Civil Service असैनिक सेवा आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्था में असैनिक सेवाएं सरकारी तंत्र का एक अभिन्न अंग है। सिविल सेवक एक गैर राजनीतिक और गैर निर्वाचित कार्यकर्ता है जो कि जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों के निर्देशन और नियंत्रण के अधीन प्रशासनिक कार्य के लिए उत्तरदाई होते हैं। आधुनिक कल्याणकारी राज्यों में गतिविधियों में वृद्धि के कारण सिविल सेवाओं के कार्यों में भी विविधता आ गई है।
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असैनिक सेवाओं के मुख्य कार्य ( Civil Service Functions in Hindi )
असैनिक या सिविल सेवाओं को दो मुख्य वर्गों में बांटा गया हैं -निम्न लिपिक वर्ग और उच्चतर प्रशासकीय वर्ग । सिविल सेवा में ‘सामान्यज्ञ प्रशासक विभाग के राजनैतिक मुखिया के साथ सीधे तौर पर जुड़े होते हैं । वह नित मंत्रियों को नीति निर्माण में सहायता प्रदान करते हैं।
सिविल सेवकों का मुख्य कार्य राजनैतिक कार्यकारी द्वारा बनाई गई नीतियों को लागू करना होता है, सिविल सेवाओं द्वारा किए जा रहे मुख्य कार्य इस प्रकार हैं –
परामर्श कार्य ( Advisory Functions )
परामर्श कार्य ( Advisory Functions of Civil Service in Hindi ) – सिविल सेवक राजनीतिक कार्यकारियों को परामर्श देते हैं। आमतौर पर विभागों के मंत्रियों को अपने विभाग से संबंधित विशेष ज्ञान नहीं होता और दूसरी तरफ सिविल सेवकों को अपने अधीन विभाग के बारे में पूर्ण सूचना व संगठित ज्ञान होता है। नीतियों और कार्यक्रमों के निर्माण के लिए राजनैतिक कार्यकारी सिविल कार्मिकों पर निर्भर रहते हैं।
जब भी किसी नीति का निर्माण किया जाता है तो सिविल सेवक इस प्रक्रिया में पहल करते हैं और आमतौर पर मंत्री इनके विशेष परामर्श को स्वीकार कर लेते हैं। फिर भी मंत्री दिए गए परामर्श को मानने के लिए बाध्य नहीं होता क्योंकि किसी भी नीति के बारे में अंतिम निर्णय मंत्री का ही होता है।
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कार्यक्रम और कार्य योजना बनाना ( Programme and Operational Planning )
कार्यक्रम और कार्य योजना बनाना ( Programme and Operational Planning of Civil Service in Hindi ) – योजना बनाना राजनैतिक कार्यकारी का उत्तरदायित्व है परंतु कुछ क्षेत्रों में सिविल सेवकों को भी योजना बनाने का कार्य करना पड़ता है जिसे कार्यक्रम योजना का क्षेत्र कहा जाता है। ये परियोजनाओं ,कार्यक्रमों, क्रियाओं और पुनर्गठन से संबंधित होते हैं। इस प्रकार की योजना नीति को लागू करने में सहायक होती है।
सिविल सेवक जोकि लोक नीति के बनने और लागू होने से संबंधित होते हैं। नीति या कानूनों को लागू करने के लिए उठाए जाने वाले खास कदमों का निर्धारण करते हैं। कार्यक्रम योजना में किए जाने वाले कार्य का विस्तृत अध्ययन शामिल होता है जिससे संपूर्ण क्रिया की कल्पना होती है। किसी भी नई नीति की सफलता अंत में अच्छे कार्यक्रम योजना पर आधारित होती है। सिविल सेवाओं का योगदान योजनाओं के कार्य वर्णन के लिए जरूरी है इसको ही कार्य योजना कहते हैं।
अर्ध न्यायिक कार्य ( Quasi-judicial Functions )
अर्ध न्यायिक कार्य ( Quasi-judicial Functions of Civil Service in Hindi ) – तीव्र तकनीकी विकास और कल्याणकारी राज्य के उदय के कारण एक और महत्वपूर्ण कार्य है जिसे कार्यपालिका को सौंपा गया है। वर्षों से सिविल सेवा को अर्धन्यायिक कार्यों के साथ भी जोड़ दिया जाए गया है। अदालतों की अधिक व्यवस्तता और न्यायिक प्रक्रिया की धीमी गति और बोझिलता के कारण प्रशासन को लोगों के बचाव के कारण आगे आना पड़ा।
सिविल सेवकों को प्रशासकीय न्यायाधिकरण का चेयरमैन और सदस्य नियुक्त किया जाता है जिनमें वह मामलों को सुनते हैं और उन पर निर्णय लेते हैं। आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण,औधोगिक न्यायाधिकरण, किराया न्यायाधिकरण, रेलवे दर न्यायाधिकरण आदि भारत में न्यायाधिकरणों के कुछ उदाहरण है। यह न्यायाधिकरण साधारण अदालतों के बाहर रहकर कार्य करते हैं।
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प्रदत्त व्यवस्थापन ( Delegated Legislation )
प्रदत्त व्यवस्थापन ( Delegated Legislation of Civil Service in Hindi ) – असैनिक सेवा कुछ खास नियमों और विनियमों को बनाने के लिए प्रदत्त व्यवस्थापन की शक्ति का प्रयोग करती है। कल्याणकारी राज्य की स्थापना के कारण राज्य के कार्य बढ़ गए हैं। विधायकों के पास अधिक कार्य दबाव के कारण जटिल और तकनीकी क्षेत्रों के मामलों पर कानून बनाने के लिए न ही समय होता है और न ही योग्यता
इसलिए वे सिर्फ मुख्य दिशा-निर्देश देते हैं और उनके भीतर रहकर के सिविल सेवक नियम और विनियम बनाते हैं । व्यवस्थापिका द्वारा पास किए गए अधिक से अधिक बिल सिर्फ ढांचे के रूप में पास किए जाते हैं और उनका विवरण कार्यपालिका तैयार करती है। इस कार्य को स्पष्ट रूप से विभाग के स्थाई मुखिया यानी सिविल सेवक पूरा करती है।
लोक नीतियों का कार्यान्वयन ( Execution of Public Policies )
लोक नीतियों का कार्यान्वयन ( Execution of Public Policies By Civil Service in Hindi ) – संसद की इच्छा जिसे कि कैबिनेट ने निर्मित किया है को पूर्ण करने का कार्य सिविल या असैनिक सेवा का होता है। कैबिनेट सरकार की नीति बनाने का कार्य करती है,सिविल सेवा इस बात को सुनिश्चित करती है कि जब संसद नीति को स्वीकृति दे देती है तब उसे यथा संभव ईमानदारी से कार्यन्वित करें।
प्रशासकीय संगठन और पद्धतियों में सुधार ( Improving Administrative Organisation and Methods )
प्रशासकीय संगठन और पद्धतियों में सुधार ( Improvement in administrative organization and methods by civil servants ) – प्रशासन की पद्धतियों में सुधार लाना सिविल सेवकों का एक महत्वपूर्ण कार्य है जिससे उपलब्ध संसाधनों का पूर्ण इस्तेमाल और प्रयत्नों और संसाधनों को बेकार होने से बचाया जा सके। इस कार्य को वह संगठन और प्रति इकाई की सहायता से पूर्ण करते हैं।
सरकार की कार्यकुशलता काफी हद तक सिविल सेवकों की योग्यता पर निर्भर करती है। सिविल सेवकों का उद्देश्य राजनैतिक कार्यपालिका द्वारा बनाई गई नीतियों को लागू करना होता है। कार्यकुशलता उसका मुख्य ध्येय ( Motto ) होता है ।
वर्तमान समय में लोक सेवाओं को बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जैसे कि सूचना का अधिकार ,सु-शासन ,ई-शासन ,नागरिक चार्टर, वैश्वीकरण, उदारवाद आदि । सिविल सेवाओं का उत्तरदायित्व और बढ़ गया है।
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FAQ Checklist
सिविल सेवकों के तीन कार्य बताओं।
सिविल सेवकों का मुख्य कार्य राजनैतिक कार्यकारी द्वारा बनाई गई नीतियों को लागू करना होता है, सिविल सेवाओं द्वारा किए जा रहे मुख्य कार्य इस प्रकार हैं – कार्यक्रम और कार्य योजना बनाना, परामर्श कार्य , प्रदत्त व्यवस्थापन।
सिविल सेवक किसके लिए परामर्श कार्य करते हैं ?
परामर्श कार्य ( Advisory Functions of Civil Service in Hindi ) – सिविल सेवक राजनीतिक कार्यकारियों को परामर्श देते हैं। आमतौर पर विभागों के मंत्रियों को अपने विभाग से संबंधित विशेष ज्ञान नहीं होता और दूसरी तरफ सिविल सेवकों को अपने अधीन विभाग के बारे में पूर्ण सूचना व संगठित ज्ञान होता है। नीतियों और कार्यक्रमों के निर्माण के लिए राजनैतिक कार्यकारी सिविल कार्मिकों पर निर्भर रहते हैं।
कार्यक्रम और कार्य योजना बनाने का कार्य कौन करता हैं ?
कार्यक्रम और कार्य योजना बनाना- योजना बनाना राजनैतिक कार्यकारी का उत्तरदायित्व है परंतु कुछ क्षेत्रों में सिविल सेवकों को भी योजना बनाने का कार्य करना पड़ता है जिसे कार्यक्रम योजना का क्षेत्र कहा जाता है। ये परियोजनाओं ,कार्यक्रमों, क्रियाओं और पुनर्गठन से संबंधित होते हैं। इस प्रकार की योजना नीति को लागू करने में सहायक होती है।
अर्ध न्यायिक कार्य किसके व्दारा किया जाता हैं ?
अर्ध न्यायिक कार्य – तीव्र तकनीकी विकास और कल्याणकारी राज्य के उदय के कारण एक और महत्वपूर्ण कार्य है जिसे कार्यपालिका को सौंपा गया है। वर्षों से सिविल सेवा को अर्धन्यायिक कार्यों के साथ भी जोड़ दिया जाए गया है। अदालतों की अधिक व्यवस्तता और न्यायिक प्रक्रिया की धीमी गति और बोझिलता के कारण प्रशासन को लोगों के बचाव के कारण आगे आना पड़ा।
सिविल सेवकों का मुख्य उदेश्य क्या हैं ?
सरकार की कार्यकुशलता काफी हद तक सिविल सेवकों की योग्यता पर निर्भर करती है। सिविल सेवकों का उद्देश्य राजनैतिक कार्यपालिका द्वारा बनाई गई नीतियों को लागू करना होता है। कार्यकुशलता उसका मुख्य ध्येय ( Motto ) होता है ।
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