Marxism Meaning in Hindi , Life Sketch of Karl Marx in Hindi , Works of Karl Marx , Marxism kya hai , Marxism ka Matlab , Marxism full information in hindi , Marxism ka arth kya hai मार्क्सवाद का अर्थ, कार्ल मार्क्स का जीवन और उनकी रचनाएं – राज्य की प्रकृति संबंधी विचार समय-समय पर भी भिन्न भिन्न प्रकट किए गए हैं। राज्य के परंपरागत सिद्धांत में राज्य को एक निगमत समूह माना गया था जिसके अनुसार विभिन्न समूह अथवा वर्ग सब के कल्याण के लिए परस्पर सहयोग करते हैं।
मार्क्स का मत इस परंपरागत मत से पूर्णता: भिन्न था। उनकी मान्यता के अनुसार राज्य सामान्य कल्याण को कभी अपना उद्देश्य नहीं मानता। इसके विपरीत वह राज्य को एक वर्गीय संस्था मानता है। इसमें प्रमुख आर्थिक वर्ग दूसरे आर्थिक वर्गों के ऊपर शासन करता है और उनका शोषण करता है।
राज्य के माध्यम से धन संपन्न वर्ग अपनी इच्छाएं धनहीन वर्ग पर थोपता है और उनका शोषण करने का प्रयास करता है। राज्य के द्वारा श्रमिकों से अतिरिक्त मूल्य छीनने में पूंजीपतियों की सहायता की जाती है।
मार्क्स ने राज्य को वर्ग संघर्ष की उत्पत्ति एवं अभिव्यक्ति बताया है। जब तक समाज में 2 वर्ग रहेंगे तब तक राज्य रहेगा। मार्क्स की इस विचारधारा को मार्क्सवाद का नाम दिया गया है। जिसका अध्ययन हम इसी अध्याय में करेंगे।
Table of Contents विषय सूची
कार्ल मार्क्स का जीवन ( Biography of Karl Marx in Hindi )
आधुनिक समाजवादी विचारधारा के उन्नायक कार्ल मार्क्स का जन्म 5 मई 1818 में जर्मनी में स्थित ट्रायर नामक स्थान पर हुआ था। उनके पिता हर्ष चिल मार्क्स का एक साधारण कोटि के व्यक्ति थे। उनकी माता उच्च परिवार से संबंधित थी। मार्क्स पर अपने माता-पिता के विचारों का बड़ा प्रभाव पड़ा था।
आरंभ में मार्क्स का परिवार यहूदी संप्रदाय का समर्थक था किंतु मार्क्स के बचपन में ही उनके माता-पिता ने कुछ तो फ्रांसीसी प्रचेतनावादी दार्शनिकों के प्रभाव में और कुछ तत्कालीन जर्मनी की असहिष्णुता से बचने के लिए यह यहूदी मत को छोड़कर ईसाई धर्म में दीक्षा ले ली। इस धर्म परिवर्तन ने मार्क्स के भाव जगत में क्रांति का बीज बो दिया। उसने यहूदियों की कटु आलोचना की तथा धर्म को अफीम की संज्ञा दी थी।
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मार्क्स की रूचि प्रारंभ से ही दर्शनशास्त्र की ओर था। 1835 ई. में मार्क्स को बोन विश्वविद्यालय में तथा 1836 ई. में मार्क्स को बर्लिन विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने के लिए भेजा गया था। प्रारंभ में मार्क्स ने अपने पिता के परामर्श के अनुकूल न्यायशास्त्र का अध्ययन किया पर कालांतर में उसने स्वयं को इतिहास तथा दर्शन के अध्ययन में ही लगा दिया था।
1841 ई. में मार्क्स ने जेना विश्वविद्यालय से पी.एच.डी की डिग्री प्राप्त की थी। इसी मध्य उसका प्रेम ‘ जैनिवान वैस्ट फालेन ‘ नामक सुंदरी से हो गया था। 7 वर्ष की लंबी प्रतीक्षा के उपरांत जैनी तथा मार्क्स का विवाह हो गया था।
1846 ई. में मार्क्स ने समाजवादी सिद्धांतों से युक्त एक लेख लिखा। इस पर जर्मन की सरकार ने फ्रांस की सरकार को एक विरोध पत्र भेजा और मार्क्स के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने की मांग की। मार्क्स फ्रांस छोड़कर बेल्जियम के नगर ब्रूसेल्ज चला गया वहां उसने एक कम्युनिस्ट मेनिफेस्टो नामक पत्रिका लिखी।
1848 ई.की क्रांति के समय मार्क्स पुनः पैरिस लौट आया किंतु परिस्थितियों के अनुकूल ना होने के कारण उसे पुनः जर्मनी भाग जाना पड़ा। जर्मनी सरकार ने उसे बंदी बना लिया। कारावास से मुक्त होने पर मार्क्स लंदन पहुंच गया, वहां उसने समाजवाद पर अनेक लेख लिखे। शीघ्र ही एंजिल्स की सहायता से उसने अपनी इस लिखन कार्य में ख्याति प्राप्त की। 1887 ई. लंदन में ही मार्क्स का देहावसान हो गया ।
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मार्क्स की रचनाएं ( Works of Karl Marx in Hindi )
मार्क्स ने अपने जीवन काल में अनेक पत्रिकाओं में असंख्य लेख लिखे। इनके अतिरिक्त मार्क्स ने अनेक प्रसिद्ध ग्रंथों की भी रचना की है जो इस प्रकार है –
- दास कैपिटल ( Das Capitalb1867 )
- दी पावर्टी ऑफ फिलोसॉफी ( The Poverty of Philosophy 1847 )
- मैनिफेस्टो ऑफ कम्युनिस्ट पार्टी ( Manifesto of Communist Party 1848 )
- ए कॉन्ट्रिब्यूशन टू दी क्रिटिक ऑफ पोलिटिकल इकोनॉमी ( A Contribution to the Critique of Political Economy 1859 )
- सिविल वॉर इन फ्रांस ( Civil Var in France )
- दी गोथा प्रोग्राम ( The Gotha Programme )
- क्लास स्ट्रगल इन फ्रांस ( Class Struggle in France )
- रेवोलुशन एन्ड काउंटर रेवोलुशन ( Revolution and Counter Revolution )
- एंटीथ ब्रमयुरु ऑफ लुई बोनापार्ट ( Eighteenth Brummairu of Louis Bonaparte )
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मार्क्सवाद का अर्थ ( Meaning of Marxism in Hindi )
कार्ल मार्क्स समाजवाद के जनक थे। कार्ल मार्क्स द्वारा प्रतिपादित समाजवाद को ( Marxism ) मार्क्सवाद अथवा वैज्ञानिक ( Marxism ) मार्क्सवाद या साम्यवाद कहा जाता है। निसंदेह समाजवाद के बारे में मार्क्स से पहले भी रॉबर्ट ओवन, सेंट साइमन ,चार्ल्स फ्यूरियर, टॉमस आदि विद्वानों ने भी साम्यवाद पर विचार प्रस्तुत किए थे परंतु उन्होंने समाजवादी समाज स्थापित करने की कोई वैज्ञानिक विधि प्रस्तुत नहीं की।
समाजवादी समाज स्थापित करने की विधि प्रस्तुत करने का श्रेय कार्ल मार्क्स को ही जाता है। मार्क्स ने एंजिल्स की सहायता से वैज्ञानिक समाजवाद संबंधी विचारधारा लोगों के सामने प्रस्तुत की थी। इसी विचारधारा को मार्क्सवाद ( Marxism ) कहा जाता है।
Marxism मार्क्सवाद की उत्पत्ति पूंजीवाद के विरोध के रूप में हुई । यह कार्ल मार्क्स के विचारों पर आधारित है जिसने बड़े वैज्ञानिक ढंग से समाजवाद की स्थापना करने के लिए अपने विचार प्रकट किए। कार्ल मार्क्स को प्रथम वैज्ञानिक समाजवादी कहा जाता है। उसके विचार तथा ( Marxism ) मार्क्सवाद के सिद्धांत उसकी दो पुस्तको ‘साम्यवादी घोषणा पत्र ‘तथा ‘दास कैपिटल ‘ में मिलती है।
कार्ल मार्क्स राज्य को एक वर्ग संगठन मानता है। राज्य में गरीब वर्ग का शोषण अमीर वर्ग के द्वारा किया जाता है। राज्य ना भगवान की आकृति है ना किसी सामाजिक समझौते का परिणाम है और ना ही राज्य एक प्राकृतिक संस्था है। इन सब के विपरीत राज्य एक कृतिम संगठन है जिसका उदय वर्ग संघर्ष के परिणाम स्वरूप हुआ है।
मार्क्स राज्य को बुराई मानता है और उसे समाप्त करने के पक्ष में है। इसलिए कार्ल मार्क्स ने बड़े वैज्ञानिक ढंग से यह बताया है कि एक ऐसे वर्ग विहीन तथा राज्य विहीन समाज की स्थापना कैसे की जा सकती है जिसमें समाजवाद का सही रूप लागू हो। Marxism मार्क्सवाद को सर्वहारा समाजवाद या वैज्ञानिक समाजवाद भी कहा जाता है।
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FAQ Checklist
कार्ल मार्क्स का जन्म कब हुआ था ?
आधुनिक समाजवादी विचारधारा के उन्नायक कार्ल मार्क्स का जन्म 5 मई 1818 में जर्मनी में स्थित ट्रायर नामक स्थान पर हुआ था।
कार्ल मार्क्स के पिता का नाम क्या है ?
उनके पिता हर्ष चिल मार्क्स का एक साधारण कोटि के व्यक्ति थे।
कार्ल मार्क्स की मृत्यु कब हुई ?
1887 ई. लंदन में ही मार्क्स का देहावसान हो गया ।
कार्ल मार्क्स की कुछ रचनाओं के नाम बताएं।
1 .दास कैपिटल ( Das Capitalb1867 )
2 .दी पावर्टी ऑफ फिलोसॉफी ( The Poverty of Philosophy 1847 )
3 .मैनिफेस्टो ऑफ कम्युनिस्ट पार्टी ( Manifesto of Communist Party 1848 )
धर्म को अफीम की संज्ञा किसने दी हैं ?
कार्ल मार्क्स ने धर्म को अफीम की संज्ञा दी।
मार्क्सवाद का क्या अर्थ है ?
कार्ल मार्क्स समाजवाद के जनक थे। कार्ल मार्क्स द्वारा प्रतिपादित समाजवाद को Marxism मार्क्सवाद अथवा वैज्ञानिक मार्क्सवाद या साम्यवाद कहा जाता है।
समाजवाद के जनक कौन हैं ?
कार्ल मार्क्स समाजवाद के जनक थे।
मार्क्सवाद की उत्पत्ति कब हुई ?
Marxism मार्क्सवाद की उत्पत्ति पूंजीवाद के विरोध के रूप में हुई । यह कार्ल मार्क्स के विचारों पर आधारित है जिसने बड़े वैज्ञानिक ढंग से समाजवाद की स्थापना करने के लिए अपने विचार प्रकट किए।
कार्ल मार्क्स ने पी.एच. डी की डिग्री कौन से विश्वविद्यालय से प्राप्त की थी ?
1841 ई. में मार्क्स ने जेना विश्वविद्यालय से पी.एच.डी की डिग्री प्राप्त की थी।
कार्ल मार्क्स के राज्य के बारे में क्या विचार थे ?
मार्क्स राज्य को बुराई मानता है और उसे समाप्त करने के पक्ष में है। इसलिए कार्ल मार्क्स ने बड़े वैज्ञानिक ढंग से यह बताया है कि एक ऐसे वर्ग विहीन तथा राज्य विहीन समाज की स्थापना कैसे की जा सकती है जिसमें समाजवाद का सही रूप लागू हो
फेड्रिक एंजिल्स के विषय में आप क्या जानते हैं ?
फेड्रिक एंजिल्स एक जर्मन उग्रवादी था जिसका पिता एक अच्छा उद्योगपति था। सन 1844 में पैरिस में उसकी मुलाकात कार्ल मार्क्स से हुई और शीघ्र ही दोनों अच्छे मित्र बन गए । मार्क्स ने एंजिल्स के साथ मिलकर 1847-48 में साम्यवादी लीग के कार्य के प्रचार के लिए अपने प्रसिद्ध ग्रंथ की रचना की।
मार्क्सवाद को और किन नामों से जाना जाता हैं ?
Marxism मार्क्सवाद को सर्वहारा समाजवाद या वैज्ञानिक समाजवाद भी कहा जाता है।