ज्ञान फॉरएवर क्या है?
About Us -ज्ञान फॉरएवर एक हिंदी ब्लॉगिंग वेबसाइट है जिसमे राजनीति विज्ञान और पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन से सम्बंधित हर विषय की जानकारी के लिए लेख लिखे जातें हैं। ज्ञान फॉरएवर पर राजनीति विज्ञान और पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के सभी स्टूडेंट्ड अपना हर टॉपिक आसानी से समझ सकते हैं। इस वेबसाइट पर बहुत ही आसान और सरल भाषा का प्रयोग किया जाता हैं ताकि सभी को समझने में आसानी हो।
विभिन्न विषयों पर लेख लिखने का कार्य हमारी टीम व्दारा किया जाता है। इन सभी विषयों पर लेख लिखने के लिए हमारी टीम अलग अलग विषयों पर रिसर्च करते है फिर उनको लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाते हैं।
अभी तक आपने मेरे ब्लॉग ज्ञान फॉरएवर के बारे में जाना जिसमें आपको बताया की इस वेबसाइट में आप क्या क्या पढ़ सकते हैं। लेकिन अब आपको यह बताते हैं कि मैं कैसे एक ब्लॉगर बनी और कैसे मेरा ब्लॉग बना।
मैं कौन हूँ – Princess Ritu
मेरा नाम प्रिंसेस रितु है और मैं पंजाब के एक छोटे से शहर Ropar की रहने वाली हूँ। मेरा जन्म छत्तीसगढ़ के एक छोटे से गांव दहिदा , जिला रायगढ़ में हुआ। पांचवी तक की पढाई मेरी अपने गांव में ही हुई। फिर मेरे पिता जी कि पंजाब में नौकरी लगने के कारण हम सभी छत्तीसगढ़ से पंजाब आ गए। अब मैं अपने परिवार के साथ पंजाब में ही रहती हूँ। प्रिंसेस रितु gyanforever.com और princessritu.com की फाउंडर हैं।
एजुकेशन और जॉब्स
साल 2015 में मैंने Panjab University , Chandigarh से राजनीति विज्ञान में M.A और साल 2020 Kurukshetra University , Haryana से मास कम्युनिकेशन में M.A किया है। 12th के बाद से ही मै पढाई के साथ साथ पार्ट टाइम जॉब्स करती आई हूँ। मेरी पहली जॉब घर से ही स्टार्ट हुई। मेरे पिता जी जॉब के साथ पार्ट टाइम टेलर का काम भी करते हैं। वे बहुत अच्छे टेलर है जो हर प्रकार के कपडे स्टिच करने में एक्सपर्ट है।
जब मैं छठवीं क्लास में थी तब मैने भी पिता जी से स्टिचिंग सीखनी स्टार्ट किया। जब तक मैने 12th किया तब तक पिता जी से मैंने स्टिचिंग सीख लिया था। फिर 12th के बाद मैं घर पर ही लेडीज ड्रेसेस स्टिच करने का काम करने लगी। इस तरह मेरी पहली जॉब और पहली सैलरी मुझे अपने घर पर ही मिली।
पढाई के साथ मैने अपनी दूसरी जॉब नालागढ़ ,हिमाचल की एक कंपनी में किया। 6 महीने उस कंपनी में डेटा एंट्री ऑपरेटर का काम किया। अपनी तीसरी और लास्ट जॉब मैंने अपने शहर रोपड़ के एक NABH मान्यता प्राप्त प्राइवेट हॉस्पिटल में किया। 2014 में मैंने इस हॉस्पिटल में एक रिसेप्शनिस्ट की पोस्ट पर जॉब स्टार्ट किया। फिर कुछ टाइम बाद रिसेप्शन कि इंचार्ज बनी और साथ ही बैक ऑफिस ( ECHS, TPA कैशलेस डिपार्टमेंट ) में भी काम किया। 2016 में रिसेप्शन की इंचार्ज रहते हुए मुझे MRD ( मेडिकल रिकॉर्ड डिपार्टमेंट ) का भी इंचार्ज बनाया गया । Dec 2018 तक मैने MRD और रिसेप्शन के इंचार्ज रहते हुए कार्य किया।
मुझे आज भी अपने हॉस्पिटल वाले जॉब से बहुत प्यार है। मुझे अपने जॉब से बहुत कुछ सीखने को मिला। अपने एक्सपीरियंस को मैं अपने टीम के साथ शेयर करती रहती हूँ ताकि वे भी मोटीवेट होकर मेहनत और लगन से कार्य करे। सबसे अच्छी बात जो सीखी वो है हर प्रॉब्लम में खुद को कैसे शांत रखना है और हमेशा पॉजिटिव सोचना और रहना हैं। दूसरी अच्छी बात ये सीखने को मिला कि कैसे अपने टीम को एक साथ रखना है और टीम वर्क को बेहतर बनाना है।
जब 2018 में मैने मास कम्युनिकेशन में मास्टर करनी स्टार्ट किया तब अपने स्लेबस से मुझे ब्लॉगिंग के बारे में पता लगा। मास कम्युनिकेशन में ब्लॉगिंग के अलावा और भी बहुत कुछ सीखने को मिला। जब समझ आया कि ब्लॉगिंग क्या होता है और कैसे किया जाता तब मैने अपनी हॉस्पिटल की जॉब छोड़ दिया।
आज मैं ज्ञान फॉरएवर हिंदी वेबसाइट ब्लॉग की ओनर हूँ। और अपने टीम मेंबर्स के साथ ज्ञान फॉरएवर को बेहतर बनाने के लिए काम कर रही हूँ। मेरी यह भी कोशिश हैं कि मैं अधिक से अधिक लोगों को अपने ब्लॉग के साथ जोड़कर उनको रोजगार का अवसर दू और देश के विकास में अपना योगदान दे सकू।
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कैसे बनी एक ब्लॉगर
एक ब्लॉगर को लिखने -पढ़ने का बहुत शौक होता है। और ब्लॉगर को इंटरनेट की समझ तो होती ही है। मुझे बचपन से ही पढ़ने – लिखने का शौक रहा है। जब मैं 7th क्लास में पढ़ रही थी तब मेरे पिता जी ने मेरे लिए हिंदी अख़बार लगवा दिया। स्कूल के बाद मैं आराम से अख़बार पड़ती थी और अख़बार का कोई भी आर्टिकल नहीं छोड़ती थी। अख़बार में हर रोज के अलग अलग आर्टिकल्स आते थे उनको पढ़कर बहुत कुछ सीखने को मिलता फिर मन में उत्सुकता होती और ज्ञान पाने की इसके लिए मैं बुक्स भी पढ़ने लगी। जब कॉलेज में पढ़ने लगी तो कॉलेज लाइब्रेरी मेरी फेवरिट जगह थी।
जब मैं मास कम्युनिकेशन में मास्टर कर रही थी तब ब्लॉगिंग करना स्टार्ट किया और उस समय मैं हॉस्पिटल में जॉब भी कर रही थी । इस कारण ब्लॉगिंग के लिए समय निकाल पाना आसान नहीं था। फिर भी मैं समय निकाल कर कुछ न कुछ लिखती रहती और पब्लिश करने लगी। लिखने के शौक को ब्लॉगिंग ने एक मंच दिया। परन्तु मैंने कभी भी ब्लॉगिंग को कॅरिअर बनाने के बारे में नहीं सोचा।
कैसे मैंने जॉब छोड़ने का निर्णय लिया
साल 2017 में मेरी माँ का देहांत हो गया जिस कारण मेरे पिता जी और भाई की जिम्मेदारी मेरे ऊपर आ गयी। घर में बड़ी होने के कारण सब मुझे देखना पड़ रहा था। घर कि जिम्मेदारी ,जॉब और पढाई के साथ ब्लॉगिंग भी कर रही थी। इन सबके कारण मैं खुद का ध्यान नहीं रख पाई। जिस कारण मुझे पता ही नहीं चला कि मुझे कब ‘काला पीलिया ‘ ( Hepatitis B ) नामक बीमारी ने अपने चपेट में ले लिया। जिस हॉस्पिटल में जॉब करती थी वहा प्रत्येक वर्ष सभी स्टाफ का मेडिकल चेकअप होता था। हर साल की तरह 2017 में मेडिकल चेकअप हुआ जिसमें मेरे साथ और भी 4 स्टाफ को काला पीलिया होने की बात पता लगी।
मेरी माँ को गुजरे अभी 4 महीने हुए थे तब मुझे अपनी बीमारी का पता लगा। उसके बाद मैं और मेरे साथ काम करने वाले स्टाफ जिनको भी काला पीलिया हुआ था , हम सबने PGI Chandigarh से अपना ट्रीटमेंट करवाना स्टार्ट किया। मेरे साथी स्टाफ तो बिल्कुल फिट थे इसलिए उनका काला पीलिया ज्यादा नहीं बढ़ा था। और उनको मेडिसिन स्टार्ट नहीं हुई।
परन्तु मेरी माँ के जाने क बाद मैं मानसिक और शारीरिक रूप से वीक हो गयी थी इसलिए मेरी बीमारी ‘ लिवर कैंसर ‘ तक बढ़ गयी थी। PGI के डॉक्टर्स ने मुझे PGI में एडमिट होकर Liver Biopsy करवाने की सलाह दी परन्तु मैने डॉक्टर्स को मना कर दिया और डॉक्टर्स से रिक्वेस्ट की मुझे मेडिसिन से ठीक करे। क्योंकि मेरी माँ को गए अभी कुछ महीने हुए थे और अगर मेरी बीमारी का पता लगता तो घर में सब और दुखी हो जाते। इसलिए घर में किसी को बिना बताये मेडिसिन से ही अपना ट्रीटमेंट करवाने लगी।
लेकिन मेरे पास घर ,जॉब,पढाई का वर्कलोड बहुत था जिस वजह से मैं खुद का पूरी तरह से ख्याल नहीं रख पा रही थी। और ना ही ब्लॉगिंग पे ध्यान दे पा रही थी। इसलिए जॉब छोड़ने का निर्णय लिया। जॉब छोड़ना मेरे लिए आसान नहीं था क्योंकि मैं अपने जॉब में परफेक्ट थी और मुझे अपने काम से बहुत प्यार भी था। मेरी टीम का मेरे लिए प्यार और विश्वास भी मुझे जॉब छोड़ने के लिए रोक रही थी। फिर भी अपने सेहत को ध्यान में रखते हुए भारी मन से मैने 2018 में अपनी जॉब छोड़ दिया। लेकिन आज भी मेरी बॉस और मेरी टीम का प्यार मेरे लिए पहले जैसा ही है ये देखकर मुझे बहुत हिम्मत मिलती हैं।
जॉब छोड़ने के बाद क्या किया
जॉब छोड़ने के बाद मैंने रेस्ट किया ,खुद का ख्याल रखा और साथ ही अपने मास कम्युनिकेशन के एग्जाम्स की तैयारी किया। इस दौरान अपने ब्लॉग पर ध्यान बहुत कम दिया क्योंकि मैं ज्यादा वर्कलोड नहीं चाह रही थी और यह वर्कलोड कम करने और अपना ख्याल रखने का समय था। इसी बीच मुझे टिकटॉक वीडियो एप्प का पता लगा। मुझे डांस और एक्टिंग का भी शौक है इसलिए टिकटॉक से मुझे एक मंच मिल गया। लेकिन टिकटोक के भारत में बैन होने के बाद अब इंस्टाग्राम रीलस पर वीडियो बना रही।
मेरी कुछ वीडियो देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करे
दुसरो की तरह मैं भी डांस और एक्टिंग की टिकटॉक वीडियो बनाने लगी। मेरी वीडियो काफी लोगो ने पसंद किया। सबसे ज्यादा ख़ुशी तब मिलती है जब मेरे फ्रेंड्स -रिलेटिव सारे मेरी वीडियो देखकर खुद का मनोरंजन करते और मुझे आशीर्वाद देते कि मैं ऐसे ही अच्छा करती रहूं। जब मेरी वीडियो देखकर मेरे अपने खुश होते है तो मुझे बहुत ख़ुशी मिलती है। टिकटॉक से अपने स्ट्रेस लेवल को कम और लाइफ को एन्जॉय कर पाई।
3 महीने तक घर में रेस्ट करने के बाद मेरी सेहत भी पहले से बेहतर हो गयी इसलिए जॉब नहीं करना चाहती थी। इसलिए मैने रेडीमेड कपड़ो की शॉप खोलने का निर्णय लिया ताकि शॉप में फ्री टाइम पर ब्लॉग पर ध्यान दे सकू। क्योंकि जॉब के साथ सेहत और ब्लॉग दोनों पर ध्यान नहीं दे सकती थी। मेरी माँ के नाम पर 2019 में मैंने अपनी शॉप ओपन किया। शॉप की सेटिंग के बाद फिर ब्लॉगिंग पर ध्यान देना स्टार्ट किया।
मेरे कुछ ब्लॉग असफल होने के कारण
जब मैंने ब्लॉगिंग करनी स्टार्ट कि तब मुझे ब्लॉगिंग का NICHE कैसे सेलेक्ट करना है और SEO कैसे करना है इसकी ज्यादा जानकरी नहीं थी इसलिए 3 ब्लॉग असफल हुआ। ब्लॉग के लिए SEO ज्यादा जरुरी होता तभी ब्लॉग रैंक होती है और ऑर्गेनिक ट्रैफिक आता है। मेरे तीनो ब्लॉग गूगल के ब्लॉगर पर बनाया था। जिसको रैंक होने में काफी समय लगता है या यूँ कहे की बहुत कम चांस होता है रैंक होने का। ब्लॉगर पर ब्लॉग बनाने का मकसद था कि मुझे कोई इन्वेस्टमेन्ट ना करनी पड़े और इसे एक पार्ट टाइम जॉब की तरह ही करना है।
मैंने ब्लॉग को करियर बनाने का कभी सोचा नहीं। मेरे तीन ब्लॉग असफल होने का कारण मेरा टॉपिक गलत सेलेक्ट करना भी था। जिस टॉपिक की मुझे ज्यादा नॉलेज नहीं थी उस टॉपिक पर ब्लॉग बना लिया और उस पर कंटेंट ज्यादा नहीं लिख पाई और बोरिंग सा लगने लगा। साथ ही अपने किसी ब्लॉग को पूरा टाइम नहीं दे पाई जिस वजह से ब्लॉग असफल हुआ।
मेरे मन में भी कई बार ख्याल आया की ब्लॉगिंग छोड़ दू पर मैंने अपने तीनो असफल ब्लॉग वेबसाइट से बहुत कुछ सीखा था जिसे वेस्ट नहीं करना चाहती थी इसलिए ठान लिया की अब मुझे जो पसंद है उसी टॉपिक पर आगे काम करुँगी चाहे जितना भी टाइम और मेहनत लगे। कोई भी ब्लॉग वेबसाइट बनाने में बहुत मेहनत और टाइम भी बहुत लगता है। तीन ब्लॉग असफल होने से मुझे ज्ञान फॉरएवर वेबसाइट को बनाने का रास्ता मिला।
ज्ञान फॉरएवर कैसे बना
जैसे कि मैंने आप सबको बताया की कैसे मैंने अपनी शॉप ओपन किया और अपनी असफल ब्लॉग से क्या कुछ सीखा। ज्ञान फॉरएवर को बनाने के टाइम अपनी असफल ब्लॉग का एक्सपीरियंस काम आया। अपनी शॉप में फ्री टाइम पर मैंने अपने नए वेबसाइट ज्ञान फॉरएवर पर फोकस करना स्टार्ट किया। इस वेबसाइट में काम करते मेरे साथ मेरे टीम मेंबर भी जुड़ गए। मेरे टीम में मैं , मेरा भाई और तीन और लोग काम कर रहे है। जिनको अलग अलग टॉपिक पर लिखना पसंद है।
ज्ञान फॉरएवर वेबसाइट की सफलता के बाद मैंने अपने नाम प्रिंसेस रितु से एक और नया ब्लॉग बनाया । अपने दोनों वेबसाइट को हम सभी मिलकर आगे ले जाने और इसमें अधिक मेंबर जोड़ने पर काम कर रहे है। उम्मीद है हमारा वेबसाइट जल्दी ही टॉप हिंदी वेबसाइट में अपनी जगह बनाने में कामयाब होगी।
धन्यवाद
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