Dialectical Materialistic Meaning,Criticism मार्क्स का द्वंद्वात्मक भौतिकवाद अर्थ, आलोचना

Dialectical Materialistic Meaning,Criticism | मार्क्स का द्वंद्वात्मक भौतिकवाद अर्थ, आलोचना

कार्ल मार्क्स समाजवाद के जनक थे। कार्ल मार्क्स द्वारा प्रतिपादित समाज को मार्क्सवाद तथा वैज्ञानिक समाजवाद या साम्यवाद कहा जाता है। मार्क्सवाद की उत्पत्ति पूंजीवाद के विरोध के रूप में हुई। यह कार्ल मार्क्स के विचारों पर आधारित है जिसने बड़े वैज्ञानिक ढंग से समाजवाद की स्थापना करने के लिए अपने विचार प्रकट किए हैं। Dialectical Materialistic of Marx in Hindi , Criticism of Dialectical Materialistic of Marx in Hindi , Dwandaatamk Marxwad ki Alochna ,मार्क्स का द्वंद्वात्मक भौतिकवाद क्या है,मार्क्स के द्वंदात्मक भौतिकवाद की आलोचना-

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Marxism’s Theory of Surplus Value | अतिरिक्त मूल्य का सिद्धांत अर्थ ,आलोचना,विपक्ष में तर्क

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Marxism Criticism in Hindi | मार्क्सवाद की आलोचना | मार्क्सवाद के विपक्ष में 14 तर्क

Marxism Criticism in Hindi , Marxwad ki Alochana , Marxwad ke vipaksh me tark , मार्क्सवाद के विपक्ष में तर्क , मार्क्सवाद की आलोचना – मार्क्स ने राज्य को वर्ग संघर्ष की उत्पत्ति एवं अभिव्यक्ति बताया है। जब तक सामाज में दो वर्ग रहेंगे तब तक राज्य रहेगा। मार्क्स की इस विचारधारा को मार्क्सवाद का नाम दिया गया है। मार्क्सवाद के पक्ष में तर्क देने वाले मार्क्सवाद की विचारधारा का समर्थन करते हैं। मार्क्सवादी विचारधारा को मानते हैं कि उसी के कारण धर्म का राजनीति से पृथक्करण हुआ है। सामाजिक अर्थव्यवस्था के कटु शक्तियों का प्रकाशन हुआ है।

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