राजनीतिक संस्कृति मुख्य रूप से व्यक्तियों की राजनीतिक व्यवस्था के प्रति अपनाए जाने वाले दृष्टिकोणों ,भावनाओं और अभिवृत्तियों से जुड़ी हुई है। उसका अर्थ यह है कि इस अवधारणा के अनुकूलन और राजनीतिक विषय नामक दो घटक या अंग है।
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राजनीतिक संस्कृति के घटक ,अंग ,विश्लेषण ( Components, Analysis of Political Culture in Hindi )
राजनीतिक संस्कृति के घटक ,अंग ,विश्लेषण इस प्रकार हैं –
अनुकूलन ( Orientation )
अनुकूलन का शाब्दिक अर्थ प्रवृत्ति आ झुकाव है। यह प्रवृत्ति ऐतिहासिक परंपराओं ,भावनाओं, मानदंडों आदि के आधार पर निश्चित होती है। आलमंड और पावेल ने अनुकूलन के तीन घटको या अंगों का उल्लेख किया है जो निम्नलिखित है –
ज्ञानात्मक अनुकूलन या आचरण ( Cognitive Orientation )
ज्ञानात्मक अनुकूलन या आचरण ( Cognitive Orientation in Hindi ) – इसका अर्थ होता है कि व्यक्तियों को अपने देश की व्यवस्थाओं के प्रति कितनी अधिक जानकारी है। अर्थात लोगों को राजनीतिक समस्याओं ,राजनीतिक घटनाओं ,राजनीतिक गतिविधियों और राजनीतिक व्यवस्था के बारे में कितनी व किस प्रकार की जानकारी है।
यह संभव है कि एक व्यक्ति को देश की राजनीतिक समस्याओं व राजनीतिक व्यवस्था के बारे में पूरी जानकारी हो । दूसरी ओर यह भी हो सकता है कि कुछ लोगों को अपने देश की राजनीतिक समस्याओं और राजनीतिक व्यवस्था का बिल्कुल भी ज्ञान ना हो।
अंतः राजनीतिक संस्कृति का अध्ययन करने के लिए राजनीतिक व्यवस्था के प्रति लोगों के ज्ञानात्मक अनुकूलन को जानना अति आवश्यक है। इसलिए ज्ञानात्मक अनुकूलन को राजनीतिक संस्कृति का एक महत्वपूर्ण भाग या अंग माना जाता है।
भावनात्मक अनुकूलन या आचरण ( Affective Orientation )
भावनात्मक अनुकूलन या आचरण ( Affective Orientation in Hindi) – भावनात्मक अनुकूलन का तात्पर्य राजनीतिक व्यवस्था और उसके व्यक्तियों के निष्पादन और अन्य राजनीतिक उद्देश्यों के साथ नागरिकों के लगाव ,संलग्नता या अस्वीकरण से है।
साधारण शब्दों में जो अनुकूलन व्यक्ति अपनी भावनाओं के अधीन बनाता है तथा जो झुकाव राजनीतिक वस्तुओं के प्रति लगाव या अलगाव से बनते हैं उन्हें भावनात्मक झुकाव कहा जाता है अर्थात लोगों को अपनी राजनीतिक व्यवस्था के प्रति कितना लगाव या अलगाव, रुचि या अरुचि है।
भावनात्मक अनुकूलन में लोगों के मस्तिष्क पर कितना दबाव है इसका भी अध्ययन किया जाता है। दूसरे शब्दों में लोगों ने राजनीतिक व्यवस्था को किसी दबाव के कारण या स्वेच्छा से स्वीकार किया है या भावनात्मक लगाव के कारण स्वीकार किया है।
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मूल्यांकन अनुकूलन या आचरण ( Evaluative Orientation )
मूल्यांकन अनुकूलन या आचरण ( Evaluative Orientation in Hindi ) – इसका तात्पर्य राजनीतिक उद्देश्यों और घटनाओं के साथ जुड़े हुए मूल्यों के बारे में निर्णय करने और अभिमत बनाने से होता है।
प्रत्येक राजनीतिक व्यवस्था के कुछ उद्देश्य होते हैं और इन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए व्यवस्था द्वारा कार्य किए जाते हैं। उद्देश्यों की प्राप्ति के आधार पर लोग राजनीतिक व्यवस्था का मूल्यांकन करते हैं। यदि राजनीतिक व्यवस्था पूर्व निर्धारित उद्देश्यों को प्राप्त नहीं कर पाती तो लोग उसके असफल होने के कारणों का पता लगाने का प्रयत्न करते हैं।
लोग यह भी पता लगाने का प्रयत्न करते हैं कि राजनीतिक व्यवस्था द्वारा निर्धारित उद्देश्य ठीक भी थे या नहीं। जैसे भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष के उद्देश्य को अंकित किया गया है। भारतीय जनता का इन उद्देश्यों के प्रति क्या अभिमत है क्या भारतीय सरकार इन उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल हुई है या नहीं।
अतः राजनीतिक व्यवस्था की कार्य पद्धति और उसके उद्देश्य के प्रति लोगों के मूल्यांकनकारी आचरण को जानना बहुत आवश्यक है। लोगों के मूल्यांकनकारी आचरण को जाने बिना राजनीतिक संस्कृति को समझा नहीं जा सकता । इसी कारण मूल्यांकनकारी आचरण को राजनीतिक संस्कृति का अभिन्न अंग माना जाता है।
राजनीतिक विषय ( Political Objects )
अनुकूलन के विषय राजनीतिक व्यवस्था से संबंधित होते हैं। उसकी उप-व्यवस्थाओं के बारे में ही अनुकूलन का प्रशन खड़ा होता है। अनुकूलन की ये चार विषय निम्नलिखित है –
राजनीतिक व्यवस्था ( Political System )
राजनीतिक व्यवस्था ( Political System in Hindi ) – राष्ट्रीय राजनीतिक व्यवस्था अनुकूलन का विषय हो भी सकती है और नहीं भी । जिन राष्ट्रों को स्वतंत्रता प्राप्त किए हुए थोड़ा समय व्यतीत होता है वहां पर अनुकूलन की समस्या अधिक दिखाई देती है। अफ्रीका ,एशिया के नवीन राज्य इसके उदाहरण है।
राजनीतिक संरचना अनुकूलन का विषय ( Structure as the object of Orientation )
राजनीतिक संरचना अनुकूलन का विषय ( Structure as the object of Orientation ) – जनता के द्वारा कानूनों का पालन राजनीतिक संरचना के प्रति अनुकूलन कहा जाता है, बशर्ते वह भय या आतंक पर आधारित ना हो। अगर जनता को विधानपालिका ,कार्यपालिका और न्यायपालिका की प्रशासनिक संरचना पर विश्वास है तो जनता उनके कार्यों का समर्थन करेगी।
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नीतियाँ और समस्याएँ ( Problems and Policies )
नीतियाँ और समस्याएँ ( Problems and Policies ) – देश की राजनीतिक समस्याएं और नीतियां भी अनुकूलन से संबंधित है। प्रत्येक राजनीतिक संस्कृति का झुकाव राजनीतिक उद्देश्यों की ओर होता है।
अगर सरकार इन्हीं उद्देश्यों को पाने की कोशिश करती है तो जनता उसका समर्थन करती है। उदाहरण के लिए पश्चिमी देशों में खुली अर्थव्यवस्था का समर्थन जनता द्वारा किया जाता है। इसी कारण इन देशों की सरकारें अर्थव्यवस्था में अधिक हस्तक्षेप नहीं करती।
व्यक्ति एक राजनीतिक अभिनेता ( Individual as Political Actor )
व्यक्ति एक राजनीतिक अभिनेता ( Individual as Political Actor ) – व्यक्ति को भिन्न-भिन्न तरह की भूमिका निभाने के साथ राजनीतिक भूमिका भी पूरी करनी होती है। ऐसा करते समय व्यक्ति अपने राजनीतिक विचारों से बहुत अधिक प्रभावित होता है जो कि उसकी मनोवृति पर निर्भर करते हैं।
निष्कर्ष ( Conclusion )
इसमें संदेह नहीं है कि किसी भी देश की राजनीति का उस देश की राजनीतिक संस्कृति के साथ गहरा संबंध होता है। इसका कारण यह है कि किसी भी देश की राजनीति उस देश के लोगों की राजनीतिक दृष्टिकोण ,राजनीतिक विश्वासों ,जीवन -मूल्यों ,आदर्शों आदि से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकती।
अतः अगर हमें किसी भी देश अथवा दो या दो से अधिक देशों की राजनीति की तथ्यपरक जानकारी प्राप्त करनी है तो हमें उस देश या देशों की राजनीतिक संस्कृति का ज्ञान होना आवश्यक है क्योंकि उसके अभाव में हम राजनीतिक जीवन की खुशियों या वास्तविकता को पहचान नहीं सकेंगे। यही कारण है कि आधुनिक राजनीतिक विश्लेषण में राजनीतिक संस्कृति की प्रासंगिकता बराबर बढ़ती चली जा रही है।
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FAQ Checklist
राजनीतिक संस्कृति के घटक कौन से हैं ?
राजनीतिक संस्कृति के घटको या अंगों का उल्लेख किया है जो निम्नलिखित है – नीतियाँ और समस्याएँ , व्यक्ति एक राजनीतिक अभिनेता , राजनीतिक संरचना अनुकूलन का विषय
व्यक्ति एक राजनीतिक अभिनेता हैं से क्या तात्पर्य हैं ?
व्यक्ति एक राजनीतिक अभिनेता- व्यक्ति को भिन्न-भिन्न तरह की भूमिका निभाने के साथ राजनीतिक भूमिका भी पूरी करनी होती है। ऐसा करते समय व्यक्ति अपने राजनीतिक विचारों से बहुत अधिक प्रभावित होता है जो कि उसकी मनोवृति पर निर्भर करते हैं।
राजनीतिक संरचना अनुकूलन का विषय कैसे हैं ?
राजनीतिक संरचना अनुकूलन का विषय – जनता के द्वारा कानूनों का पालन राजनीतिक संरचना के प्रति अनुकूलन कहा जाता है, बशर्ते वह भय या आतंक पर आधारित ना हो। अगर जनता को विधानपालिका ,कार्यपालिका और न्यायपालिका की प्रशासनिक संरचना पर विश्वास है तो जनता उनके कार्यों का समर्थन करेगी।
राजनीतिक संस्कृति के मूल्यांकन या अनुकूलन से क्या तात्पर्य हैं ?
मूल्यांकन अनुकूलन या आचरण – इसका तात्पर्य राजनीतिक उद्देश्यों और घटनाओं के साथ जुड़े हुए मूल्यों के बारे में निर्णय करने और अभिमत बनाने से होता है।
भावनात्मक अनुकूलन या आचरण से क्या तात्पर्य हैं ?
भावनात्मक अनुकूलन या आचरण – भावनात्मक अनुकूलन का तात्पर्य राजनीतिक व्यवस्था और उसके व्यक्तियों के निष्पादन और अन्य राजनीतिक उद्देश्यों के साथ नागरिकों के लगाव ,संलग्नता या अस्वीकरण से है।
ज्ञानात्मक अनुकूलन या आचरण का क्या अर्थ हैं ?
ज्ञानात्मक अनुकूलन या आचरण – इसका अर्थ होता है कि व्यक्तियों को अपने देश की व्यवस्थाओं के प्रति कितनी अधिक जानकारी है। अर्थात लोगों को राजनीतिक समस्याओं ,राजनीतिक घटनाओं ,राजनीतिक गतिविधियों और राजनीतिक व्यवस्था के बारे में कितनी व किस प्रकार की जानकारी है।