United Nations Principal Organs in Hindi संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्य अंग

United Nations : संयुक्त राष्ट्र संघ के 6 मुख्य अंग

संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना 24 अक्टूबर 1945 को हुई थी। संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना से पहले द्वितीय विश्व महायुद्ध की अग्नि में झुलस चुका था । आने वाली पीढ़ियों को युद्ध के विनाश से बचाने के लिए ही इस विश्व संगठन की स्थापना की गई । United Nations Principal Organs in Hindi संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्य अंग –

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SAARC Meaning, Establishment ,Objectives Hindi , सार्क स्थापना कब हुई ,सार्क क्या है - मुख्य उद्देश्य - संस्थाएं-शिखर सम्मेलन

SAARC : सार्क क्या है | सार्क के मुख्य उदेश्य | सार्क संस्थाएं

बीसवीं शताब्दी के मध्य तक संपूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप अर्थात दक्षिण एशिया विदेशी दासता से मुक्त हो चुका था। इस क्षेत्र के नवोदित राष्ट्रों के सामने अनेक प्रकार की समस्याएं विद्यमान थी। उपयुक्त समस्याओं को सुलझाने के लिए इन देशों ने अपने अपने आधार पर प्रयास किए। दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संघ की स्थापना कब हुई ,सार्क क्या है , सार्क के मुख्य उद्देश्य क्या है –

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Department System Basis, problems, merits, demerits विभाग के आधार ,समस्याएं ,गुण -दोष

Department System : विभाग के आधार | समस्याएं | गुण | दोष

विभाग प्रशासन के कार्य की बुनियादी तथा सबसे पुराना रूप है तथा लगभग सभी देशों में इसका प्रयोग किया जाता है। अवस्थी महेश्वरी के अनुसार -विभाग प्रशासकीय इकाई की बुनियादी इकाई है जिस पर सरकारी क्रिया को पूरा करने का दायित्व होता है। साधारण तौर पर विभागों को संगठित करने के चार मुख्य आधार है जैसे कि-

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Hindrances and Problems in the way of Globalisation वैश्वीकरण के मार्ग मुख्य बाधाएं - कठिनाइयां

Globalisation : वैश्वीकरण मार्ग की 10 मुख्य बाधाएं | कठिनाइयां

विश्वव्यापी दृष्टिकोण विश्व के राष्ट्रों के बीच सीमा एवं दूरी रहित सामाजिक ,आर्थिक एवं राजनीतिक संबंधों में खुले पन की नीति को व्यक्त करता है। वैश्वीकरण का दृष्टिकोण विशेष रूप से शीतयुद्ध की समाप्ति ,पूर्व सोवियत संघ के विघटन एवं पूर्वी यूरोप में साम्यवाद के पतन के बाद विशेष रूप से विश्व के समक्ष एक लोकप्रिय दृष्टिकोण के रूप में उभर कर सामने आया है । आज दुनिया के सभी देश अपने राष्ट्रीय हित की पूर्ति के रूप में अर्थव्यवस्था पर ध्यान दे रहे हैं । वैश्वीकरण के मार्ग की मुख्य बाधाएं –

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Impact of Globalisation Hindi ,Arguments in Favour and Against of Globalisation - वैश्वीकरण के प्रभाव -वैश्वीकरण के पक्ष और विपक्ष में तर्क

Globalisation :वैश्वीकरण के प्रभाव | वैश्वीकरण के पक्ष -विपक्ष में तर्क

वैश्वीकरण आज के युग की आवश्यकता मानी जाती है। संयुक्त राज्य अमेरिका और भूतपूर्व सोवियत संघ विश्व की दो महाशक्तियां थी । कुछ राष्ट्र एक से तो कुछ दूसरी महाशक्ति से संबंधित है। इस तरह से संपूर्ण विश्व दो गुटों में बंटा हुआ था। सभी राष्ट्रों के बीच राजनीतिक एवं आर्थिक संबंध नहीं थे। वैश्वीकरण के द्वारा विभिन्न राष्ट्रों के बीच असमानता और विशेषकर आर्थिक असमानताओं को दूर किया जा सकता है। वैश्वीकरण के प्रभाव , वैश्वीकरण के पक्ष और विपक्ष में तर्क –

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Globalisation Causes , Characteristics , Feature in Hindi वैश्वीकरण के कारण और मुख्य विशेषताएं

Globalisation : वैश्वीकरण के कारण और मुख्य विशेषताएं

विश्वव्यापी दृष्टिकोण विश्व के राष्ट्रों के बीच सीमा एवं दूरी रहित सामाजिक ,आर्थिक एवं राजनीतिक संबंधों में खुले पन की नीति को व्यक्त करता है। वैश्वीकरण का दृष्टिकोण विशेष रूप से शीतयुद्ध की समाप्ति ,पूर्व सोवियत संघ के विघटन एवं पूर्वी यूरोप में साम्यवाद के पतन के बाद विशेष रूप से विश्व के समक्ष एक लोकप्रिय दृष्टिकोण के रूप में उभर कर सामने आया है । वैश्वीकरण के कारण और मुख्य विशेषताएं-

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Globalisation Historical Background , Meaning , Definitions in Hindi वैश्वीकरण -अर्थ-परिभाषाएं-ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

Globalisation : वैश्वीकरण अर्थ | परिभाषाएं | ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

आज दुनिया के सभी देश अपने राष्ट्रीय हित की पूर्ति के रूप में अर्थव्यवस्था पर ध्यान दे रहे हैं । सामरिक सुरक्षा की भावना राष्ट्रों के बीच अब नहीं रही है। ऐसी स्थिति में वैश्वीकरण या भूमंडलीकरण ने अंतरराष्ट्रीय संबंधों का राजनीतिक अर्थशास्त्री ही बदल दिया है। वैश्वीकरण अर्थ ,परिभाषाएं , ऐतिहासिक पृष्ठभूमि –

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Problems or Hindrances in the way of Disarmament in Hindi -CTBT -निशस्त्रीकरण के मार्ग में बाधाएं - कठिनाइयां- सीटीबीटी क्या है

Disarmament : नि:शस्त्रीकरण के मार्ग में बाधाएं या कठिनाइयां | CTBT क्या है ?

Problems in the way of Disarmament नि:शस्त्रीकरण के मार्ग में बाधाएं, कठिनाइयां – परमाणु शस्त्रों का विकास संपूर्ण मानव जाति के लिए विध्वंसकारी स्वरूप है। इसलिए मानव जाति की सुरक्षा एवं विश्वशांति के लिए परमाणु शस्त्र पर नियंत्रण आवश्यक है। इस दिशा में जो प्रयास हुए हैं उनका संक्षिप्त उल्लेख निम्नलिखित हैं-

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