रूप में सभी राष्ट्र और मानवता के लिए चुनौती है तथा इसे किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता।
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सार्क देशों द्वारा दक्षिण एशियाई आर्थिक संघ ( South Asian Economic Union )
आर्थिक संघ की स्थापना के लिए कार्य करना भी निर्णय लिया गया और सार्क देशों का अगला 13वां सम्मेलन जनवरी 2005 में बांग्लादेश की राजधानी ढाका में करने का निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त सन 2004 को दक्षेस साक्षरता वर्ष तथा सन 2005 को दक्षिण एशिया पर्यटन वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।
सार्क का 13वां शिखर सम्मेलन, 2005 ( SAARC 13th Summit,2005 )
सार्क का 13 वां शिखर सम्मेलन 12-13 नवंबर 2005 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में संपन्न हुआ। यहां यह उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश में आई सुनामी लहरों और नेपाल के राजनीतिक संकट के कारण इस सम्मेलन को दो बार स्थगित करना पड़ा। इस सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने भाग लिया।
इस शिखर सम्मेलन की समाप्ति पर जारी घोषणापत्र में संयुक्त रूप से निम्नलिखित विषयों पर सहमति जताई गई –
- आतंकवाद का नामोनिशान मिटा देने के लिए सामूहिक प्रयास के भारत के आवाहन पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए सार्क देशों की सहमति एवं प्रतिबद्धता । इसके अतिरिक्त सदस्य देशों ने यह भी माना कि आतंकवाद की जंग में दोहरे मापदंड अपनाना कतई उचित नहीं।
- सदस्य देशों द्वारा आर्थिक सहयोग पर बल के साथ साथ दोहरे करो की व्यवस्था को समाप्त करने ,वीजा प्रावधानों को उदार बनाने और दक्षेस पंचाट परिषद के गठन के संबंध में महत्वपूर्ण समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए गए।
- अफगानिस्तान को दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संघ का आठवां सदस्य बनाने पर भी सहमति उभर कर सामने आई।
- ढाका की घोषणा पत्र में दक्षेस देशों ने संयुक्त राष्ट्र का अगला महासचिव एशिया से चुने जाने की वकालत करते हुए शीर्ष संस्था में सार्थक सुधार की भी वकालत की।
- सदस्य देशों ने आपसी व्यापार की बाधाओं को दूर करने की दिशा में कदम उठाकर सार्क क्षेत्र के आर्थिक एकीकरण की दिशा में बढ़ने के संकेत भी दिए।
- इस सम्मेलन में सार्क अध्यक्ष का कार्यभार बेगम खालिदा जिया ने संभाला और अगला शिखर सम्मेलन 14वां भारत में जनवरी, 2007 में आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
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सार्क का 14 वां शिखर सम्मेलन,2007 ( SAARC 14th Summit ,2007 )
सार्क का 14वां शिखर सम्मेलन 3-4 अप्रैल 2007 को नई दिल्ली, भारत में आयोजित किया गया था, और इसमें अफगानिस्तान, मालदीव और श्रीलंका के राष्ट्रपतियों और भूटान, भारत, नेपाल और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों और मुख्य सलाहकार ने भाग लिया था।
सार्क का 15 वां शिखर सम्मेलन,2008 ( SAARC 15th Summit ,2008 )
सार्क का 15वां शिखर सम्मेलन 1-3 अगस्त 2008 को कोलंबो , श्रीलंका में आयोजित किया गया था। चर्चा के मुद्दे क्षेत्रीय सहयोग, दक्षिण एशिया के लोगों के लिए विकास के लिए साझेदारी, कनेक्टिविटी, ऊर्जा, पर्यावरण, जल संसाधन, गरीबी उन्मूलन, थे। सार्क विकास निधि, परिवहन, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी विकास, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यटन, संस्कृति, दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र, सार्क सामाजिक चार्टर, महिला और बच्चे, शिक्षा, आतंकवाद का मुकाबला और म्यांमार का प्रवेश ।
सार्क का 16 वां शिखर सम्मेलन ,2010 ( SAARC 16th Summit,2010 )
सार्क का 16वां शिखर सम्मेलन 28-29 अप्रैल 2010 को थिम्पू , भूटान में आयोजित किया गया था। भूटान ने पहली बार सार्क शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी। इसे दिसंबर 1985 में बांग्लादेश में गठित सार्क के रजत जयंती समारोह के रूप में चिह्नित किया गया था।
जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन का केंद्रीय मुद्दा था, जिसका विषय “टुवार्ड्स ए ग्रीन एंड हैप्पी साउथ एशिया” था। जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर थिम्फू शिखर सम्मेलन के समझौते निम्नलिखित हैं-
- सार्क नेताओं ने जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए पर्यावरण पर सहयोग पर सार्क सम्मेलन पर हस्ताक्षर किए।
- सार्क देशों ने भी अगले पांच वर्षों में दस मिलियन पेड़ लगाने का संकल्प लिया।
- भारत ने टिकाऊ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए दक्षिण एशिया में जलवायु नवाचार केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव रखा ।
- भारत ने सार्क सदस्य देशों को हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने के लिए भारत के मिशन की सेवाओं की पेशकश करते हुए कहा कि यह पहल इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में क्षेत्रीय सहयोग के लिए एक केंद्र के रूप में काम कर सकती है।
- भारत ने दक्षिण एशिया में “जलवायु परिवर्तन के लिए भारत बंदोबस्ती” की घोषणा की ताकि सदस्य राज्यों को जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न उनके तत्काल अनुकूलन और क्षमता निर्माण की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिल सके।
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सार्क का 17वां शिखर सम्मेलन ,2011 ( SAARC 17th Summit ,2011 )
सार्क का 17वां शिखर सम्मेलन 10-11 नवंबर 2011 को अडू शहर, मालदीव में आयोजित किया गया था। मोहम्मद नशीद को 17वें सार्क शिखर सम्मेलन के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। अपने उद्घाटन भाषण में राष्ट्रपति नशीद ने सहयोग के तीन क्षेत्रों पर प्रकाश डाला जिसमें प्रगति की जानी चाहिए , व्यापार, परिवहन और आर्थिक एकीकरण; सुरक्षा मुद्दे जैसे समुद्री डकैती और जलवायु परिवर्तन ,और सुशासन।
इस बैठक में, संबंधित सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों ने चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए जो कि इस प्रकार हैं –
- प्राकृतिक आपदाओं पर तीव्र प्रतिक्रिया पर सार्क समझौता ।
- अनुरूपता मूल्यांकन की मान्यता पर बहु-पक्षीय व्यवस्था पर सार्क समझौता ।
- क्षेत्रीय मानकों के कार्यान्वयन पर सार्क समझौता ।
- सार्क बीज बैंक समझौता ।
सार्क का 18वां शिखर सम्मेलन ,2014 ( SAARC 18th Summit,2014 )
सार्क का 18वां शिखर सम्मेलन 26 27 नवंबर 2014 को नेपाल की राजधानी काठमांडू में संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में सार्क के सदस्य देशों के प्रधानमंत्रियों और राष्ट्रपतियों ने भाग लिया था। इस सम्मेलन का आदर्श वाक्य था -‘ शांति और समृद्धि के लिए एकीकरण’ । इस सम्मेलन में सार्क उपग्रह योजना पर कानूनी अनुमति पर सहमति हुई । यह योजना बांग्लादेश और पाकिस्तान को छोड़कर सार्क के सभी अन्य सदस्य देशों में विकसित की जाएगी ।
सार्क का 19 वां शिखर सम्मेलन, 2016 ( SAARC 19th Summit , 2016 )
पाकिस्तान 15-16 नवंबर 2016 को इस्लामाबाद में सार्क का 19 वां शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाला था । परंतु 2016 में उरी आतंकी हमला के बाद भारत ने पाकिस्तान पर उरी आतंकी हमले पर भागीदारी का आरोप लगाते हुए सार्क के 19वें शिखर सम्मेलन में भाग लेने से इनकार कर दिया ।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पाकिस्तान के राजधानी में हो रहे सार्क के 19 मे शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य भारत और पाकिस्तान के सुरक्षा मुद्दों पर समाधान करना था।
उरी आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में हो रहे 19वें सार्क सम्मेलन का भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा बहिष्कार करने के कुछ घण्टो के बाद बांग्लादेश ,भूटान ,मालदीव ,श्रीलंका , अफगानिस्तान भी शिखर सम्मेलन से बाहर निकल गए । जिस कारण सार्क का 19 वां शिखर सम्मेलन को असफल माना जाता है।
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FAQ Checklist
भारत ने सार्क के 19वां शिखर सम्मेलन का बहिष्कार क्यों किया ?
2016 में उरी आतंकी हमला के बाद भारत ने पाकिस्तान पर उरी आतंकी हमले पर भागीदारी का आरोप लगाते हुए सार्क के 19वें शिखर सम्मेलन में भाग लेने से इनकार कर दिया ।
सार्क का 18वां शिखर सम्मेलन महत्वपूर्ण क्यों हैं ?
सार्क का 18वां शिखर सम्मेलन 26 27 नवंबर 2014 को नेपाल की राजधानी काठमांडू में संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में सार्क के सदस्य देशों के प्रधानमंत्रियों और राष्ट्रपतियों ने भाग लिया था। इस सम्मेलन का आदर्श वाक्य था -‘ शांति और समृद्धि के लिए एकीकरण’ । इस सम्मेलन में सार्क उपग्रह योजना पर कानूनी अनुमति पर सहमति हुई । यह योजना बांग्लादेश और पाकिस्तान को छोड़कर सार्क के सभी अन्य सदस्य देशों में विकसित की जाएगी ।
सार्क के उपग्रह योजना से किन दो देशों को बाहर रखा गया ?
सार्क के 18वें सम्मेलन में सार्क उपग्रह योजना पर कानूनी अनुमति पर सहमति हुई । यह योजना बांग्लादेश और पाकिस्तान को छोड़कर सार्क के सभी अन्य सदस्य देशों में विकसित की जाएगी ।
भूटान ने पहली बार सार्क शिखर सम्मेलन की मेजबानी कब की थी ?
सार्क का 16वां शिखर सम्मेलन 28-29 अप्रैल 2010 को थिम्पू , भूटान में आयोजित किया गया था। भूटान ने पहली बार सार्क शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी। इसे दिसंबर 1985 में बांग्लादेश में गठित सार्क के रजत जयंती समारोह के रूप में चिह्नित किया गया था।
सार्क के किस सम्मेलन को रजत जयंती समारोह के रूप में चिह्नित किया गया था ?
सार्क का 16वां शिखर सम्मेलन 28-29 अप्रैल 2010 को थिम्पू , भूटान में संपन्न भूल और इसको दिसंबर 1985 में बांग्लादेश में गठित सार्क के रजत जयंती समारोह के रूप में चिह्नित किया गया था।
सार्क के 16वें शिखर सम्मेलन का केंद्रीय मुद्दा क्या था ?
जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन का केंद्रीय मुद्दा था, जिसका विषय “टुवार्ड्स ए ग्रीन एंड हैप्पी साउथ एशिया” था।
अफगानिस्तान सार्क का सदस्य कब बना ?
सार्क का 13 वां शिखर सम्मेलन 12-13 नवंबर 2005 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में संपन्न हुआ। इसी सम्मेलन में अफगानिस्तान को दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संघ का आठवां सदस्य बनाने पर भी सहमति उभर कर सामने आई।
सार्क का आठवां सदस्य देश कौन सा है
सार्क की स्थापना के समय यह 7 सदस्य देश वाला एक संघ था परंतु सार्क के 13वें शिखर सम्मेलन,2005 में अफगानिस्तान को सार्क का आठवां सदस्य देश के रूप में अपनाया गया।
सार्क का दसवां शिखर सम्मेलन महत्वपूर्ण क्यों माना जाता हैं ?
सार्क देशों का दसवां शिखर सम्मेलन 29-31 जुलाई 1998 को कोलंबो श्रीलंका में संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में पूरे विश्व को परमाणु अस्त्रों से रहित करने का आह्वान किया गया। इस सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री के इस सुझाव को स्वीकार कर लिया गया कि सभी सदस्य देशों के केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों तथा वित्त सचिव की वार्षिक बैठक बुलाई जाए ताकि वे आने वाली आर्थिक चुनौतियों का मिलकर सामना कर सके।
सार्क के 5वें शिखर सम्मेलन की क्या विशेषता हैं ?
मालदीव की राजधानी माले में नवंबर 1990 में सार्क देशों के राज्य व सरकारों के अध्यक्षों का शिखर सम्मेलन हुआ। माले शिखर सम्मेलन की विशेषता यह रही कि सदस्य देशों के प्रमुख राजनीतिज्ञों ने ना केवल सामूहिक रूप से दक्षिणी एशिया की समस्याओं तथा विश्व की उन समस्याओं पर विचार किया जो इस क्षेत्र के लोगों को प्रभावित कर रही हैं बल्कि इन्होंने पारस्परिक हित की समस्याओं पर आमने-सामने बैठकर विचार किया।
सार्क का प्रथम शिखर सम्मेलन कब और कहां पर हुआ था ?
सार्क जिसका पूरा नाम दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संघ हैं ,का प्रथम शिखर सम्मेलन 1985 में ढाका ,बांग्लादेश में हुआ । इस सम्मेलन में सभी सदस्यों ने पारस्परिक सहयोग के लिए अपनी वचनबद्धता पर सहमति प्रकट की ।
सार्क का दूसरा शिखर सम्मेलन कब और कहां पर हुआ था
सार्क का दूसरा शिखर सम्मेलन बैंगलोर ,भारत में नवंबर 1986 में हुआ ।
सार्क का तीसरा शिखर सम्मेलन कब और कहां पर हुआ था ?
सार्क का तीसरा शिखर सम्मेलन नवंबर 1987 में काठमांडू नेपाल में हुआ था ।
सार्क का चौथा शिखर सम्मेलन कब और कहां पर हुआ था
सार्क का चौथा शिखर सम्मेलन दिसंबर 1988 में इस्लामाबाद पाकिस्तान में हुआ।
सार्क का पांचवा शिखर सम्मेलन कब और कहां पर हुआ था
सार्क का पांचवा शिखर सम्मेलन मालदीव की राजधानी माले में नवंबर 1990 में सार्क देशों के राज्य व सरकारों के अध्यक्षों का शिखर सम्मेलन हुआ।
सार्क का छठा शिखर सम्मेलन कब और कहां पर हुआ था
सार्क का छठा सम्मेलन कोलंबो ,श्रीलंका में बुलाया गया। यह 21 दिसंबर 1991 को श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में संपन्न हुआ।
सार्क का 7 वां शिखर सम्मेलन कब और कहां पर हुआ था
सार्क का 7 वां शिखर सम्मेलन 11 अप्रैल 1993 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में संपन्न हुआ।
सार्क का 8वां शिखर सम्मेलन कब और कहां पर हुआ था
सार्क देशों का आठवां शिखर सम्मेलन 3-4 अप्रैल 1995 को नई दिल्ली ,भारत में संपन्न हुआ।
सार्क का 9वां शिखर सम्मेलन कब और कहां पर हुआ था
सार्क देशों का नौवां शिखर सम्मेलन 12-14 मई 1997 को मालदीव की राजधानी माले में संपन्न हुआ।
सार्क का दसवां शिखर सम्मेलन कब और कहां पर हुआ था
सार्क देशों का दसवां शिखर सम्मेलन 29-31 जुलाई 1998 को कोलंबो श्रीलंका में संपन्न हुआ ।
सार्क देशों का 11 वां शिखर सम्मेलन कब और कहां पर हुआ था
सार्क देशों का 11 वां शिखर सम्मेलन 5-6 जनवरी 2002 को काठमांडू ,नेपाल में संपन्न हुआ ।
सार्क का 12वां शिखर सम्मेलन कब और कहां पर हुआ था ?
सार्क देशों का 12 वां शिखर सम्मेलन 4 से 6 जनवरी 2004 में पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में संपन्न हुआ।
सार्क का 13वां शिखर सम्मेलन कब और कहां पर हुआ था ?
सार्क का 13 वां शिखर सम्मेलन 12-13 नवंबर 2005 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में संपन्न हुआ।
सार्क का 14वां शिखर सम्मेलन कब और कहां पर हुआ था ?
सार्क का 14वां शिखर सम्मेलन 3-4 अप्रैल 2007 को नई दिल्ली, भारत में आयोजित किया गया था ।
सार्क का 15वां शिखर सम्मेलन कब और कहां पर हुआ था ?
सार्क का 15वां शिखर सम्मेलन 1-3 अगस्त 2008 को कोलंबो , श्रीलंका में आयोजित किया गया था।
सार्क का 16वां शिखर सम्मेलन कब और कहां पर हुआ था ?
सार्क का 16वां शिखर सम्मेलन 28-29 अप्रैल 2010 को थिम्पू , भूटान में आयोजित किया गया था।
सार्क का 17वां शिखर सम्मेलन कब और कहां पर हुआ था ?
सार्क का 17वां शिखर सम्मेलन 10-11 नवंबर 2011 को अडू शहर, मालदीव में आयोजित किया गया था।
सार्क का 18वां शिखर सम्मेलन कब और कहां पर हुआ था ?
सार्क का 18वां शिखर सम्मेलन 26 27 नवंबर 2014 को नेपाल की राजधानी काठमांडू में संपन्न हुआ।
सार्क का 19वां शिखर सम्मेलन कब और कहां पर हुआ था ?
15-16 नवंबर 2016 को इस्लामाबाद ,पाकिस्तान में सार्क का 19 वां शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया ।
भारत में पहली बार सार्क शिखर सम्मेलन कब हुआ था
सार्क का दूसरा शिखर सम्मेलन बैंगलोर ,भारत में नवंबर 1986 में हुआ । यही भारत में आयोजित पहला सार्क शिखर सम्मेलन है ।