Personnel Administration कार्मिक प्रशासन ,प्रशासन का वह अंग है जिसका संबंध कार्य कर रहे व्यक्तियों और संगठन में उनके संबंधों के साथ है। इसका अभिप्राय मानव संसाधनों के संपूर्ण सांगठनिक अंर्तसंबंधों से है ,जो की भर्ती की गतिविधि से लेकर सेवा मुक्ति की प्रक्रिया तक चलते हैं। इसके अंतर्गत कार्मिक नियोजन व पूर्वानुमान, मानवीय कार्यकुशलता का समीक्षण , भर्ती व चयन, प्रशिक्षण विकास तथा कार्यकुशलता के उत्पादन को बनाए रखना व उसमें सुधार करना सम्मिलित है ।
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कार्मिक प्रशासन अर्थ ,विशेषताएँ और उदेश्य ( Personnel Administration Features,Characteristics ,Objectives In Hindi )
किसी भी संगठन में उत्पादन के तीन कारक होते हैं -मानव, सामग्री तथा वित्त ,और इनमें से केवल व्यक्ति या मानव संसाधन उत्पादन के क्रियाशील कारक है। इस कारक के सम्मिलित हुए बिना, उत्पादन के अन्य कारक बेकार हैं। इससे संगठन में काम करने वाले व्यक्तियों का महत्व स्पष्ट होता है। इन्हें ही सामूहिक रूप से कार्मिक या स्टाफ या मानव संसाधन कहा जाता है जो कि संगठन को चलाते हैं ।
कार्मिक प्रशासन का अर्थ ( Meaning of Personnel Administration )
प्रशासन सभी मानवीय मामलों के केंद्र में होता है । इसके प्रमुख तत्व है -नीति का निर्माण करना तथा उसे लागू करना ताकि निर्धारित उद्देश्यों की पूर्ति अधिकतम स्तर तक हो सके। ‘ कार्मिक ‘ शब्द का अर्थ है कर्मचारियों ,अधिकारियों या सेवकों का वह समूह जो संगठन में विभिन्न पदों पर कार्यरत होते हैं या यह कहा जा सकता है कि यह उन कर्मचारियों को दिया गया सामूहिक नाम है जो संगठन में विभिन्न पदों को भरते हैं । इस प्रकार ,सरल शब्दों में कार्मिक प्रशासन से अभिप्राय है -संगठन में मानव का प्रशासन ।
कार्मिक प्रशासन को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे ,’कार्मिक प्रबंध’ , ‘श्रमिक प्रबंध ‘ , ‘जनशक्ति प्रबंध’ , ‘औद्योगिक संबंध ‘ इत्यादि। भारतीय कार्मिक प्रबंध संस्थान के अनुसार -कार्मिक प्रबंध ,श्रमिक प्रबंध या स्टाफ का अर्थ है -संगठन में मानव संबंधों की देख-रेख का कार्य करना।
डिमॉक के अनुसार – लोक कार्मिक प्रशासन वह स्टाफ कार्य है जो कि कर्मचारियों की भर्ती, स्थापना ,उत्प्रेरण और प्रशिक्षण के मामलों के संबंध में कार्यक्रम प्रबंधक के कार्य में सलाह देता है व तीव्रता लाता है ताकि सेवाओं के मनोबल और प्रभावशीलता में सुधार हो सके ।
फैलिक्स नीग्रो के अनुसार – लोक कार्मिक प्रशासन नए कर्मचारियों को भर्ती करने और पुराने कर्मचारियों से इस प्रकार कार्य लेने की कला है जिससे कार्य करने वाली जनशक्ति से अधिकतम गुणवत्ता व संख्या में उत्पादन व सेवा प्राप्त की जा सके।
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- Personnel Administration: कार्मिक प्रशासन की प्रकृति
- Personnel Administration: कार्मिक प्रशासन का क्षेत्र
कार्मिक प्रशासन के उद्देश्य ( लक्ष्य ) ( Objectives of Personnel Administration )
कार्मिक प्रशासन के उद्देश्य ( लक्ष्य ) – संगठन में कर्मचारियों की नियुक्ति, उसके लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए होती है। इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए ,यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए, कि मानव संसाधनों का प्रयोग प्रबंध प्रभावशाली ढंग से हो रहा है। इसके लिए यह आवश्यक है कि कार्मिक प्रशासन विभाग एक सांगठनिक ढांचा तैयार करें और संगठन के सभी सदस्यों के बीच प्रभावशाली कार्य -संबंधों की स्थापना करें। कार्मिक प्रशासन को कर्मचारियों से एकता प्राप्त करने के लिए एक स्वस्थ वातावरण बनाना चाहिए, ताकि उन्हें संगठन के प्रति अपनेपन , प्रतिबद्धता और वफादारी की भावना अनुभव हो। कार्मिक प्रशासन के प्रमुख उद्देश्य या लक्ष्य इस प्रकार है –
- संगठन के सभी सदस्यों में उत्पादकता और आत्म सम्मान का संबंध स्थापित करना और उसे बनाए रखना।
- मानव संसाधनों का प्रभावशाली ढंग से प्रयोग करना।
- संगठन की प्रभावशाली कार्य – प्रणाली के लिए प्रत्येक व्यक्ति से उसका सर्वाधिक व्यक्तिगत योगदान प्राप्त करने के योग्य बनाना ।
- कार्मिकों का सर्वाधिक व्यक्तिगत विकास सुनिश्चित करना।
- संगठन के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए मानव संसाधनों का प्रभावशाली प्रयोग प्राप्त करना ।
- स्थितियों में सुधार लाना और सुधार बनाए रखना ताकि संगठनों में उच्च मनोबल और बेहतर मानवीय संबंध बनाए जा सके जिससे कर्मचारी अधिक समय तक अपनी सेवा से जुड़े रहे।
- पर्याप्त व समतापूर्ण वेतन तथा आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करके व्यक्तिगत आवश्यकताओं और सामूहिक उद्देश्यों को पुनर्गठित और संतुष्ट करना जिससे कर्मचारी सुरक्षित महसूस करें, स्वेच्छा से कार्य करें और सांगठनिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए सहयोग करें।
- सांगठनिक गतिविधियों को कार्यो , स्थितियों , सेवाओं, सत्ता व उत्तरदायित्व में विभाजित करके एक समुचित सांगठनिक ढांचा और संगठन के सदस्यों के बीच अच्छे कार्य संबंध स्थापित करना और उन्हें बनाए रखना।
- कर्मचारियों को उन्नति के अवसर प्रदान करके, प्रशिक्षण तथा कार्य के बारे में शिक्षा देकर ,या पुनर्प्रशिक्षण सुविधाएं प्रदान करके ,संगठन में सर्वाधिक व्यक्तिगत और सामूहिक विकास करना।
- व्यक्तियों का समूहों में एकीकरण लाना, उनमें संगठन के प्रति भागीदारी और वफादारी इस प्रकार लाना जिससे कर्मचारियों में आपसी झगड़े व विवाद कम हो जाए । एकीकरण ना होने से आपसी झगड़े हो सकते हैं जिससे अकुशलता और असफलता आएगी।
- समुदाय के सामान्य कल्याण को बढ़ावा देना तथा उसे बनाए रखना।
- व्यक्तिगत उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए सर्वोच्च स्तर पर प्रयास करना ।
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कार्मिक प्रशासन की विशेषताएं ( Characteristics or Features of Personnel Administration )
कार्मिक प्रशासन की विशेषताएं निम्नलिखित हैं –
- यह प्रशासन का वह भाग है जो कि किसी भी संगठन के कार्मिकों से संबंधित है। कार्मिकों में किसी भी प्रबंधकीय प्रणाली का सबसे महत्वपूर्ण भाग होते हैं। कार्मिकों का कुशल प्रशासन ही संगठन में सफलता और उत्पादन में वृद्धि ला सकता है। कार्मिक प्रशासन का संबंध कार्मिक मामलों, नीतियों व कार्यक्रमों के साथ है।
- सांगठनिक लक्ष्यों और उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए कार्मिक प्रशासन अनिवार्य है।
- यह अच्छा व स्वस्थ कार्य वातावरण बनाकर कर्मचारियों को सेवा संतुष्टि देने के साथ संबंधित है।
- यह अपने कार्य के संबंध में कर्मचारियों को कुशल व प्रभावशाली बनाने के साथ संबंधित है।
- कार्मिक प्रशासन संगठन में कर्मचारियों को आकर्षित करने और बनाए रखने के साथ संबंधित है और यह भी सुनिश्चित करना है कि उनका व्यक्तिगत और सामूहिक विकास हो।
- कार्मिक प्रशासन योग्यता के आधार पर भर्ती पर बल देता है। यह सबके लिए समान अवसर सुनिश्चित करता है और यह भी देखता है कि जाति,रंग , नस्ल , या लिंग के आधार पर भेदभाव न हो ।
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FAQ Checklist
कार्मिक प्रशासन का अर्थ क्या हैं ?
प्रशासन सभी मानवीय मामलों के केंद्र में होता है ।’ कार्मिक ‘ शब्द का अर्थ है कर्मचारियों ,अधिकारियों या सेवकों का वह समूह जो संगठन में विभिन्न पदों पर कार्यरत होते हैं या यह कहा जा सकता है कि यह उन कर्मचारियों को दिया गया सामूहिक नाम है जो संगठन में विभिन्न पदों को भरते हैं । इस प्रकार ,सरल शब्दों में कार्मिक प्रशासन से अभिप्राय है -संगठन में मानव का प्रशासन ।
कार्मिक प्रशासन को और किस नाम से जाना जाता है ?
कार्मिक प्रशासन को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे ,’कार्मिक प्रबंध’ , ‘श्रमिक प्रबंध ‘ , ‘जनशक्ति प्रबंध’ , ‘औद्योगिक संबंध ‘ इत्यादि। भारतीय कार्मिक प्रबंध संस्थान के अनुसार -कार्मिक प्रबंध ,श्रमिक प्रबंध या स्टाफ का अर्थ है -संगठन में मानव संबंधों की देख-रेख का कार्य करना।
कार्मिक प्रशासन की दो परिभाषाएँ।
1 .डिमॉक के अनुसार – लोक कार्मिक प्रशासन वह स्टाफ कार्य है जो कि कर्मचारियों की भर्ती, स्थापना ,उत्प्रेरण और प्रशिक्षण के मामलों के संबंध में कार्यक्रम प्रबंधक के कार्य में सलाह देता है व तीव्रता लाता है ताकि सेवाओं के मनोबल और प्रभावशीलता में सुधार हो सके ।
2 .फैलिक्स नीग्रो के अनुसार – लोग कार्मिक प्रशासन नए कर्मचारियों को भर्ती करने और पुराने कर्मचारियों से इस प्रकार कार्य लेने की कला है जिससे कार्य करने वाली जनशक्ति से अधिकतम गुणवत्ता व संख्या में उत्पादन व सेवा प्राप्त की जा सके।
कार्मिक प्रशासन के चार उद्देश्य ( लक्ष्य ) बताएं।
कार्मिक प्रशासन के उद्देश्य ( लक्ष्य ) इस प्रकार हैं –
1 ) संगठन के सभी सदस्यों में उत्पादकता और आत्म सम्मान का संबंध स्थापित करना और उसे बनाए रखना।
2 ) मानव संसाधनों का प्रभावशाली ढंग से प्रयोग करना।
3 ) संगठन की प्रभावशाली कार्य – प्रणाली के लिए प्रत्येक व्यक्ति से उसका सर्वाधिक व्यक्तिगत योगदान प्राप्त करने के योग्य बनाना ।
4 ) कार्मिकों का सर्वाधिक व्यक्तिगत विकास सुनिश्चित करना।
कार्मिक प्रशासन की तीन विशेषताएं बातएं ।
कार्मिक प्रशासन की विशेषताएं ( Characteristics or Features of Personnel Administration )
कार्मिक प्रशासन की विशेषताएं निम्नलिखित हैं –
1 ) यह प्रशासन का वह भाग है जो कि किसी भी संगठन के कार्मिकों से संबंधित है। कार्मिकों में किसी भी प्रबंधकीय प्रणाली का सबसे महत्वपूर्ण भाग होते हैं। कार्मिकों का कुशल प्रशासन ही संगठन में सफलता और उत्पादन में वृद्धि ला सकता है। कार्मिक प्रशासन का संबंध कार्मिक मामलों, नीतियों व कार्यक्रमों के साथ है।
2 ) सांगठनिक लक्ष्यों और उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए कार्मिक प्रशासन अनिवार्य है।
3 ) यह अच्छा व स्वस्थ कार्य वातावरण बनाकर कर्मचारियों को सेवा संतुष्टि देने के साथ संबंधित है।
कार्मिक प्रशासन के प्रमुख तत्व कौन से हैं ?
इसके प्रमुख तत्व है -नीति का निर्माण करना तथा उसे लागू करना ताकि निर्धारित उद्देश्यों की पूर्ति अधिकतम स्तर तक हो सके।