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Brief Life Sketch of Gandhiji in Hindi | गांधी जी जन्म और प्रारंभिक जीवन

गांधीवाद राजनीति विज्ञान

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महात्मा गांधी जी ( Gandhiji ) के राजनीतिक विचारों को अनेक संज्ञाएं गांधीवादी राजनीतिक दर्शन ,गांधीवादी राजनीतिक विचारधारा तथा गांधीवाद दी गई है जिससे यह प्रतीत होता है कि उन्होंने भी अन्य राजनीतिक चिंतकों की तरह सुसम्बद्ध सिद्धांत प्रस्तुत किए हैं।

फिर भी गांधी जी ( Gandhiji ) को प्लेटो ,अरस्तु, हॉप्स ,लॉक व रूसो की तरह राजनीतिक चिंतन का स्थान नहीं दिया जा सकता। वास्तविकता में वे राजनीतिक चिंतन कम व एक कर्म योगी अधिक थे। उन्होंने अपने राष्ट्र भारत को स्वतंत्रता दिलवाने के लिए आंदोलन प्रारंभ किया।

इस आंदोलन के समय जो भी समस्याएं उनके सामने आई उन समस्याओं के विषय में उन्होंने जो भी विचार विश्व के सामने रखें उन्ही विचारो को हम गांधीवादी राजनीतिक दर्शन, गांधीवादी विचारधारा अथवा गांधीवाद के नाम से पुकारते हैं।

गांधी जी ( Gandhiji ) की विचारधारा का यदि सूक्ष्म अध्ययन किया जाए तो यह स्पष्ट हो जाता है कि आधुनिक युग की समस्याएं राजनीतिक कम और नैतिक अधिक है। यदि मनुष्य को अपनी नैतिक अवस्थाओं के प्रति जागरूक कर दिया जाए तो केवल व्यक्ति ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व की अधिकांश समस्याएं सुलझ सकती है।

गांधी जी ( Gandhiji ) ने राजनीति और नैतिकता की गहरे संबंधों पर प्रकाश डाला है। वस्तुत: राजनीतिक व्यवस्थाओं का दोष नहीं है ,दोष व्यक्ति की नैतिकता का है। यदि मनुष्य की प्रवृत्तियां विकृत है तो समूची राजनीति भी गंदी हो जाती है।

गांधी जी ( Gandhiji ) की विचारधारा राजनीति के इसी पक्ष पर बल देती है कि मूल्य विहीन राजनीति ,राजनीति नहीं है वह फांसी का फंदा है। अतः भारतीय राजनीतिक विचारधारा के इतिहास में गांधीजी के राजनीतिक चिंतन पर अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है।

गांधी जी का जीवन परिचय ( Brief Life Sketch of Gandhiji in Hindi )

मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर गुजरात में हुआ था। उनके पिता कर्मचंद गांधी पोरबंदर रियासत के दीवान थे। उनकी माता श्रीमती पुतलीबाई पुरातन हिंदू विचारों की महिला थी। वह बड़ी योग्य महिला थी। उनके विचारों ने गांधी जी के जीवन को अमिट रूप से प्रभावित किया।

गांधी जी ( Gandhiji ) की प्रारंभिक शिक्षा पोरबंदर में ही हुई और 1887 ई. में उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की। उसके बाद 1888 में कानून की शिक्षा प्राप्त करने के लिए वे इंग्लैंड गए। 1891 में उन्होंने बैरिस्टरी की परीक्षा पास की और वह भारत लौट आए।

गांधी जी ( Gandhiji ) को भारतीय कानून और अदालतों का ज्ञान न होने के कारण वकालत में असफलता का सामना करना पड़ा। इसी बीच गांधी जी को दक्षिणी अफ्रीका की एक फॉर्म’ दादा अब्दुल्ला और कंपनी ‘की ओर से एक प्रस्ताव मिला और वह अफ्रीका चले गए।

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गांधी जी ( Gandhiji ) ने वहां भारतीयों के विरुद्ध की जा रही रंगभेद की नीति का विरोध में भारतीयों को संगठित किया और सत्याग्रह आंदोलन प्रारंभ कर दिया जिसमें उन्हें अभूतपूर्व सफलता प्राप्त हुई।

9 जनवरी 1915 को गांधी जी के स्वदेश लौटने पर उनका एक राष्ट्रीय वीर की तरह स्वागत किया गया। तिलक जी की मृत्यु के बाद गांधी जी ने फरवरी 1916 में भारत की राजनीतिक रंगमंच पर पर्दापण किया।

1918 तक गांधी जी ( Gandhiji ) i भारतीय राजनीतिक आंदोलन से अलग-अलग रहे परंतु अंग्रेजों के निरंतर बढ़ते अत्याचारों ने गांधी जी को सक्रिय राजनीति में धकेल दिया। 1920 से 1947 तक गांधी जी का जीवन राजनीतिक रूप से काफी व्यस्त था।

भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के वे अग्रणी नेता थे और इस अंतराल में उन्होंने कई आंदोलन जैसे कि असहयोग आंदोलन ( 1920-22 ), सविनय अवज्ञा आंदोलन ( 1930-34 ) ,व्यक्तिगत सत्याग्रह आंदोलन ( 1940-41 ) व भारत छोड़ो आंदोलन ( 1942-44 ) शुरू किए ।

गांधी जी ( Gandhiji ) के प्रयत्नों के फल स्वरुप भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई। भारत विभाजन गांधी जी के लिए एक बड़ा आघात सिद्ध हुआ। गांधी जी ने राजनीति छोड़कर अपना ध्यान देश की सामाजिक और आर्थिक उन्नति की ओर लगाया ।

लेकिन 30 जनवरी 1948 को जब वह बिरला भवन में प्रार्थना स्थल की ओर बढ़ रहे थे तो नाथूराम गोडसे नामक एक व्यक्ति ने उनकी हत्या कर दी और वह हे राम कहते हुए परलोक सिधार गए। इस प्रकार अहिंसा की पुजारी का जीवन लीला समाप्त हुई।

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FAQs Gandhism in Hindi

गाँधीवादी विचारधारा से क्या सीखने को मिलता हैं ?

गांधी जी ( Gandhiji ) की विचारधारा का यदि सूक्ष्म अध्ययन किया जाए तो यह स्पष्ट हो जाता है कि आधुनिक युग की समस्याएं राजनीतिक कम और नैतिक अधिक है। यदि मनुष्य को अपनी नैतिक अवस्थाओं के प्रति जागरूक कर दिया जाए तो केवल व्यक्ति ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व की अधिकांश समस्याएं सुलझ सकती है।

गाँधी जी का जन्म कब हुआ था ?

गांधी जी ( Gandhiji ) -मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर गुजरात में हुआ था। 

गाँधी जी के माता-पिता के नाम क्या था ?

उनके पिता कर्मचंद गांधी पोरबंदर रियासत के दीवान थे। उनकी माता श्रीमती पुतलीबाई पुरातन हिंदू विचारों की महिला थी।

गाँधी जी ने कहाँ से शिक्षा प्राप्त की थी ?

Gandhi ji की प्रारंभिक शिक्षा पोरबंदर में ही हुई और 1887 ई. में उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की। उसके बाद 1888 में कानून की शिक्षा प्राप्त करने के लिए वे इंग्लैंड गए। 1891 में उन्होंने बैरिस्टरी की परीक्षा पास की और वह भारत लौट आए।

गाँधी जी अफ्रीका क्यों चले गए थे ?

Gandhi ji को भारतीय कानून और अदालतों का ज्ञान न होने के कारण वकालत में असफलता का सामना करना पड़ा। इसी बीच गांधी जी को दक्षिणी अफ्रीका की एक फॉर्म’ दादा अब्दुल्ला और कंपनी ‘की ओर से एक प्रस्ताव मिला और वह अफ्रीका चले गए।

गांधी जी ने अफ्रीका में कौन सा आंदोलन किया और क्यों ?

Gandhi ji ने वहां भारतीयों के विरुद्ध की जा रही रंगभेद की नीति का विरोध में भारतीयों को संगठित किया और सत्याग्रह आंदोलन प्रारंभ कर दिया जिसमें उन्हें अभूतपूर्व सफलता प्राप्त हुई।

गांधी जी ने कौन कौन से आंदोलन किए हैं ?

भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के वे अग्रणी नेता थे और इस अंतराल में उन्होंने कई आंदोलन जैसे कि असहयोग आंदोलन ( 1920-22 ), सविनय अवज्ञा आंदोलन ( 1930-34 ) ,व्यक्तिगत सत्याग्रह आंदोलन ( 1940-41 ) व भारत छोड़ो आंदोलन ( 1942-44 ) शुरू किए ।

गांधी जी की हत्या कब और किसने की थी ?

30 जनवरी 1948 को जब वह बिरला भवन में प्रार्थना स्थल की ओर बढ़ रहे थे तो नाथूराम गोडसे नामक एक व्यक्ति ने उनकी हत्या कर दी और वह हे राम कहते हुए परलोक सिधार गए। इस प्रकार अहिंसा की पुजारी का जीवन लीला समाप्त हुई।

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