Public Administration-Lok Prashasan Aur Neeji Prashasan Me Samantayen – आधुनिक युग में लोक प्रशासन की धारणा प्रसिद्ध विधि शास्त्रियों , राजनीतिज्ञों और लेखकों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है। प्रशासन प्रबंध कि वह विधि है जो घर से लेकर बड़े से बड़े संगठन के प्रयोग में लाई जाती है। प्रशासन दो प्रकार का होता है, लोक प्रशासन और निजी प्रशासन।
जब प्रशासन की गतिविधियां गृह,चर्च और किसी कंपनी आदि तक सीमित हो तो उसे निजी प्रशासन कहा जाता है और जब राज्य से संबंधित गतिविधियों जिन का प्रबंध केंद्रीय, राज्य अथवा स्थानीय सरकार द्वारा किया जाता है तो उसे लोक प्रशासन कहा जाता है।
लोक प्रशासन और निजी प्रशासन में आपसी भेदता और समानताओं के बारे में विद्वानों में मतभेद पाया जाता है। दूसरे शब्दों में सभी विद्वान ना तो इस बात से सहमत हैं कि यह दोनों प्रशासन एक दसरे से बिल्कुल पृथक है और ना ही इस बात के बारे में कि दोनों एक समान है, परंतु एक बात तो बड़े विश्वास से कही जा सकती है कि लोक प्रशासन और निजी प्रशासन में कई पक्षों से समानताएं भी हैं और कई पक्षों से भिन्नताए भी पाई जाती है।
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लोक प्रशासन और निजी प्रशासन में समानताएं ( Similarities Between Public and Private Administration in Hindi )
कई विद्वान जैसे कि हेनरी फ्यूल ( Henry Fayol ) , एल.उर्विक ( L.Urvick ) , मैरी फोलेट ( Marry Follet ) आदि सभी लोक प्रशासन और निजी प्रशासन को एक समान मानते हैं। उनके मतानुसार समस्त प्रशासन की विशेषताएं ,कार्यप्रणाली और भिन्न-भिन्न क्रियाएं एक समान होती है।
1930 में दूसरी अंतरराष्ट्रीय प्रशासकीय कांग्रेस को संबोधित करते हुए हेनरी फ्यूल ने कहा था कि जो भाव अर्थ में प्रशासन शब्द के लिए दिया है और साधारण तौर पर जिसे अपनाया भी गया है उससे प्रशासकीय विज्ञान के क्षेत्र में निश्चित रूप में वृद्धि हुई है। इसमें ना केवल सार्वजनिक सेवाओं अपितु प्रत्येक तरह के आकार रूप और उद्देश्य के क्षेत्र शामिल है।
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एल उर्विक ने भी हेंनरी फ्यूल के विचारों से सहमति प्रकट करते हुए कहा है कि, केवल बैंक वालों का जीव रसायन, प्रोफेसरों का शारीरिक विज्ञान और राज्य नेताओं का मनोविज्ञान की गंभीरता से कल्पना करना मुश्किल है कि वह भिन्न-भिन्न है । इस तरह किसी संगठन के विशेष स्वरुप के उद्देश्यों के आधार पर प्रबंध शिक्षा अथवा प्रशासन को उप-विभागों बांटना कई विद्वानों के अनुसार उचित नहीं हैं ।
जो विद्वान लोक प्रशासन और निजी प्रशासन को एक समान समझते हैं उन्होंने दोनों में निम्नलिखित समानताएं दर्शाई है –
एक समान प्रबंधकीय क्रियाएं ( Uniform Administrative Activities )
लोक प्रशासन और निजी प्रशासन में प्रबंध की एक समान क्रियाएं पाई जाती है जैसे कि संगठन नियोजन आदेश तालमेल बजट नियंत्रण आदि।
एक समान प्रशासकीय विधि ( Uniform Administrative Procedure )
प्रशासकीय विधि के पक्ष से भी लोक प्रशासन और निजी प्रशासन में समानताएं पाई जाती है जैसे कि हिसाब किताब रखने की विधि,स्टोर, रिकॉर्ड रखना, आंकड़े रखना, कार्यालय कार्यविधि आदि।
यही कारण है कि एक इंजीनियर, डॉक्टर, अध्यापक ,आंकड़ेदार आदि सरकारी विभाग में से सेवानिवृत्त होने के बाद निजी प्रशासन में नौकरी कर लेते हैं क्योंकि इन समस्त की योग्यताएं दोनों तरह के प्रशासनों में एक समान निर्धारित की होती ।
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एक समान कानून ( Uniform Laws )
आधुनिक युग में लोक प्रशासन और निजी प्रशासन दोनों को एक समान कानूनों का पालन करना पड़ता है जैसे की फैक्टरी नियम,श्रम नियम आदि ऐसे नियम है जिनका पालन करना लोक प्रशासन और निजी प्रशासन दोनों के लिए आवश्यक है।
सरकारी और निजी उद्यम में एक समान प्रबंध व्यवस्था ( Uniform Administrative System in Public and Private Enterprises )
आधुनिक युग में संसार के भिन्न-भिन्न आदेश सरकारी उद्यमों जैसे कि सार्वजनिक निगमों और सरकारी कंपनियों का अधिक से अधिक प्रयोग कर रहे हैं ताकि देश का सर्वांगीण विकास हो सके। इन उद्यमों का प्रबंध निजी प्रशासन के बड़े बड़े उद्योगों की तरह व्यापारिक मार्गों पर चलाया जाता है। इस तरह लोक प्रशासन और निजी प्रशासन एक दूसरे के काफी नजदीक आ गए हैं फुल सॉन्ग
इस तरह यह कहा जा सकता है कि आधुनिक युग में राज्य के कल्याणकारी स्वरूप का होने के कारण लोक प्रशासन के साथ-साथ निजी प्रशासन भी लोगों की सुख सुविधा की तरफ पूर्ण ध्यान देने लग पड़ा है ।
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FAQ Checklist
प्रशासन कितने प्रकार की होती हैं ?
प्रशासन दो प्रकार का होता है- लोक प्रशासन और निजी प्रशासन।
लोक प्रशासन और निजी प्रशासन में अंतर बताएं ।
जब प्रशासन की गतिविधियां गृह,चर्च और किसी कंपनी आदि तक सीमित हो तो उसे निजी प्रशासन कहा जाता है और जब राज्य से संबंधित गतिविधियों जिन का प्रबंध केंद्रीय, राज्य अथवा स्थानीय सरकार द्वारा किया जाता है तो उसे लोक प्रशासन कहा जाता है।
लोक और निजी प्रशासन के बारे में विद्वानों की क्या राय हैं ?
लोक प्रशासन और निजी प्रशासन में आपसी भेदता और समानताओं के बारे में विद्वानों में मतभेद पाया जाता है। दूसरे शब्दों में सभी विद्वान ना तो इस बात से सहमत हैं कि यह दोनों प्रशासन एक दसरे से बिल्कुल पृथक है और ना ही इस बात के बारे में कि दोनों एक समान है ।
लोक और निजी प्रशासन को समान मानने वाले कुछ विद्वानों के नाम बताएं ।
कई विद्वान जैसे कि हेनरी फ्यूल ( Henry Fayol ) , एल.उर्विक ( L.Urvick ) , मैरी फोलेट ( Marry Follet ) आदि सभी लोक प्रशासन और निजी प्रशासन को एक समान मानते हैं। उनके मतानुसार समस्त प्रशासन की विशेषताएं ,कार्यप्रणाली और भिन्न-भिन्न क्रियाएं एक समान होती है।
लोक और निजी प्रशासन में तीन समानताएं बताएं ।
लोक प्रशासन और निजी प्रशासन में समानताएं निम्नलिखित है –
1.एक समान प्रबन्धकीय क्रियाएं 2. एक समान प्रशासकीय विधि 3 . एक समान कानून
प्रशासकीय विधि के पक्ष से लोक और निजी प्रशासन में समानताएं ।
प्रशासकीय विधि के पक्ष से भी लोक प्रशासन और निजी प्रशासन में समानताएं पाई जाती है जैसे कि हिसाब किताब रखने की विधि,स्टोर, रिकॉर्ड रखना, आंकड़े रखना, कार्यालय कार्यविधि आदि।
लोक और निजी प्रशासन में कानून नियम एक समान क्यों है ?
आधुनिक युग में लोक प्रशासन और निजी प्रशासन दोनों को एक समान कानूनों का पालन करना पड़ता है जैसे की फैक्टरी नियम,श्रम नियम आदि ऐसे नियम है जिनका पालन करना लोक प्रशासन और निजी प्रशासन दोनों के लिए आवश्यक है।
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